Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: August 31, 2022 13:00 IST

Dividend kya hota Hai | Dividend meaning in Hindi

Dividend kya hai क्या आपको पता है अगर dividend के बारे में कुछ भी पता नहीं है तो आपको हम Dividend meaning in hindi डिविडेंड कितना और कब मिलता है। की जानकारी देने वाले हैं। तो आईये जानते हैं डिविडेंड क्या होता है और कौनसी कंपनी Dividend देती हैं।

डिविडेंड क्या होता है | What is Dividend in Hindi

डिविडेंड का मतलब कंपनी के द्वारा अपने शेयर होल्डर को शुद्ध लाभ यानि Net Profit में कुछ हिस्सा कुछ राशि लाभ के रूप में देती हैं। कंपनी शेयर धारको की निवेश की गई राशि के हिसाब से देती हैं.

अगर टाटा के मेरे पास 200 शेयर है। और कंपनी एलान करती हैं 20₹ प्रति शेयर का Dividend देंगी तो मुझे 200×20 = 4000 रूपए मिलेंगे। अब तो आप Dividend ka matlab kya hai समझ गए हैं। अब Dividनिकाले ना ज़रूरी होता है क्या? तो चलिए जानते हैं।

कंपनी के लिए डिविडेंड देना ज़रूरी है या नहीं

ऐसी बहुत सारी कंपनी है जो डिविडेंड देती हैं। लेकिन अब कंपनी को डिविडेंड देना ही पड़ेगा ऐसा ज़रूरी नहीं है। कंपनी डिविडेंड देंगी या नहीं ये कंपनी के Board Member Decide करते हैं।

ऐसी भी कंपनी है जिनका डिविडेंड देने का काफी सालो से रिकॉर्ड रहा है। जो कंपनी अपने निवेशक को डिविडेंड देती हैं। मतलब वो काफी ज़्यादा मात्रा में प्रॉफिट कमा रही है। लेकिन कंपनी ज़्यादा प्रॉफिट कमाए तो डिविडेंड देगी। यह भी ज़रूरी नहीं है। अब तो आप समझ गए हैं। कंपनी पर डिविडेंड देना compulsory नहीं होता है

कंपनी कितना डिविडेंड दे सकती हैं

कंपनी अपने शेयर धारको को कितना डिविडेंड देगी ये उसके Face Value पर Decide निर्भर करता है। फेस वैल्यू क्या है। कंपनी जब रजिस्टर होती हैं। तो वह Face Value decide करती हैं। जैसे 20₹ फेस वैल्यू है तो इसका 50% Dividend देना होगा। मतलब वह अपने शेयर होल्डर को प्रति शेयर 10₹ का Dividend देगी। अब आपको कंपनी से डिविडेंड प्राप्त करने की लिए 4 अहम Date के बारे में अच्छे से पता होना चाहिए वह डेट ये हैं।

Devidend Declaration Date - ये दिन है जब कंपनी अपने शेयर होल्डर को डिविडेंड देने का एलान करती हैं।

Ex-Date - शेयर होल्डर ने इस तारीख से पहले शेयर ख़रीदा था सिर्फ उन्हें ही डिविडेंड मिलेगा।

Record Date - निवेशक के Demat Account में इस कंपनी के शेयर है उन्हीं को डिविडेंड दिया जाएगा।

Devidend Payout Date - इस दिन शेयर धारको को Devidend दिया जाता है।

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डिविडेंड कब मिलता है | Devidend kab milta hai

interim devidend meaning in hindi कंपनी दो तरह से डिविडेंड देती हैं। पहला interim Dividend और दोसरा Final Dividend। कंपनी फाइनल डिविडेंड वित्त वर्ष के खत्म के बाद देती हैं। और interim Dividend को वित्त वर्ष के बीच में दे देती हैं।

डिविडेंड कैसे मिलता है | Devidend kaise milta hai

शेयर होल्डर के खाता में जो शेयर धारको के Demat Account से लिंक होता है उसमे डिविडेंड का पैसा जमा कर दिया जाता है जैसे आपने अपने demat account में SBI, HDFC, ICICI का बैंक अकाउंट जोड़ा है। तो आपकी डिविडेंड अमाउंट इस खाते में आयेगी।

