सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या सीबीडीसी को यूपीआई की तरह भारत की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है.
Digital E-Rupee Pilot Project, डिजिटल रुपये का पयलेट प्रोजेक्ट क्या है जानें विस्तार से
Digital E-Rupee Pilot Project, भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 1 दिसंबर साल 2022 रिटेल डिजिटल रुपये का पायलेट प्रोजेक्ट लांच कर दिया है। रिजर्व बैंक इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी सीबीडीसी का नाम दिया है। करेंसी को डिजिटल बनाने एवं कैशलेस पेमेंट के गति को बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक ने यह तरीका अपनाया है। इस पायलट प्रोजेक्ट को लेकर बहुत से सवाल उठते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं, क्या पेमेंट का यह नया तरीका यूपीआई और मोबाइल वायलेट वॉलेट जैसे पेटीएम, गूगल पे, फोन पे का डायरेक्ट कंपीटीटर होगा? आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट्स डिजिटल करेंसी को लेकर क्या कह रहे हैं। अगर आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और विशेषज्ञ मार्गदर्शन की तलाश कर रहे हैं, तो आप हमारे जनरल अवेयरनेस ई बुक डाउनलोड कर सकते हैं FREE GK EBook- Download Now. / सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए इस ऐप से करें फ्री में प्रिपरेशन - Safalta Application
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इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड के निदेशक एवं पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया चेयरमैन विश्वास पटेल ने यह कहा है कि यह एक ब्लॉकचेन बेस्ड डिजिटल टोकन फॉर्म करेंसी है। रिटेल डिजिटल करेंसी में आपको बिना किसी बैंक को शामिल किए बिना ही लेन - डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं देन करने में सक्षम होंगे। जैसे कि फिजिकल करेंसी में होता है लेकिन डिजिटल करेंसी से डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं काफी अलग है, जिसमें आपके बैंक खाते से पैसा डेबिट होता है। रिटेल डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक द्वारा लीगल टेंडर इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल होंगे।
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रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी में बांटा है पहला सीबीडीसी-W और सीबडीसी-R, सीबीडीसी-W का अर्थ है करेंसी, और सीबडीसी-R का अर्थ है रिटेल करेंसी, डिजिटल रुपये का लेनदेन पर्सन से पर्सन किया जा सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप में डेवलप करने की दिशा में आरबीआई ने इस कदम को महत्वपूर्ण मानते हुए उठाया है। इस पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए आठ बैंकों की पहचान की गई। GK Capsule Free pdf - Download here
इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में देश भर के 4 शहरों में एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से होगी। जिसके बाद डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इस प्रोजेक्ट में डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं शामिल होंगे।
E-Rupee के क्या फायदे हैं
डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए डिजिटल रुपये मददगार साबित होगा, लोगों को जेब में पैसे लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं होगी। मोबाइल वॉलेट की तरह इससे भी पेमेंट कर सकते हैं। रुपया को बैंक में आसानी से कन्वर्ट कर सकते हैं। विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी। E-Rupee बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करती है। ई-रुपए की वैल्यू मौजूदा करेंसी के बराबर होगी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई की डिजिटल करेंसी रुपए के नुकसान के बारे में बताएं तो इससे पैसे के लेनदेन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी। आमतौर पर केस में लेनदेन करने पर पहचान गुप्त होता है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन होने पर लोग सरकार की निगरानी और नजर होगी। इसके अलावा ई रुपया पर किसी प्रकार का ब्याज भी नहीं मिलेगा। आरबीआई डिजिटल रुपया पर ब्याज देगा तो करेंसी मार्केट में स्थिरता ला सकती है। जिसके कारण लोग अपने सेविंग अकाउंट से पैसे निकालकर डिजिटल करेंसी में पैसे को कन्वर्ट करना शुरू कर देंगे।
CBDC: आरबीआई के ई-रूपी से क्या है फायदा, यूपीआई से कैसे अलग है डिजिटल रुपया, जानिए सब कुछ
नई दिल्ली: भारत का केंद्रीय बैंक आरबीआई जल्द ही देश में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसीया सीबीडीसी की शुरुआत करने जा रहा है. अगर आप भी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के बारे में समझना चाहते डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं हैं तो इसमें सबसे मुख्य बात यह है कि ई करेंसी से लेनदेन में कोई भी इंटरमीडिएरी शामिल नहीं होता. ई करेंसी के जरिए किया जाने वाला ट्रांजैक्शन गुप्त रह सकता है, जैसा नकदी में होता है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की घोषणा करने के बाद यह कहा है.
Success Story: ₹60,000 से शुरू समृद्धि ऑटोमेशन का कारोबार 160 करोड़ के पार, जनिए संजीव सहगल के संघर्ष डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं की कहानी
सीबीडीसी का मुख्य उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को और आसान और सुरक्षित बनाना है. e-RUPI को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ मिलकर बनाया है. e-RUPI एक कैश और कॉन्टैक्ट लैस पेमेंट मोड के तौर पर पेश किया गया है.
अगर आप भी भर्ती रिजर्व बैंक की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी या ई रुपए के बारे में यह जानना चाहते हैं कि हमारी जिंदगी कैसे बदल सकता है तो हम आपको इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं हैं.
