अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।

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स्मार्ट इन्वेस्टमेंट 8 टिप्स हिंदी में :

निवेश के बारे में तो सब बात करते हैं लेकिन निवेश किस तरह करना चाहिये ? निवेश किसमे करना चाहियें ? इसके बारे में काफी कम लोगों को हि जानकारी होती हैं.
गलत जगह निवेश करने से आपको भारी नुक़सान भी हो सकता है, इसलिये हम इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे हैं Smart Investment कैसे करें ? Smart Investment करने के कौन कौन से Tips है यह हम आज देखेंगे तो यह पोस्ट को आखिर तक पढ़े.

अगर आप किसी भी चींज में इन्वेस्टमेंट करते हो तो उसे थोड़ा बहुत अगर आप समय देते हो तो आपको लाभ मिलना निश्चित होता हैं.
लेकिन अगर आपके Analysis करके जो अंदाज लगाया था उससे ज्यादा भी अगर आपको रिटर्न्स मिल रहें हैं तो आप जितना मिला है उतना पहले Profit Book करले, ज्यादा लालच भी बहुत बार नूकसान का कारण बनती हैं.
क्योंकि कोई चीज ज्यादा तेजी से बढ़ती है तो वह तेजी से गिरने कि भी उतनी ही संभावना होती है इसलिये निवेश करें लेकिन ज्यादा लालच आपको नुकसान देह हो सकता हैं.

2. निवेश लाॅग टर्म में ज्यादा अच्छा होता हैं

कई लोगों में पेशंस कि बहुत कमी होती हैं,वो आज इन्वेस्ट करेंगे और दो चार दिन बात कहेंगे कि रिटर्न्स नहीं मिल रहे इसे निवेश नहीं जुआ बोलते हैं. आजतक का इतिहास देखा जाये तो लंबे निवेश में हि ज्यादा लाभ होता है और कम में नुकसान इसलिये Long Term Investment कि सोचे ना जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके की जल्दी में.
अगर आप Wipro Share और MRP Share जैसे शेअर में अगर आप ४०-५० साल पहले अगर इन्वेस्टमेंट करके रखते तो आपको अब कुछ करने की भी जरुरत नहीं पड़ती इतने प्रतिशत कई शेअरों ने रिटर्न कमाके दिया हैं. इसलिये हमेशा लंबा नज़रिया रखें.

smart Investment

3. अभावों पर ध्यान बिल्कुल ना दें

कई बार हम किसी की सुनके या तो किस‌को देखकर Investment करने का मन बनाते हैं इससे हमको नुकसान होता है लेकिन अगर आप सही तरिके से यानी Smart Investment करते हैं तो आपको जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके जल्द ही Financial Freedom भी मिल जायेंगे और आपको कभी पैसे के लिये काम नहीं करना पड़ेगा, पैसा आपके लिये काम करेगा.
रोज हम कोई ना कोई न्युज देखते हैं, किसी कि टिप्स को फोलो करके गलती करते हैं तो ऐसा बिल्कुल ना करें. कहीं भी पैसे लगाये चाहे वो सोना-चांदी हो, शेअर मार्केट हो, या म्युचुअल फंड या फिर CryptoCurrency हो.
अपने खुदकी Technical , Fundamental Analysis करें, किसी Expert कि राय ले, और फिर भी अपना पैसा लगाये यही Smart Investment होगा.

इसका मतलब हैं कि किसी एक जगह ही अपनी सारी कमाई ना डाले उसे बॅलेन्स करने कि कोशिश करें. समझे आपके पास जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके 100 रुपयें है निवेश करने के लिये तो आप उसमे से फिक्स्ड डिपॉजिट में लगाते, थोड़ा म्युचुअल फंड में, थोड़ा शेअर मार्केट में , थोड़ा सोने में निवेश, असेट्स में थोड़ा क्रिप्टोकरेंसी में ऐसे करके आप उसका सही तरिके‌ बैलन्स करेंगे तो आपको नुकसान तो कभी भी नहीं होगा, इसका कारण यह हैं कि अगर स्टाॅक मार्केट गिरता है तो ज्यादातर देखा गया हैं सोने कि किमते बढ़ती हैं.
अगर आपको बैंक से ज्यादा यानी एफडी से ज्यादा रिटर्न चाहिये और आपको अगर Risk भी नहीं चाहिये तो आप डेप्थ फंड के साथ जा सकते हैं, इसी तरह आपके रिस्क अनुसार अलग अलग जगह अलग-अलग प्रतिशत निवेश करें इससे आपको नुकसान होने के चांसेज ना के बराबर रहेगा.