डिविडेंड पर कितना टैक्स लगता है

शेयर होल्डर के पास जमा डिविडेंड के पैसों पर कोई टैक्स नहीं लगता है। क्यों पहले ही कंपनी की द्वारा डिविडेंड पर Dividend Distribution Tax दे दिया जाता हैं।

अब अगर से किसी शेयर धारको को साल में 10 लाख या इससे ज़्यादा का Dividend मिला है तो इसपे टैक्स देना होगा। ये Finance act 2016 section 115BBDA के तहत कहा गया है। जो प्राप्त की गई राशि पर टैक्स 10% लगेगा । अब आपको कंपनी से 15 लाख का Dividend amount मिली है। तो इसपर Dividend tax 15 हज़ार देना होगा।

कौनसी कंपनी डिविडेंड देती हैं

कौनसी कंपनी डिविडेंड देती हैं ये जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे यहाँ से आप Dividend dene wali Company पता लगा सकते हैं। और आपको नीचे Dividend provide करने वाली कंपनी की लिस्ट भी दे रखी है।

1. ITC Ltd
2. Power Grid Corporation of india Ltd
3. Telecom Tower

सबसे ज़्यादा डिविडेंड कौनसी कंपनी देती हैं

सबसे ज़्यादा डिविडेंड देने के मामले पहला नंबर ITC Ltd का आता है। जो अपने शेयर धारको को लगातार कई सालो तक Cash Dividend देती आ रही है। और Current 2021 में इसने 2 बार Dividend दिया है।

आखरी बात

आपको Devidend kya hai.डिविडेंड का मतलब क्या होता है. what is Dividend meaning in hindi डिविडेंड की पूरी जानकरी आपको समझ आ गई होंगी। अगर आपकी मन में कुछ भी सवाल है तो कृपया कमेंट डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है बॉक्स में लिखें। और नीचे दिए गए शेयर बटन की मदद से इस पोस्ट को शेयर ज़रूर करदे और हमारा फेसबुक ग्रुप भी ज्वाइन करले।

5 इनकम, जिन पर अन्य स्रोतों से आय के अंदर टैक्स लगाया जाता है – 5 income which is taxed in other source heads

5 income which is taxed in other source heads

5 income which is taxed in other source heads – एक व्यक्ति के लिए इनकम कमाने के कई तरीके हो सकते है, लेकिन इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार किसी भी इनकम पर टैक्स लगाने के लिए 5 हेड होते है। इन 5 हेड में ही आपकी इनकम को पहले ट्रांसफर किया जाता है और बाद में उस पर टैक्स लगाया जाता है।

आपकी इनकम के सोर्स के अनुसार उसे इन 5 हेड में से किसी एक में ट्रांसफर कर दिया जाता है। अगर किसी इनकम के लिए कोई निर्धारित हेड नहीं होता है, तो उसे ” income from other source ” हेड में ट्रांसफर कर दिया जाता है।

आज के आर्टिकल में हम उन 5 तरह की इनकम पर बात करेंगे, जिन्हे सिर्फ other source हेड में ही ट्रांसफर किया जा सकता है।

Table of Contents

सेविंग अकाउंट से मिलने वाला ब्याज –

अगर आपका बैंक या पोस्ट ऑफिस में कोई सेविंग अकॉउंट है, तो इस खाते से मिलने वाला ब्याज ” income from other source ” head में टैक्सेबल होगा।

सेविंग अकॉउंट के इंटरेस्ट को अन्य स्रोतो (other source ) की आय में ट्रांसफर करने के बाद इसकी सेक्शन 80TTA में छूट ली जा सकती है। अधिकतम 10 हजार के सेविंग अकॉउंट के ब्याज की छूट क्लेम की जा सकती है।

हालाँकि, सीनियर सिटीजन (60 वर्ष से अधिक ) को सेक्शन 80 TTB में छूट दी जाएगी। सीनियर सिटीजन को अधिकतम 50 हजार के अमाउंट की छूट दी जाती है।

फिक्स्ड डिपाजिट से प्राप्त इंटरेस्ट –

अगर आपने कोई फिक्स्ड डिपाजिट करवा रखी है, तो इससे मिलने वाला ब्याज other source head में टैक्सेबल होगा।

FD से मिलने वाला ब्याज अगर एक वर्ष में 40 हजार से अधिक है, तो सेक्शन 194A में इस पर 10 % की रेट से टीडीएस काटा जायेगा।

