क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल

भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए क्यों?

भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.

अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.

दूसरा पक्ष यह है कि सरकार इसे पेमेंट का माध्यम मानने से इनकार कर रही है. हाल ही में संसद की ओर से जारी एक बुलेटिन में कहा गया कि बिटकॉइन या इथेरियम जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है. यानि इनसे कोई भी दूसरा सामान नहीं खरीदा जा सकेगा.

नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया

सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.

प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.

ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं

एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.

हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.

कंपनियों को सरकार के फैसले का इंतजार

भारत में स्थित क्रिप्टो कंपनियां फिलहाल सरकार के बिल लाने का इंतजार कर रही हैं. वह कई वर्षों से सरकार क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? के साथ बातचीत कर रही थीं क्योंकि उन्हें मालूम है कि रेगुलेशन और कानून आने से उन्हीं का फायदा होगा और क्रिप्टो को लेकर आम लोगों में विश्वास जगेगा. यही वजह है कि क्रिप्टो बिल को लेकर तमाम अटकलों के बावजूद अरबों की संपत्ति वाला क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स अब अपना आईपीओ शेयर बाजार में लाने वाला है. आईपीओ के जरिए उसे विस्तार मिलेगा और वह आम लोगों में अपने शेयर बेचकर धन की उगाही कर सकेगा.

कई देशों में बिटकॉइन के प्रचार की कोशिशें हो रही हैंतस्वीर: Salvador Melendez/AP Photo/picture alliance

भारत को लेकर बड़ी कंपनिया आश्वस्त हैं कि यहां चीन की तरह क्रिप्टो पर बैन लगाकर तानाशाही नहीं चलेगी. एनालिटिक फर्म चेनएनालिसिस ने भी भारत को क्रिप्टो का हब करार दिया है, जो बिना किसी गाइडलाइंस के देश ने हासिल किया है. यह बड़ी उपलब्धि है और सरकार को इसे गंवाना नहीं चाहिए.

फिलहाल सरकार को ब्लॉकचेन तकनीक से कोई दिक्कत नहीं, न ही क्रिप्टोकरेंसी इनकम पर मिलने वाले टैक्स से. लेकिन विडंबना यह है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को भी आतुर है. यह वही बात हो गई है कि कमरे में हाथी रखा है और सबने उसकी अपनी तरह से व्याख्या की है. भारत सरकार को क्रिप्टोकरेंसी पर व्यापक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए. एक ऐसा देश जो आईटी सेक्टर का हब हो, जहां 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हो और जिसने डिजिटल इंडिया का ख्बाव देखा हो, वह ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी के उदय के दौर में पिछड़ कर रह जाएगा.

ये भी देखिए: बिटकॉइन कैसे काम करता है और यह किस काम आता है

Cryptocurrency: यह मालवेयर खाली कर सकता है आपका Crypto Wallet, जानें कैसे रहें सेफ

एक बार BHUNT मालवेयर आपके सिस्टम में पहुंच जाता है तो यह PC में स्टोर आपके Exodus, Electrum, Atomic, Etherium, Bitcoin, Litcoin, Jaxx जैसे क्रिप्टो वॉलेट पर हमला करता है।

  • Mohammad Faisal
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  • Updated: January 23, 2022 3:24 PM IST

Crypto Wallet

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Cryptocurrency को स्टोर करने के लिए फिजिकल वॉलेट के साथ-साथ हॉट वॉलेट भी इस्तेमाल की जाती हैं। इन Crypto Wallet में सिक्योरिटी फ्रेज के पीछे यूजर्स की हजारों-लाखों रुपये के Crypto Token और Coins स्टोर होते हैं। मगर साइबर क्रिमिनल्स ने अब इन वॉलेट को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप

