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इच्छा पूर्वाग्रह: मुझे चाहिए!
इच्छा पूर्वाग्रह एक प्रकार का भावनात्मक पूर्वाग्रह हो सकता है जिसे एक व्यक्ति की उस निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है सामान्य प्रवृत्ति या आदत के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें वह तर्कहीन तरीके से कुछ ऐसे विकल्प को चुन लेता है जो उस निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है व्यक्ति के लिए वित्तीय रूप से बहुत ज्यादा खर्चीले होते हैं। संक्षेप में, हम कंप्यूटर नहीं हैं, इसलिए हम कई कार्यों (और विज्ञापन द्वारा) से प्रभावित हो जाते हैं, जिनके परिणाम हमारे हित में नहीं हैं। इच्छा पूर्वाग्रह विशेष रूप से उन एक्शन को संदर्भित करता है जो व्यक्ति यह सोच कर लेता है कि वे उनके मूल्यों को दर्शाते हैं या लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे।
हम यहाँ इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं, कोई एपल कंपनी का एक आईफोन खरीद रहा है जिसके बारे में एक धारणा बनी हुई है कि वह तकनीकी रूप से सभी मोबाइल फोन से ऊपर तो है, इसके साथ ही साथ आपके पास आईफोन होने से एक अलग ही क्लास या स्टेट्स होने का अनुभव होता है। हालांकि आईफोन के कुछ मॉडल्स को दूसरे कई फोन से कम की रेटिंग तो मिली ही है, उसके साथ ही आईफोन के लिए आपको लो-रेटेड परफॉर्मेंस के बावजूद भी दूसरों से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है। मतलब कि आपके पास एक ब्रांड का फोन होना ज्यादा जरूरी है बजाय इस बात के कि वह फोन टेक्नोलॉजी में कैसा है और उसका वास्तविक परिणाम क्या है। यानी यहाँ उपभोक्ता ने आईफोन खरीदने का विकल्प बहुत ही तर्कहिन तरीके से लिया है। हम ऐसा नहीं कह रहे है कि आईफोन एक खराब फोन है निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है या उसको खरीदने व चलाने की समाज में कोई वैल्यू नहीं है। बल्कि हम यह कह रहे हैं कि वह व्यक्ति अगर समझदारी से काम ले और ब्रांड के पीछे अंधा ही ना हो जाए, तो वह कम बजट या कम खर्च में बेहतर परफॉर्मेंस वाला फोन खरीद सकता है।
इच्छा पूर्वाग्रह निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है पर कैसे काबू पाएँ
किसी भी भावनात्मक पूर्वाग्रह पर काबू पाने का पहला कदम यह पहचानना है कि पूर्वाग्रह मौजूद है। इस अध्याय को पढ़कर, आपने वह कदम उठाया है और आपको अब इस मुद्दे की पहचान है।
दूसरा कदम निवेश प्रक्रिया से भावना और मानवीय तर्कहीनता को बाहर करने की जरूरत है। इसका एक पार्ट सलाहकार एजेंसी की मदद लेना है। अपने आप को विधि से अलग करके, आप एक सलाहकार को अपनी ओर से निर्णय लेने निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है के लिए तथ्यों पर निर्भर होने की अनुमति देंगे। हालांकि, निवेश प्रक्रिया को एक व्यक्ति के नज़रिए से देखा जा रहा है, और यहां भी पूर्वाग्रह हो सकता है, लेकिन इसके होने की संभावना पहले से बहुत कम है।
तो अब आती है स्टेप 3 की बारी। अगर आप किसी सलाहकार को यह काम सौंप रहे है तो, ऐसे किसी व्यक्ति के साथ काम करें जो तथ्य देखकर फैसले लेता हो और सभी या किसी भी निवेश निर्णय के लिए एक तर्कसंगत मैट्रिक्स लागू करता हो। एक उदाहरण के रूप में, आपके सलाहकार के पास मात्रात्मक रूप से जुड़े निवेश मानदंड का एक समूह होना चाहिए, जिस पर अडिग होकर वो निवेश खरीदने, बेचने या होल्ड करने का फैसला लेते हों।
क्या एक मसीही विश्वासी को शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहिए?