सीनियर सिटीजन के लिए टीडीएस काटने की लिमिट 50 हजार की है।

डिविडेंड से होने वाली इनकम –

अगर आपको शेयर मार्केट या म्यूच्यूअल फण्ड से किसी तरह का कोई डिविडेंड प्राप्त होता है, तो इस तरह की इनकम को भी other source की इनकम माना जाता है।

हालाँकि, पहले डिविडेंड से प्राप्त होने वाली इनकम पर टैक्स कंपनी के द्धारा दिया जाता था और शेयर होल्डर्स के हाथों में डिविडेंड की इनकम टैक्स फ्री होती थी।

लेकिन, अब कंपनी के द्धारा पेमेंट किये जाने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को समाप्त कर दिया गया है। अब डिविडेंड की इनकम शेयर होल्डर्स के हाथों में टैक्सेबल होती है।

लाटरी या गेम्स में जीती गयी राशि –

अगर किसी पर्सन द्धारा लाटरी, ऑनलाइन या ऑफलाइन गेम्स या घुड़दौड़ में कोई राशि जीती जाती है, तो इस तरह जीती गयी राशि ” income from other source ” हेड में टैक्सेबल होगी।

इस तरह जीती गयी राशि पर पहले ही टीडीएस काट लिया जाता है और बकाया राशि का पेमेंट आपको किया जाता है। टीडीएस काटने के बाद भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरना जरुरी होता है।

इस तरह की इनकम आपके लिए 30 % की रेट से टैक्सेबल होगी। अगर आपकी इनकम टैक्सेबल लिमिट से कम भी है, तो भी यह इनकम आपके लिए टैक्सेबल होगी।

गिफ्ट की इनकम –

अगर किसी पर्सन द्धारा कोई गिफ्ट प्राप्त किया जाता है, तो गिफ्ट की राशि ” other source head ” में टैक्सेबल होगी।

हालाँकि, किसी से प्राप्त गिफ्ट टैक्सेबल उसी केस में होगा जब उसका अमाउंट 50 हजार से अधिक होगा। गिफ्ट नकद में या किसी वस्तु में प्राप्त हो सकता है।

अगर आपको आर्टिकल (5 income which is taxed in other source heads) अच्छा लगा हो तो इसे आगे शेयर जरूर करे

एलआईसी का आईपीओ लाने से पारदर्शिता बढ़ेगी, इनकम टैक्स जमा करने के लिए स्लैब चुन सकेंगे

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सबसे लंबे बजट भाषण में आम आदमी के लिए बचत और निवेश को लेकर किसी बड़ी योजना का ऐलान तो नहीं किया गया, लेकिन 4 प्रस्ताव आपके पैसे के लिहाज से अहम हो सकते हैं। सबसे ज्यादा राहत इनकम टैक्स के स्लैब बदलने से मिल सकती है, लेकिन इसमें भी कई शर्तें लागू कर दी गई हैं। सरकार ने बचत खाते में जमा 5 लाख रुपए तक की रकम का बीमा कराने की बात कही है। दूसरी तरफ, जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का विनिवेश करने का प्रस्ताव भी रखा। सरकार इसके लिए आईपीओ लाएगी। वहीं, शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों पर डिविडेंड डिडक्शन टैक्स में बदलाव से असर पड़ सकता है।

आपके पैसे पर बजट का कितना असर: भास्कर के सवाल और सीए कार्तिक गुप्ता के जवाब

1. बजट में निवेश और बचत में आम आदमी को क्या मिला?
बजट में आम आदमी की बचत और निवेश को लेकर ज्यादा कुछ नहीं कहा गया। किसी तरह की बड़ी योजना का ऐलान नहीं किया गया। मोदी के पहले कार्यकाल में सुकन्या समृद्धि योजना के जरिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर बल दिया गया था। इस बार ऐसा कुछ नहीं है।

एक्सपर्ट ओपिनियन: आम आदमी को बहुत कुछ नहीं मिला। बैंक में रखी रकम पर 5 लाख की गारंटी मिली है, लेकिन उसमें भी कई शर्तें लगाई गई हैं।