साइबर सिक्यूरिटी फर्म Bitdefender ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि साइबर अपराधी अब यूजर्स के Crypto Wallet की सामग्री, पासवर्ड और सिक्योरिटी फ्रेज की चोरी कर रहे हैं, जिन्हें उपयोगकर्ताओं अपने PC पर स्टोर करते हैं। बिटडिफेंडर के अनुसार, इस चोरी को अंजाम देने के लिए BHUNT मालवेयर को इस्तेमाल किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि यह मालवेयर कैसे काम करता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं। Also Read - Apex Legends Mobile कर बैठा गलती, वक्त से पहले जोड़ दिया Crypto लेजेंड

Crypto Wallet से चोरी कर रहा BHUNT मालवेयर

Crypto Wallet एक सिक्योरिटी फ्रेज के जरिए लॉक किए जाते हैं। इस फ्रेज के बिना क्रिप्टो ओनर भी अपने वॉलेट को एक्सेस नहीं कर सकते। यही फ्रेज इन वॉलेट की “प्राइवेट की” होती है जो इन्हें सिक्योर बनाती है। डेस्कटॉप वॉलेट इन “प्राइवेट कीज” को PC की हार्ड ड्राइव या SSD पर रखते हैं, जिसकी वजह से ये वेब या मोबाइल वॉलेट से ज्यादा सिक्योर माने जाते हैं। मगर BHUNT मालवेयर आपके PC पर हमला करके इन सिक्योरिटी फ्रेज को एक्सेस कर सकता है। Also Read - Top 5 Stable Coins: Tether (USDT) से TrueUSD (TUSD) तक टॉप 5 स्टेबल Cryptocurrency, जिनकी कीमत रहती है डॉलर के बराबर

Bitdefender का कहना है कि BHUNT मालवेयर यूजर के कंप्यूटर में पायरेटेड सॉफ्टवेयर के जरिए प्रवेश करता है। ये पायरेटेड सॉफ्टवेयर अक्सर टोरेंट के जरिए या मलिशियस वेबसाइट्स से डाउनलोड किए जाते हैं। एक बार इन सॉफ्टवेयर के साथ यह मालवेयर आपके सिस्टम में पहुंच जाता है तो यह PC में स्टोर आपके Exodus, Electrum, Atomic, Etherium, Bitcoin, Litcoin, Jaxx जैसे क्रिप्टो वॉलेट पर हमला करता है। रिपोर्ट का कहना है कि यह मालवेयर इन वॉलेट में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी को दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर सकता है।

Cryptocurrency के साथ पासवर्ड भी चोरी

बिटडेफेंडर की रिपोर्ट का कहना है कि BHUNT मालवेयर मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से संबंधित जानकारी चोरी करने पर केंद्रित है मगर यह ब्राउजर में स्टोर आपके पासवर्ड और कुकीज भी चोरी कर सकता है। यह मालवेयर आसानी से आपके सोशल मीडिया, बैंकिंग और दूसरे पासवर्ड चुरा सकता है। साइबर क्रिमिनल द्वारा इस जानकारी का इस्तेमाल आइडेंटिटी टेकओवर के लिए भी किया जा सकता है।

कितना खतरनाक है BHUNT?

Bitdefender का कहना है कि इस मालवेयर को जो चीज खतरनाक बनाती है वह है इसका एन्क्रिप्टेड और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित सॉफ्टवेयर के रूप में पैक होना। इसकी वजह से यूजर का कंप्यूटर मालवेयर का पता नहीं लगा पाता। सिक्योरिटी फर्म ने कहा:

“हमारे सभी टेलीमेट्री होम यूजर्स से आए हैं जिनके सिस्टम पर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट सॉफ्टवेयर स्टोर होने की अधिक संभावना है। इस टारगेट ग्रुप की ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर के लिए क्रैक इंस्टॉल करने की अधिक संभावना है, जो हमें संदेह है कि इन्फेक्शन का मेन सोर्स है।”

इस मालवेयर का दुनिया भर में पता चला है और इसके सबसे ज्यादा टारगेट भारत पाए गए हैं। इंडिया के बाद इस मालवेयर के अटैक लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, नॉर्वे, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन और अमेरिका जैसे देश हैं।

