तकनीकी विश्लेषण क्या है?

तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के चार्ट प्रकार और तकनीकी विश्लेषण उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना।

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तकनीकी विश्लेषण का मतलब होता है शेयर के भाव के चार्ट्स की समीक्षा करके भविष्य के उतार-चढ़ाव की जानकारी पता करना। यह समझना जरूरी है कि तकनीकी विश्लेषण पूरी तरह से शेयर की कीमतों पर आधारित होता है। कंपनी की मूलभूत जानकारियों, जैसे मुनाफा, बिक्री, कर्ज, का इस्तेमाल तकनीकी विश्लेषण में नहीं किया जाता है। साथ ही, विश्लेषण करते समय माना जाता है कि बाजार से जुड़ी और दूसरी सभी जानकारी उपलब्ध हैं और उनका इस्तेमाल शेयर का चार्ट बनाते वक्त किया गया है।

तकनीकी विश्लेषण का मुख्य सिद्धांत है कि शेयर बाजार पूरी तरह से पारदर्शीय है और बाजार के सभी प्रतिभागी कुशल हैं। बिना किसी ठोस कारण के शेयरों की खरीद-फरोख्त तकनीकी विश्लेषण सिद्धांतों के खिलाफ है। फंडामेंटल विश्लेषण के मुकाबले तकनीकी विश्लेषण में ज्यादा लचीलापन है। फंडामेंटल विश्लेषण शेयरों चार्ट प्रकार और तकनीकी विश्लेषण के उतार-चढ़ाव को जानने के लिए तिमाही नतीजों, आय पर गाइडेंस और कंपनी नीतियों में बदलाव पर निर्भर करता है।

अगर ये माना जाए कि फंडामेंटल विश्लेषण ही शेयरों के उतार-चढ़ाव की सही तौर पर बता सकता है, तो ऐसे में शेयरों की कीमतों में साल में 4-5 बार ही बदलाव दिखना चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं होता है। शेयरों के भाव रोजाना बढ़ते-घटते हैं। इस उतार-चढ़ाव के बारे में तकनीकी विश्लेषण से ही पता किया जा सकता है।

ट्रेडिंग के चार बेसिक चार्ट: Japanese candlesticks, Heiken Ashi, Area Chart, Bars

तकनीकी विश्लेषण करने के लिए मूलतः चार चार्ट होते हैं Japanese Candlesticks Chart, Heiken Ashi chart, Area chart, और Bar chart. हर चार्ट आपको बाजार का अलग रूप दिखाता है| कई चार्टों को एक साथ मिलाकर उपयोग करने से आपको बाजार का संक्षिप्त विवरण मिल सकता है|

Four basic charts in Trading Technical Analysis

Japanese Candlesticks Chart

अवलोकन

Japanese candlesticks chart तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किया जाने वाला सामान्य चार्ट है| कैंडलस्टिक में Opening Price(आरंभिक कीमत), Closing Price(समापन कीमत), Peak(पीक), Bottom(बॉटम) के सेट के संग्रह होते हैं| तकनीकी विश्लेषण में दक्षता प्राप्त करने के लिए कैंडलस्टिक का हर हिस्सा अलग-अलग इंडिकेटरों के लिए उपयोग किया जा सकता है|

Japanese Candlesticks चार्ट की विशेषताएँ

  • पिछली कैंडल के अंतिम बिंदु की कीमत कैंडल का Opening Price(आरंभिक कीमत), होता है|
  • सत्र समाप्त होते समय जो कीमत होती है उसे Closing Price(समापन कीमत) कहा जाता है|
  • ट्रेडिंग सत्र में ऑसीलेट करके कैंडल पीक और ट्रोफ(गड्ढे) बनती है, जिसमें आरंभिक और समापन कीमतें शामिल होती हैं|
  • इस प्रकार, एक सत्र में 4 मुख्य बिंदु होते हैं: Opening price (शुरुआतीबिंदु),Closing price (अंतिम बिंदु), peakprice(पीक कीमत), और bottom price(बॉटम कीमत)|
  • आरंभिक और समापन कीमतें कैंडल बनाती हैं, टॉप और बॉटम पतले कॉलम बनाते हैं| आम तौर पर, इंडिकेटर में आरंभिक और समापन से ज्यादा पीक और ट्रोफ(गड्ढे) का उपयोग होता है|
  • यदि अंतिम बिंदु शुरुआती बिंदु से नीचे है तो कैंडल लाल रंग की होगी| इसके विपरीत यदि अंतिम बिंदु शुरुआती बिंदु से ऊपर है तो कैंडल हरी होगी| सत्र के समाप्त होने बाद लाल कीमत घटने का सिग्नल देती है और हरी बढ़ने का|

