FTX के दिवालिया होने के व्यापक नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए, Binance उन परियोजनाओं की मदद करने के लिए एक उद्योग रिकवरी फंड स्थापित कर रहा है, जिनकी नींव मजबूत है लेकिन तरलता संकट का सामना कर रहे हैं। विवरण थोड़ी देर बाद दिखाई देगा।

सबाराकनॉइड ब्रेन हेमरेज का इलाज: एंडोवैस्कुलर कोइलिंग का मरीजों को मिलेगा फायदा, जयपुर के बाद कोटा में लैब

कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल में एंडोवस्कुलर कोइलिंग द्वारा एन्यूरिज्म का इलाज किया गया । बारां जिले के 55 साल का मरीज 27 अक्टूबर से सिर में दर्द से परेशान था, साथ ही बीपी और टाइप 2 मधुमेह रोग से भी पीड़ित था । जिसे 29 अक्टूबर को एमबीएस अस्पताल में डॉ विजय सरदाना ने भर्ती किया था। सीटी स्कैन की जांच करवाने पर बिनेंस लैब्स क्या है जांच में डिफ्यूज सबाराकनॉइड हेमरेज पाया गया था और सीटी एंजियोग्राफी करने पर राइट मिडिल सेरेब्रल आर्टरी के विभाजन पर एन्यूरिज्म का बिनेंस लैब्स क्या है होना पाया गया जो कि सबाराकनॉइड हैमरेज होने का संभावित कारण था। मरीज़ का 31 अक्टूबर को एमबीएस हॉस्पिटल के न्यूरो इंटरवेंशन लैब में डायग्नोस्टिक डी एस ए किया गया था। और 10 नवंबर को एमबीएस हॉस्पिटल के न्यूरो इंटरवेंशन लैब में ही एन्यूरिज्म की कोइलिंग की गई। डॉ एसएन गौतम ने बताया कि गौरतलब है की पहले यह सुविधा महानगरों तक ही सीमित थी और सरकारी क्षेत्र में केवल जयपुर में ही उपलब्ध थी, अब एमबीएस हॉस्पिटल में न्यूरो इंटरवेंशन लैब की स्थापना के बाद से लगातार इस तरह के मरीजों की जांच एवं उपचार किया जा रहा है ।

एन्यूरिज्म क्या है एन्यूरिज्म

एक रक्त वाहिका (आर्टरी ) में एक उभार है जो रक्त वाहिका की दीवार में कमजोरी के कारण होता है, आमतौर पर जहां इसकी शाखाएं होती हैं। जैसे ही रक्त कमजोर रक्त वाहिका से होकर गुजरता है, रक्तचाप एक छोटे से क्षेत्र को गुब्बारे की तरह बाहर की ओर उभारने का कारण बनता है। एन्यूरिज्म को ओपन सर्जरी करके क्लिप किया जा सकता है और एंडोवैस्कुलर इंटरवेंशन द्वारा कोइलिंग किया जा सकता हे।

एंडोवस्कुलर कोइलिंग

एंडोवस्कुलर कोइलिंग आमतौर पर बेहोशी के तहत किया जाता है।इस प्रक्रिया में पैर की धमनी से कैथेटर नामक एक पतली ट्यूब रक्त वाहिकाओं के नेटवर्क के माध्यम से, सिर तक और अंत में एन्यूरिज्म में पहुँचाई जाती है। छोटे प्लैटिनम कॉइल्स को ट्यूब के माध्यम से एन्यूरिज्म में भर दिया जाता है। जिसके बाद रक्त उसमें प्रवेश नहीं कर सकता है।

Cryptocurrency News: लेनदेन में बरतें सावधानी, भारत में नहीं है कोई नियम-कानून, भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX की हो रही है जांच

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन को लेकर अभी कोई नियम कानून नहीं है. ऐसे में क्रिप्टो के लेनदेन में आपको सावधानी बरतनी चाहिए. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को लेकर बड़ा खुलासा होने की संभावना है.

Updated: August 12, 2022 11:06 AM IST

cryptocurrency transaction

Wazirx to Binance Transfer: भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज वज़ीरएक्स ने कल घोषणा की है कि वह अब उपयोगकर्ताओं के वज़ीरएक्स खातों और उनके Binance खातों के बीच क्रिप्टो फंड ट्रांसफर को सक्षम नहीं करेगा. वज़ीरएक्स ने कानूनी कारणों का हवाला देते हुए उपयोगकर्ताओं को अपने क्रिप्टो फंड को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों बिनेंस लैब्स क्या है पर स्थानांतरित करने के खिलाफ भी चेतावनी दी है. वज़ीरएक्स ने कल जारी विज्ञप्ति में कहा, “11 अगस्त 2022 से सुबह 7:30 बजे से प्रभावी, वज़ीरएक्स” Binance के साथ लॉगिन “विकल्प के माध्यम से वज़ीरएक्स और Binance के बीच ऑफ-चेन फंड ट्रांसफर का समर्थन करना बंद कर देगा.”