इन पांच म्यूचुअल फंड्स में कर सकते हैं निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न और जोखिम भी कम

इन पांच म्यूचुअल फंड्स में कर सकते हैं निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न और जोखिम भी कम

म्यूचुअल फंड निवेश को सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक माना जाता है, जिनमें पैसा लगाने वालों को भारी रिटर्न मिलता है. इनमें निवेशकों को उनकी मार्केट एलॉकेशन, सेक्टर एलॉकेशन और वैल्यू के आधार पर चुनने के लिए बहुत से ऑप्शन्स भी मिलते हैं. एक कंपनी का शेयर उसकी मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर लार्ज, मिड या स्मॉल कैप हो सकता है. इसलिए, एक रिटेल निवेशक म्यूचुअल फंड द्वारा बनाए गए कई शेयरों में निवेश कर सकता है. इससे शेयर बाजार में सीधे निवेश करने की तुलना में उसका जोखिम का डर कम होता है.

फ्लैक्सी कैप फंड में व्यक्ति को अलग-अलग मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले शेयरों में निवेश करने का मौका मिलता है. और वे लार्ज, मिड और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश कर सकते हैं, जहां भी उन्हें यह लगता है कि उन्हें कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. आइए तीन साल की अवधि में रिटर्न के आधार पर पांच सबसे बेहतर फ्लैक्सी कैप म्यूचुअल फंड्स को जानते हैं.

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म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड

म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –

  • इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
  • इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
  • हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
  • डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं

शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।

कब जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके सही होता है एकमुश्त निवेश का फैसला

कभी-कभी आपके पास एक बड़ी रकम इकट्ठा हो जाती है और सवाल उठता है कि इसे SIP में लगाएं या कहीं और? ऐसे में आपके पास एकमुश्त निवेश का भी विकल्प होता है.

हर महीने कुछ पैसा निवेश करना यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), लगातार और अनुशासन के साथ निवेश करने का बढ़िया तरीका है. मार्केट में चाहे उछाल हो या गिरावट, हर महीने एक तय रकम की SIP करने से, निवेशक को नुकसान नहीं होता और उसे एवरेजिंग का फायदा मिलता है. हालांकि, कभी-कभी SIP न करना भी एक विकल्प हो सकता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप SIP करने के प्रोसेस को पूरी तरह रोक दें. चलिए, यहां आपको कुछ ऐसे उदाहरण जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके देते हैं जब आप एकमुश्त रकम का निवेश भी कर सकते हैं और इससे आपकी प्लानिंग भी नहीं बिगड़ेगी.

जब डेट में निवेश करना हो

जब डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश की बात आती है, तो जितने लंबे समय के लिए निवेश करेंगे, आपको उतना ही ज्यादा फायदा मिलेगा. यहां निवेश करने के लिए आपका जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके लक्ष्य होना चाहिए, जल्द से जल्द से उपलब्ध फंड में निवेश करना. क्योंकि जितना जल्दी निवेश होगा, इस पर मिलने वाले ब्याज से आपकी कमाई उतनी ही जल्दी शुरू होगी. डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करने का एक फायदा ये भी है कि इस मार्केट में उतार-चढ़ाव ज़्यादा नहीं होते और सेकेंडरी मार्केट में ट्रेड होने वाले प्रोडक्ट में तो ये हलचल न के बराबर है. इसलिए, जितना जल्दी हो सके एकमुश्त रकम निवेश करके, पोर्टफोलियो में डेट के लिए फंड अलॉट करने का काम भी आसानी से निपटाया जा सकता है. अगर आपके पास पहले से ही एक बड़ी रकम मौजूद है, तो उससे रेगुलर निवेश में लगाने का खास फायदा नहीं है.

