बैंक कार्ड मैं बैंक कार्ड से धनराशि कैसे निकालूं? बैंक कार्ड से निकासी केवल यूक्रेन या कजाकिस्तान में जारी किए गए कार्डों के लिए उपलब्ध है । बैंक कार.
बॉन्ड मार्केट और करंसी मार्केट में ट्रेडिंग का समय बढ़ा, ये है 9 नवंबर से नया टाइम टेबल
The more closely a company interacts with individual American consumers, the more pressing are matters of Covid-19 restrictions.
Bond & Currency Market: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बॉन्ड मार्केट और करंसी मार्केट में ट्रेडिंग का समय 1.5 घंटे और बढ़ा दिया है. अब ये बाजार सुबह 10 बजे से 3:30 बजे तक खुले रहेंगे. 9 नवंबर से ट्रेडिंग के लिए नया टाइम टेबल लागू हो रहा है. अभी कोरोना वायरस महामारी के चलते तक इन बाजारों में सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही ट्रेडिंग हो रही है. फिलहाल अब रुपये, विदेशी मुद्रा, बॉन्ड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, कमर्शियल पेपर और सर्टिफिकेट्स ऑफ डिपोजिट्स की खरीद-बिक्री के लिए आपको ज्यादा समय मिलेगा.
महामारी के दौर में हुआ था बदलाव
बता दें कि कोरोना वायरस संकट से पहले करंसी मार्केट 10 बजे खुलकर 3.30 बजे ही बंद होता था. जिसे महामारी के चलते घटाकर 10 बजे से 2 बजे तक कर दिया गया. आरबीआई ने 9 नवंबर से पुराना टाइम टेबल लागू किया है. RBI ने नोटिफिकेशन में कहा कि देश के बॉन्ड और करेंसी मार्केट में चरणबद्ध तरीके से पहले की तरह ही ट्रेडिंग की टाइमिंग को लागू किया जाएगा. कोरोना महामारी को देखते हुए RBI ने 7 अप्रैल 2020 को ट्रेडिंग आवर्स में बदलाव कर इसे इसे 2 बजे तक ही खोलने की इजाजत दी थी.
कॉल, नोटिस, टर्म मनी के लिए बाजार सुबह 10 बजे खुलकर शाम में 3.30 बजे बंद होगा. वहीं, सरकारी प्रतिभूतियों में मार्केट रेपो की ट्रेडिंग 2.30 तक की जा सकेगी. साथ आवर्स ट्रेडिंग का समय क्या है ही सरकारी प्रतिभूतियों में ट्राई-पार्टी रेपो की खरीदारी 10 बजे से 3 बजे तक होगी. इनके अलावा सभी तरह के बॉन्ड, फॉरेन करेंसी और रुपये की ट्रेडिंग सुबह 10 बजे से शाम 3.30 बजे तक होगी.
दोनों उत्पाद में निवेश की सीमा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ, दोनो में निवेशकों प्रति 1 ग्राम गोल्ड की कीमत से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। वहीं, गोल्ड ईटीएफ में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। यानी आप अपनी मर्जी के अनुसार निवेश कर सकते हैं, जबकि सॉवरेन बॉन्ड में एक व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर ही निवेश कर सकता है।
गोल्ड ईटीएफ को आप स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कैश ट्रेडिंग के लिए निर्धारित समय के दौरान कभी भी खरीद या बेच सकते हैं। लेकिन सॉवरे गोल्ड बॉन्ड सरकार की तरफ से आरबीआई समय-समय पर जारी करती है। ऐसे में जब चाहें इसे बेच नहीं सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड आठ वर्ष की है। लेकिन पांचवें, छठे और सातवें वर्ष में बॉन्ड को बेचने का विकल्प यानी एग्जिट ऑप्शन है। वहीं, डीमैट आवर्स ट्रेडिंग का समय क्या है फॉर्म में इस बॉन्ड को लेने वाले इसे स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग आवर्स के दौरान कभी भी बेच सकते हैं। ऐसे में अगर आप वैसे निवेशक हैं जो कभी भी अपना पैसा निकालने में यकीन रखते हैं तो आपके लिए गोल्ड ईटीएफ बेहतर होगा।
डीमैट अकाउंट की जरूरत?