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वजीरएक्स एक्सचेंज में मिली है गड़बड़ी

यह अपडेट भारत के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी द्वारा दावा किए जाने के लगभग एक हफ्ते बाद आया है कि Binance के बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हुए वज़ीरएक्स से लेनदेन “ऑफ-चेन” हो रहा था. प्रवर्तन निदेशालय ने बाद में वज़ीरएक्स के बैंक जमा में ₹64.67 करोड़ को फ्रीज कर दिया है और एक्सचेंज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है.

वजीरएक्स ने दी थी सफाई

वज़ीरएक्स ने मंगलवार को स्पष्ट किया था कि उपयोगकर्ता केवल अपने वज़ीरएक्स और Binance खातों के बीच फंड ट्रांसफर कर सकते हैं. इसने यह भी दावा किया कि इन सभी लेनदेन के लिए केवाईसी विवरण एकत्र किया गया था और जब भी अनुरोध किया गया था, बिनेंस लैब्स क्या है इस तरह के डेटा को ईडी को प्रस्तुत किया गया था.

क्या है वजीरएक्स

WazirX एक नया Crypto Currency Exchange है और खास बात यह है कि यह भारत का सबसे बड़ा Cryptocurrency Exchange है. यह Peer to Peer Crypto Transaction Allow करता है. यानी यह बिटकॉइन (Bitcoin) एथेरियम, रिपल (ripple), ट्रोन (Tron), लिटकान (litcoin) और दूसरी क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने की सुविधा देता है. इसका हेड आफिस मुंबई में है.

WazirX में क्रिप्टोकरेंसी के गलत लेनदेन का शक

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वज़ीरएक्स क्रिप्टो-मुद्रा एक्सचेंज के निदेशक बिनेंस लैब्स क्या है पर छापा मारा और 5 अगस्त, 2022 को आभासी क्रिप्टो संपत्तियों की खरीद और हस्तांतरण के माध्यम से धोखाधड़ी के पैसे की धोखाधड़ी में आरोपी तत्काल ऋण ऐप कंपनियों की सहायता के लिए 64.67 करोड़ रुपये की अपनी बैंक संपत्ति को फ्रीज कर दिया है.

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया कि ईडी मामले की जांच कर रहा है. सूत्रों ने कहा, “निवेशकों को सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि वज़ीरक्स प्रकरण ने Cryptocurrency ट्रेडिंग पर बहुत सारे मुद्दों को उठाया है.”

क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में बरतें विशेष सावधानी

गुरुवार को एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले को देख रहा है. ग्राहकों से कहा गया है कि क्रिप्टो करेंसी के लेनदेन में और सावधानी बरतना आवश्यक है. एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “क्रिप्टोकरेंसी से निपटने के दौरान सावधानी बरतना आवश्यक है. वज़ीरएक्स एपिसोड ने क्रिप्टो लेनदेन के एक काले पक्ष को उजागर किया है और प्रवर्तन निदेशालय इसे देख रहा है.”

भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम-कानून नहीं

क्रिप्टो कारोबार बाजार वजीरएक्स की प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लांड्रिंग जांच और उसके बाद उसके प्रवर्तकों के बीच विवाद ने क्रिप्टोकरेंसी के ‘स्याह पहलू’ को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि क्रिप्टो करेंसी और तथाकथित एक्सचेंज के जरिये होने वाले कारोबार को नियंत्रित करने के लिये फिलहाल कोई नियम-कानून नहीं है, ऐसे में उन्हें इसको लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है.

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने एएनआई को बताया, “अगर चीनी कंपनियों द्वारा कोई गलत काम किया जाता है, तो प्रवर्तन एजेंसियां ​​उस पर शिकंजा कसेंगी.” बिनेंस लैब्स क्या है
लोकप्रिय वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म Binance ने भारतीय एक्सचेंज से खुद को दूर कर लिया. मुख्य कार्यकारी अधिकारी चांगपेंग झाओ ने कहा कि बिनेंस के पास वज़ीरएक्स की मूल इकाई ज़ानमाई लैब्स में हिस्सेदारी नहीं है.

