BULLISH AND BEARISH HARAMI CANDALISTIC PATTERN IN HINDI

Bullish Harami candle कैंडल एक कैंडलेस्टिक पेटर्न है यह दो प्रकार की होती है जिन्हें आप ऊपर वाली इमेज में देख सकते हैं। bullish harami candle दो शब्द से मिलकर बनी है. Bullish और harami यह जापानी शब्द है जिसका अर्थ गर्भवती महिला ऐसा होता है। और हमें ऊपर वाली इमेज में ऐसा ही दिखता है इसमें पहली कंडल मा है और दूसरी कैंडल बच्चा है।

Bullish harami candle एक बुलिश कैंडलेस्टिक पेटर्न है यानी कि यह तेजी दर्शाती है जब यह कैंडल बनती है तब शेयर में मंदी का समय खत्म हो गया और तेजी की शुरुआत हो गई है ऐसा दर्शाती है।

Bullish harami candle दो कैंडल स्टिक पैटर्न से मिलकर बनती है पहले कैंडल लॉन्ग बेरिश यानि की लंबी मंदी की कैंडल वह लाल रंग की होती है। दूसरी कैंडल स्मॉल बुलिश कैंडल होती है यह की तेजी की कैंडल होती है वह हरे रंग की होती है।यह कैंडल हमेशा चार्ट में लंबी गिरावट में बनती है यानी की बोटम पर बनती है।

चार्ट में आप देख सकते हैं कि मार्केट में यह कैंडल कैसे दिखती है। पहली कैंडल हमेशा लॉन्ग बेयरिश हरामी पैटर्न बेरिश(लंबी मंदी) की कैंडल होनी चाहिए। दूसरी कैंडल हमेशा पहली के close प्राइज से या gape up ओपन होना चाहिए। जब दूसरी कैंडल close हो तब पहले कैंडल के open प्राइस या बराबर प्राइस के नीचे close होना चाहिए। यानी

यहां ध्यान दें कि दूसरी कैंडल हमेशा पहले कैंडल के open प्राइस और close प्राइस के बीच में होनी चाहिए।दूसरी कैंडल हमेशा स्मॉल बुलिश यानी कि छोटी तेजी की कैंडल होनी चाहिए। यहां पर वॉल्यूम बढ़ते हुए क्रम में होना चाहिए।यहां पर पहले केंद्र पुलिस मरूबोझू भी हो सकती है।

पुलिस आरा में कैंडल सभी चार्ट में दिखाई देने वाली आम कैंडल है. यह कैंडल इंडियन स्टॉक मार्केट कमोडिटी एक्सचेंज फॉर एक्सचेंज सभी बाजार में बनने वाले आम कैंडल है.

Bullish harami candle बनने के बाद जो दूसरा कैंडल बने वह बुलिस या फिर gape up ओपन होना चाहिए।आप इसको इंट्राडे चार्ट, डेली चार्ट, वीकली चार्ट, मंथली चार्ट में अच्छी तरह से काम बेयरिश हरामी पैटर्न करती है। अगर आप इसे इंट्राडे चार्ट में यूज करते हैं तो 5 मिनट और 10 मिनट के टाइम फ्रेम में देख सकते हैं।अगर आप पोजीशनल ट्रेड करना चाहते हैं तो डेली या फिर वीकली चार्ट में देख सकते हैं।

Bullish harami candle in Hindi

मान लो चार्ट में जैसे दिखाया वैसे कल अगर बुलिश हरामी कैंडल बनता है और आज की कैंडल gape up open होती है तो भाव उसका भाव बुलिश हरामि कैंडल के पहले कैंडल के high के ऊपर close हो तो buy करना चाहिए।

Bullish harami candle में नई कैंडल का भाव बुलिश हरामि कैंडल के पहले कैंडल के high के ऊपर close होना जरूरी है अगर ऐसा नहीं होता तो यह सही से काम नहीं करता।