कैसे बचना है इस मालवेयर से

BHUNT से संक्रमित होने से बचने के लिए, सिक्योरिटी फर्म नोट करती है कि उपयोगकर्ताओं को पायरेटेड सॉफ्टवेयर, क्रैक और इल्लीगल प्रोडक्ट्स को डाउनलोड करने से बचना चाहिए।

इसी तरह का केस पिछले साल दिसंबर में देखने को मिला था जब टोरेंट साइटों से ‘Spider-Man: No Way Home’ डाउनलोड करने पर यूजर्स को एक क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मालवेयर का सामना करना पड़ा।

  • Published Date: January 23, 2022 3:23 PM IST
  • Updated Date: January 23, 2022 3:24 PM IST

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50 हजार रुपये लगाकर कैसे इस शख्स ने खड़ी कर दी 50 करोड़ के रेवेन्यू वाली कंपनी

50 हजार रुपये लगाकर कैसे इस शख्स ने खड़ी कर दी 50 करोड़ के रेवेन्यू वाली कंपनी

भारत में अभी भी जहां एक ओर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को उभरती हुई टेक्नोलॉजी में गिना जाता है वहीं दूसरी ओर एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 50,000 रुपये का निवेश कर इस टेक्नोलॉजी की बदौलत 50 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाने वाली कंपनी खड़ी कर दी. जानिए .ये शख्स कौन है, और कैसे उन्होंने क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? ये कंपनी खड़ी की?

Markets&Markets की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल ब्लॉकचेन मार्केट का आकार 68.4% के CAGR (compound annual growth rate) से 2026 तक 67.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. भारत में अभी भी जहां एक ओर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को उभरती हुई टेक्नोलॉजी में गिना जाता है वहीं दूसरी ओर एक ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 50,000 रुपये का निवेश कर इस टेक्नोलॉजी की बदौलत 50 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाने वाली कंपनी खड़ी कर दी.

उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले अभिजीत शुक्ला Tarality Ecosystems Pvt. Ltd. और Revolution Games के सीईओ और डायरेक्टर हैं. झांसी के बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से बी.टेक कर चुके अभिजीत को बैंकिंग और फाइनेंस इंडस्ट्री में भी काम करने का अनुभव है. वे बतौर लीड कंप्यूटर साइंटिस्ट कई संवेदनशील और महत्वपूर्ण सरकारी परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं जैसे पंचायत राज मंत्रालय, नेशनल एसेट ऑफ डायरेक्ट्री, GPDP की कार्रवाई, स्वामित्व परियोजना, आदि.

अभिजीत ने बीते साल दिसंबर महीने में Tarality Ecosystems Pvt. Ltd. को इन्कॉर्पोरेट किया. यह एक क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए टोकन खरीदे और बेचे जा सकते हैं.

Tarality का बिजनेस मॉडल?

Tarality का लक्ष्य निवेशकों के लिए टोकन खरीदना और बेचना आसान बनाना है. प्लेटफ़ॉर्म क्रिप्टोकरेंसी खरीदने, बेचने और ट्रेड करने के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त अनुपालन मानकों के साथ एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है. कंपनी पारदर्शिता और Binance स्मार्ट सीरीज का उपयोग करने में अग्रणी है. वास्तव में, Tarality की Revolution Games इसे आगे ले जाने में सक्षम है. Revolution Games में आप अपनी पसंदीदा टीमों और खिलाड़ियों को एड करना शुरू कर सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल एक क्रिप्टो माइनिंग प्लेटफॉर्म के रूप में, एक मर्चेंट पेमेंट सिस्टम के रूप में, बिल पेमेंट सिस्टम, डेफी, डेक्स, और एक बैंकिंग सिस्टम के रूप में भी किया जा सकता है.