2. एलआईसी का आईपीओ लाने का क्या मतलब है? क्या इससे पॉलिसी लेने वालों का जोखिम बढ़ेगा? इससे क्या फायदा-नुकसान होगा?
सरकारी कंपनी जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इसके लिए सीधे आईपीओ लाने की बात कही गई है। इसका मतलब है कि एलआईसी के शेयरों की बिक्री की जाएगी। ऐसे में इस सरकारी बीमा कंपनी में आम शेयरधारकों की भी हिस्सेदारी हो जाएगी। हालांकि सरकार ने खुलासा नहीं किया है कि स्वामित्व का कितना फीसदी हिस्सा बेचा जाएगा।

एक्सपर्ट ओपिनियन: पॉलिसी लेने वालों को फायदा होगा। जब आईपीओ आएगा तो जनता का पैसा उसमें लगेगा। इससे कंपनी का फंड बढ़ेगा। एलआईसी का दायरा और ग्रोथ भी बढ़ेगी। जो पहले से ली गई पॉलिसी हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा। कंपनी की लिक्विडिटी बढ़ेगी। कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाएगी। मार्केट रेगुलेटर की उस पर नजर रहेगी। एलआईसी को हर 3 महीने में रिपोर्ट में अपनी स्थिति बतानी होगी। इससे कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी।

3. डिविडेंड डिडक्शन टैक्स (डीडीटी) में बदलाव का क्या मतलब है? क्या शेयरहोल्डर को मिलने वाले डिविडेंड पर 2 बार टैक्स देना पड़ सकता है?
किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने वाले निवेशकों को कंपनी अपने फायदे का एक हिस्सा देती है। इसे लाभांश या डिविडेंड कहा जाता है। अब तक डिविडेंड जारी करने वाली कंपनी को इसे अपने मुनाफे का हिस्सा मानते हुए 15% टैक्स चुकाना पड़ता था। इस पर सरचार्ज और सेस भी लागू होता था। इससे निवेशक को मिलने वाली रकम कम हो जाती थी। अब सरकार ने टैक्स भरने की जिम्मेदारी कंपनी के बजाय शेयरधारक पर डाल दी है।

एक्सपर्ट ओपिनियन: इसे दो बातों से समझा सकता है:
1- पहले किसी कंपनी को अपनी कुल आय पर कॉर्पोरेट टैक्स देना पड़ता था। इसके बाद जब कंपनी शेयर होल्डर को डिविडेंड देती थी, तो उसे डिविडेंड डिडक्शन टैक्स भी चुकाना पड़ता था। इस तरह कंपनी को दो बार टैक्स अदा करना पड़ता था।
2- बजट में कंपनी को इस टैक्स से मुक्त कर दिया गया है। अब शेयरहोल्डर को अपनी कुल आय के स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।

ऐसे समझें: अगर शेयरहोल्डर को मिलने वाला डिविडेंड उसकी कुल आय में जुड़ने के बाद भी 5 लाख से कम है, तो टैक्स नहीं देना पड़ेगा।

4. सेविंग्स अकाउंट में जमा 5 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित होने की बात कही गई है। इसका क्या मतलब है और मल्टीपल खातों के लिए नियम में बदलाव होगा या नहीं?
वित्त मंत्री ने डिपॉजिट इन्श्योरेंस (डीआई) की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का प्रस्ताव रखा। हाल ही में पीएमसी बैंक के मामले के बाद, हजारों खाताधारकों की रकम फंस गई थी। तब मौजूदा नियमों के लिहाज से किसी भी खाताधारक की कुल 1 लाख रुपए तक की रकम सुरक्षित थी। अब एक खाताधारक की कुल 5 लाख रुपए की रकम (एक बैंक में खोले गए सभी खातों को मिलाकर) सुरक्षित रहेगी।

एक्सपर्ट ओपिनियन: बैंक के डूबने पर एक अकाउंट होल्डर को 5 लाख रुपए मिलेंगे। अगर किसी के एक से ज्यादा अकाउंट हैं, तब भी सभी खातों में जमा कुल 5 लाख रुपए की रकम ही सुरक्षित रहेगी। जैसे, रमेश के एक ही बैंक में एक से ज्यादा सेविंग्स अकाउंट होने पर बैंक के फेल होने पर उसे कुल 5 लाख रुपए ही मिलेंगे।

