लांगटर्म निवेश के लिए टेक्निकल एनालिसिस की जरूरत बहुत कम होती है यहां किसी कंपनी के फंडामेंटल को देखकर निवेश किया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग Vs लांगटर्म इन्वेस्टमेंट

स्विंग ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग से भिन्न है जहां इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको ब्रोकर द्वारा मार्जिन मनी प्राप्त होती है तथा उसी दिन आपको शेयर खरीद कर मार्केट बंद होने से पहले बेचकर बाहर निकलना होता है। किसी भी हालत में आप अपने सौदे को अगले दिन तक नहीं ले जा सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग, लांगटर्म ट्रेडिंग की भांति ही होती है इसमें निवेश करना है या सिर्फ ट्रेडिंग ब्रोकर द्वारा मार्जिन प्राप्त नही होता है। लांगटर्म की भांति आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए जितने शेयर खरीदते हैं उनका पूरा पैसा आपको अदा करना होता है।

स्विंग-ट्रेडिंग-Vs-लांगटर्म-इन्वेस्टमेंट

जब एक बार आप शेयर खरीद लेते हैं तो यह पूरी तरह आप पर ही निर्भर करता है कि आप उसे कब बेचते हैं, यदि आप इसे कुछ दिनों, कुछ हफ़्तो या कुछ महीनों में बेचकर अपना प्रॉफिट बुक कर लेते हैं तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।

शेयर बाजार में करनी है एंट्री, ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद, जानें यहां

बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं.

Share Market Investment: शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है, निवेशकों की बहार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है.

अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट में ब्रोकर के जरिए निवेश करना चाहिए या खुद भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर खुद निवेश करते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन, कैसे निवेश करना चाहिए. निवेश के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी का क्या महत्व है. इन तमाम बातों के बारे में चर्चा कर रहे हैं Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ.

घर बैठे फ्री ऑनलाइन ट्रेडिंग टूर्नामेंट अब है मुमकिन! जानें कैसे?

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  • 16 मार्च 2021,
  • (अपडेटेड 17 मार्च 2021, 3:07 PM IST)

लाइफ में अच्छी नौकरी और बैंक बैलेंस हर कोई चाहता है इसलिए अपनी लाइफ सिक्योर करने के लिए लोग सेविंग्स भी करते हैं. बैंक बाजार एस्पिरेशन इंडेक्स 2019 के मुताबिक 24 से 27 साल के बीच के ज्यादातर फीसदी नौजवान अपनी इनकम का 40 फीसदी बचा निवेश करना है या सिर्फ ट्रेडिंग लेते हैं. लेकिन क्या बचत करना ही काफी है? हम में से कई लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि बचत को सही तरह से निवेश करना भी जरूरी है.

निवेश करना क्यों है जरुरी?

बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. फंड का अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश करना कई बार फायदेमंद भी हो सकता है, लेकिन ये फायदे बाज़ार जोखिमों के आधीन होते है. साथ ही फिजूल खर्च से बचने के लिए अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो एडिशनल इनकम का नया जरिया बन चुका है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

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लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा निवेश करना है या सिर्फ ट्रेडिंग कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर निवेश करना है या सिर्फ ट्रेडिंग रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो निवेश करना है या सिर्फ ट्रेडिंग जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार निवेश करना है या सिर्फ ट्रेडिंग में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना निवेश करना है या सिर्फ ट्रेडिंग होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

इसके पीछे का इतिहास क्या है?