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83 स्कूलों में बनने वाली अटल टिकरिग लैब की योजना अधर में लटकी

जागरण संवाददाता, सिरसा : सरकारी व निजी स्कूलों में विद्यार्थियों की वैज्ञानिक प्रतिभा में निखार लेकर आने के लिए अटल टिकरिग लैब खोलने की योजना बनाई गई है। जिले के अभी छह सरकारी स्कूलों में लैब खोली गई। जबकि 29 निजी स्कूलों में लैब खुल चुकी है। जिले में अभी 83 स्कूलों में अभी पोर्टल नहीं खुलने से योजना अधर में लटकी हुई पड़ी है। अटल टिकरिग लैब की योजना अधर में होने पर जिला विकास एवं समन्वय निगरान समिति की समीक्षा बैठक में सांसद सुनीता दुग्गल के सामने भी मुद्दा उठ चुका है। जिस पर सांसद ने कड़ा संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द लैब बनाने पर कार्य करने के निर्देश दिए गये थे।

31 मार्च 2019 से बंद पड़ा है पोर्टल

अटल टिकरिग योजना वर्ष 2018 में शुरू की गई। अटल टिकरिग लैब के लिए सरकारी व निजी स्कूलों को आवेदन करना पड़ता है। इसके बाद लैब बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख रुपये जारी की जाती है। जिसके तहत पहले लैब बनाने के लिए 12 लाख रुपये की राशि मिलती है। इसके बाद बाद चार साल तक प्रतिवर्ष दो लाख रुपये यानि आठ लाख रुपये मरम्मत कार्य के लिए जारी होते हैं। इस योजना के तहत 35 स्कूलों में लैब बनाई जा चुकी हैं। जबकि 31 मार्च 2019 को आवेदन करने के लिए पोर्टल बंद पड़ा हुआ है। इससे अब स्कूल आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं।

---- लैब का उद्देश्य बच्चों को आविष्कार करने के लिए प्रेरित करना

स्कूलों में लैब का निर्माण होने से विज्ञान, गणित व तकनीक में रुचि रखने वाले विद्यार्थी लैब में बैठकर रचनात्मक प्रयोग कर सकेंगे। इससे विद्यार्थियों के कौशल में निखार आएगा। इस योजना का उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना और छोटी उम्र से ही बच्चों को आविष्कार करने के लिए प्रेरित करना है। लैब में विद्यार्थियों को रोबोटिक्स, थ्री डी प्रिटर्स, इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट टूल्स, कंप्यूटर, वीडियो कान्फ्रेंसिग माइक्रो कंट्रोलर बोर्ड, अल्ट्रासनिक सेंसर जैसे अत्याधुनिक उपकरण मिलेंगे। इन लैब का बेहतरीन प्रयोग कर विद्यार्थी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का हिस्सा बन सकेंगे।

सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में अटल टिकरिग लैब खोली जाएगी।। जिले में अभी 29 निजी व 6 सरकारी स्कूलों में लैब खुल चुकी है। अभी पोर्टल बंद होने से स्कूल आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

Binance उद्योग के पुनर्निर्माण के लिए एक फंड लॉन्च करेगा

बिनेंस-बाजार-बिना सत्यापन

चांगपेंग झाओ ने ट्विटर पर कहा कि नए फंड से मिलने वाला फंड लिक्विडिटी की कमी से जूझ रही क्रिप्टोकरंसी कंपनियों को जाएगा। उन्होंने फंड भरने में भाग लेने के लिए उद्यम पूंजी फर्मों और क्रिप्टोकुरेंसी निवेशकों को भी आमंत्रित किया। बिनेंस बॉस ने लिखा:

FTX के दिवालिया होने के व्यापक नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए, Binance उन परियोजनाओं की मदद करने के लिए एक उद्योग रिकवरी फंड स्थापित कर रहा है, जिनकी नींव मजबूत है लेकिन तरलता संकट का सामना कर रहे हैं। विवरण थोड़ी देर बाद दिखाई देगा।

झाओ ने यह भी जोर दिया कि तरलता की कमी से जूझ रही परियोजनाएं पहले से ही एक्सचेंज की उद्यम पूंजी शाखा - बिनेंस लैब्स से संपर्क कर सकती हैं। विवरण अब तक दुर्लभ हैं, और नए फंड के नियोजित आकार का भी पता नहीं है।

FTX के और अधिक नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए, Binance उन परियोजनाओं की मदद करने के लिए एक उद्योग रिकवरी फंड बना रहा है, जो अन्यथा मजबूत हैं, लेकिन तरलता संकट में हैं। अधिक विवरण जल्दी ही जारी होगा। इस बीच, यदि आपको लगता है कि आप योग्य हैं तो कृपया Binance Labs से संपर्क करें। 1/2

