पते KYC प्रक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और समय-समय पर पते को अद्यतन करने के लिए एक मध्यस्थ की आवश्यकता होती है, लेकिन कुछ मामलों में, ग्राहकों के सटीक या अद्यतन पते का रखरखाव नहीं किया जाता है। जब SEBI ऐसे पतों पर किसी भी प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान कोई नोटिस जारी करता है, तो वह अप्रभावित रहता है।
सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश
SEBI ने नए MF नामांकन नियम 1 अक्टूबर तक स्थगित किये; BSE पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नामांकन पर नए नियमों के कार्यान्वयन को 1 अक्टूबर, 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया है, जो 1 अगस्त, 2022 से लागू होने वाले थे।
- उसी के लिए परिपत्र SEBI अधिनियम, 1992 की धारा 11 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया है, जिसे SEBI (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996 के विनियमन 77 के प्रावधान के साथ पढ़ा गया है।
- ये नियम निवेशकों को म्युचुअल फंड इकाइयों की सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश सदस्यता लेने, नामांकन का विवरण जमा करने या नामांकन से बाहर निकलने का आदेश देते हैं।
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सेबी ने उक्त आवेदन में अपने वकील प्रताप वेणुगोपाल के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि, समूह द्वारा बार बार बतलाया जा रहा है कि वे निवेशकों का धन कैश सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश और चेक के माध्यम से लौटा रहे हैं, परंतु जब कैश बहिखातों एवं बैंक बहिखातों की छानबीन की गई तो कंपनी द्वारा किए यह दावे खोखले साबित होते नज़र आए। साथ ही जब निवेशकों द्वारा जमा किए एप्लीकेशन फॉर्म की जांच पड़ताल की गई तो उनमें से फॉर्म के अनुबंध, सहायक डॉक्यूमेंट और निवेश दस्तावेजों के नियम और शर्तों को हटा दिया गया है।
आवेदन में मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को जानकारी दी गई जिसमें ग्रुप द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के फर्जी होने की बात की गई है। सेबी ने कहा कि, जब निवेशकों के बॉन्ड दस्तावेजों को देखा गया तो मालूम हुआ कि उनके KYC दस्तावेज़ और एफिडेविट वास्तविक नहीं हैं। सेबी ने कहा कि यह दस्तावेज़ निवेशकों द्वारा बनाए ही नहीं गए है बल्कि सहारा की फर्मों सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश द्वारा अपने दावों के समर्थन में फर्जी तरीके से एक साथ बनाए गए हैं। इसलिए इन दस्तावेजों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
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सेबी के वकील वेणुगोपाल ने बताया कि बात करें दस्तावेजों को जमा करने की तो सहारा द्वारा इसका अननुपालन बार बार जानकर किया गया है, साथ ही बात करें समूह द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों के प्रमाणीकरण की तो वह पूरी तरह से गलत हैं और भरोसे लायक नहीं हैं। इसलिए ग्रुप की संपत्ति को कुर्क कर उसकी बिक्री करनी चाहिए और निवेशकों के धन की सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश वसूली की जाना चाहिए।
आपको बता दें यह पूरा मामला 24000 करोड़ रुपए के समूह द्वारा सेबी के नियमों का पालन न करते हुए अनाधिकारिक रूप से बेचे गए बॉन्ड का है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को आदेश दिया था कि वे अनाधिकारिक रूप से लिए निवेशकों के पैसे को सेबी के पास वापस जमा कराएं। जिसमें सहारा का कहना था कि वे पहले ही ज्यादातर निवेशकों का पैसा वापस कर चुके हैं, पर जब सेबी द्वारा दस्तावेजों को खंगाला गया तो सहारा के यह दावे फर्जी निकले।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सेबी द्वारा सहारा समूह (सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश Sahara Group) की दो फर्मों को अदालत के पहले के आदेशों के अनुपालन में 62,602.90 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिए हैं , यदि वे भुगतान में विफल रहते हैं तो सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को एक बार फिर हिरासत में ले लिया जाएगा।
