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Crypto vs RBI’s CBDC: कैसा होगा रिजर्व बैंक का ‘बिटकॉइन’, क्या होगी इसकी खासियत
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से देश में अपनी डिजिटल क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा करेंसी लाने का फैसला लिया गया है। इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का एक बयान भी सामने आया था। जिसके अनुसार आरबीआई दिसंबर तक अपने डिजिटल करेंसी के लिए पायलट प्रोजेक्ट लांच करने की तैयारियों में लगा हुआ है। इसके साथ ही शक्तिकांत दास का कहना था कि आरबीआई चरणबद्ध तरीके से देश में क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा डिजिटल करेंसी लाने पर काम कर रहा है। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी को लेकर बहुत सचेत है। यह इसका नया प्रोडक्ट है और इसमें किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।
CBDC की खासियत
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लाया जा रहा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी एक लीगल टेंडर की तरह ही काम करेगा। सीबीडीसी के पीछे भारत के केंद्रीय बैंक का भी बैकअप होगा। यह आम मुद्रा की तरह ही होगा, लेकिन डिजिटल फॉर्मेट में पेश किया जाएगा। जैसे लोग सामान या सेवाओं के बदले करेंसी देते हैं, उसी तरह CBCD से भी आप लेनदेन कर पाएंगे। करेंसी नोट की तुलना में इस करेंसी में सिर्फ एक ही फर्क रहेगा कि यह डिजिटल फॉर्मेट में पेश किया जाएगा।
डिजिटल करेंसी का आइडिया
कहा जा रहा है कि डिजिटल करेंसी लाने का यह आइडिया कोई नया नहीं है बल्कि हाल ही में कई विशेषज्ञों ने इस बारे में साफ कहा है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी का आइडिया अमेरिकन अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित जेम्स टोबिन ने दिया है। जिन्होंने साल 1980 में पेमेंट करने के डिजिटल फॉर्मट का प्रस्ताव भी पेश किया था।
Cypto और CBDC में अंतर
बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी डिजिटल इंक्रिप्टेड है, डिसेंट्रलाइज्ड है और किसी सरकार या सरकारी संस्था से इसका कोई संबंध नहीं है। इसके साथ ही सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आम मुद्रा का ही डिजिटल वर्जन होगा जिसकी गारंटी सरकार देगी। क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र रूप से ऑपरेट करती है जबकि CBDC आम मुद्रा देश के सेंट्रल बैंक की मुद्रा है।
Cryptocurrency का देन-लेन अब Whatsapp पर भी, CEO ने ट्वीट कर दी जानकारी…
नई दिल्ली | Cryptocurrency Transection In Whatsapp : दुनिया भर में अब डिजिटल करेंसी की धूम मचने लगी है. इस दौड़ में अब दुनिया की सबसे बड़ी सोशल चैटिंग साइट व्हाट्सएप भी कूद पड़ी है. ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले समय में क्रिप्टो करेंसी ही दुनिया भर का फ्यूचर होगी. इसी को देखते हुए व्हाट्सएप ने क्रिप्टो करेंसी पेमेंट का पायलट शुरू किया है. जिसके तहत बताया गया है कि अब व्हाट्सएप पर भी क्रिप्टोकरंसी में ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा. हालांकि जैसा व्हाट्सएप करता आया है यह अभी सिर्फ लिमिटेड यूजर्स के लिए शुरू किया गया है. बाद में इस प्रयोग के सफल होने के बाद आम लोग भी इसका लुत्फ उठा सकेंगे.
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— Will Cathcart (@wcathcart) क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा December 8, 2021
चैट में ही दिया फीचर
Cryptocurrency Transection In Whatsapp : व्हाट्सएप द्वारा क्रिप्टोकरंसी की ट्रांजैक्शन के लिए चैट में ही फीचर दिया गया है. इसके साथ ही कंपनी ने Meta के Novi प्लेटफार्म का प्रयोग किया है. सबको पता है कि फेसबुक ने टेस्टिंग के तौर पर Novi Digital वॉलेट महीने भर पहले ही पेश कर दिया था. व्हाट्सएप के सीईओ वेल कैथकार्ट ने इस नए फीचर का ऐलान कर दिया है.