कैसे काम करती है Tarality

Binance Smart Chain (BSC) क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए सबसे अत्याधुनिक ब्लॉकचेन समाधान है जो कम फीस और क्विक ट्रांजेक्शन को सक्षम बनाता है. इसे उपयोग करने के लिए सरल और सहज बनाया गया है, इसलिए आप कुछ ही समय में अपनी पसंदीदा टीमों और खिलाड़ियों को जोड़ना शुरू कर सकते हैं. यहां, यूजर्स को टोकन के जरिए रिवार्ड दिया जाता है. गेम जीतने पर आपको एक टोकन मिलता है और एडमिनिस्ट्रेटर भी अधिकांश एक्टिव यूजर्स पर कुछ टोकन एयर ड्रॉप करते हैं.

इन्वेस्टमेंट और रेवेन्यू?

अभिजीत शुक्ला बताते हैं, " शुरुआत में हमने 50,000 रुपये का निवेश किया है. कुछ प्रयास करने के बाद हमें बाजार से कुछ सकारात्मक परिणाम मिलते हैं. उसके बाद हमने अपनी कुछ एसेट्स बेची और हमने लगभग 30 - 40 लाख का शुरुआती निवेश किया." कंपनी ने अभी तक कोई फंडिंग नहीं जुटाई है.

रेवेन्यू मॉडल TARAL क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? टोकन है जो प्लेटफ़ॉर्म यूजर्स को मुहैया करता है. यूजर्स टोकन खरीद सकते हैं और उन्हें ट्रेड कर सकते हैं और फिर टोकन को बेच सकते हैं. Tarality के अपने ऐप पर विज्ञापनों के क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? जरिए कमाई करता है. विज्ञापन देखकर यूजर TARAL टोकन भी कमा सकते हैं. Tarality मेटावर्स यूजर्स को NFT (non-fungible token) खरीदने की अनुमति देता है.

रेवेन्यू को लेकर बोलते हुए अभिजीत बताते हैं, "फिलहाल हमने 50 करोड़ का नेट रेवेन्यू हासिल किया है. इस वित्त वर्ष के अंत तक हमें लगभग 100 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने की उम्मीद है."

कंपनी की यूएसपी के बारे में बात करते हुए शुक्ला बताते हैं," TARAL अगली पीढ़ी के क्रिप्टो बैंकिंग जैसे स्टेकिंग, स्वैपिंग, एक्सचेंज, बैंकिंग और इंश्योरेंस के कई मॉड्यूल उपलब्ध कराने में अग्रणी है. वहीं, Revolution Games में कुछ ट्रिक्स भी हैं. यह हमारे खेल-प्रेमी समुदाय के सदस्यों की आवश्यकताओं पर केंद्रित है क्योंकि यह एक स्पोर्ट्स कम्यूनिटी द्वारा विकसित किया गया था. एथलीटों के साथ-साथ, यह खेलों में समूहों और संगठनों पर भी लागू होता है. खेल टीमों के प्रशंसक भी उन टीमों के एनएफटी तक पहुंच सकते हैं, उन्हें मिंट कर सकते हैं, और उन्हें खरीद सकते हैं, बेच सकते हैं. ऐसे करके वे उनसे पैसा कमाना चाहते हैं."

भविष्य की क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? योजनाएं

TARAL का उद्देश्य NFT स्पोर्ट्स की दुनिया में Revolution Games की स्थापना के माध्यम से अपनी जगह बनाना है. Revolution Games का मिशन अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग गेम्स के लिए एक इकोसिस्टम बनाना है. यह क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? एक एन्क्रिप्टेड दुनिया में वर्टिकल स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए एक सर्विस प्लेटफॉर्म बनाने की भी योजना बना रहा है. Revolution Games का विजन इसे वैश्विक मानदंडों के साथ सुरक्षा और अनुपालन की सेटिंग में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने, बेचने और ट्रेड करने के लिए सही बाज़ार में व्यवस्थित करना है.