कभी-कभी आपको एक्स्ट्रा इनकम के तौर पर एक छोटा अमाउंट मिलता है. ये कोई बोनस हो सकता है या किसी निवेश की मैच्योरिटी पर मिला पेमेंट. इन दोनों ही मामलों में, आपके पास निवेश करने के लिए एक अमाउंट होगा.

जब कुल निवेश के मुकाबले एक्स्ट्रा रकम कम हो

आपके कुल निवेश की रकम एक अहम भूमिका निभाती है, क्योंकि इससे तय किया जा सकता है कि आप कभी-कभी किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट के लिए कौन सा रास्ता अपना सकते हैं. अगर आपके पोर्टफोलियों का कुल अमाउंट ज्यादा है और आप पोर्टफोलियो को बढ़ाने के इरादे से इसमें ये एक्स्ट्रा अमाउंट डाल रहे हैं, तो इससे आपको कोई खास फायदा नहीं होगा. क्योंकि इस इन्वेस्टमेंट से जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके आपके भारी-भरकम पोटर्फोलियो में कोई फर्क नहीं आएगा.

मान लीजिए कि आपके पोर्टफोलियो का साइज 50 लाख रुपये है और आप 25,000 रुपये की एडिशनल इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो ये कुल साइज के मुकाबले काफी कम है. ऐसे में, इस एडिशनल अमाउंट को एकमुश्त इन्वेस्टमेंट के लिए इस्तेमाल करना आपके लिए ज़्यादा बेहतर होगा.

जब रेगुलर SIP जारी हो

ये बहुत जरूरी है कि आप कुछ रेगुलर इन्वेस्टमेंट करते रहें. ऐसा न हो कि आप अपनी हर अर्निंग को वन-टाइम इन्वेस्टमेंट के तौर पर देखें और जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके उससे कहीं भी निवेश कर दें. ऐसा करने पर आपको लेने के देने भी पड़ सकते हैं. अगर आप रेगुलर तौर पर SIP में निवेश कर रहे हैं और उसके बाद एक्स्ट्रा फंड होने पर आप एक वन-टाइम इन्वेस्टमेंट करते हैं, तो ये सही फैसला होगा. ऐसा करके, आपके पोर्टफोलियो का बैलेंस नहीं बिगड़ेगा. यहां अहम बात ये है कि आपका एडिशनल इन्वेस्टमेंट मैनेज करने लायक होना चाहिए और उससे आपके पोर्टफोलियो की कुल कॉस्ट पर बड़ा फर्क नहीं पड़ना चाहिए.

( ये आर्टिकल अणर्व पंड्या ने लिखा है जो Moneyeduschool के फाउंडर हैं )

क्या आपने म्यूचु्अल फंड्स में नॉमिनी बनाया है, जानिए यह क्यों बहुत जरूरी है

अगर आपने म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन इनवेस्ट किया है तो आप म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट देखकर यह पता लगा सकता है कि आपने नॉमिनेशन किया है या नहीं।

Nomination in Mutual Funds: क्या आप म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में इनवेस्ट करते हैं? दरअसल, म्यूचुअल फंड्स में सिर्फ निवेश करना काफी नहीं है। इसमें सही तरीके से निवेश करना बहुत जरूरी है। तभी आपको इसका पूरा फायदा मिलेगा। सेबी (Sebi) ने जानिए पैसा इन्वेस्ट करने का सही तरीके अक्टूबर में म्यूचुअल फंड इनवेस्टर के लिए किसी को नॉमिनी बनाना या नॉमिनेशन का विकल्प नहीं चुनना अनिवार्य बना दिया है। इसका मतलब है कि आपको नॉमनी बनाना होगा या आपको बताना होगा कि आप किसी को नॉमिनी नहीं बनाना चाहते हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड निवेशक के लिए नॉमनी बनाना बहुत जरूरी है। न्यू फोलियो के लिए सेबी का उपर्युक्त नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू हो चुका है। नॉमिनेशन करने से म्यूचुअल फंड इनवेस्टर की मौत के बाद नॉमनी को आसानी से स्कीम का पैसा मिल जाता है। नॉमिनी नहीं होने पर स्कीम के पैसे पर क्लेम करने की प्रक्रिया काफी जटिल है।

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