Digital Currency : UPI और पेटीएम-गूगल पे से जानें कैसे अलग है डिजिटल रुपया?
Digital Currency: केंद्र सरकार की डिजिटल रुपये की घोषणा के अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह मौजूदा डिजिटल वॉलेट के कारोबार को प्रभावित करेगा, जबकि डिजिटल रुपया अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है, भारत में व्यवसायों के संचालन के तरीके पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
Digital Currency: केंद्र सरकार की डिजिटल रुपये की घोषणा के अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह मौजूदा डिजिटल वॉलेट के कारोबार को प्रभावित करेगा, जबकि डिजिटल रुपया अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है, भारत में व्यवसायों के संचालन के तरीके पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
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डिजिटल रुपया कारोबारों के लिए ऑनलाइन लेनदेन करना आसान बना देगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगा, जो तेज और सुरक्षित लेनदेन की अनुमति देगा, लेकिन अब यह सवाल सभी के मन में उठ रहा है कि क्या भुगतान का यह नया तरीका UPI और मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम और गूगल पे का सीधा प्रतिस्पर्धी हो सकता है?
मोबाइल वॉलेट और UPI से नहीं है कोई प्रतिस्पर्धा
डिजिटल रुपये का पेटीएम, गूगल-पे और फोन-पे जैसे मोबाइल वॉलेट और UPI ऐप्स से कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है। यह सिर्फ डिजिटल भुगतान का एक नया तरीका है। इसके तहत आप बैंक से एक बार डिजिटल रुपए खरीदकर उसे किसी अन्य व्यक्ति या मर्चेंट को वॉलेट से वॉलेट ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। डिजिटल रुपये को आरबीआई का समर्थन होगा जिससे इसकी विश्वसनीयता और ज्यादा बढ़ जाएगी।
मौजूदा डिजिटल ट्रांजेक्शन से अलग कैसे होगा?
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वर्तमान में हम किसी भी मर्चेंट को ई-वॉलेट या UPI के जरिए जो पेमेंट करते हैं, उसे डिजिटल करेंसी नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि इसके जरिए पैसा फिजिकल करेंसी के रूप में ही काम करता है। यानी आप भुगतान के लिए उपयोग की जाने वाली मुद्रा को वर्तमान भौतिक मुद्रा के बराबर मानते हैं. डिजिटल करेंसी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड मुद्रा होगी जिसे सिर्फ डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा। आगे यह संभव है कि मोबाइल के जरिए भुगतान की सुविधा देने वाली कंपनियां अपने ऐप का एक भाग डिजिटल रुपये को दे सकती हैं।
डिजिटल रुपया लाने का क्या मकसद है?
CBDC यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली मुद्रा नोटों का एक डिजिटल रूप होगा। वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में वित्त मंत्री ने ब्लॉकचैन आधारित डिजिटल रुपये को पेश करने की घोषणा की थी। वहीं केंद्रीय बैंक का कहना है कि मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय, डिजिटल रुपये का लक्ष्य डिजिटल मुद्रा का पूरक है। इसका मकसद उपभोक्ताओं को भुगतान के लिए अतिरिक्त विकल्प देना है।
बिटकॉइन (Bitcoin) क्या है 1 बिटकॉइन की कीमत कितनी है
दुनिया के हर देश में मुद्रा(Currency) का अपना अपना नाम और वैल्यू है जहा भी जाओ आप वहा पे आपको उस देश की मुद्रा (Currency) का नाम मिलेगा जैसे की इंडिया की मुद्रा(Currency) रुपए है और अमेरिका की डॉलर (डॉलर) इसी तरह इन्टरनेट में भी एक मुद्रा है जो की वर्चुअल है जिसके बारे में आजकल हर कोई जानना चाहता है जिसका नाम है बिटकॉइन(Bitcoin).