संसद टीवी संवाद

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।

यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।

विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

सलमान खान ने भारत का पहला क्रिप्टो टोकन GARI लॉन्च किया, जानें यह क्या है और इसका कैसे उपयोग करें..

first crypto token GARI

दिल्ली | बिटकॉइन की कीमत पहले कभी नहीं बढ़ने के साथ पूरे देश में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज फैल गया है। हिंदी मनोरंजन उद्योग भी अपूरणीय टोकन या एनएफटी लॉन्च करने या क्रिप्टोक्यूरेंसी प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए बैंडबाजे में शामिल क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? हो गया है। ब्लॉक में नवीनतम प्रवेश बॉलीवुड मेगास्टार सलमान खान है। सुपरस्टार ने हाल ही में गारी का अनावरण किया है – माइक्रो-कंटेंट, लघु वीडियो एप्लिकेशन चिंगारी द्वारा लॉन्च किया गया भारत का पहला क्रिप्टो टोकन। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इसे आधिकारिक बनाते हुए सलमान खान ने कहा कि मैं आधिकारिक तौर पर चिंगारी के इन ऐप GARI टोकन रिवॉर्ड प्रोग्राम और इसके NFT मार्केटप्लेस को लॉन्च कर रहा हूं। आप मेरे वीडियो एनएफटी खरीद सकते हैं विशेष रूप से गारी एनएफटी मार्केटप्लेस पर। सामग्री निर्माण और मुद्रीकरण में एक नए अध्याय के लिए चीयर्स . #ChingariKiGari #GariTokens। ( first crypto token GARI)

$GARI टोकन क्या है?

शॉर्ट-वीडियो एप्लिकेशन चिंगारी ने अपने क्रिप्टो टोकन GARI के साथ क्रिप्टोक्यूरेंसी की दुनिया में कदम रखा है। कंपनी ने कहा कि एक वैकल्पिक ब्लॉकचैन टोकन GARI भविष्य में इन-ऐप मुद्रा और एक शासन टोकन के रूप में दोनों की सेवा करेगा। टोकन सोलाना ब्लॉकचैन के साथ साझेदारी में बनाया जाएगा।

चिंगारी ने रचनाकारों के लिए GARI टोकन क्यों पेश किए

कंपनी ने कहा कि सामाजिक टोकन एक व्यक्ति ब्रांड या समुदाय द्वारा समर्थित डिजिटल संपत्ति हैं। वे रचनाकारों को अधिक समान वेतन प्राप्त करने और दर्शकों के भीतर गहरे संबंध बनाने की अनुमति देते हैं। हम गारी को चिंगारी रचनाकारों के समुदाय के लिए एक सामाजिक टोकन के रूप में पेश करते हैं जो उन्हें डीएओ के माध्यम से भविष्य के मंच के विकास पर शासन अधिकार देगा और एक परिपत्र अर्थव्यवस्था का निर्माण करेगा। वीडियो एप्लिकेशन ने आगे विस्तार से बताया। GARI टोकन के साथ चिंगारी का लक्ष्य सामग्री निर्माताओं और दर्शकों के दैनिक जीवन में क्रिप्टोकरेंसी का संचार करना है। टोकन या सिक्कों का क्रमिक उपयोग लंबे समय में टोकन को आसानी से अपनाना सुनिश्चित करेगा। चिंगारी एप्लिकेशन का सरल यांत्रिकी भी नए उपभोक्ताओं को परिचित अल्पकालिक उपकरण के साथ क्रिप्टो की दुनिया में प्रवेश करने में मदद करेगा।

