Crypto Price: BitCoin में गिरावट, सात दिनों में सिर्फ दो क्रिप्टो मजबूत, चेक करें टॉप-10 करेंसीज के लेटेस्ट भाव

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में आज कमजोरी का रूझान है

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में बिटकॉइन की स्थिति कमजोर हुई है और इसकी 40 फीसदी से कम हिस्सेदारी है। (Image- Pixabay)

Crypto Price: क्रिप्टो मार्केट में आज (25 अक्टूबर) कमजोरी का रूझान है। मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-10 क्रिप्टो में सिर्फ दो करेंसीज के भाव ग्रीन जोन में हैं और तेजी भी मामूली दिख रही है। पूरे क्रिप्टो मार्केट की बात करें तो पिछले 24 घंटे में वैश्विक मार्केट कैप में 0.44% की गिरावट आई है और यह 93.08 हजार करोड़ डॉलर (77.08 लाख करोड़ रुपये) रह गया है।

मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BitCoin) के भाव में गिरावट का रूझान है लेकिन अभी भी यह 19 हजार डॉलर के पार है। एक बिटकॉइन अभी 0.58 फीसदी की गिरावट के साथ 19,315.76 डॉलर (15.99 लाख रुपये) के भाव (खबर लिखे जाने के समय) पर मिल रहा है। क्रिप्टो मार्केट में बिटकॉइन की स्थिति कमजोर हुई है और अब इसकी 40 फीसदी से कम हिस्सेदारी है।

Bitcoin में गिरावट के बाद अल सल्‍वाडोर के राष्‍ट्रपति ने लोगों से कहा- संयम रखें

El Salvador की सरकार ने पिछले वर्ष सितंबर से बिटकॉइन खरीदने पर लगभग 10.5 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं

Bitcoin में गिरावट के बाद अल सल्‍वाडोर के राष्‍ट्रपति ने लोगों से कहा- संयम रखें

बिटकॉइन का प्राइस घटकर लगभग 20,000 डॉलर पर पहुंच गया है

खास बातें

  • Bukele को बिटकॉइन के बड़े समर्थकों में से एक माना जाता है
  • El Salvador ने अपने बिटकॉइन्स में से कोई बिक्री नहीं की है
  • Bukele ने पिछले महीने इस क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट पर खरीदारी की थी

Bitcoin को पिछले वर्ष लीगलाइज करने वाले El Salvador के प्रेसिडेंट Nayib Bukele ने सबसे अधिक मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली इस क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस में गिरावट आने के बाद लोगों से संयम रखने को कहा है. Bukele को बिटकॉइन के बड़े समर्थकों में से एक माना जाता है.

बिटकॉइन का प्राइस घटकर लगभग 20,000 डॉलर पर पहुंच गया है. एक ट्रैकिंग साइट के अनुसार, El Salvador की सरकार ने पिछले वर्ष सितंबर से इसे खरीदने पर लगभग 10.5 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं और प्रति बिटकॉइन लगभग 46,000 डॉलर का औसत प्राइस चुकाया है. यह इनवेस्टमेंट अब 57 प्रतिशत से अधिक घट गया है. Bukele ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा, "मैं देख रहा हूं कि बिटकॉइन के प्राइस को लेकर कुछ लोग चिंतित हैं. मेरी सलाह है कि ग्राफ को देखना छोड़ दें और मजा करें. अगर आपने इसमें इनवेस्टमेंट किया है तो आपका इनवेस्टमेंट सुरक्षित है और यह मार्केट में मंदी के बाद तेजी से बढ़ेगा. संयम रखना महत्वपूर्ण है."

Associated Press की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह एक पब्लिकेशन ने कहा था कि El Salvador को इस इनवेस्टमेंट पर लगभग 4 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है. इस पर तंज कसते हुए Bukele ने ट्वीट किया था, "आप मुझे बता रहे हैं कि हमें और बिटकॉइन खरीदने बिटकॉइन कहां खर्च करें चाहिए?" Bukele ने पिछले महीने इस क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट पर खरीदारी की थी. हालांकि, इसके बाद से इसके प्राइस में और कमी आई है.