बिटकॉइन के बारे में आपने जरुर सुना होगा, बिटकॉइन आज के टाइम में बहोत ही ज्यादा पोपुलर है ये एक ओपन पेमेंट नेटवर्क है जहा पे आप इंटरनेशनली पेमेंट यानि पैसो का लेन देन कर सकते है इसके सिवा इसके बहोत सारे और भी फायदे है तो चलिए अब जान लेते है की बिटकॉइन क्या है इसके क्या फायदे है ये कैसे काम करता है इत्यादि
बिटकॉइन(Bitcoin) क्या है
बिटकॉइन एक डिजिटल करन्सी या फिर वर्चुअल करन्सी (Virtual Currency) है बिटकॉइन को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है ये ओपन सोर्स है इसे कोई भी यूज़ कर सकता है वर्चुअल करन्सी का मतलब ये है की ये पैसा तो है इसका यूज़ हम हर जगह कर सकते है लेकिन इसे हम न तो छु सकते है और न ही देख सकते है या फिर आप मान सकते है की ये एक तरह का पॉइंट्स होता है जो हमें मिलता है जिसे हम बाद में अपने देश के मुद्रा के हिसाब से कन्वर्ट कर सकते है
अब आप सोच रहे होंगे की इसे हम न तो छु सकते है और न ही देख सकते है क्या ये हमेशा होगा तो यहाँ में आपको बताना चाहूँगा की ऐसा कुछ नहीं है बस इसे एक वर्चुअल करन्सी नाम दिया गया है बाद में आप इसे अपने बैंक अकाउंट में भेज कर अपने देश का करन्सी बना सकते है
1 बिटकॉइन की कीमत कितनी है ?
अब आप ने जान तो लिया है की बिटकॉइन बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है क्या है लेकिन क्या आपको पता है की 1 बिटकॉइन की कीमत क्या है आप जान कर हैरान हो जायेंगे इंडिया में 1Bitcoin की कीमत करीब Rs 67712.20 रूपये है लेकिन हा ध्यान रहे बिटकॉइन की कीमत घटती बढती रहती है
नोट : फ़िलहाल की 1 बिटकॉइन की कीमत जानने के लिए गूगल में सर्च करे 1 Bitcoin to inr आपको जो फ़िलहाल रेट चल रहा है पता चल जायेगा
Bitcoin क्या है और यह कैसे काम करता है?
Bitcoin एक तरह की Cryptocurrency है यह कोई भौतिक मुद्रा नहीं हैं, Bitcoin बहुत लोकप्रिय है और इसने अपने साथ सैकड़ों अन्य Cryptocurrency को लॉन्च किया है, जिन्हें सामूहिक रूप से altcoin कहा जाता है। Bitcoin को आमतौर पर “बीटीसी” के रूप में संक्षिप्त किया जाता है।
Bitcoin क्या है? अधिक जानने के लिए पूरा लेख पढ़े।
Bitcoin Kya Hai in Hindi | Bitcoin क्या है?
Bitcoin एक decentralized digital currency है जिसे आप बैंक या किसी तीसरे पक्ष के बिना सीधे खरीद, बेच और exchange कर सकते हैं।
2009 में अपने सार्वजनिक लॉन्च के बाद से, Bitcoin का मूल्य अजीब तरीके से बढ़ा है। हालांकि यह एक बार $150 प्रति Coin के तहत बेचा गया था, 1 मार्च, 2021 तक, एक Bitcoin अब लगभग $50,000 में बिका था, क्योंकि इसकी आपूर्ति 21 मिलियन सिक्कों तक सीमित है।
कई लोग उम्मीद करते हैं कि समय बीतने के साथ ही इसकी कीमत बढ़ती रहेगी, विशेष रूप से अधिक बड़े, संस्थागत निवेशक इसे एक प्रकार के डिजिटल सोने के रूप में मानते हैं। हालांकि अभी कुछ दिनों पहले इसके मूल्य में भारी गिरावट आई है।
Bitcoin Mining क्या है?
Bitcoin माइनिंग वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा Bitcoin को एक प्रचलन में छोड़ा जाता है। आम तौर पर, Bitcoin mining में एक नया ब्लॉक खोजने के लिए कम्प्यूटेशनल रूप से कठिन पहेलियों को हल करने की आवश्यकता होती है, जिसे ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है।
Bitcoin माइनिंग पूरे नेटवर्क में लेनदेन रिकॉर्ड जोड़ता है और सत्यापित करता है। इसके अलावा ब्लॉकचेन में ब्लॉक जोड़ने के लिए, miner को कुछ Bitcoin से पुरस्कृत किया जाता है।
Bitcoin को mine करने के लिए कई तरह के हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है। जिसमें कुछ कंप्यूटर चिप्स, जिन्हें एप्लिकेशन-स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट (ASIC) कहा जाता है। इसके अलावा कुछ अधिक उन्नत प्रोसेसिंग यूनिट, जैसे ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU), आदि का उपयोग होता है।
Bitcoin माइनिंग कैसे काम करता है?
