27 फरवरी से नहीं बढ़ी तेल की कीमतें

कच्चे तेल में लगी आग, 124 डॉलर के पार पहुंची कीमत, महंगे हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल!

कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों बढ़ रहे हैं? हरदीप पुरी ने बताई वजह

नई दिल्ली। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के बावजूद भारतीय तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की खुदरा दामों में ज्यादा कटौती नहीं करने वाली है। कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई के लिए अभी और समय चाहिए। पुरी ने पत्रकारों के उस सवाल का जवाब दिया जिसमें उनसे पूछा गया कि क्या पिछले एक सप्ताह में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए ईंधन की खुदरा कीमत में कमी आ सकती है?

विकसित देशों में भी 40 फीसदी तक हुई है वृद्धि: हरदीप सिंह पुरी
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि विकसित देशों में भी जुलाई 21 से अगस्त 22 तक ईंधन की कीमतों में लगभग 40% की बेतहाशा वृद्धि देखी गई है लेकिन भारत में 2.12 फीसदी की कमी आई है। हालांकि कंपनिया नुकसान की भरपाई के लिए दाम को बढ़ाने का काम जारी रख सकती है।

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रसोई गैस की कीमतें भारत में ज्यादा नहीं बढ़ीं
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, पिछले दो सालों में सऊदी सीपी मूल्य (हमारे आयात बेंचमार्क) में लगभग 303% की वृद्धि हुई है। इसी अवधि के दौरान, भारत में रसोई गैस की कीमत में उस आंकड़े के दसवें हिस्से से भी कम की वृद्धि (28 फीसदी) हुई।

अन्य देशों में ज्यादा बढ़ी हैं पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें
पुरी ने कहा कि जुलाई 21 से अगस्त 22 के दौरान सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक केंद्रों की गैस की कीमतों में भारी वृद्धि देखी गई है। यूएसए के हेनरी हब में 140% की वृद्धि देखी गई। जेकेएम मार्कर 257 फीसदी, ब्रिटेन एनबीपी में 281 फीसदी और भारत में सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में केवल 71% की वृद्धि हुई है।

Petrol Price Today: कुछ ही मिनटों में आई कच्चे तेल में भारी गिरावट, जानिए आपके शहर में आज कितना सस्ता/महंगा हुआ पेट्रोल-डीज़ल

Petrol Price Today: कुछ ही मिनटों में आई कच्चे तेल में भारी गिरावट, जानिए आपके शहर में आज कितना सस्ता/महंगा हुआ पेट्रोल-डीज़ल

पिछले हफ्ते की तेजी के बाद विदेशी बाजारों में कच्चे तेल के दाम लगातार कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट गिर रहे है. सोमवार को दुनिया की बड़ी कंपनी गल्फ ऑफ मैक्सिको ने कच्चे तेल का उत्पादन शुरू कर दिया है. इस खबर के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल देखते ही देखते 3 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गया. हालांकि, घरेलू बाजार में इसका खास असर नहीं दिख रहा है. पेट्रोल-डीज़ल के दाम लगातार स्थिर है. देश की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी (OMCs) IOC ने लगातार 15वें दिन यानी 20 सितंबर 2021 को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि, एक्सपर्ट्स मान रहे है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल के दाम गिर सकते है.

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल का रेट

इंडियन ऑयल वेबसाइट के अनुसार, सोमवार को देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल का भाव 101.19 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, मुंबई में कीमतें 107.26 रुपये लीटर पर स्थिर है. कोलकाता में पेट्रोल का रेट 101.62 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 98.96 रुपये प्रति लीटर है. दिल्ली में डीजल आज 88.62 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है. मुंबई में डीजल का रेट 96.19 प्रति लीटर ही है, कोलकाता में डीजल के दाम 91.71 रुपये प्रति लीटर हैं, चेन्नई में डीजल 93.26 रुपये प्रति लीटर के भाव से बिक रहा है.

शहर पेट्रोल (रुपये/लीटर) डीज़ल (रुपये/लीटर)
नई दिल्‍ली 101.19 88.62
मुंबई 107.26 96.19
कोलकाता 101.62 91.71
चेन्‍नई 98.96 93.26
नोएडा 98.52 89.21
बेंगलुरु 104.70 94.04
हैदराबाद 105.26 96.69
पटना 103.79 94.55
जयपुर 108.13 97.76
लखनऊ 98.30 89.02
गुरुग्राम 98.94 89.32
चंडीगढ़ 97.40 88.35

अब आगे क्या होगा

ऑयल एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पिछले दिनों कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह ऑयल इनवेंट्रीज में आई गिरावट और तूफान से बंद हुआ ऑपरेशन था. वहीं, अब हालात सामान्य हो चुके हैं. इसीलिए कीमतें गिर रही है. आने वाले दिनों में गिरावट और बढ़ सकती है. ऐसे में भारतीय बाजारों में कच्चे तेल के दाम भी कम होने की उम्मीद है.