Bullish harami candle के बाद जो कैंडल ओपन हुई है वह gape up या फिर उसके बराबर ओपन हुई हो। अब आप चार्ट में देखिए कि bullish harami candle के बाद दूसरी के कैंडल gape up ओपन हुई है तो यह हां पर हम buy कर सकते हैं।bullish harami candle के बाद की कैंडल का भाव ली हरामी कैंडल के पहले कैंडल के high के ऊपर जब तक close नहीं हो जाता तब तक कोई खरीदारी नहीं करना चाहिए।

बुलिश हरामि कैंडल के पहले कैंडल के low प्राइज के ऊपर हम स्टॉपलॉस लेना जरुरी है। जब तक चार्ट में कोई ट्रेंड बदलने वाला सिग्नल नहीं मिलता तब तक हमें प्रॉफिट बुकिंग नहीं करना है। आप उपर वाले फोटो में देख सकते हैं।

(2)Bearish Harami Candle(बेरिश हरामी कैंडल)

Bearish harami candle in Hindi,

Bearish harami candle in Hindi

Bearish harami candle एक कैंडलेस्टिक पेटर्न है।वह दो प्रकार की होती है वह आप ऊपर वाले इमेज में देख सकते हैं।bearish harami candle मंदी को दर्शाती है यानी कि अब शेयर में तेजी का समय खत्म हो गया अब मंदी की शुरुआत हो चुकी है।bearish harami candle मे पहली कैंडल हमेशा लंबी तेगी की कैंडल यानी कि बुलिश कैंडल यह हरे रंग की होती है।और दूसरी कैंडल स्मॉल bearish मतलब के मंदी की कैंडल यह लाल रंग की होती है।

Bearish harami candle में पहली कैंडल long bulish यानी कि लंबी तेजी की कैंडल होती है।इसमें दूसरी कैंडल पहली कैंडल के close प्राइस या gape up होती है।इसमें दूसरी कैंडल पहली कैंडल के open प्राइस क्या बराबर प्राइस पर बंद होना चाहिए यानी कि दूसरी कैंडल पहली कैंडल के बीच में होती है।

यह कैंडल चार्ट मे लम्बी तेजी के बाद बनती है। bearish harami candle के बाद की कैंडल gape down open होनी चाहिए। वॉल्यूम भी होना चाहिए।

यह कैंडल intraday,डेली,मंथली, चार्ट मे दिखाई अच्छे से काम करती है। यदि आप intraday करते है तो 5मिनिट,15मिनिट के चार्ट पर अछेसे काम करती बेयरिश हरामी पैटर्न है। अगर आप पोजीशनल ट्रेड करते है तो 1Day, 1week के चार्ट मे अच्छे ऐ काम करती है।

(iv)sell के लिए नयी कैंडल को bearish harami candle के दूसरी कैंडल के open प्राइज के निचे close होना चाहिए।

Bearish harami candle in Hindi

आपको sell के लिए यह देख ना है की नयी कैंडल Bearish harami candle के दूसरी कैंडल के निचे या फिर gape down open होनी चाहिए।

मानलो अगर कल चार्ट मे bearish harami candle बनी है तो आज की नयी कैंडल gape down होनी चाहिए लेकिन यहाँ पे gape down open नहीं हुयी है तो हमें यह देखना है की वह candle का भाव bearish harami candle के पहली candle के open प्राइज के निचे close होना चाहिए तब ही sell करें।

यहाँ पे bearish harami candle के पहली कैंडल के low प्राइज के ऊपर stop lose रखना जरुरी है। जब तक चार्ट मे कोई ट्रेंड बदलने वाला वाला सिग्नल ना दिखाई दे तबतक प्रॉफिट बुकिंग नहीं करना है।

मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न (भाग 2)

इससे पहले कि आप कुछ और सोचें हम बता देते हैं, ‘हरामी’ शब्द हिंदी में इस्तेमाल होने वाले हरामी शब्द के लिए नहीं है । यह ‘गर्भवती’ के लिए पुराना जापानी शब्द है। जब आप इस कैंडलस्टिक की बनावट देखते हैं, तो आप इस नाम को समझ सकेंगे।