कैसे कर सकेंगे प्रयोग
Cryptocurrency Transection क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा In Whatsapp : बताया गया है कि जिस तरह व्हाट्सएप पर आप किसी फाइल या तस्वीर को शेयर करते हैं. ठीक उसी तरह आप व्हाट्सएप पर अब क्रिप्टोकरंसी भी एक दूसरे को भेज सकेंगे. हालांकि अभी भारत में इसकी शुरुआत नहीं की गई और प्रयोग के तौर पर अमेरिका कि कुछ लोगों को यह सुविधा दी गई है. बताया गया है कि या नया फीचर एंड्रॉयड और आईफोन दोनों के लिए उपलब्ध होगा. यह भी बता दिया क्या है कि क्रिप्टोकरंसी सेंड करने या रिसीव करने के लिए किसी भी तरह का कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना होगा.
Cryptocurrency क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा News: RBI की क्रिप्टोकरेंसी पर सफाई से निवशकों को राहत‚ जानिए कैसे काम करती है ये करेंसी और कौन हैं इसके चाहने वाले Read it later
Bitcoin जैसी Cryptocurrency के निवेशकों के लिए राहत की खबर है। बैंकों ने हाल क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा ही में वर्चुअल करेंसी में काम करने वाले ग्राहकों को सेवाएं नहीं देने का फैसला किया है। इसने क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों को परेशान किया। लेकिन सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस मामले में अपना रुख साफ कर दिया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक जिस आदेश का जिक्र कर रहे हैं उसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
आरबीआई ने कहा कि कई मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से उसके संज्ञान में आया है कि बैंकों ने अपने ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन से दूर रहने के लिए कहा है। इसके लिए आरबीआई के 6 अप्रैल 2018 के सर्कुलर का हवाला दिया जा रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्कुलर को 4 मार्च, 2020 को ही खारिज कर दिया है। इसलिए, अब इस सर्कुलर की कोई वैधता नहीं है और अब इसका हवाला नहीं दिया जा सकता है।
बैंकों में थी भ्रम की स्थिति
हाल ही में, कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2018 के आरबीआई सर्कुलर का हवाला देते हुए ग्राहकों को डिजिटल मुद्राओं में लेनदेन से दूर रहने का निर्देश दिया है और कुछ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को सेवाएं प्रदान करने से इनकार कर दिया है। देश के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स को पूरे महीने अपने बैंकिंग भागीदारों के साथ ग्राहक फंड जमा करने और निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ा।
इससे पहले, कई मीडिया दिग्गजों ने बताया था कि एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और कई अन्य बैंकों ने अपने ग्राहकों को चेतावनी दी है कि यदि वे क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करते हैं तो उनके खाते निलंबित किए जा सकते हैं।
आरबीआई के स्पष्टीकरण पर वज़ीरएक्स के संस्थापक और सीईओ निश्चल शेट्टी ने कहा, “यह पूरे उद्योग के लिए एक सकारात्मक बात है।” इसको लेकर बैंकों में भ्रम की स्थिति रही, लेकिन आरबीआई की अधिसूचना ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। हालांकि, आरबीआई ने बैंकों और अन्य संस्थानों से केवाईसी नियमों, एंटी मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा है।
कैसे बनती है Cryptocurrency
बिटकॉइन सहित अन्य प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग प्रोसेस के जरिए बनाई जाती है। इसमें कई पॉवरफुल कंप्यूटर शामिल होते हैं जो इसकी जटिल गणित की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इस प्रक्रिया में बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसके लिए कंप्यूटर्स को काफी बिजली की जरूरत पड़ती है।
क्रिप्टो के चाहने वालों में कौन कौन शामिल?
जेपी मॉर्गन द्वारा हाल ही में कहा गया है कि निवेशकों ने अब गोल्ड के स्थान पर बिटकॉइन को महत्व देना शुरू कर दिया है। पिछली दो तिमाहियों की तुलना में यह ट्रेंड पूरी तरह बदल गया है। साथ ही इन्वेस्टमेंट गुरु वॉरेन बफेट (Warren Buffett ) ने भी क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन किया है।
रे डालियो जैसे दिग्गज बांड की तुलना में बिटकॉइन पर अधिक भरोसा करते हैं। क्या आपको पता है कि दुनियाभर के अमीर और प्रसिद्ध लोगों में से कौन क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) के खासे इन्वेस्टर्स हैं?
