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MCD Election : 70 फीसदी पार्षदों की कटेगी टिकट, भाजपा ने किया बड़ा इशारा

MCD election: नयी दिल्ली, 4 नवंबर । दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव की घोषणा से ठीक पहले भाजपा की दिल्ली इकाई ने शुक्रवार को संकेत दिया कि वह कम से कम 60-70 फीसदी वार्ड पर अपने निवर्तमान पार्षदों को दोबारा मैदान में नहीं उतारेगी। वहीं, कांग्रेस को निगम चुनाव के लिए 1,000 से अधिक इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। तीन प्रमुख दलों – भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस – ने एमसीडी के 250 वार्ड के चुनाव के लिए अपनी रणनीतियों और उम्मीदवारों के चयन पर काम करना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि पार्टी को एमसीडी चुनाव के लिए 1,000 इच्छुक उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शनिवार और रविवार को कई बैठकें कर उम्मीदवार चयन प्रक्रिया पर चर्चा करेगी। भाजपा की दिल्ली इकाई के कई नेताओं ने कहा कि यह कहना तकनीकी रूप से गलत है कि पार्टी अपने सभी मौजूदा पार्षदों के स्थान पर नए चेहरों को टिकट देगी।

60-70 फीसदी मौजूदा पार्षद खो सकते हैं टिकट

MCD election: भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक कहा, ‘‘वार्ड की संख्या में कमी, महिलाओं और अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों के क्रमवार परिवर्तन और परिसीमन जैसे कई कारकों के चलते लगभग 60-70 फीसदी मौजूदा पार्षद पार्टी टिकट पर अपनी दावेदारी खो सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि लगभग 30 फीसदी मौजूदा पार्षदों के ही दोबारा भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरने की संभावना है। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से अधिकांश वार्ड में चेहरों को बदलने की जरूरत पड़ रही है। इस साल की शुरुआत में तीन नगर निगमों के एकीकरण से पहले वार्ड की कुल संख्या 272 थी, जो अब 250 हो गई है।’’

एमसीडी चुनाव के लिए तैयार कांग्रेस

इस बीच, कांग्रेस नेता अनिल कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी एमसीडी चुनाव के लिए तैयार है और पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में कांग्रेस को पहले ही (टिकट के लिए) 1,000 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं। हालांकि, चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद पार्टी के ऐसे नेताओं और 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक कार्यकर्ताओं को एक और मौका दिया जाएगा, जो एमसीडी चुनाव में टिकट के लिए आवेदन नहीं कर सके।’’

कुमार ने कहा कि 31 अक्टूबर तक टिकट दावेदारों 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक के आवेदन प्राप्त हुए और फिर प्रक्रिया रोक दी गई। हालांकि, टिकट के लिए कुछ पात्र उम्मीदवार थे जो आवेदन नहीं कर सके जिन्हें एक और मौका दिया जाएगा। वहीं, आम आदमी पार्टी सूत्रों ने बताया कि पार्टी एमसीडी चुनाव 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक में जीतने की क्षमता वाले उपयुक्त उम्मीदवारों को खोजने के लिए एक सर्वेक्षण भी कर रही है।

MCD result: हार के बाद भी BJP चुनेगी अपना मेयर! जानें भाजपा क्यों है आश्वस्त?

दिल्ली नगर निगम चुनावों के अब तक सामने आए नतीजों में AAP पहले और BJP दूसरे नंबर पर है। लेकिन दोनों की दल अपना-अपना मेयर बनाने का दावा कर रहे हैं। बीजेपी जिस आधार पर अपने मेयर का दावा कर रही है वह आधार हम आपको बताते हैं। जानें पूरा मामला.

MCD result: हार के बाद भी BJP चुनेगी अपना मेयर! जानें भाजपा क्यों है आश्वस्त?