हरामी दो कैंडलस्टिक वाला पैटर्न है। इसमें पहली कैंडलस्टिक आमतौर पर लंबी होती है और दूसरी कैंडलस्टिक में एक छोटी रियल बॉडी होती है। दूसरी कैंडलस्टिक बेयरिश हरामी पैटर्न आम तौर पर पहली कैंडलस्टिक के रंग के विपरीत होती है। हरामी पैटर्न की उपस्थिति पर एक ट्रेंड में बदलाव संभव है। हरामी पैटर्न दो प्रकार के होते हैं – बुलिश हरामी और बेयरिश हरामी।

9.2 – बुलिश हरामी ( The Bullish Harami )

जैसा कि नाम से पता चलता है, चार्ट के निचले सिरे पर दिखने वाला बुलिश हरामी एक बुलिश पैटर्न है। बुलिश हरामी पैटर्न भी एनगल्फिंग पैटर्न (Engulfing Pattern) की तरह दो दिन में विकसित होता है। नीचे दिए गए चार्ट में, बुलिश हरामी पैटर्न को घेर कर दिखाया गया है।

एक बुलिश हरामी पैटर्न के पीछे की सोच प्रक्रिया इस प्रकार है:

  1. बाजार मंदी में है और कीमतें नीचे गिर रही हैं, बेयर्स का बाजार पर पूर्ण नियंत्रण है।
  2. पैटर्न के पहले दिन ( P1) एक लाल कैंडल के साथ एक नया लो बनता है, जो बाजार में बेयर्स की स्थिति को मजबूत करता है।
  3. पैटर्न के दूसरे दिन ( P 2) बाजार पिछले दिन के बंद भाव से अधिक कीमत पर खुलता है। ओपन कीमत ऊपर देखकर बेयर्स घबरा जाते हैं, क्योंकि वे उम्मीद कर रहे थे कि ओपन कीमत नीचे जाएगी।
  4. बाजार ने P 2 पर मजबूती हासिल की और तेजी के साथ बंद होने में सफल रहा। इस तरह एक नीली कैंडल बन गयी। लेकिन P 2 की क्लोज कीमत पिछले दिन ( P 1) की ओपन कीमत से कम है।
  5. कीमत के उतार चढ़ाव से P 2 को छोटी नीली कैंडल बनती है जो P 1 की लंबी लाल कैंडल के भीतर (गर्भवती) दिखाई देती है।
  6. ये छोटी नीली कैंडल अपने आप में हानिरहित दिखती है, लेकिन वास्तव में घबराहट इस वजह से आती है कि ये बुलिश कैंडल अचानक से प्रकट होती है, जबकि इसकी कोई उम्मीद नहीं थी।
  7. यह नीली कैंडल न केवल बुल्स को लांग जाने यानी खरीदारी का हौसला देती है, बल्कि बेयर्स को भी परेशान करती है।
  8. उम्मीद यह है कि बेयर्स में डर और तेजी से फैलेगा और बुल्स को ताकत मिलेगी। इससे कीमतों में तेजी आएगी। इसलिए स्टॉक पर खरीदारी करने या लांग जाने का समय है।

हरामी के लिए ट्रेड सेटअप यानी सौदा :

  1. बुलिश हरामी बनने पर खरीदारी करनी है।
  2. रिस्क लेने वाले P 2 कैंडल के क्लोज के करीब एक लांग ट्रेड यानी खरीद का सौदा शुरू कर सकते हैं।
  3. रिस्क लेने वाले को जांचना होगा कि क्या P 1 और P 2 एक साथ मिलकर एक हरामी पैटर्न बना रहे हैं? ये दो बातों से पता चलेगा :
    • P 2 का ओपन P 1 के क्लोज से ऊपर होना चाहिए।
    • P2 के 3:20 बजे की कीमत P1 के ओपन कीमत से कम होनी चाहिए।
    • यदि ये दोनों शर्तें पूरी हो रही हैं तो यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि P1 और P2 दोनों एक साथ मिलकर बुलिश हरामी पैटर्न बना रहे हैं।
  4. रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन बाजार बंद होने के समय खरीदारी की शुरुआत कर सकता है, केवल यह पुष्टि करना होगा कि उस दिन एक नीली कैंडल बन रही है।
  5. पैटर्न का सबसे निचला लो इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस होगा।