स्टॉक मार्किट या शेयर बाजार में निवेश का विरोध करने वाले लोग कहते हैं कि शेयर खरीदना जुआ के बराबर है। इसके लिए यह तर्क दिया जाता है कि क्योंकि शेयर को इस अपेक्षा से खरीदा जाता है (बिना गारंटी के) कि वे धन के मूल्य में वृद्धि करेंगे, इसलिए यह जुआ का एक रूप है। तथापि, कैसीनो में जुआ खेलने या लॉटरी टिकट खरीदने और शेयर खरीदने के बीच अन्तर पाया जाता है। जुआरी अपने धन को खतरे में डालते हैं, जिसका उन्हें पता होता है कि वे कदाचित् इसे शीघ्र धन पाने की अपेक्षा में खो सकते हैं। समझदार निवेशक समय के बीतने के साथ धन में वृद्धि करने के लिए एक कम्पनी में आंशिक स्वामित्व को खरीदते हैं, जो भविष्य के लिए योजना बनाने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
यह अन्तर वास्तव में एक व्यक्ति की मंशा में निहित है। कुछ तरह के निवेश, जैसे दैनिक-व्यापार इत्यादि, जुआ खेलने जैसा है। कोई भी ऐसी बात जिसमें "भाग्य" की आवश्यकता बुद्धिमानी से भरे हुए निर्णय लेने और दीर्घकालिक योजना से ऊपर की होती है, से बचा जाना चाहिए। अधिकांश दीर्घकालिक निवेश समय के बीतने के साथ एक निश्चित लाभ को लौटाते हैं, जो उन्हें एक कैसीनो अर्थात् जुआघर में अंक दिखाने वाले लुढ़कते हुए पासों की तुलना में जमा धन राशि पत्र या जमा धन राशि प्रमाणपत्र की खरीद से अधिक धनी बनाते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अपने परिवार के लिए सेवानिवृत्ति, अपने बच्चों के लिए शिक्षा और अपनी सन्तान को विरासत में धन सम्पत्ति दिए जाने के लिए निवेश का उपयोग करते हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपया 78.29 के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा, विदेशी पूंजी के लगातार प्रवाह का असर
Updated: June 13, 2022 11:11 AM IST
Dollar Vs Rupee: विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और जोखिम से बचने की भावना के चलते रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 36 पैसे टूटकर अपने सबसे निचले स्तर 78.29 पर आ गया.
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विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर एशियाई मुद्राएं, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी पूंजी के लगातार बाहर जाने से भी निवेशकों की भावनाएं प्रभावित हुईं.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 78.20 निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है पर खुला, और फिर जमीन खोते हुए 78.29 तक गिर गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 36 पैसे की गिरावट दर्शाता है.
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे टूटकर 77.93 पर बंद हुआ था.
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.46 प्रतिशत गिरकर 120.23 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.
इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.30 प्रतिशत बढ़कर 104.45 पर पहुंच गया.
शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 3,973.95 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
भारत के लिए बीत चुका है बदतर समय: बिरला
- 29 जून 2009,
- (अपडेटेड 29 जून 2009, 10:50 PM IST)
देश के अग्रणी उद्योगपतियों में से एक कुमार मंगलम बिरला अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार को लेकर काफी आशावान हैं. उनका मानना है कि अगले दो से तीन माह में भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है.
शेयर बाजार जता चुका है खुशी
इस सवाल के जवाब में कि क्या बाजार में तेजी और 'फीलगुड' का उभरता हल्का एहसास वास्तविक है या महज मरीचिका, उन्होंने कहा कि शेयर बाजार पहले ही चुनाव नतीजों पर अपनी खुशी व्यक्त कर चुका है. एक मायने में शुरू की अति आशावादिता में एक सुधार हो सकता है. उनका मानना है कि बाजार की भावना नीति-निर्माताओं में निवेशकों का विश्वास दर्शाती है कि वे विकास को निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है पटरी पर वापस लाएंगे.
रुपया में शुरुआती कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले 18 पैसे की मजबूती
कारोबारियों ने कहा कि सोमवार को रिजर्व बैंक के तरलता को बढ़ावा देने के प्रयास के बाद निवेशकों की भावनाओं में सुधार हुआ। उन्होंने बताया कि आरबीआई एक लाख करोड़ रुपये के अल्पकालिक परिवर्तनीय रेपो नीलामी करेगा।
मुंबई. घरेलू शेयर बाजारों में सकारात्मक शुरुआत के चलते भारतीय रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में मामूली बढ़त के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 18 पैसे मजबूत हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 76.02 निवेशकों की भावनाओं को दर्शाता है पर खुला, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 18 पैसे की बढ़ोतरी को दर्शाता है। डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को 76.20 पर बंद हुआ था।
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