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एक साल का होता है मेयर का कार्यकाल

जानकारी के मुताबिक एमसीडी में जो पार्टी भी जीत कर आएगी, उसका कार्यकाल 5 साल तक रहेगा लेकिन उसका पार्षद लगातार पांच साल तक मेयर नहीं रह सकता है। दिल्ली में मेयर का कार्यकाल सिर्फ एक साल के लिए ही होता है। वहीं मेयर का चुनाव भी सीधे तौर पर नहीं होता है। जीतकर आए पार्षद ही हर साल नया मेयर चुनते हैं। नियमों के तहत पहला साल महिला पार्षद ही मेयर बन सकेगी जबकि दूसरा साल अनुसूचित जाति का कोई पार्षद ही इसके लिए दावेदारी कर सकता है।

इसके अलावा बचे तीन वर्ष अनारक्षित होंगे यानि इन वर्षों में कोई भी पार्षद इस पद के लिए दावेदारी कर सकेगा। दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक एमसीडी चुनाव के नतीजे आने के बाद जब सदन की पहली बैठक होती है, तब मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है। बता दें कि एमसीडी की 250 सीटों पर 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। कुल 1349 उम्मीदवार ने इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

PMI Index for June: अर्थव्यवस्था के लिए आई बुरी खबर, 11 महीने में पहली बार मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में गिरावट दर्ज

Published: July 1, 2021 3:23 PM IST

PMI Index

PMI Index for June: कोरोना की दूसरी लहर के बीच जून माह में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में गिरावट दर्ज की गई. दूसरी लहर का असर इतना गंभीर रहा कि जून माह में मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स PMI for manufacturing घटकर 48.1 पर पहुंच गया. पिछले 11 माह में इसमें पहली बार गिरावट दर्ज की गई है.

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बता दें, PMI Index जब 50 से ऊपर पर रहता है तो यह ग्रोथ को दर्शाता है, जबकि 50 के नीचे आने पर इसमें गिरावट मानी जाती है. मई माह में PMI for manufacturing sector 50.8 था. रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग में कमी आने से प्रोडक्शन पर असर देखा गया है, जिसके कारण ओवरऑल इंडेक्स में गिरावट दर्ज की गई है.

IHS Markit की इकोनॉमिस्ट पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि भारत में कोरोना संकट अभी भी बरकरात है. कंपनियों को इस बात का पता नहीं चल पा रहा है कि यह क्राइसिस कब तक जारी रहेगी. ग्रोथ आउटलुक पर इसका सीधा असर होता हुआ देखा जा रहा है.60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक

ताजा आंकड़ों से कारखानों के ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात और खरीद में नए सिरे से संकुचन का पता चलता है. इसके अलावा समीक्षाधीन माह के दौरान व्यापार आशावाद में कमी आई और लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ा. कोविड-19 प्रतिबंधों ने भारतीय सामानों की अंतरराष्ट्रीय मांग को भी कम कर दिया और दस महीनों में पहली बार नए निर्यात ऑर्डर में कमी आई.

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48 वार्ड पर महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा
एमसीडी में 50 फीसदी वार्ड महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। इसी का असर है कि मतदान में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। दिल्ली में कुल 50.48 फीसदी मतदान हुआ है। इसमें 51.03 पुरुष, जबकि 49.83 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया है। इससे इतर दिल्ली के 48 से अधिक वार्ड हैं, जहां पुरुष मतदाताओं का मत प्रतिशत महिला 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक मतदाताओं के मत प्रतिशत से कम है। खास बात की इसमें ग्रामीण इलाके के होलंबी कला, बुराड़ी, तिमारपुर, मुकुंदपुर जैसे गांव के वार्ड शामिल हैं। सरिता विहार, मंडावली, आईपी एक्सटेंशन जैसे वार्ड भी जहां कुल पुरुष व महिला मतदाता में महिलाओं का मत करने का प्रतिशत पुरुषों की तुलना में ज्यादा है।

इन इलाकों में भी वोटरों ने उत्साह दिखाया
विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर-पूर्वी जिले में मतदाताओं का गुस्सा निगम चुनाव में नजर आ रहा है। यहां मुस्लिम बहुल होने के साथ दंगा प्रभावित 6 वार्ड चौहान बांगर, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, बृजपुरी कर्दमपुरी और नेहरू विहार वार्ड है, जहां पर 60 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। नेहरू विहार वह वार्ड है, जहां दंगा आरोपी ताहिस हुसैन पार्षद भी रहा है। इसके उलट अगर ओखला, जाकिर नगर, अबु फजल एनक्लेव, बल्ली मरान, दिल्ली गेट जैसे वार्ड को देखे तो यहां पर मतदाताओं ने मतदान में बहुत उत्साह नहीं दिखाया है। यहां सभी जगह 45-55 फीसदी के बीच ही मतदान हुआ है।

रेटिंग: 4.68
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 434