यहाँ नीचे एक्सिस बैंक का एक चार्ट देखिए इसमें बुलिश हरामी को घेर कर दिखाया गया है।

यहां OHLC इस प्रकार है:

P 1 – ओपन = 868, हाई = 874, लो = 810, क्लोज = 815 P2 – ओपन = 824, हाई = 847, लो = 818, क्लोज = 835

रिस्क लेने वाला P 2 के क्लोज कीमत के करीब 835 पर खरीदारी की शुरुआत करेगा। सौदे के लिए स्टॉपलॉस P 1 और P 2 के बीच सबसे कम कीमत होगा; जो इस मामले में 810 है।

रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन क्लोज के करीब ट्रेड शुरू कर देगा, बशर्ते यह एक नीली कैंडल का दिन हो, जो इस मामले में है।

एक बार सौदा शुरू हो जाने के बाद, ट्रेडर को या तो टारगेट के हिट होने या स्टॉपलॉस के ट्रिगर होने का इंतजार करना होगा।

यहां नीचे एक चार्ट दिया गया है जहां कैंडल (घेरे में दिखाई गयी) एक बुलिश हरामी पैटर्न दिखा रही हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। इस पैटर्न के पहले का ट्रेंड मंदी का होना चाहिए, लेकिन इस मामले में पहले का ट्रेंड लगभग सपाट है जो हमें इस कैंडलस्टिक पैटर्न को बुलिश हरामी कहने से रोकती है।

अब एक और उदाहरण देखते हैं जहाँ बुलिश हरामी पैटर्न बना लेकिन स्टॉपलॉस ट्रिगर होने से सौदे में नुकसान हो गया।

9.3 बेयरिश हरामी (The Bearish Harami)

बेयरिश हरामी पैटर्न एक तेजी के ट्रेंड में ऊपर की तरफ बनता है और ये ट्रेडर को शॉर्ट करने का मौका देता है।

एक बेयरिश हरामी में शॉर्ट करने के पीछे का विचार इस प्रकार है:

  1. बाजार में तेजी है और बुल्स के नियंत्रण में है।
  2. पहले दिन ( P1) को बाजार तेजी में रहता है और एक नया हाई बनाता है। ये पूरी तरह से एक नीली कैंडल का दिन बनता है। बाजार में तेजी का ये दौर फिर से बुल्स के प्रभुत्व को दिखाता है।
  3. P 2 को बाजार अप्रत्याशित रूप से नीचे खुलता है जो बुल्स की पकड़ कमजोर करता है, बुल्स थोड़ी घबराहट में आ जाते है।
  4. बाजार उस हद तक नीचे चला जाता है, जहां यह लाल कैंडल का दिन बन कर बंद होता है।
  5. बाजार में आई इस अचानक मंदी से बुल्स डर जाते हैं और अपने सौदे छोड़ने लगते हैं।
  6. उम्मीद यह है कि यह मंदी जारी रहेगी और इसलिए यहाँ पर शॉर्ट करने पर ध्यान देना चाहिए।

बेयरिश हरामी के आधार पर शॉर्ट ट्रेड का सेटअप है:

  1. P 1 और P 2 को मिल कर बेयरिश हरामी बनाते देखने के बाद रिस्क लेने को तैयार ट्रेडर P 2 के क्लोज के पास बाजार को शॉर्ट करेगा। बेयरिश हरामी सुनिश्चित करने के लिए दो शर्तों को पूरा होना होगा:
  1. P 2 को ओपन कीमत P 1 की क्लोज कीमत से कम होनी चाहिए।
  2. P 2 पर क्लोज कीमत P 1 की ओपन कीमत से अधिक होनी चाहिए।
  1. रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन यह देखेगा कि उस दिन लाल कैंडल ही बना है और फिर वो भी शॉर्ट करेगा।
  2. P 1 और P 2 के बीच सबसे ऊँचा हाई इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस के रूप में काम करता है।

यहाँ IDFC Limited का एक चार्ट है, जहाँ पर बेयरिश हरामी दिखता है। OHLC इस प्रकार हैं:

P 1 – ओपन = 124, हाई = 129, लो = 122, क्लोज = 127

P2 – ओपन = 126.9, हाई = 129.70, लो, = 125, क्लोज = 124.80

रिस्क लेने वाला P2 को क्लोज कीमत के करीब 125 पर अपना ट्रेड शुरू करेगा। रिस्क से बचने वाला P 2 के बाद वाले दिन ट्रेड शुरू करेगा, लेकिन यह सुनिश्चित करने के बाद कि यह लाल कैंडल का दिन है। इस उदाहरण में, रिस्क से बचने वाले ने सौदा किया ही नहीं होगा।

इस सौदे के लिए स्टॉपलॉस P 1 और P 2 के बीच सबसे ऊँचा हाई होगा। इस मामले में यह 129.70 होगा।

Harami Candle Stick Pattern | हरामी कैंडल स्टिक के बारे में जाने ये क्या होती, कैसे काम करती है, और इसके बनने के बाद कैसे ट्रेड करते हैं

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जैसा कि आप जानते ही हैं कि कैंडलस्टिक (Candlestick) के बिना और टेक्निकल एनालिसिस के बिना स्टॉक मार्किट अधूरा है और हम आपको इस ब्लॉग में आज एक नई कैंडल के बारे में जानेंगे ये हमारे लिए या दुनिया के लिए नई नहीं है किन्तु अगर आपको नहीं पता तो आपके लिये नई हो सकती है

इसलिए आज हम बात करेंगे H arami candlestick pattern in hindi और जानेगे कि What does harami candle indicate? तो अगर आप भी जानना चाहते हैं हरामी कैंडल स्टिक के बारे में कि ये क्या होती, हरामी कैंडल स्टिक कैसे काम करती है, हरामी कैंडल स्टिक और हरामी कैंडल स्टिक बनने के बाद कैसे ट्रेड करते हैं तो बने रहें मेरी इस पोस्ट के साथ।

अब हम जो आपको कैंडल के बारे में बताने जा रहे हैं वो है हरामी पैटर्न और सबसे पहले हम देखते हैं इसका चित्र:-

हरामी कैंडल चित्र :-

H arami candlestick pattern in hindi हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न

कृपया आप इसके नाम पर न जाएँ ये नाम हिंदी का नहीं बल्कि जापानी भाषा का होता है जैसा की हमने आपको बताया था की कैंडल की उत्पत्ति जापान में हुई थी अतः इसका मतलब हिंदी में गर्भवती बेयरिश हरामी पैटर्न है जी हाँ जैसे गर्भवती औरत और इसका नाम ऐसा क्यों रखा गया है जब आप कैंडल को देखेंगे तो समझ जायेंगे

नीचे आपको इसका एक चित्र दिखाया जा रहा है और संयोग से मुझे एक ही चार्ट में दो बार ये पैटर्न दिख गया और आप देखिये की क्या हुआ उसके बाद

यहां आपको दो जगह ये कैंडल दिखेंगी जिसको मैंने गोले में दिखाया है दोनों लाल कैंडल जब मार्किट गिर रहा था तब ये हरा कैंडल बना और मार्किट ने अपनी चाल बदल दी वैसे एक बात और है जो आपको बताने से रह गयी थी की कैंडल स्टिक पैटर्न शार्ट टर्म के लिए होता है मतलब की ये एक दिन से लेकर एक हफ्ते या एक महीने तक के लिए होता है।