इस इनवेस्टमेंट का पक्ष लेते हुए El Salvador के फाइनेंस मिनिस्टर Alejandro Zelaya ने एक लोकल टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि El Salvador ने अपने बिटकॉइन्स में से कोई बिक्री नहीं की है और इस वजह से वास्तव में नुकसान नहीं हुआ है. इस वर्ष की शुरुआत में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने El Salvador को बिटकॉइन का कानूनी दर्जा समाप्त करने की सलाह दी थी. इससे इनकार करते बिटकॉइन कहां खर्च करें हुए Zelaya ने कहा था कि कोई अंतरराष्ट्रीय संगठन उनके देश को किसी चीज के लिए मजबूर नहीं कर सकता. उन्होंने इसे संप्रभुता का एक मुद्दा बताया था. IMF ने इस क्रिप्टोकरेंसी के प्राइसेज में वोलैटिलिटी और अपराधियों की ओर से इसका इस्तेमाल किए जाने पर आशंका जताई थी.

Bitcoin से जल्दी यहां डबल होंगे पैसे, आप भी आजमाएं ये तरीका

आपको बता दें कि हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकॉइन को मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है. वहीं, RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है.

  • बिटक्वाइन बिटकॉइन कहां खर्च करें की एक यूनिट की कीमत 14 हजार डॉलर के स्तर पर
  • भारतीयों को बिटकॉइन खरीदने के 9.10 लाख रुपए खर्च करने होंगे
  • RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है

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Bitcoin से जल्दी यहां डबल होंगे पैसे, आप भी आजमाएं ये तरीका

नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. बिटक्वाइन प्राइस इंडेक्स के मुताबिक इसकी एक यूनिट की कीमत 14 हजार डॉलर (9.10 लाख रुपए) के स्तर पर पहुंच गई. इसका मतलब है कि भारतीयों को एक बिटकॉइन खरीदने के 9.10 लाख रुपए खर्च करने होंगे. आपको बता दें कि हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकॉइन को मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है. वहीं, RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है. हालांकि, घरेलू शेयर बाजार में कई ऐसी कंपनियों के शेयर है. जिन्होंने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. इन शेयरों में एचईजी, एसओआरआईएल होल्डिंग्स, कैलिफोर्निया सॉफ्टवेयर, गोवा कार्बन है. पिछले पांच महीने में जहां बिटकॉइन ने 366 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं, इन शेयरों ने 735 फीसदी तक का मुनाफा कराया है.

इन शेयरों ने भरी तिजोरी
इन कंपनियों के शेयरों ने 5 महीने में बिटकॉइन के प्रदर्शन को मात देते हुए निवेशकों की तिजोरियां भर दी हैं. 6 अगस्त 2017 में बिटकॉइन का भाव 3000 डॉलर (करीब 1.95 लाख रुपए) था. वहीं, अब (7 दिसंबर 2017) 14 हजार डॉलर (करीब 9.10 लाख रुपए) हो गया है. इसका मतलब साफ है कि निवेशकों को 350 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला है. दूसरी तरफ एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्टेड कंपनी के शेयर एचईजी, एसओआरआईएल होल्डिंग्स, कैलिफोर्निया सॉफ्टवेयर, गोवा कार्बन ने 600 से 735 फीसदी तक का मुनाफा दिया है.

अब क्या करें
वीएम पोर्टफोलियो के हेड विवेक मित्तल का कहना है कि वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. वहीं, घरेलू शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है. ऐसे में निवेशकों के पास शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा पाने का मौका है.