5. इनकम टैक्स के स्लैब में अब दो ऑप्शन हो गए हैं। कौन सा स्लैब किस स्थिति में फायदेमंद हो सकती है? इसमें 80सी और होम लोन जैसे क्लॉज लागू होंगे या नहीं?
आयकर के मौजूदा नियमों के मुताबिक अलग-अलग आयवर्ग में टैक्स की दरें भी अलग-अलग रखी गई हैं। बजट में करदाताओं के सामने अब एक नया विकल्प भी मौजूद रहेगा। हालांकि, नए विकल्प में टैक्स में छूट के प्रावधानों को सीमित कर दिया गया है।

एक्सपर्ट ओपिनियन: यह इस बात पर निर्भर करता है कि डिडक्शन कितना क्लेम किया जा रहा है। यानी करदाता ने वित्तीय वर्ष में कितना निवेश किया है। जो सभी डिडक्शन क्लेम कर रहा है उसको पुरानी स्कीम में ज्यादा फायदा मिलेगा, क्योंकि उसके पास छूट के अलग-अलग विकल्प मौजूद हैं। अगर करदाता डिडक्शन के सभी या आंशिक फायदे नहीं ले रहा है, तो फिर दोनों स्कीम में टैक्स को कम्पेयर करने के बाद जिसमें फायदा होता हो, उसे फॉलो किया जा सकता है।

Dividend से कमाई का मौका: इन 5 स्टॉक्स में शेयरधारकों को अगले पांच दिन में मिलेगा बंपर डिविडेंड

Dividend: बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी कंपनी की पहचान में एक ट्रिगर डिविडेंड भी होता है।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: August 31, 2022 13:00 IST

Dividend Opportunity - India TV Hindi

Photo:INDIA TV Dividend Opportunity

Highlights

  • अच्छी कंपनी की पहचान में एक ट्रिगर डिविडेंड भी होता है
  • अच्छी डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए
  • पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन ने 2.25 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतरिम लाभांश देने की सिफारिश की

Dividend: स्टॉक मार्केट निवेशक केवल शेयरों में तेजी आने से ही पैसा नहीं कमाते बल्कि कुछ और तरीकों से भी पैसा कमाया जाता है। उनमें से एक है कि डिविडेंड यानी लाभांश से होने वाली कमाई। कंपनी जब मुनाफा कमाती हे तो वह अपने शेयरधारकों को शेयर की फेस वैल्यू पर प्रति शेयर के हिसाब से एक निश्चित रिटर्न देती है। उसे डिविडेंड कहा जाता है। कई बार कंपनियां अपने शेयरधारकों को मोटा डिविडेंड देती है। इससे शेयरधारको को अच्छी कमाई हो जाती है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी कंपनी की पहचान में एक ट्रिगर डिविडेंड भी होता है। ऐसे में निवेशक को अच्छी डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहिए। हम आपको ऐसी ही पांच कंपनियों की सूची दे रहे हैं। ये कंपनियां अगले पांच दिन में डिविडेंड देने की घोषणा कर सकती हैं। ऐसे में अगर आपने इनमें निवेश किया है तो आपको अच्छी आमदनी हो सकती है।

1. Power Finance Corporation: पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन के निदेशक मंडल ने 2.25 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतरिम लाभांश देने की सिफारिश की है। बोर्ड ने लाभांश देने के लिए 2 सितंबर 2022 की तारीख तय की है। ऐसे में अगर आपने इस कंपनी के डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है शेयर में निवेश किया है तो 2 सितंबर को लाभांश की रकम आपके खाते में जमा हो सकती है।

2. Lakshmi Mills Company: कंपनी के निदेशक मंडल ने 2 सितंबर 2022 को लाभांश भुगतान के लिए तारीख तय की है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2021.22 के लिए 25 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की घोषणा की है। कंपनी ने सितंबर 2021 में अपने शेयरधारकों को पहले ही 15 रुपये अंतरिम लाभांश देने की घोषणा कर दी है। इसलिए, कंपनी द्वारा दिया गया कुल वार्षिक लाभांश वित्त वर्ष 22 में 40 रुपये, 25 रुपये और 15 रुपये है।