जब तक शेयर दौड़ लगा कर थक न जाये तब तक भी आप इसको लेकर रख सकते हो और करेक्शन पर बेच करके ट्रेडिंग के नए मौके तलाश सकते हो आप देखोगे कि ( चित्र में ) पहले ये चाल 9 दिन तक रही और दूसरी बार सिर्फ 4 दिन तक ही बनी रही।

H arami candlestick pattern Stop Loss ( स्टॉपलॉस )

जब तक आपको प्रॉफिट मिल रहा हो तब तक इसमें बने रहना है और जब ये अपने एक दिन पहले के लो ( LOW ) को तोड़ता है तब आपको इससे बाहर आना है इसका एक दिन पहले का लो ही आपका स्टॉप लॉस होगा।अब बात करतें हैं इसके नाम की तो बेयरिश हरामी पैटर्न एक विपरीत रंग की बड़ी कैंडल के बीच में जब इस तरह की ये कैंडल बनती है तो देखने में ऐसा ही लगता है इसी लिए वहाँ के लोगों ने इसका नाम हरामी यानि की गर्भवती रखा था

H arami candlestick pattern Type (हरामी कैंडलस्टिक के प्रकार)

H arami candlestick pattern Type ये दो प्रकार की होती है बुलिश H arami candlestick pattern और बेयरिश H arami candlestick pattern जब मार्किट में बड़ी गिरावट हो लाल कैंडल के साथ और हरा छोटा ऐसा ही कैंडल बने तो वो बुलिश कैंडल होता है और जब मार्किट बुलिश हो हरे कैंडल स्टिक के साथ और ऐसा ही लाल कैंडल बने तो उसे बेयरिश हरामी कैंडल कहते हैं अब जो हम आपको चार्ट दिखाएंगे वो बुलिश हरामी का चार्ट है।

इसमें आप देख सकते हैं की ये कैंडल बना और स्टॉक की चाल बदल गयी जैसा की मैंने पहले भी बताया था कि सिर्फ कैंडल देखकर ही ट्रेड नहीं बनाना चाहिए उसकी पुस्टि के लिए आपको कुछ और पैरामीटर की भी जरुरत होती है जो मै आगे आने वाले अध्याय में बताउंगी ( वॉल्यूम, इंडीकेटर्स, कैंडलस्टिक चार्ट, ग्लोबल मार्किट आदि )

जितने ज्यादा पैरामीटर ट्रेड के साथ मेल खाते हैं कैंडल उतनी ही ज्यादा कारगर होती है मै यहां आपको बुलिश हरामी के बारे में बताउंगी क्योंकि बेयरिश हरामी बस इसकी एकदम उलटी होती है

हरामी कैंडल के बनने के पीछे की सोच क्या है:-

2. एक दिन पहले तक जब बाजार में बिकवाली हो रही थी तो उसने लाल कैंडल मतलब बेयर कैंडल बनाई जिससे एक नया लो ( Low ) बनता है जो की बाजार में मंदी को और मजबूती प्रदान करता है।

व्यापार के लिए तैयार हैं? पहले कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में जानें!

एक तकनीकी उपकरण होने के नाते,मोमबत्ती चार्ट अलग-अलग समय सीमा से डेटा को एक मूल्य बार में पैक करने के लिए होते हैं। यह तकनीक उन्हें पारंपरिक लो-क्लोज़ और ओपन-हाई बार की तुलना में अधिक प्रभावी बनाती है; या यहां तक कि साधारण रेखाएं जो अलग-अलग बिंदुओं को जोड़ती हैं।

मोमबत्तियां उन पैटर्नों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध हैं जो कीमत की दिशा का अनुमान लगाते हैं। पर्याप्त रंग कोडिंग के साथ, आप तकनीकी उपकरण में गहराई जोड़ सकते हैं। 18वीं शताब्दी में कहीं न कहीं जापानी प्रवृत्ति के रूप में जो शुरू हुआ वह स्टॉक का एक अभिन्न अंग बन गया हैमंडी शस्त्रागार

Candlestick patterns

इसे ध्यान में रखते हुए, इस पोस्ट में, कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में और जानें कि वे स्टॉक रीडिंग में कैसे उपयोगी हो सकते हैं।

कैंडलस्टिक क्या है?