गोल्ड ईटीएफ के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है। वहीं, साॅवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी नहीं है। हां, अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की एक्सचेंज पर ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको बॉन्ड को डीमैट फॉर्म में लेना होगा, जिसके लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है। सबस्क्रिप्शन के दौरान ही आपको सॉवरिन बॉन्ड फिजिकल फॉर्म (सर्टिफिकेट) के अतिरिक्त डीमैट फार्म में भी लेने का विकल्प मिलता है।
निवेश पर किसमें ज्यादा जोखिम
साॅवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकार की तरफ से आरबीआई जारी करती है। इसलिए इसमें डिफॉल्ट का कोई जोखिम नहीं है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ म्यूचुअल फंड हाउस कंपनियों द्वारा जारी किया जाता है। ऐसे में इसमें डिफॉल्ट का खतरा होता है लेकिन वह काफी कम होता है।
किस पर कितना ब्याज
साॅवरेन बॉन्ड पर 2.5 फीसदी की दर से सालाना ब्याज आवर्स ट्रेडिंग का समय क्या है मिलता है। यह हर 6 महीने में देय होता है। अंतिम ब्याज मैच्योरिटी पर मूलधन के साथ दिया जाता है। ब्याज की रकम टैक्सेबल होती है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ पर आपको कुछ भी ब्याज नहीं मिलता। यानी आप ब्याज से इनकम चाहते हैं और सोने की बढ़ी कीमत का लाभ तो सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक बेहतर उत्पाद है।
गोल्ड ईटीएफ मैनेज करने के एवज में म्यूचुअल फंड हाउस निवेशक से टोटल एक्सपेंस रेश्यो (टीईआर) चार्ज वसूलते हैं। जब भी आप यूनिट खरीदते या बेचते हो ब्रोकर को ब्रोकरेज चार्ज देना होता है। जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इस तरह का कोई अतिरिक्त एक्सपेंस नहीं है। हां, अगर आप सॉवरिन बॉन्ड को एक्सचेंज पर खरीदोगे या बेचोगे तो आपको ब्रोकरेज चार्ज देना होगा। जरूरत पड़ने पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के एवज में बैंक से लोन भी लिया जा सकता है। वहीं, गोल्ड ईटीएफ पर यह सुविधा नहीं है।
Gold ETF Dhanteras 2022: गोल्ड ईटीएफ सोने में निवेश करने का एक सुविधाजनक तरीका
शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा हमेशा से भारतीय परंपरा का हिस्सा रही है और इस फेस्टिव सीजन में भारतीय परिवार एक बार फिर फेस्टिव सीजन में गोल्ड की खरीदारी के लिए बाहर निकलने लगे हैं। एक भारतीय निवेशक के रूप में सोने के खरीदारों के पास कई प्रकार के सोने के प्रोडक्ट खरीदकर इसमें निवेश करने के मौके होते हैं। उपलब्ध सभी विकल्पों या प्रोडक्ट्स में से खरीदार को यदि गहनों की आवश्यकता नहीं है, तो जो विकल्प जो सबसे अधिक उम्दा है और जो सबसे बढ़िया निवेश विकल्प के रूप में सामने आता है वह है गोल्ड ईटीएफ।
गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन में निवेश करना फिजिकल मेटल में निवेश करने जितना ही अच्छा है, लेकिन इसे इलेक्ट्रोनिक रूप में म्यूचुअल फंड यूनिट्स जैसा रखा जाता है, जो एक डीमैट खाते में संग्रहीत होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की प्रत्येक यूनिट बहुत उच्च शुद्धता के फिजिकल गोल्ड जैसी होती है। हर दूसरे ईटीएफ की तरह, गोल्ड ईटीएफ आवर्स ट्रेडिंग का समय क्या है भी स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है। इसलिए, कोई भी व्यक्ति किसी भी समय गोल्ड ईटीएफ को आसानी से खरीद और बेच सकता है। इसलिए, यदि आप निवेश के दृष्टिकोण से सोना खरीदना चाह रहे हैं, तो गोल्ड ईटीएफ एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। पोर्टफोलियो आवंटन के नजरिए से भी, गोल्ड ईटीएफ बेहतर स्थिति में हैं।
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डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आपकी संपत्ति के खत्म होने का डर
धीरेंद्र कुमार
कुछ दिन पहले खबर आई थी कि सेबी स्टॉक एक्सचेंजों को डेरिवेटिव ट्रेडिंग आवर बढ़ाकर रात 11.55 बजे तक करने की इजाजत दे सकता है। अभी डेरिवेटिव्स और शेयरों में दोपहर 3.30 बजे तक ट्रेडिंग होती है। एक्सचेंज इस साल अक्टूबर के बाद इन इंस्ट्रूमेंट्स के ट्रेडिंग आवर्स को बढ़ाकर आधी रात तक कर सकेंगे। बेशक यह स्टॉक एक्सचेंजों के लिए अच्छी खबर है। ट्रेडिंग आवर्स बढ़ने से ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी होगी। एक्सचेंजों का 90% से ज्यादा ट्रेडिंग वॉल्यूम डेरिवेटिव्स की एल्गो ट्रेडिंग से निकलता है। ऐसे में मुमकिन है कि ट्रेडिंग वॉल्यूम में बढ़ोतरी ट्रेडिंग आवर में इजाफे जितनी होगी।
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