3. APL Apollo Tubes: कंपनी के निदेशक मंडल ने लाभांश भुगतान के लिए 3 सितंबर 2022 की तिथि तय की है। कंपनी बोर्ड ने 3.50 प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की घोषणा की है। कंपनी ने सितंबर 2021 में अपने शेयरधारकों को 1;1 बोनस शेयर दिए थे। इसलिए, एपीएल अपोलो ट्यूब्स के शेयरधारकों के लिए वित्त वर्ष 22 एक अच्छा साल रहा है।

4. GIC Housing Finance: हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्तीय वर्ष 2021.22 के लिए 4.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अंतिम लाभांश की घोषणा की है। कंपनी सितंबर 2021 में पहले ही 4.0 प्रति इक्विटी शेयर का अंतरिम लाभांश दे चुकी है। इसलिए, कंपनी द्वारा घोषित शुद्ध लाभांश 8.50 प्रति इक्विटी शेयर हो जाता है। कंपनी बोर्ड ने 2 सितंबर 2022 को लाभांश भुगतान के लिए तारीख तय की है।

5. TVS Srichakra Limited: कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 16.30 रुपये प्रति इक्विटी शेयर अंतिम लाभांश की घोषणा की है जो कि अगस्त 2021 में दिया गया अंतरिम लाभांश 30 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के अतिरिक्त है।

What is Direct Tax in Hindi | डायरेक्ट टैक्स क्या है? अपने आप को ओवरटैक्स होने से कैसे बचाएं?

What is Direct Tax in Hindi | डायरेक्ट टैक्स क्या है? अपने आप को ओवरटैक्स होने से कैसे बचाएं?

Direct Tax in Hindi: डायरेक्ट टैक्स नागरिकों द्वारा सरकार को सीधे भुगतान किया जाता है। Direct Tax क्या है? (What is Direct Tax in Hindi) विस्तार से समझने के लिए आगे पढ़ें। इसके अलावा आप यह भी जान सकते है कि टैक्स कैसे बचाएं? (How to save tax in Hindi)

Direct Tax in Hindi: टैक्स वह धन हैं जो सरकार द्वारा किसी भी देश के डेवलपमेंट के लिए फंड एकत्र किया जाता है। डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है टैक्स देना हर किसी के जीवन का अभिन्न अंग है। राज्य या केंद्र सरकारें वे अथॉरिटीज हैं जो टैक्स लगती हैं, जिन्हें डायरेक्ट (Direct Tax) या इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) के रूप में एकत्र किया जा सकता है। इनडायरेक्ट टैक्स वे हैं जो उपभोक्ताओं (Consumer) को बेची जाने वाली सेवाओं और वस्तुओं पर लगाए जाते हैं जबकि डायरेक्ट टैक्स नागरिकों द्वारा सरकार को सीधे भुगतान किया जाता है। Direct Tax क्या है? (What is Direct Tax in Hindi) विस्तार से समझने के लिए आगे पढ़ें।

डायरेक्ट टैक्स का क्या अर्थ है? | Meaning of Direct Tax in Hindi

What is Direct Tax in Hindi: डायरेक्ट टैक्स किसी व्यक्ति की इनकम पर लगाया जाता डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है है और किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा कर अधिकारियों को सीधे भुगतान किया जाता है। इस टैक्स का भुगतान करने वाले व्यक्ति और संस्थान भुगतान की जिम्मेदारी किसी अन्य संस्था को ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं।

कुछ प्रकार के डायरेक्ट टैक्स | Some Type of Direct Tax

1) आयकर (Income Tax)

एक व्यक्ति, एक HUF (Hindu Undivided Family) का सदस्य, या एक बिजनेस फर्म जिस टैक्स का भुगतान करता है, वह आयकर स्लैब के आधार पर होता है। यह एक बिजनेस, कैपिटल गेन और वेतन से किसी की इनकम पर लगाया जाने वाला एक अनिवार्य टैक्स है।

2) कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax)

यह उन कंपनियों और बिजनेस वेंचर पर लगाया जाने वाला टैक्स है, जिन्होंने भारतीय बाजार में कमाई की है। कॉर्पोरेट टैक्सेशन में FBT (फ्रिंज बेनिफिट टैक्स), STT (Securities Transaction Tax) और DDT (Dividend Distribution Tax) जैसे टैक्स शामिल हैं।

3) पूंजीगत लाभ कर (Capital Gain Tax)