Bitcoin माइनिंग Bitcoin ब्लॉकचेन में नए लेनदेन को जोड़ने की प्रक्रिया है। यह एक कठिन काम है। जो लोग Bitcoin को माइन करना चुनते हैं, वे काम के एक ऐसी प्रक्रिया का उपयोग करते हैं, जो लेनदेन को सत्यापित करने वाली गणितीय पहेली को हल करने के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल करती है।
Bitcoin कोड पहेलियों को हल करने और समग्र प्रणाली का समर्थन करने के लिए और miner को लुभाने के लिए miner को नए Bitcoin के साथ पुरस्कृत करता है।
शुरुआती दिनों में, सामान्य व्यक्ति के लिए Bitcoin माइन करना आसान था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। क्योंकि Bitcoin कोड समय के साथ अपनी पहेली को और अधिक चुनौतीपूर्ण बनाने के लिए लिखा गया है, जिसके लिए अधिक से अधिक कंप्यूटिंग संसाधनों की आवश्यकता होती है।
आज के समय में, Bitcoin माइनिंग में सफल होने के लिए शक्तिशाली कंप्यूटर और भारी मात्रा में सस्ती बिजली की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा Bitcoin माइनिंग अब पहले की तुलना में Miners को कम भुगतान करता है, जिससे बढ़ती कम्प्यूटेशनल और विद्युत लागत की भरपाई करना और भी कठिन हो जाता है।
Conclusion
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बिट कॉइन क्या है? और आप इसे कैसे खरीद सकते है ! What is bitcoin and how to buy – in hindi
हेलो फ्रैंड्स आज हम जानेगे बिट कॉइन (bitcoin) क्या है? ये कैसे काम करता है? इसे आप कैसे खरीद सकते है? कैसे बेच सकते है? और कैसे आप कमा भी सकते है? साथ ही हम देखेंगे की इसके प्राइस कैसे बढ़ते है?
बिट कॉइन क्या है ? (What is bitcoin)
बिट कॉइन(bitcoin) एक डिजिटल करेंसी है तो की 2009 से उपयोग की जा रही है इसे सातोशी नाका मोटो ने बनाया था | डिजिटल करेंसी मतलब एक डिजिटल कॉम्प्लेक्स कोड है जो की एन्क्रिप्टेड रूप में रहता है ये एन्ड टू एन्ड ही डिक्रिप्ट होता है जिस से की ये और भी सुरछित हो जाती है | जैसे इंटरनेट का कोई मालिक नहीं है उसी प्रकार से बिट कॉइन(bitcoin) का भी कोई मालिक नहीं है ये वॉलेट तो वालर ट्रांसफर होती है बिच में इसे देखने वाला कोई नहीं होता है बस एक एन्टेरी बनती है जिसे हम ब्लॉक चैन कहते है ये वेरीफाई करती है की ट्रांसेक्शन हुआ है और जो बिटकॉइन माइनर्स(bitcoin miners) रहते है वो इसे वेरीफाई करते है | अगर हम सिंपल शब्दो में इसे समझे तो बिटकॉइन (बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है bitcoin)एक तरह से पैसे का ही एक रूप है पर आप इसे महसूस कर सकते है पर छू नहीं सकते आप इस से कुछ भी खरीद सकते है जहा पर बिट कॉइन(bitcoin) लिए जाते है किसी को भी दुनिया के किसी भी कोने में बिट कॉइन(bitcoin) भेज सकते है | इस पर किसी भी देश का कोई भी कण्ट्रोल नहीं है | कोई भी संस्था भी ऐसे कण्ट्रोल नहीं करती है ये ट्रांसेक्शन सिर्फ वॉलेट तो वॉलेट होता है |
आप ऐसे कैसे खरीद और बेच सकते है(How to but and sell bitcoin)
लोगो को बिट कॉइन(bitcoin) के बारे में पता तो है और लोग इस के तेजी से बढ़ती कीमतों से भी बड़े आकर्षित होते है पर बहुत से लोगो को ये पता नहीं होता है की ऐसे हम ख़रीदे कहा से और खरीदने के बाद बेचे कैसे और इन्हे कौन खरीदेगा | ये सवाल हमेसा बना रहता है में आप को बताना चाहता हु की ऐसे कैसे ख़रीदे |
इंडिया में कई ट्रेडर्स है जो इस में लोगो की हेल्प करते है इस से की वे ऐसे आसानी से खरीद पाए और बेच पाए ये आप को आसानी से ऑनलाइन मिल जाते है पर कई बार आप किसी गतल वेबसाइट या एप्लीकेशन से चक्कर में कई रूपए गवा बैठते है और आप को कुछ मिलता नहीं |
इंडिया में एक zedpay.com और www.unocoin.com है जिस से की आप आसानी से बिट कॉइन(bitcoin) खरीद और बेच सकते हो आप को बस इनकी वेबसाइट या मोबाइल एप्लीकेशन पर जा कर अकाउंट बनाना होगा कुछ डॉक्यूमेंट देनहोगा और आप आसानी से बिट कॉइन (bitcoin) खरीद और बेच सकते है |
बिटकॉइन (bitcoin) खरीदने के लिए कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए|
बिटकॉइन खरीदने के लिए बस आप को –
- आधार कार्ड
- पेन कार्ड
- बैंक पासबुक
- अकाउंट में इंटरनेट बैंकिंग
ये सब आप को जब आप इन वेबसाइट पर अकाउंट बनाएंगे तब उपलोड करना होगा इन डॉक्यूमेंट को वेरीफाई होने में २४ घंटे तक का समय लगता है जैसे ही ये वेरीफाई हो जायेंगे आप बिटकॉइन (bitcoin) खरीदें बेचने के लिए तैयार होंगे आप सिम्पली इन वॉलेट में पैसे ऐड करके बिट कॉइन (bitcoin) खरीद सकते है अगर आप को बिट कॉइन (bitcoin) बेचना है तो यही से आप बेच भी सकते है आप को पैसे डायरेक्ट आप के अकाउंट में २४ घंटे के अंदर मिल जायेंगे| आप इन्ही वॉलेट से पैसे भेज भी सकते है किसी और को |
बिटकॉइन (bitcoin) के प्राइस कैसे बढ़ते घटते है ?