Elon Musk के पास Bitcoin
यदि सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, तो वे बिटकॉइन और डॉगकॉइन के साथ ऊपर और नीचे जाते हैं। एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी में कई बार अपने स्टेटमेन के जरिए उतार-चढ़ाव कराते रहते हैं। एलन मस्क के इस कदम से बिटकॉइन के प्रति उत्साही भी वास्तव में परेशान हैं क्योंकि एलोन मस्क के बयान से एक दिन में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत टूट जाती है।
सवाल यह है कि एलोन मस्क के पास कितनी क्रिप्टोकरेंसी है? ग्लोबल हेज फंड स्काईब्रिज कैपिटल के संस्थापक एंथनी के अनुसार, एलोन मस्क के पास बिटकॉइन में $ 5 बिलियन की संपत्ति है।
एशिया के अमीर क्रिप्टो निवेशक
अगर हम क्रिप्टो करेंसी के एशियाई निवेशकों की बात करें तो इनमें मिक्री झान, झाओ और अन्य शामिल हैं। इनमें जापान के क्रिप्टो निवेश सातोशी नाकामोटो भी शामिल हैं। चीन के मिकरी झान के पास बिटमैन नाम की एक कंपनी है, जो दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग कंपनी है। बिनेंस के संस्थापक और सीईओ चांगपेंग झाओ भी एशिया से हैं। बिटमैन के सह-संस्थापक और OKCoin.com (OKCoin.com) के संस्थापक जिहान और ली लिन नाम के निवेशक भी एशिया से हैं। उनके पास दुनिया का अग्रणी डिजिटल मुद्रा व्यापार मंच हुओबी है।
क्रिप्टो से बने बिलयनेयर
(bitcoin) की वजह से कैमरॉन और टाइलर विंकलवॉस को पहले अरबपति माना जा सकता है। विंकल कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करती है। इसके साथ ही विंकल ब्लॉकचेन से जुड़े बिजनेस में भी निवेश करती है। उनका जेमिनी एक्सचेंज में भी निवेश है। ये दोनों भाई bitcoin के अलावा एथेरियम में भी निवेश करते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा अभी जितना बिटकॉइन जो बाजार में है उसका एक प्रतिशत इन दोनों भाइयों के पास है। ऐसा अनुमान है कि दोनों के पास 1,80,000 बिटकॉइन हैं।
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Digital Rupee: बजट 2022 में हुई डिजिटल करेंसी की घोषणा, किस तरह काम करेगी भारत की अपनी डिजिटल करेंसी
आज संसद में हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री (फाइनेंस मिनिस्टर) निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 पेश किया है। इसी बजट में उन्होंने बताया कि रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) अब अगले फाइनैंशियल ईयर (2022-23) में भारत की अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा। ये वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2022 को शुरू होने वाला है। इससे डिजिटल इकॉनमी और कोरोना से चरमराई भारतीय की वर्तमान स्थिति में मदद मिलेगी।
इससे पहले भी RBI की तरफ से डिजिटल करेन्सी को लेकर एक इशारा आया था, लेकिन सरकार की तरफ से इसकी पहली ऑफिशियल या आधिकारिक घोषणा अब हुई है। इसे CBDC (Central Bank Digital Currency) के नाम से आज के बजट सत्र में पेश किया है।
हालांकि अब भारत में डिजिटल करेंसी आने वाली है, लेकिन अब भी सरकार निजी वर्चुअल करेंसी या अन्य क्रिप्टो करेंसी के ख़िलाफ़ ही हैं। वित्त मंत्री ने कहा है कि ये डिजिटल रूपया जो लॉन्च होगा, ये भारत को दुनिया के डिजिटल पेमेंट सिस्टम में एक नया स्थान दिलाएगा और देश के लोगों को भी लेन-देन में काफी आसानी होगी।
किस तरह काम करेगा ये डिजिटल रुपया या डिजिटल करेंसी ?
सबसे पहले तो ये एक क्रिप्टो करेंसी के लिए 2024 कैसा रहेगा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कानूनी करेंसी या मुद्रा है। जिस तरह भारत में 100, 500, 2000 के नोट वैध या मान्य हैं, वैसे ही ये डिजिटल करेंसी भी एक लीगल (कानूनी) करेंसी है, जिसका उपयोग आप इन नोटों की जगह भी कर सकेंगे। यहां फर्क केवल इतना है कि ये 500, 2000 के नोट एक पेपर की रेगुलर करेंसी, जबकि CBDC डिजिटल करेंसी होगी। साधारण भाषा में कहें तो CBDC वैसी ही मुद्रा या रूपए हैं, जैसे हम अभी इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ये डिजिटल रूप में उपलब्ध होंगे।
CBDC एक डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध, भारत की अपनी करेंसी है, जो आगे लेन-देन को और आसान करेगी। RBI के अनुसार, ये अभी मौजूद रेगुलर करेंसी का एक सुरक्षित और आसान विकल्प होगा। हालांकि ये एक क्रिप्टो करेंसी नहीं है और भारत में क्रिप्टो करेंसी मान्य भी नहीं है। साथ ही RBI ने साफ़ किया है कि CBDC एक लीगल करेंसी है, लेकिन ये अन्य वर्चुअल करेंसियों से बिलकुल अलग है।
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