कैपिटल गेन टैक्स विभिन्न निवेश साधनों और वैल्यू होल्डिंग्स के माध्यम से किए गए प्रॉफिट या गेन पर लगाया जाता है। होल्डिंग पीरियड इस टैक्स को या तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के रूप में वर्गीकृत करता है और अलग-अलग एसेट्स के लिए अलग-अलग होता है। एक बार निवेश बेचे जाने के बाद यह टैक्स देय होता है।

4) वेल्थ टैक्स (Wealth Tax)

व्यक्तियों, एक HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के सदस्यों और कॉर्पोरेट प्रतिष्ठानों पर रियल स्टेट के ओनरशिप से प्रॉफिट या रिटर्न पर टैक्स लगाया जाता है। भारतीय निवासी अपनी ग्लोबल एसेट पर इस टैक्स का भुगतान करते हैं, जबकि NRI भारत में रखी संपत्ति के लिए इस टैक्स का भुगतान करते हैं।

जबकि ये करदाताओं पर लगाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के Direct Tax हैं, आइए देखें कि आप अधिक टैक्स से कैसे बच सकते हैं।

टैक्स कैसे बचाएं? | How to save tax in Hindi

कुछ तरीके जिनसे आप अधिक टैक्स से बच सकते हैं वे हैं-

1) टैक्स सेविंग निवेश विकल्प

फिक्स्ड डिपाजिट जैसे निवेश विकल्प, पारंपरिक निवेश विकल्प होने के बावजूद, ब्याज पर टैक्स आकर्षित करते हैं। अर्जित ब्याज पर उस दर पर आय के रूप में टैक्स लगाया जाता है जो निवेशक पर लागू होती है। इसके बजाय आप डेट म्यूचुअल फंड जैसे अधिक कर-कुशल साधन देख सकते हैं। जब तक आप अपना निवेश वापस नहीं लेते तब तक डेट फंड आपको टैक्स भुगतान को बंद करने का विकल्प प्रदान करते हैं। अगर आप इन्हें तीन साल तक रखते हैं तो आपको कम टैक्स का भी फायदा मिलता है। इन फंडों से अर्जित इनकम को तीन साल की अवधि के बाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के रूप में माना जाता है और इसलिए इस पर कम टैक्स लगता है।

2) किराए पर कटौती

अगर आप किराए पर रहते हैं और टैक्स लाभ प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, तो आपके पास हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर टैक्स कटौती का दावा करने का विकल्प है। हालांकि इसके लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है, लेकिन कुछ नियम हैं जो अधिकतम HRA कटौती को सीमित करते हैं।

3) डिविडेंड म्यूचुअल फंड के बजाय ग्रोथ विकल्प

डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो बहुत सारे निवेशक बिना एहसास के चुकाते हैं। ये इक्विटी और इक्विटी से संबंधित इंस्ट्रूमेंट के अलावा म्यूचुअल फंड योजनाओं द्वारा भुगतान किए गए डिविडेंड पर लगाए जाते हैं। यहां, एक ग्रोथ विकल्प अधिक कर-कुशल है क्योंकि पूरी राशि कराधान के अधीन नहीं है। केवल कैपिटल गेन पर टैक्स लगाया जाता है।

4) इंश्योरेंस

इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ आपको मिलने वाले कवरेज के अलावा, बीमा योजनाएं भी टैक्स-सेविंग के बेहतरीन विकल्प हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर भुगतान किए गए प्रीमियम टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं। इसी तरह, आप अधिनियम की धारा 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए टैक्स कटौती का लाभ उठा सकते हैं।

Conclusion -

Direct Tax किसी व्यक्ति या संस्था की इनकम पर लगाया जाता है, जिसमें कैपिटल गेन, इनकम, वेल्थ और कॉर्पोरेट टैक्स शामिल हैं। हालांकि, आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले टैक्स की राशि को कम करने के कुछ तरीके टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट, किराए में कटौती, ग्रोथ विकल्प और इंश्योरेंस पॉलिसी हैं। निष्कर्ष के तौर पर, कोई भी Direct Tax के भुगतान की जिम्मेदारी से नहीं बच सकता। हालांकि, डायरेक्ट टैक्स पर पैसे बचाने के प्रावधान हैं, जो व्यक्तियों के वित्तीय बोझ को कम कर सकते हैं।

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