- सीजेड CZ बिनेंस (@cz_binance) नवम्बर 14/2022

FTX का पतन 2008 के संकट की याद दिलाता है

चांगपेंग झाओ ने पहले कहा था कि एफटीएक्स दिवालियापन के बाद क्रिप्टोक्यूरेंसी उद्योग को कैस्केडिंग कंपनी बंद होने का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने मौजूदा संकट की तुलना 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से की, जो लेहमैन ब्रदर्स इनवेस्टमेंट बैंक के पतन के बाद शुरू हुआ था।

ग्वालियर में डीएनए लैब खाेलने की तैयारी, जानें क्या हाेगा फायदा

ग्वालियर में डीएनए लैब खाेलने की तैयारी, जानें क्या हाेगा फायदा

ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सागर, भोपाल व इंदौर के बाद ग्वालियर में डीएनए लैब के लिए अब और अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्षेत्रीय न्यायिक प्रयोगशाला के दो कमरे हाउसिंग बोर्ड ने शुक्रवार को लैब के लिए तैयार कर दिए हैं। अब इन कमरों में डीएनए टेस्ट के लैब करने के लिए विशेष प्रकार के फर्नीचर की फिटिंग होना है। फर्नीचर पहले पीएचक्यू भोपाल से आ चुका है।

गाेदरेज कंपनी के सदस्य अगले सप्ताह से फर्नीचर की फिटिंग करना शुरू कर देंगे। एक सप्ताह में फर्नीचर में फिटिंग होने की संभावना है। फर्नीचर जमने के बाद केवल मशीनों का इंतजार रहेगा। डीएनए टेस्ट के लिए प्रशिक्षत वैज्ञानिक पहले से तैनात हैं। एक पखवाड़े पूर्व एडीजीपी जीपी सिंह ने न्यायिक प्रयोगशाला के निरीक्षण करने के बाद अप्रैल माह में डीएनए लैब शुरू करने के लिए निर्देशित किया था। क्षेत्रीय न्यायिक प्रयोगशाला में डीएनए लैब काफी लंबे समय से प्रस्तावित है। केवल लैब शुरू करने के लिए कक्ष नहीं होने के कारण अटकी हुई थी। इस कारण अंचल के डीएनए टेस्ट के लिए सेंपल अभी सागर व भोपाल भेजे जा रहे थे। दोनों लैब पर पहले से पेंडेंसी होने के कारण रिपोर्ट में एक साल से अधिक समय लग रहा था। जिससे जांच रिपोर्ट के अभाव न्यायालय प्रकरण लंबित हैं। पिछले माह इंदौर में डीएनए लैब शुरू हो जाने के कारण थोड़ी सी राहत मिली है। डीएनए की जांच रिपोर्ट में विलंब होने पर न्यायालय के सख्त रुख अपनाने पर पंद्रह दिन पूर्व एडीजीपी जीपी सिंह ने एसएसपी अमित सांघी के साथ न्यायिक प्रयोगशाला में डीएनए लैब शुरू करने के लिए निरीक्षण किया था। एडीजीपी ने न्यायिक प्रयोगशाला की पहली मंजिल तैयार होने तक अधिकारियों के आफिस पुलिस कंट्रोल रूम में शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद दो कमरों को हाउसिंग बोर्ड के सुपुर्द कर दिए थे, जो कि लैब के लिए तैयार हो गए हैं।

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अप्रैल में मशीनें आने की उम्मीदः संयुक्त संचालक अखिलेश भार्गव ने बताया कि फर्नीचर की फिटिंग होने के बाद अप्रैल तक डीएनए टैस्ट के लिए आवश्यक मशीनें भी जाएंगीं। उसके बाद डीएनए लैब शुरू हो जाएगी। क्योंकि न्यायिक प्रयोगशाला में छह वैज्ञानिकों पहले से पोस्टेट हैं। यह वैज्ञानिक सागर प्रयोगशाला में डीएनए टैस्ट की पेंडेंसी बढ़ने पर यह वैज्ञानिक सागर फोरेंसिंक प्रयोगशाला कार्य कर चुके हैं।

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200 के लगभग डीएनए टेस्ट की जांच रिपोर्ट अटकीः दुष्कर्म व अन्य मामलों के 200 अधिक डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल सागर व भोपाल भेजे गए हैं। वह लोड अधिक होने के कारण जांच रिपोर्ट अटकी हुईं हैं। डीएनए लैब यहां शुरू होने के बाद अंचल के डीएनए टेस्ट यहीं हो सकेंगे। इससे समय के साथ भोपाल व इंदौर की दौड़ बचेगी।

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