शेयर बाजार में निवेश क्यों करें
ट्रेडबुल्स के डायरेक्टर और सीओओ ध्रुव देसाई के मुताबिक, नए निवेशक बाजार में शुरुआत करने के लिए कुछ छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं. बाजार में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. लिहाजा निवेश करने में देर नहीं हुई है. अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है. शेयर बाजार में एक साल बाद कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है तो इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है. हालांकि, सिर्फ टैक्स से बचने के लिए निवेश नहीं करना चाहिए और इसे एक अच्छे निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए.

लंबी अवधी के लिए लगाएं दांव
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते है कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं, आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं, तो यह जुए की तरह है, यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब है कम से कम तीन साल. इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.

ड़े मुनाफे का मौका
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड ऑफ बिजनेस प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप वी के शर्मा का मानना है कि जीनस पावर कंपनी के शेयर में अच्छे रिटर्न मिल सकते है. अगले 12 महीने के नजरिए से खरीदारी की सलाह दी है. उनका मानना है कि अगले 18 महीने में ये शेयर 89 रुपये तक का लक्ष्य हासिल कर सकता है. वी के शर्मा का कहना है कि जीनस पावर, बिजली के मीटर बनाने वाली कंपनी है. घरेलू बाजार का 27 फीसदी हिस्सा कंपनी के पास है जबकि स्मार्ट मीटर में बाजार का 70 फीसदी कंपनी के पास हिस्सा है. वित्त वर्ष 2017-2019 में कंपनी की आय में 20 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है. कंपनी बिटकॉइन कहां खर्च करें पर कर्ज घटा है और कंपनी की 1,226 करोड़ की ऑर्डर बुक है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एसपी तुलस्यान डॉट कॉम के एस पी तुलस्यान ने बेहतर रिटर्न के लिए कोवई मेडिकल को चुना है. एस पी तुलस्यान का मानना है कि 6 महीने की अवधि में कोवई मेडिकल में 1640 रुपए का स्तर देखने को मिल सकता है. उनका कहना है कि कोवई मेडिकल का कोयंबटूर में मल्टी डिसिप्लिनरी, सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल है. कोयंबटूर में ट्रॉमा और इमरजेंसी केयर अस्पताल चलाती है. इरोड में भी स्पेशियालिटी अस्पताल है. सितंबर तिमाही में कोवई मेडिकल का मुनाफा 33.53 करोड़ रुपये जबकि आय 296 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी के पास किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है. कोवई मेडिकल में प्रोमोटर की 50 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि मार्केट कैप 150 करोड़ रुपए है.

Bitcoin से जल्दी यहां डबल होंगे पैसे, आप भी आजमाएं ये तरीका

आपको बता दें कि हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकॉइन को मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है. वहीं, RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है.

  • बिटक्वाइन की एक यूनिट की कीमत 14 हजार डॉलर के स्तर पर
  • भारतीयों को बिटकॉइन खरीदने के 9.10 लाख रुपए खर्च करने होंगे
  • RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है

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Bitcoin से जल्दी यहां डबल होंगे पैसे, आप भी आजमाएं ये तरीका

नई दिल्ली: क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. बिटक्वाइन प्राइस इंडेक्स के मुताबिक इसकी एक यूनिट की कीमत 14 हजार डॉलर (9.10 लाख रुपए) के स्तर पर पहुंच गई. इसका मतलब है कि भारतीयों को एक बिटकॉइन खरीदने के 9.10 लाख रुपए खर्च करने होंगे. आपको बता दें कि हाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि बिटकॉइन को मान्यता देने का कोई इरादा नहीं है. वहीं, RBI ने भी बिटकॉइन के जोखिम को लेकर चेतावनी जारी की है. हालांकि, घरेलू शेयर बाजार में कई ऐसी कंपनियों के शेयर बिटकॉइन कहां खर्च करें है. जिन्होंने निवेशकों को मालामाल कर दिया है. इन शेयरों में एचईजी, एसओआरआईएल होल्डिंग्स, कैलिफोर्निया सॉफ्टवेयर, गोवा कार्बन है. पिछले पांच महीने में जहां बिटकॉइन ने 366 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं, इन शेयरों ने 735 फीसदी तक का मुनाफा कराया है.