यह कहा जा सकता है कि Japanese candlesticks chart, आरंभिक और समापन कीमतों के बीच संबंध दिखाता है, जिससे कैंडल का निर्माण होता है| इससे आप टॉप और बॉटम द्वारा बनाई गई टनल को आसानी से पहचान सकते हैं, जिससे ग्राफ की लहरों को पहचानना और भी आसान हो जाता है|

Heiken Ashi candlesticks chart

अवलोकन

एक कैंडलस्टिक चार्ट भी है, लेकिन इसे ट्रेंड दिखाने वाले चार्ट के रूप में संशोधित किया गया है| इसका मतलब, आरंभिक और समापन कीमतों का उपयोग करने के बजाय Heiken Ashi chart औसत सूत्र चार्ट प्रकार और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरंभिक और समापन कीमतों का अनुकरण करता है| केवल टॉप और बॉटम कीमतें बरक़रार रखी जाती हैं|

Heiken Ashi Candlesticks chart की विशेषताएँ

  • Heiken Ashi candle के शुरुआती बिंदु की गणना इस सूत्र के द्वारा की जाती है: (पिछली कैंडल की आरंभिक कीमत + पिछली कैंडल की समापन कीमत) / 2
  • Heiken Ashi candle के अंतिम बिंदु की गणना इस सूत्र के द्वारा की जाती है: (वर्तमान आरंभिक कीमत + वर्तमान समापन कीमत + पीक कीमत + बॉटम कीमत) / 4
  • Heiken Ashi candle कैंडल के टॉप और बॉटम Japanese candle के पीक और बॉटम के बराबर होंगे|
  • शुरुआती और अंतिम बिंदु एक कैंडल बनाएंगे, टॉप और बॉटम पतले धागे की तरह कॉलम बनाएंगे|
  • यदि अंतिम बिंदु शुरुआती बिंदु से नीचे है तो कैंडल लाल रंग की होगी| इसके विपरीत यदि अंतिम बिंदु शुरुआती बिंदु से ऊपर है तो कैंडल हरी होगी| सत्र के समाप्त होने बाद लाल कीमत घटने का सिग्नल देती है और हरी बढ़ने का|

इस प्रकार Heiken Ashi candle का उतार-चढ़ाव अपेक्षाकृत कम चार्ट प्रकार और तकनीकी विश्लेषण होता है क्योंकि छोटे विचलनों को नजरंदाज करने के लिए औसत का उपयोग किया जाता है| जब आप Heiken Ashi candle द्वारा बनाया गया चार्ट देखते हैं तो, आपको कीमत का ट्रेंड बेहतर नजर आएगा|

Area chart

इस चार्ट में एक सीधी रेखा होती है जो हर सत्र की समापन कीमत को जोड़ती है| स्पष्ट ढलान के साथ ऊपर और नीचे घूमते हुए एक कनेक्टिंग रेखा बनती है|

Area chart, the basic line chart Market Trading Technical Analysis

यह उन लोगों के लिए है जिन्हें जटिल के बजाय साधारण चीजें पसंद आती हैं| जब कीमतें साइड में चल रही हों तो सिग्नल पकड़ने के लिए Bollinger Bands संकेतक का उपयोग करना इसका एक अच्छा उदाहरण है| एकसमान कीमतों से एक क्षैतिज रेखा बनेगी जिससे Bollinger Bands सिकुड़ जाएगा और बदले में resistance & support बनेंगे| फिर, बस एक डाइवर्जेंस सिग्नल, प्रतिरोध / समर्थन रेखा का ब्रेकआउट प्रवेश बिंदु को प्रकट करेगा।

Bar chart

यह Japanese Candlestick चार्ट से दिखने में अलग लगता है लेकिन गुण बिल्कुल एक जैसे हैं| Bar chart आरंभिक, समापन कीमतों, पीक और बॉटम से भरा होता है| अंतर केवल इतना है कि इसका आकार कैंडल की तरह न होकर आपस में जुड़ी हुई ट्यूब की तरह होता है|

Bars Chart in Trading Technical Analysis

बहुत कम लोग इसका उपयोग करते हैं क्योंकि Japanese Candlestick चार्ट अपने आप में पर्याप्त होता है|

निष्कर्ष

Japanese Candlestick chart और Bar chart एक जैसे ही हैं, और लघु तथा दीर्घ दोनों प्रकार की ट्रेडिंग के लिए उपयोग में लाए जा सकते हैं|

Heiken Ashi candlestick chart और Area chart दीर्घ-कालिक ट्रांजैक्शन के लिए उपयोग किए जाते हैं|

हालाँकि, अपने लिए ट्रेडिंग का सर्वश्रेष्ठ तरीका चुनना, रणनीतियों और भावनाओं पर महारत हासिल करना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है| चार्ट केवल निर्णय लेने में आपकी सहायता के लिए हैं| अभ्यास करके अपने कौशल को उच्च स्तर का बनाना सबसे अच्छा तरीका है|

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