बिटकॉइन (bitcoin) की कोई भी प्राइस कण्ट्रोल यूनिट नहीं है इस का प्राइस डिमांड के साथ बढ़ता घटता है अगर इसकी डिमांड बढ़ती है तो इसका प्राइस भी बढ़ता है साथ ही अगर इसकी डिमांड घटती है तो प्राइस भी काम हो जाता है अगर हम करंट में देख तो इसका प्राइस 508,916.46 रूपए है आज ये 12 % काम हुआ है इसमें प्राइस में जो बदलाव है वो बहुत तेज़ी से और बहुत ज्यादा होते है ये 25 % भी बाद सकती है एक साथ
जब ये 2009 में सुरु हुआ था तब इसकी कीमत 14 रूपए थी बिच में इसकी कीमत 1800000 .00 भी हो गई थी | अगर कोई ऐसे लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदे तो उसको जरूर अच्छा खासा फायदा होगा|
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जानिये क्या है आपराधिक कार्यवाही में आरोपी व्यक्ति के अधिकार
भारत में कानून है कि एक अपराध का आरोप लगाया गया व्यक्ति निर्दोष है जब तक कि इसके विपरीत साबित न हो जाए. यह अच्छी तरह से ज्ञात है कि 100 दोषी व्यक्तियों को निर्दोष जाने दें, लेकिन एक निर्दोष को किसी अपराध के लिए दंडित नहीं किया जाना चाहिए.
आरोपी व्यक्ति के अधिकार ना केवल भारत के संविधान के तहत बल्कि समय के लिए विभिन्न कानूनों के तहत भी संरक्षित किए गए हैं. शीर्ष सुप्रीम कोर्ट के वकीलों लंबे समय से कैदियों, आरोपी और अपराधियों के अधिकारों के लिए काम कर रहे हैं. इसका कारण यह है कि आरोपी और अपराधी भी दोषी हैं और इसलिए कुछ बुनियादी अधिकारों के हकदार हैं जिन्हें किसी भी मामले में नहीं हटाया जा सकता है.
प्रत्येक आरोपी व्यक्ति को गारंटीकृत बुनियादी अधिकार और सुरक्षा निम्न हैं:
पूर्व पद के खिलाफ सुरक्षा कानून भारत का संविधान प्रदान करता है कि लागू होने वाले कानून के उल्लंघन को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को किसी भी अपराध का दोषी नहीं ठहराया जाएगा. इस सुरक्षा को किसी व्यक्ति को गलत तरीके से मुकदमा चलाने से बचाने की गारंटी है. जब किसी व्यक्ति ने कोई काम किया है, जो लागू होने के लिए किसी भी कानून के तहत दंडनीय नहीं है तो ऐसे व्यक्ति को बाद में किए गए काम के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है.
निर्दोषता की धारणा: किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति को निर्दोष माना जाता है जब तक कि अपराध किसी भी उचित संदेह से परे साबित न हो जाए. भारत और दुनिया भर में वकीलों दृढ़ता से इस सिद्धांत और कानून के शासन का पालन करते हैं कि अपराध को साबित होने तक एक व्यक्ति को निर्दोष माना जाता है. हालांकि, दहेज की मौत जैसे कुछ असाधारण मामलों में, सबूत का बोझ प्रतिवादी को यह साबित करने के लिए स्थानांतरित किया जाता है कि वह निर्दोष है. अन्यथा, एक सामान्य नियम यह है कि एक व्यक्ति को दोषी साबित होने तक निर्दोष माना जाता है.