इन शेयरों ने भरी तिजोरी
इन कंपनियों के शेयरों ने 5 महीने में बिटकॉइन के प्रदर्शन को मात देते हुए निवेशकों की तिजोरियां भर दी हैं. 6 अगस्त 2017 में बिटकॉइन का भाव 3000 डॉलर (करीब 1.95 लाख रुपए) था. वहीं, अब (7 दिसंबर 2017) 14 हजार डॉलर (करीब 9.10 लाख रुपए) हो गया है. इसका मतलब साफ है कि निवेशकों को 350 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न मिला है. दूसरी तरफ एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्टेड कंपनी के शेयर एचईजी, एसओआरआईएल होल्डिंग्स, कैलिफोर्निया सॉफ्टवेयर, गोवा कार्बन ने 600 से 735 फीसदी तक का मुनाफा दिया है.

अब क्या करें
वीएम पोर्टफोलियो के हेड विवेक मित्तल का कहना है कि वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. वहीं, घरेलू शेयर बाजार लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है. ऐसे में निवेशकों के पास शेयर बाजार में अच्छा मुनाफा पाने का मौका है.

शेयर बाजार में निवेश क्यों करें
ट्रेडबुल्स के डायरेक्टर और सीओओ ध्रुव देसाई के मुताबिक, नए निवेशक बाजार में शुरुआत करने के लिए कुछ छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं. बाजार में लगातार तेजी देखने को मिल रही है. लिहाजा निवेश करने में देर नहीं हुई है. अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है. शेयर बाजार में एक साल बाद कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है तो इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है. हालांकि, सिर्फ टैक्स से बचने के लिए निवेश नहीं करना चाहिए और इसे एक अच्छे निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए.

लंबी अवधी के लिए लगाएं दांव
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते है कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं, आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं, तो यह जुए की तरह है, यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब है कम से कम तीन साल. इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.

ड़े मुनाफे का मौका
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के हेड ऑफ बिजनेस प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप वी के शर्मा का मानना है कि जीनस पावर कंपनी के शेयर में अच्छे रिटर्न मिल सकते है. अगले 12 महीने के नजरिए से खरीदारी की सलाह दी है. उनका मानना है कि अगले 18 महीने में ये शेयर 89 रुपये तक का लक्ष्य हासिल कर सकता है. वी के शर्मा का कहना है कि जीनस पावर, बिजली के मीटर बनाने वाली कंपनी है. घरेलू बाजार का 27 फीसदी हिस्सा कंपनी के पास है जबकि स्मार्ट मीटर में बाजार का 70 फीसदी कंपनी के पास हिस्सा है. वित्त वर्ष 2017-2019 में कंपनी की आय में 20 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है. कंपनी पर कर्ज घटा है और कंपनी की 1,226 करोड़ की ऑर्डर बुक है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एसपी तुलस्यान डॉट कॉम के एस पी तुलस्यान ने बेहतर रिटर्न के लिए कोवई मेडिकल को चुना है. एस पी तुलस्यान का मानना है कि 6 महीने की अवधि में कोवई मेडिकल में 1640 रुपए का स्तर देखने को मिल सकता है. उनका कहना है कि कोवई मेडिकल का कोयंबटूर में मल्टी डिसिप्लिनरी, सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल है. कोयंबटूर में ट्रॉमा और इमरजेंसी केयर अस्पताल चलाती है. इरोड में भी स्पेशियालिटी अस्पताल है. सितंबर तिमाही में कोवई मेडिकल का मुनाफा 33.53 करोड़ रुपये जबकि आय 296 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी के पास किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है. कोवई मेडिकल में प्रोमोटर की 50 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि मार्केट कैप 150 करोड़ रुपए है.