हर किसी के मन में यह सवाल आता है कि आखिर तेल की कीमतें कैसे तय होतीं हैं. कीमतें दो मुख्य चीजों पर निर्भर करतीं हैं. एक अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमत और रुपये की चाल. इसके अलावा सरकारी टैक्स.

क्रूड ऑयल के रेट पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, मगर टैक्स सरकार अपने स्तर से घटा-बढ़ा सकती है. यानी जरूरत पड़ने पर सरकार टैक्स कम कर बढ़े दाम से कुछ हद तक जनता को फायदा पहुंचा सकती है.कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट

पहले देश में तेल कंपनियां खुद दाम नहीं तय करतीं थीं, इसका फैसला सरकार के स्तर से होता था. मगर जून 2017 से सरकार ने पेट्रोल के दाम को लेकर अपना नियंत्रण हटा लिया गया. कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिदिन उतार-चढ़ाव के हिसाब से कीमतें तय होंगी.

तेल की मांग में आ रही है कमी: कच्चे तेल की कीमतों में 15 दिनों में 10% की गिरावट, भारत में घट सकती हैं कीमतें

जानकारी के मुताबिक कच्चा तेल यानी क्रूड ऑयल इस समय 64 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। यह इस महीने की शुरुआत में 71 डॉलर प्रति बैरल था। कच्चे तेल की कीमतों में कमी कमजोर मांग और रिकवरी की वजह से आई है। यूरोपियन शहरों में कोरोना के बढ़ते मामलों में से प्रतिबंध और लॉकडाउन फिर शुरू हो रहा है। तेल की कीमतें हाल के समय में हालांकि काफी बढ़ गई थीं। ऐसा इसलिए क्योंकि तेल उत्पादक देशों ने अप्रैल तक सप्लाई कट करने का फैसला किया था। उस समय वैक्सीन के आने और पूरी दुनिया में इसके पहुंचने से तेल की कीमतों को बढ़ाने में मदद मिली थी। साथ ही अमेरिका के राहत पैकेज ने भी इसमें मदद की।

लॉकडाउन फिर से लगने से तेल की मांग में कमी

पेट्रोल-डीजल होगा सस्ता, इतने रुपये तक कम हो सकते हैं रेट, समझिए पूरा गणित

भारत में जल्द ही पेट्रोल और डीजल (petrol diesel) सस्ता हो सकता है। लंबे समय से भाव स्तर रहने के बाद आने वाले दिनों में कीमतों में 14 रुपये तक की गिरावट आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों (crude oil prices) में भारी गिरावट ने भारत में ईंधन की कीमतों (fuel prices in India) में संभावित कमी की उम्मीद फिर से जगा दी है।

इंटरनेशनल मार्केट में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड (Brent crude) सोमवार को जनवरी के बाद से सबसे निचले स्तर पर गिर गया, कीमतें 3% से अधिक गिरकर 80.97 डॉलर पर आ पहुंची हैं। वहीं, अमेरिकी मार्केट कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट में क्रूड ऑयल के रेट 74 डॉलर के आसपास है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट से इंडियन बास्केट यानी जिस दाम पर भारतीय कंपनियां तेल खरीदती हैं, उसकी लागत में मार्च के औसत 112.8 डॉलर से 82 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे आ गया है।

पेट्रोल-डीजल के दाम घटने-बढ़ने का ये है कैल्कुलेशन

तनेजा ने सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने को लेकर भी कुछ बातें कही. उन्होंने कहा कि जब तेल की कीमतें कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट कम होती है तो सरकार उत्पाद शुल्क बढ़ाती है. जब तेल बहुत महंगा होता है, तो सरकार उत्पाद शुल्क कम करती है.

तनेजा का मानना है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जाना चाहिए. ताकि जनता को ज्यादा राहत मिल सके और ज्यादा पारदर्शिता भी आये. बता दें कि आम-जनता पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान थी. ऐसे में केंद्र सरकार ने लोगों को दिवाली कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट का तोहफा दिया था. दरअसल केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में कटौती की. सरकार ने पेट्रोल पर 5 और डीजल पर 10 रुपये एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है. ईंधन की रिकॉर्ड उच्च कीमतों के बीच तीन वर्षों में केंद्रीय उत्पाद शुल्क में यह पहली कटौती है.

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