डबल खतरे के खिलाफ सुरक्षा: भारत का संविधान कहता है की किसी व्यक्ति को किसी अपराध की कोशिश की जाती है और उसे अपराध के लिए बरी कर दिया जाता है या दोषी ठहराया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को उसी अपराध के लिए फिर से प्रयास नहीं किया जा सकता है. लोग अक्सर अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझने के लिए ऑनलाइन कानूनी परामर्श की तलाश करते हैं.
आत्म-संभोग के खिलाफ निषेध: भारत का संविधान भी अपराध के आरोपी व्यक्ति को आत्म-संभोग से सुरक्षा प्रदान करता है. एक उचित न्यायिक प्रणाली में, यह बेहद जरूरी है कि किसी व्यक्ति को खुद को बर्बाद करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. इससे आरोपी को प्रतिकूल सवाल उठाने की सुरक्षा मिलती है जब वह चुप बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है रहने का विकल्प चुनता है. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई व्यक्ति स्वैच्छिक मुक्त कबुलीजबाब नहीं चुन सकता है. एक अभियुक्त के पास स्वैच्छिक कबूल करने के लिए एक विकल्प उपलब्ध होता है और यह लागू होने के लिए किसी भी कानून के तहत आत्म-संभोग की राशि नहीं है. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अगर एक कबुली बलपूर्वक प्राप्त की जाती है तो वही स्वीकार्य नहीं है.
आत्म-संभ्रांत के खिलाफ सुरक्षा भी एक अभियुक्त को गारंटी दी गई सुरक्षा के बराबर होती है कि उसे अपने खिलाफ साक्ष्य देने के लिए किसी भी तरह से मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. दिल्ली में सर्वश्रेष्ठ आपराधिक वकील अक्सर अपने अधिकारों के बारे में कानूनी सलाह देते हैं और भारत के संविधान द्वारा सुरक्षा के बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है लिए अपराध की आरोपी के रूप में सुरक्षा की गारंटी कैसे दी जाती है, अक्सर अपराध की आरोपी व्यक्ति को उनकी स्वतंत्र इच्छा के खिलाफ कबुली और बयान देने के लिए मजबूर किया जाता है. भारत के संविधान के तहत गारंटीकृत सुरक्षा का एक बड़ा उल्लंघन है.
गलत गिरफ्तारी के खिलाफ: हर व्यक्ति को आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत गलत गिरफ्तारी और रोकथाम के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी दी गई है. इस अधिकार के तहत, अगर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है तो ऐसे व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर एक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाना चाहिए. यह ध्यान देने योग्य है कि यह अधिकार तभी उपलब्ध होता है जब वारंट जारी किया जाता है. ऐसे मामलों में जहां एक वारंट जारी नहीं किया गया है, यह अधिकार उपलब्ध नहीं है.
आरोपों को जानने का अधिकार: किसी अपराध के आरोपी और अपराध के कमीशन के लिए गिरफ्तार किए बिटकॉइन क्या है और कैसे काम करता है गए व्यक्ति को उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में जानने का अधिकार है, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि किसी व्यक्ति को उन शुल्कों के बारे में अवगत कराया जाना चाहिए जिनके अंतर्गत वह / उसे गिरफ्तार किया जा रहा है.
सुनने का अधिकार: किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति को जरूरी होने का मौका दिया जाना चाहिए. एक बार जब किसी व्यक्ति पर अपराध का आरोप लगाया जाता है तो उसे निर्दोष माना जाता है जब तक कि उसका अपराध उचित संदेह से परे साबित न हो जाए. आरोपी के अपराध को स्थापित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि अभियुक्त को कहानी के अपने पक्ष को व्यक्त करने का मौक दिया जाना चाहिए और निर्णय लेने से पहले सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए.
(Lawzgrid – इस लिंक पर जाकर आप ऑनलाइन अधिवक्ता मुहैया कराने वाले एप्लीकेशन मोबाइल में इनस्टॉल कर सकते हैं, कोहराम न्यूज़ के पाठकों के लिए यह सुविधा है की बेहद कम दामों पर आप वकील हायर कर सकते हैं, ना आपको कचहरी जाने की ज़रूरत है ना किसी एजेंट से संपर्क करने की, घर बैठे ही अधिवक्ता मुहैया हो जायेगा.)
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