एक कैंडलस्टिक किसी परिसंपत्ति के मूल्य आंदोलन के बारे में जानकारी प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। ये चार्ट के सुलभ घटक हैंतकनीकी विश्लेषण, व्यापारियों को कुछ बार से तुरंत मूल्य की जानकारी समझने की अनुमति देता है।

प्रत्येक कैंडलस्टिक में तीन बुनियादी विशेषताएं होती हैं, जैसे:

  • शरीर: ओपन-टू-क्लोज़ का प्रतिनिधित्व करनाश्रेणी
  • बाती (बेयरिश हरामी पैटर्न छाया): इंट्रा-डे लो और हाई का संकेत
  • रंग: बाजार की गतिविधियों की दिशा का खुलासा

समय के साथ, व्यक्तिगत कैंडलस्टिक्स ऐसे पैटर्न बनाते हैं जिनका उल्लेख व्यापारी काफी प्रतिरोध और समर्थन स्तरों को पहचानते हुए कर सकते हैं। बाजार के भीतर अवसरों का संकेत देने वाली विभिन्न प्रकार की कैंडलस्टिक पैटर्न चीट शीट हैं।

जबकि कुछ पैटर्न बाजार के अनिर्णय या पैटर्न में स्थिरता की पहचान करने में मदद करते हैं, कुछ अन्य बिक्री और खरीद दबाव के बीच संतुलन में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

पैटर्न को परिभाषित करना

कुछ बेहतरीन कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ, आप ट्रेडिंग इंडेक्स या स्टॉक की चार प्राथमिक कीमतों की पहचान कर सकते हैं, जैसे:

  • खुला हुआ: यह पहली कीमत का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर बाजार खुलने पर व्यापार का निष्पादन होता है।
  • उच्च: दिन के दौरान, यह उच्चतम मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर एक व्यापार निष्पादित किया जा सकता है।
  • कम: दिन के दौरान, यह उस न्यूनतम कीमत का प्रतिनिधित्व करता है जिस पर किसी व्यापार को निष्पादित किया जा सकता है।
  • बंद करे: यह उस अंतिम कीमत को दर्शाता है जिस पर बाजार बंद है।

आम तौर पर, बाजार के मंदी और तेजी के व्यवहार का प्रतिनिधित्व करने के लिए विभिन्न रंगों का उपयोग किया जाता है। ये रंग मूल रूप से एक चार्ट से चार्ट में भिन्न होते हैं।

बेयरिश कैंडलस्टिक पैटर्न

एक मंदी के पैटर्न की संरचना में तीन अलग-अलग पहलू होते हैं, जैसे:

    बेयरिश हरामी पैटर्न
  • शरीर: केंद्रीय निकाय क्लोजिंग और ओपनिंग प्राइस को दर्शाने के लिए है। एक मंदी की मोमबत्ती में, शुरुआती कीमत हमेशा बंद कीमत से अधिक होती है।
  • सिर: ऊपरी छाया के रूप में भी जाना जाता है, मोमबत्ती का सिर उद्घाटन और उच्च कीमत को जोड़ने के लिए होता है।
  • पूंछ: निचली छाया के रूप में भी जाना जाता है, एक मोमबत्ती की पूंछ समापन और कम कीमत को जोड़ने के लिए होती है।

बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न

इसकी संरचना में तीन पहलू भी शामिल हैं:

  • शरीर: हालांकि यह क्लोजिंग और ओपनिंग प्राइस का प्रतिनिधित्व करता है; हालांकि, मंदी के पैटर्न के विपरीत, तेजी में, शरीर की शुरुआती कीमत हमेशा बंद कीमत से कम होती है।
  • सिर: यह समापन और उच्च कीमत को जोड़ने के लिए जिम्मेदार है।
  • पूंछ: यह उद्घाटन और कम कीमत को जोड़ने के लिए जिम्मेदार है।

candlestick patterns

कैंडलस्टिक पैटर्न के प्रकार

इन पैटर्नों को वर्गीकृत करने के दो अलग-अलग तरीके हैं, जैसे:

सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न

इसमें, मोमबत्तियां या तो एकल या एकाधिक हो सकती हैं, जो एक विशिष्ट पैटर्न बनाती हैं। वे एक मिनट से लेकर घंटों, दिनों, हफ्तों, महीनों और वर्षों तक होते हैं। समय सीमा जितनी बड़ी होगी, आगामी चालों और रुझानों के बारे में उतनी ही अधिक जानकारी होगी। कुछ सबसे महत्वपूर्ण एकल कैंडलस्टिक पैटर्न में शामिल हैं:

  • मारुबोज़ु (बुलिश मारुबोज़ु और बेयरिश मारुबोज़ु)
  • पेपर अम्ब्रेला (हैमर और हैंगिंग मैन)
  • उल्का
  • दोजिक
  • स्पिनिंग टॉप

एकाधिक कैंडलस्टिक पैटर्न

इस पैटर्न में, हमेशा दो या दो से अधिक मोमबत्तियां होती हैं जो ट्रेडिंग स्टॉक का व्यवहार बनाती हैं। कई प्रकार के पैटर्न हैं जिनका उपयोग कई व्यापारिक व्यवहारों को इंगित करने के लिए किया जाता है:

  • एनगल्फिंग पैटर्न (बुलिश एनगल्फिंग और बेयरिश एनगल्फिंग)
  • भेदी पैटर्न आवरण
  • हरामी पैटर्न (बुलिश हरामी और बेयरिश हरामी)
  • सुबह का तारा
  • शाम का सितारा
  • तीन श्वेत सैनिक
  • तीन काले कौवे

कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

  • किसी भी ट्रेंड रिवर्सल कैंडलस्टिक पैटर्न का पालन करते समय, सुनिश्चित करें कि आप पिछले रुझानों पर नजर रखें।
  • जोखिम लेने की आपकी क्षमता के आधार पर, या तो उसी दिशा में प्रदर्शित होने वाली दूसरी कैंडलस्टिक की प्रतीक्षा करें या पैटर्न निर्माण के पूरा होने के ठीक बाद ट्रेड करें।
  • वॉल्यूम की निगरानी करते रहें, यदि पैटर्न में वॉल्यूम कम है, तो अपना ट्रेड करने से पहले कुछ समय प्रतीक्षा करें।
  • एक सख्त स्टॉप-लॉस रखें और जैसे ही ऐसा होता है, ट्रेड से बाहर निकल जाएं
  • किसी भी कैंडलस्टिक पैटर्न का आँख बंद करके पालन न करें। साथ-साथ अन्य संकेतकों का भी जिक्र करते रहें।
  • एक बार जब आप किसी व्यापार में प्रवेश कर लेते हैं, तो थोड़ा धैर्य रखें और उसे ठीक करने से बचें।

निष्कर्ष

कैंडलस्टिक चार्ट पैटर्न की समझ निश्चित रूप से एक लंबा सफर तय कर चुकी है। हालाँकि, आप जिस चार्ट का अध्ययन कर रहे हैं, उसकी सटीकता लगातार अध्ययन, बारीक बिंदुओं के ज्ञान, लंबे अनुभव और मौलिक और तकनीकी दोनों पहलुओं की समझ पर निर्भर करती है। इसलिए, जबकि ऐसे कई पैटर्न हैं जिन्हें पाया जा सकता है, लाभ प्राप्त करने के लिए उपयुक्त विश्लेषण और अभ्यास की आवश्यकता होती है।

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