जानिए कैसे कजाकिस्तान की अशांति ने दिया बिटकॉइन माइनिंग इंडस्ट्री को झटका

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जानिए कैसे कजाकिस्तान की अशांति ने दिया बिटकॉइन माइनिंग इंडस्ट्री को झटका

कभी सोवियत संघ का हिस्सा रहा कजाकिस्तान इन दिनों जबरदस्त हिंसा से गुजर रहा है. इसकी शुरुआत पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ने के विरोध के रूप में हुई और जल्दी ही इसने गृहयुद्ध का रूप ले लिया. इस हिंसा में 150 से ज्यादा लोग मारे गए, हजारों घायल हुए और हजारों गिरफ्तार किए गए हैं. भ्रष्टाचार, गरीबी, बेरोजगारी जैसी समस्याओं के कारण राष्ट्रपति कासिम जोमार्ट टोकायेव की सरकार के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा है.

विद्रोह दबाने के लिए पूर्व राजधानी अलमाटी समेत कई शहरों में इंटरनेट और टेलीकम्युनिकेशन सेवाएं कई दिनों के लिए बंद कर दी गईं. अलमाटी में पांच दिनों बाद इंटरनेट सेवा तो बहाल कर दी गई, लेकिन कई शहरों में एहतियातन अभी अंकुश जारी है. इस अशांति ने एक नई उभरती इंडस्ट्री को बड़ा झटका दिया है और वह है क्रिप्टो करेंसी माइनिंग इंडस्ट्री.

18% बिटकॉइन की माइनिंग कजाकिस्तान में ही

पिछले साल बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा कजाकिस्तान में ही हो रही थी. पूरी दुनिया में जितनी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग होती है, उसका 18 से 20 फीसदी कजाकिस्तान में ही किया जा रहा था. लेकिन इंटरनेट सेवा बंद होने से वहां क्रिप्टो माइनिंग लगभग ठप पड़ गई. इस साल 10 दिनों में बिटकॉइन की वैल्यू जो 47 हजार डॉलर से घटकर 40 हजार डॉलर पर आई है, उसकी एक वजह कजाकिस्तान भी है. वैसे चार महीने में बिटकॉइन की वैल्यू 68 हजार डॉलर से 40 फीसदी घटी है.

चीन में रोक के बाद कजाकिस्तान में माइनिंग

कजाकिस्तान करीब एक साल से ही क्रिप्टो करेंसी माइनिंग का हब बना है. खासकर जब चीन में इस पर अंकुश लगाया गया. बिटकॉइन सबसे ज्यादा चलन वाली क्रिप्टो करेंसी है. वर्षों तक चीन ही में ही इसकी सबसे ज्यादा बिटकॉइन कहां खर्च करें माइनिंग होती थी. कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार 2019 में 75% बिटकॉइन की माइनिंग चीन में हुई थी. पिछले साल भी अप्रैल में दो-तिहाई बिटकॉइन की माइनिंग चीन में ही हुई थी. लेकिन उसके बाद चीन सरकार ने माइनिंग के साथ-साथ क्रिप्टो करेंसी के ट्रेड पर भी प्रतिबंध लगा दिया.

दरअसल क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग में बहुत ज्यादा बिजली खर्च होती है, इससे कार्बन उत्सर्जन बढ़ता है. चीन ने कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगाया है. उसके बाद ही माइनिंग इंडस्ट्री ने कजाकिस्तान और कनाडा जैसे देशों में नया ठिकाना बनाया.

माइनिंग में शक्तिशाली कंप्यूटरों का इस्तेमाल

माइनिंग को मोटे तौर पर इस तरह समझा जा सकता है. क्रिप्टो करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं. कंप्यूटरों के जरिए एक तरह की मैथमेटिक्स की पहेली को सुलझाना होता है. सुलझाने वाले को एक ‘ब्लॉक’ मिलता है. एक ब्लॉक का मतलब है 6.25 बिटकॉइन. इसी को माइनिंग कहते हैं.

