Bitcoin Legal Status After Budget: क्या बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को अब भारत में मिल जाएगी कानूनी मान्यता?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए कहा कि डिजिटल एसेट्स (digital assets) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। इसके साथ ही इस तरह की एसेट्स के ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस (TDS) कटेगा। सरकार के इस ऐलान के बाद माना जा रहा है कि सरकार ने बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrency) को मान्यता देने का मन बना लिया है। तो क्या भारत में अब क्रिप्टोकरेंसी वैध (Cryptocurrency Legal in India) हो जाएगी, देखिए इसे लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट।
Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी
अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।
इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन
दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।
वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है
कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।
इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी
अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।
वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध
कुछ देशों ने अभी भी भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।
क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?
आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है पर अभी विचार कर रही है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग, माइनिंग, ट्रांसफर और होल्डिंग को माना जाएगा अपराध, जल्द आ सकता है कानून
सरकार बिटकॉइन जैसी निजी आभासी मुद्राओं पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है जबकि सरकार अपनी डिजिटल करेंसी लाएगी। बिल में क्रिप्टोकरंसीज धारकों को इसे लिक्विडेट करने के लिए छह महीने तक का समय मिलेगा इसके बाद पेनल्टी लगाई जाएगी।
नई दिल्ली, रायटर्स। भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए एक बुरी खबर है। देश में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया जाएगा, इसके अलावा इसकी ट्रेडिंग, माइनिंग, ट्रांसफर और होल्डिंग को कानूनन अपराध भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है बनाया जा सकता है। सरकार ऐसे बिल पर काम कर रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांसफर, होल्डिंग, माइनिंग और ट्रेडिंग पर सख्त सजा हो सकती है. यह जनवरी से सरकार के एजेंडे में है, जिसमें सरकार बिटकॉइन जैसी निजी आभासी मुद्राओं पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है, जबकि सरकार अपनी डिजिटल करेंसी लाएगी। बिल में क्रिप्टोकरंसीज धारकों को इसे लिक्विडेट करने के लिए छह महीने तक का समय मिलेगा, इसके बाद पेनल्टी लगाई जाएगी।
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है इस बिल को कानून बनाने में बहुत ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि सरकार के पास संसद में पूर्ण बहुमत है। अगर यह प्रतिबंध कानून बन जाता है, तो भारत क्रिप्टोक्यूरेंसी को अवैध बताने वाला पहली बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। चीन में भी इसके माइनिंग और ट्रेडिंग पर प्रतिबंध है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी रखना अपराध होगा। सभी ट्रेडिंग एक्सचेंज बैन होंगे। इसके रखने, बेचने को अपराध बनाया जाएगा। इस तरह के मामलों में जुर्माना और कैद दोनों का प्रावधान होगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले दिनों क्रिप्टोकरेंसी के असर को लेकर चिंता जताई थी और सरकार को इससे अवगत कराया था। RBI ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी से देश की इकोनॉमी की वित्तीय स्थिरता प्रभावित हो सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि हमने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर कुछ बड़ी आशंकाएं हैं। हमने सरकार को उससे अवगत करा दिया है। सरकार इस पर कोई फैसला ले सकती है।
दास ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का जिक्र किया था, उन्होंने कहा था कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के फायदों का इस्तेमाल करने की जरूरत है, यह अलग बात है। लेकिन क्रिप्टो के संदर्भ में वित्तीय स्थिरता भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है के दृष्टिकोण से बहुत बड़ी चिंता है और हमने सरकार से इसे साझा किया है। RBI पूर्व में मनी लॉड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिए डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त कर चुका है। दास ने आरबीआई के खुद की डिजिटल करेंसी लांच करने की बात भी कही थी।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा
मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। सरकार इस संबंध में विचार कर रही है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! (फाइल फोटो)
Highlights भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बजाय इसके बाजार को कानूनी दायरे में लाने के बारे में विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले साल बजट में इस संबंध में अहम घोषणा की जा सकती है। हाल के महीनों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है।
नई दिल्ली: भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी में निवश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है।
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार के पहले के क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के दृष्टिकोण से दूर जाने की अब संभावना है। प्रतिबंध की बजाय सरकार इसे विनियमित करने का विकल्प चुन सकती है।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारी इस संबंध में काननी ढांचे और आवश्यक नियमों को ठीक करने के लिए लगातार बात कर रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि विनियमन की ओर सोच है। अधिकारी ने कहा, 'कल ये नहीं होना चाहिए कि अगर मैं एक अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करता हूं और अच्छी मार्केटिंग के बाद कोई लोग इसे खरीदतें हैं और फिर मैं भाग जाता हूं, क्योंकि मैं एक प्राइवेट प्लेयर हूं! लोगों ने अपने अन्य संपत्तियों का उपयोग करके उस करेंसी को खरीदा होगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार को विनियमन की ओर देखने की जरूरत है।'
भारत में बढ़ा है क्रिप्टो करेंसी का बाजार
मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। जबकि भारत को विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में गिना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार हाल-फिलहाल में 15 लाख भारतीयों ने निजी क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश किया है। इस क्षेत्र में काम कर रहे दर्जनों स्टार्ट-अप सहित निवेश के जोखिम के बावजूद लोगों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है।
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग में इस साल मई के बाद से तेज वृद्धि देखी गई है। ये उछाल खासकर आरबीआई के उस स्पष्टीकरण के बाद आया जिसमें बैंकों को क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ ग्राहकों को चेतावनी नहीं देने के लिए कहा गया था।
वहीं, साल 2019 में एक वित्त मंत्रालय की समिति ने एक विधेयक का प्रस्ताव दिया था। इसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध की बात कही गई थी हालांकि इसे अब ठंडे बस्ते में डालते हुए समाप्त कर दिया गया है।
क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी, डेढ़ साल की सजा और 20 करोड़ तक जुर्माना का होगा प्रावधान
क्रिप्टो करेंसी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में इसके लिए कानून भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है बनाएगी और वो तैयारी पूरी होती दिख रही है। सूत्र कह रहे कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस कानून के तहत लेन-देन करने पर गैर जमानती धाराओं में बिना वारंट गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा सकता है। इसके अलावा ₹20 करोड़ रुपये तक के जुर्माना का भी प्रावधान होगा।
इस मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि संसद में पेश होने वाले बिल में क्रिप्टो करेंसी की खरीदी बिक्री, जमा करने, होल्ड करने का काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगा। इसमें नियमों का उल्लंघन करने पर बिना वारंट गिरफ्तारी होगी क्योंकि धाराएं गैर जमानती होगी।
माना जा रहा है कि सरकार 20 करोड़ तक जुर्माना और डेढ़ साल तक की सजा के साथ साथ अंधाधुन विज्ञापनों पर भी रोक होगी और गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायत यदि मिलती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्रिप्टोकरंसी को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसकी छूट सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगी।
एक अनुमान के मुताबिक करीब 2 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरंसी में 45,000 करोड़ का निवेश किया है इसलिए भी सरकार इस पर कानून लाने जा रही है और उस कानून में सख्त धाराएं और प्रावधान होंगे।
सूत्र यह भी कह रहे हैं कि बाजार नियामक सेबी को क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी का जिम्मा सौंपा जाएगा। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार जून 2021 तक भारत में क्रिप्टोकरंसी का बाजार 641 फ़ीसदी बढ़ चुका है।
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