आपको बता दें सुब्रत रॉय को अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहली बार पैरोल दी गई थी, और समय-समय पर इसे बढ़ाया गया है। उन्हें 2012 के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए 4 मार्च 2014 से न्यायिक हिरासत में भेज सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश दिया गया था, जिसके बाद रॉय और समूह के दो निदेशक दिल्ली की तिहाड़ जेल में दो साल तक बंद रहे।
KYC में गलत पता दिया तो बंद हो जाएगा डीमैट अकाउंट, सेबी ने जारी किए नए नियम
नई दिल्लीः बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपर्याप्त केवाईसी के मामले में निवेशकों के ट्रेडिंग एवं डीमैट खातों को अपने आप निष्क्रिय करने के लिए शुक्रवार को नए नियम जारी किए। ये नियम 31 अगस्त से लागू हो जाएंगे। सेबी ने कहा है कि पता किसी भी केवाईसी का एक महत्वपूर्ण भाग है और इसे एकदम सही होना चाहिए।
केवाईसी के तहत पते को समय-समय पर बिचौलिए के माध्यम से अपडेट किया जाना चाहिए लेकिन सेबी ने पाया है कि ऐसा नहीं हो रहा है। दरअसल, सेबी जब किसी कार्यवाही को लेकर डीमैट खाताधारकों को नोटिस भेजता है तो वे संबंधित खाताधारक तक पहुंचते ही नहीं है। अब नए नियमों के तहत मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (एमआईआई) जैसे शेयर मार्केट, को संबंधित खाताधारक को कारण बताओ नोटिस या नियामक द्वारा जारी आदेश खुद पहुंचाना होगा।
30 दिन में जमा करनी होगी रशीद
एमआईआई को 30 दिन के अंदर इस बात का सबूत सेबी के पास जमा करना होगा कि नोटिस संबंधित इकाई ने रिसीव कर लिया है। 30 में से पहला दिन उसे माना जाएगा जिस दिन एमआईआई को सेबी को ओर से नोटिस सर्व करने का निर्देश मिलेगा। जिस व्यक्ति को नोटिस मिलना है अगर एमआईआई ने उससे 30 दिन के अंदर कोई नोटिस प्राप्ति रशीद हासिल नहीं की तो उसके बाद 5 दिन के अंदर उस शख्स के सभी डीमैट अकाउंट बंद कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि प्राप्ति रशीद पर प्राप्तकर्ता के या उसके द्वारा अधिकृत किसी शख्स के सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश हस्ताक्षर होने चाहिए।
सेबी ने कहा है कि एमआईआई को उसके और संबंधित इकाई/शख्स के सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश बिचौलिए तक इस बात की जानकारी पहुंचानी होगी कि उनका डीमैट अकाउंट बंद किया जा रहा है। साथ उन्हें इसका कारण भी बताना होगा। बंद किए जाने के बाद संबंधित इकाई बिचौलिए की मदद से दोबारा अकाउंट ओपन करने के लिए आवेदन कर सकती है। इस बार उन्हें पते की सही जानकारी देनी सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश होगी।
PACL: निवेशकों का पैसा वापस मिलने की उम्मीद, प्रॉपर्टी बेचने की अनुमति | NATIONAL NEWS
बठिंडा। सुप्रीम कोर्ट ने 49100 करोड़ के चिटफंड घोटाले में पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड के निवेशकों के रिफंड की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और लोढ़ा कमेटी की अगुवाई में पर्ल्स को जमीन बेचने के अधिकार दे दिए हैं। कोर्ट की सुनवाई में सेबी ने कहा सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश है कि वह दो साल से प्रॉपर्टी बेचने के लिए काम कर रहे हैं लेकिन बेचने में असमर्थ हैं। इस पर सुझाव दिया गया कि पीएसीएल को ही जायदाद बेचने का अधिकार दिया जाए। 23 फरवरी को हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट'ने सुझाव को मानते आदेश दिया है कि जस्टिस लोढ़ा और सेबी की देखरेख में पीएसीएल अपनी प्रॉपर्टी बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने का काम करे। इसकी समय सीमा कमेटी और सेबी अपने स्तर पर तय कर सकता है। सेबी व लोढ़ा कमेटी कंपनी की एसेट की बिक्री बाजार मूल्य में करवाकर निवेशकों का करीब 49100 करोड़ रकम लौटाएगी।
सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश
SEBI ने नए MF नामांकन नियम 1 अक्टूबर तक स्थगित किये; BSE पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए नामांकन पर नए नियमों के कार्यान्वयन को 1 अक्टूबर, 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया है, जो 1 अगस्त, 2022 से लागू होने वाले थे।
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