भारतीय एक्सचेंज पर मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन आधी सदी से भी अधिक समय से किया जा रहा है। यह पहली बार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) द्वारा 1957 में आयोजित किया गया था। इसके बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने इस विरासत को जारी रखते हुए 1992 में मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत की।

इन्वेस्टर समुदाय के लिए, यह सेशन नए साल का प्रतीक है। इस दिन स्टॉकब्रोकर पुराने लेज़र को बंद कर देते हैं और नए लेज़र पर काम करना शुरू कर देते हैं। इस पारंपरिक (ट्रेडिशनल) ट्रेडिंग सेशन से पहले, स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज में ‘चोपरा पूजा’ यानी बही-खाते (अकाउंट बुक) की पूजा करते हैं।

मनोरंजक तथ्य

इस ट्रेड सेशन के साथ कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। इन मे से एक हैं कि सबसे पहले मारवाड़ी इन्वेस्टर्स इस मुहूर्त के दौरान स्टॉक बेचते थे क्योंकि उनका मानना ​​था कि इस दिन पैसा घर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। दूसरी ओर, गुजराती इन्वेस्टर्स ने इस सेशन के दौरान शेयरों (स्टॉक्स) में खरीदारी की। लेकिन इसका समर्थन करने के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं है और यह आज के समय में सच नहीं है।

इस सेशन के दौरान कौन-कौन इन्वेस्ट कर सकता है?

इस सेशन के दौरान कोई भी इन्वेस्टर या ट्रेडर इन्वेस्ट कर सकता है। लेकिन सिर्फ इसलिए कि यह शुभ मुहूर्त है, आपको आँख बंद करके इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए। सावधानीपूर्वक विश्लेषण करने के बाद रिसर्च करें और उनकी पहचान सुनिश्चित करने के बाद ही अच्छे स्टॉक्स में इन्वेस्ट करें अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इस ट्रेडिंग सेशन को निम्नलिखित 5 घटकों में बांटा गया है:

ब्लॉक डील सेशन: इस दौरान, दो पार्टी पहले से तय किये मूल्य पर स्टॉक्स खरीदने या बेचने का निर्णय लेते हैं और इसकी सूचना स्टॉक एक्सचेंज को देते हैं।

प्री-ओपन सेशन: इस दौरान, एक्सचेंज मार्केट खुलने से पहले (आमतौर पर लगभग 8 मिनट पहले) संतुलन मूल्य निर्धारित करते हैं।

सामान्य मार्केट अवधि: यह एक घंटे का सेशन होता है जिसमें ज्यादातर ट्रेडिंग होती है।

मुहूर्त ट्रेडिंग 2021 का समय क्या है?

इस साल भी BSE और NSE दोनों ने, दिवाली, यानी 4 नवंबर 2021 को मुहूर्त ट्रेडिंग की अनुमति अनुमति दे दी है।

सेशन के फायदे क्या हैं?

  • यह शेयर खरीदने/बेचने का अच्छा समय है क्योंकि इस सेशन के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम ज्यादा होता है। उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम से संकेत मिलता है कि शेयर मार्केट के आसपास बहुत अधिक रुचि या गतिविधि है।
  • यह एक शुभ समय माना जाता है, इसलिए यदि आप पहली बार इन्वेस्ट कर रहे हैं तो आप इस दिन इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं।
  • यह अनुभवी इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए एक बहुत अच्छा मौका है क्योंकि इस सेशन के दौरान मार्केट में आमतौर पर तेजी रहती है। लेकिन कई बार ऐसा भी हुआ जब मार्केट में अगले ही दिन गिरावट देखने को मिली है। इसलिए सावधान रहना बहुत जरूरी है और गहन रिसर्च के बाद ही इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करना जरूरी है।

यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अभी भी इन्वेस्ट शुरू करने के लिए सही मुहूर्त की तलाश में हैं तो मुहूर्त ट्रेडिंग 2021 आपके लिए सौभाग्य की बात है। ऐसे शेयरों की तलाश करें जो मजबूत फंडामेंटल द्वारा समर्थित हों, जिनमें ग्रोथ क्षमता हो और जिनमें अच्छा नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) हो। यदि आप सुनिश्चित नहीं हैं कि किन शेयरों में इन्वेस्ट करना है, तो आप टिकरटेप के स्क्रीनर का उपयोग करके अपनी रिसर्च शुरू कर सकते हैं। इसमें 200 से अधिक फिल्टर हैं जो आपको प्रासंगिक प्रमुख मेट्रिक्स के आधार पर ढेर सारे स्टॉक के माध्यम से तेजी से फ़िल्टर करने की सुविधा देते हैं।

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