बिटकॉइन के शुरुआती दिनों में घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान्य कंप्यूटर से माइनिंग की जा सकती थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब इसके लिए शक्तिशाली हाइटेक कंप्यूटरों के नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है. ये कंप्यूटर लगातार चलते रहते हैं और काफी बिजली खपत करते हैं. कंप्यूटर लगातार चलने से उनका हार्डवेयर ज्यादा गर्म ना हो जाए, इसके लिए कूलिंग की भी जरूरत पड़ती है. इसलिए अब बड़े डाटा सेंटर में माइनिंग की जाने लगी है.

स्वीडन से ज्यादा बिजली खर्च होती है बिटकॉइन में

जितनी ज्यादा बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी बाजार में आती है, नए कॉइन की माइनिंग उतनी अधिक मुश्किल होती जाती है. तब नए कॉइन की माइनिंग में और ज्यादा बिजली खर्च होती है. अनुमान है कि बिटकॉइन की माइनिंग का 60% खर्च बिजली का ही होता है. हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू ने मई 2021 में एक रिपोर्ट में बताया कि बिटकॉइन तैयार करने में हर साल 110 टेरा यूनिट बिजली खर्च होती है. यह दुनिया के कुल बिजली उत्पादन का 0.55% है.

दूसरे शब्दों में कहें तो मलेशिया और स्वीडन जैसे छोटे देशों में लोग हर साल जितनी बिजली खर्च करते हैं, उतनी बिजली सिर्फ बिटकॉइन बनाने में खर्च हो जाती है. बीते पांच वर्षों में क्रिप्टो करेंसी बनाने बिटकॉइन कहां खर्च करें में बिजली का खर्च 10 गुना बढ़ा है. माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन के हर काम में जितनी बिजली खर्च होती है, उतनी किसी और काम में नहीं होती.

इसलिए कजाकस्तान में बढ़ी क्रिप्टो माइनिंग

क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग दुनिया में कहीं भी हो सकती है, लेकिन बिजली खपत अधिक होने के कारण माइनिंग बिटकॉइन कहां खर्च करें इंडस्ट्री वहीं ठिकाना बनाती है जहां बिजली सस्ती हो. चीन के कुछ प्रांतों में बरसात के दिनों में पनबिजली सरप्लस हो जाती है. इसलिए भी चीन में क्रिप्टो माइनिंग बढ़ी. कजाकस्तान में दुनिया का तीन फीसदी तेल भंडार है.

इसके अलावा कोयला और गैस का भी विशाल भंडार है. इसलिए वहां बिजली सस्ती थी और माइनिंग इंडस्ट्री ने वहां डेरा जमाया था. लेकिन मांग ज्यादा बढ़ने के कारण हाल में बिजली कटौती होने लगी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि नए घटनाक्रम के बाद यह इंडस्ट्री किसी सुरक्षित जगह का रुख कर सकती है.

क्रिप्टो माइनिंग में एक और समस्या ई-वेस्ट की है. क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग में लगे लोग लगातार नए और तेज कंप्यूटर चाहते हैं, क्योंकि तभी उन्हें ‘ब्लॉक’ मिल पाएगा. एक अनुमान के मुताबिक हर डेढ़ से दो साल में माइनिंग हार्डवेयर की क्षमता की जरूरत दोगुनी हो जाती है. ऐसे में पुराने कंप्यूटर बेकार हो जाते हैं. इसलिए बिटकॉइन से जितना ई-वेस्ट निकलता है, वह कई देशों में निकलने वाले ई-वेस्ट से ज्यादा है.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)

सुनील सिंह वरिष्ठ पत्रकार

लेखक का 30 वर्षों का पत्रकारिता का अनुभव है. दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे संस्थानों से जुड़े रहे हैं. बिजनेस और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं.

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