कोई कैसे GARI टोकन का उपयोग कर सकता है

चिंगारी ऐप के उपयोगकर्ता अपने काउंटर पार्टियों के साथ जुड़ने और लेन-देन करने, गवर्नेंस वोट देने और प्लेटफॉर्म एंगेजमेंट और यूजर बेस ग्रोथ को उत्प्रेरित करने के लिए ऐप के अंदर और बाहर दोनों जगह GARI टोकन का उपयोग कर सकते हैं। चिंगारी पारिस्थितिकी तंत्र अभिनेताओं के चार समूहों द्वारा संचालित होता है: 1) सामग्री निर्माता, 2) दर्शक, 3) विज्ञापनदाता, और 4) डेवलपर्स। GARI टोकन प्लेटफॉर्म पर सभी प्रकार के हितधारकों को जोड़ता है। ऐप उपयोगकर्ताओं को दुनिया के साथ शॉर्ट फॉर्म वीडियो बनाने और साझा करने देता है। हर बार जब आप चिंगारी पर वीडियो बनाते हैं, तो आपको गारी टोकन से पुरस्कृत किया जाता है। उपयोगकर्ता चिंगारी एप्लिकेशन के माध्यम से शॉर्ट फॉर्म वीडियो बना और साझा कर सकते हैं। जब भी कोई निर्माता कोई वीडियो बनाता है तो उसे GARI टोकन से पुरस्कृत किया जाएगा।

वाणिज्य लेनदेन के लिए भविष्य में गैरी टोकन का उपयोग

दर्शक GARI टोकन का उपयोग अंतरराष्ट्रीय उद्देश्य के लिए भी कर सकते हैं जैसे कि वीडियो या निर्माता प्रोफाइल से सीधे सामान और सेवाएं खरीदने के लिए। वीडियो में दिखाए गए उत्पादों को खरीदने के लिए GARI टोकन का उपयोग किया जा सकता है। चिंगारी पर अपलोड होने वाले प्रत्येक वीडियो को फ्रेम दर फ्रेम पार्स किया जाता है और सभी वस्तुओं का पता लगाया जाता है और फिर उत्पादों की एक लाइव कैटलॉग के साथ मिलान किया जाता है और प्रत्येक वीडियो वास्तविक समय में आपके फ़ीड को हिट करने के लिए सक्षम हो जाता है। ये सभी सामाजिक वीडियो वाणिज्य लेनदेन भविष्य में गैरी टोकन का उपयोग करके किए जाएंगे। सोशल टोकन का उपयोग शासन में दांव लगाने के लिए प्लेटफॉर्म दिशा पर वोट करने और एपीवाई के माध्यम से पुरस्कृत होने के साथ-साथ सामान्य लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग रचनाकारों को उनके काम का समर्थन करने के लिए टिप देने के लिए भी किया जा सकता है। टोकन का उपयोग अनन्य सामग्री और सेवाओं को खरीदने या अनलॉक करने के लिए भी किया जा सकता है।

हमारा मिशन अंतरिक्ष को संस्थागत बनाना ( first crypto token GARI)

कंपनी ने कहा कि लक्ष्य निर्माता और दर्शकों दोनों को तकनीकी और वित्तीय साधनों के साथ एक दूसरे के साथ सीधे बातचीत करने के लिए सशक्त बनाना है और मंच और उत्पाद को प्रभावित करने वाली सामाजिक अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक दिशा पर नियंत्रण रखना है। चिंगारी सामग्री निर्माताओं को अपनी सामग्री के अंदर चिंगारी कौशल के साथ-साथ कुछ सामान (डिजिटल, जैसे एनएफटी सहित) पर पाठ्यक्रम पेश करने की अनुमति देगा। इस तरह के लेनदेन में जीएआरआई में भुगतान की गई निर्धारित कीमत के लिए एक वस्तु का उचित आदान-प्रदान शामिल है। GARI टोकन को कुल आपूर्ति में 1 बिलियन तक सीमित कर दिया गया है और पहले वर्ष के अंत में सर्कुलेटिंग आपूर्ति में 200 से 300 मिलियन का समर्थन करने के लिए एक अनलॉक संरचना है। चिंगारी के संस्थापक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष सुमित घोष ने कहा कि हमारा मिशन अंतरिक्ष को संस्थागत बनाना और डिजिटल एसेट्स और ब्लॉकचेन के पीछे अंतर्निहित पारिस्थितिकी तंत्र और प्रौद्योगिकी के विकास और उन्नति को बढ़ावा देना है। ( first crypto token GARI)

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