1 दिसंबर से यूज कर पाएंगी करेंसी नोटों का डिजिटल स्वरूप, मिलेंगे कई सारे डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं फायदे
आरबीआई समय-समय पर कई सारी सुविधाओं को लोगों के लिए शुरू करता रहता है। आज से आरबीआई ने डिजिटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके माध्यम से आपको कई सारे फायदे मिलेंगे जो हम आपको इस लेख में बताएंगे और इसके साथ-साथ आपको यह भी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं बताएंगे कि आप कैसे इसका यूज कर पाएंगी।
जानिए क्या है डिजिटल करेंसी?
आज के समय में डिजिटली ट्रांजेक्शन बहुत इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि रिटेल यूज के लिए हाल ही में 1 नवंबर को केंद्रीय बैंक ने सिर्फ होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया था लेकिन आज से यानी 1 दिसंबर से इस डिजिटल करेंसी को रिटेल यूज के लिए भी लॉन्च कर दिया गया है।
इसके साथ आपको यह भी बता दें कि यह रिटेल डिजिटल करेंसी के लिए पहला पायलट प्रोजेक्ट भी है। यह अभी कुछ स्थानों पर ही शुरू किया जाएगा और इसकी सफलता के बाद बाकी जगहों को धीरे-धीरे इससे जोड़ा जाएगा। आपको बता दें कि इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) भी कहा जाता है।
कैसे कर सकती हैं डिजिटल करेंसी का यूज?
डिजिटल करेंसी को आरबीआई की तरफ से जारी किया गया है। आपको बता दें कि यह एक डिजिटल टोकन की तरह से काम करेगा। इसका यूज आप आसानी से अपने साधारण रुपये के लेन-देन की तरह की कर पाएंगी। इस डिजिटल करेंसी को ई-रुपये भी कहा जाता है। (100, 200, 500 और 2000 रुपए के एक नोट को छापने में खर्च होते हैं इतने रुपए)
आपको बता दें कि इसका डिस्ट्रीब्यूशन हमारे देश में मौजूद बैंकों के द्वारा ही होगा। अगर आप इसका यूज करना चाहती हैं तो आप डिजिटल वॉलेट के माध्यम से इसका यूज कर पाएंगी। इसके करेंसी की मदद से आप किसी अन्य व्यक्ति से भी लेन-देन कर सकती हैं।
इसके साथ-साथ आप किसी दुकानदार से भी करेंसी नोट के इस डिजिटल स्वरूप की मदद से लेनदेन कर सकती हैं। इसका यूज करने के लिए आपको क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा।
मिलेंगे ये फायदे
अगर आपके पास कैश नहीं होंगा तो इस डिजिटल करेंसी की मदद से आप आसानी से पेमेंट कर पाएंगी। इसके साथ-साथ आपको सबसे बड़ा फायदा यह मिलेगा कि आप बिना इंटरनेट के भी इसका यूज कर पाएंगी और इसकी वैल्यू भी उतनी ही होगी जितनी करेंसी की होती है। आप आसानी से इस करेंसी के माध्यम से मोबाइल वॉलेट से ही पेमेंट कर पाएंगी। इसके अलावा काला धन और मनी लॉन्ड्रिंग पर भी लगाम लगेगी।
तो यह थी जानकारी डिजिटल करेंसी से जुड़ी हुई। उम्मीद है कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें आर्टिकल के नीचे आ रहे कमेंट सेक्शन में कमेंट करके जरूर बताएं और जुड़े रहें हमारी वेबसाइट हरजिंदगी के साथ।
क्या है ई-रुपया, आम आदमी कैसे कर पाएगा डिजिटल करेंसी में लेनदेन, क्या होंगे फायदे; जानिए सबकुछ
भारतीय रिजर्व बैंक 1 दिसंबर को डिजिटल रुपी (ई-रुपया) के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च करने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब डिजिटल रुपी (Central Bank Digital Currency) का उपयोग रिटेल में इस्तेमाल के लिए किया जाएगा। आखिर क्या है डिजिटल रुपया और ये किस तरह करेगा काम? आइए जानते हैं।
Digital Rupee: भारतीय रिजर्व बैंक 1 दिसंबर को डिजिटल रुपी (ई-रुपया) के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च करने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब डिजिटल रुपी (Central Bank Digital Currency) का उपयोग रिटेल में इस्तेमाल के लिए किया जाएगा। इसके लिए रिजर्व बैंक ने देश की कुछ चुनिंदा लोकेशंस पर इसे रोलआउट करने का प्लान बनाया है। बता दें कि इससे पहले 1 नवंबर को केवल होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था। बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत रिटेल सेगमेंट में शुरू किए गए ई-रुपया में रिजर्व बैंक आने वाली चुनौतियों को परखेगा और इसके बाद ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा। आखिर क्या है डिजिटल रुपया और ये किस तरह करेगा काम? आइए जानते हैं।
Features of e-RUPI Digital Payment
- यूजर्स इस वाउचर को बिना किसी पेमेंट ऐप, इंटरनेट बैंकिंग या कार्ड के रिडीम कर सकते हैं!
- भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर ई रूपी डिजिटल भुगतान सेवा विकसित की है!
- सहयोगी भागीदार वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण हैं!
- इस पहल के माध्यम से सेवाओं के प्रायोजक को लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं के साथ जोड़ा जाएगा। यह कनेक्शन बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के डिजिटल तरीके से आयोजित किया जाएगा!
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