Updated Fri, 28 Oct 2022 11:10 PM IST
वित्तीय साक्षरता पर ऑनलाइन कोर्सेज
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वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज
कौशल जिसे आप सीखेंगे
कैसे एक इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो एवं इन्वेस्टमेंट फण्ड का उचित तरीके से निर्माण करें उससे संबंधित सभी जानकारी
ये कोर्सेज़ किनके लिए हैं?
यदि आप नौकरी करने वालें एक कर्मचारी हैं तो
निवेशक
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डीयू: एसओएल में शुरू होगा वित्तीय साक्षरता का पाठ्यक्रम, अगले सप्ताह तक हो सकती है घोषणा
करीब दो माह का होगा सर्टिफिकेट कोर्स। छात्रों को सुविधा को देखते हुए निशुल्क रहेगा कोर्स, देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र।
दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग(एसओएल) की ओर से खुशखबरी है। विश्वविद्यालय फाइनेंनशियल लिट्रेसी का पाठयक्रम लांच करने जा रहा है। यह कार्यक्रम करीब दो माह का होगा। खास बात यह है कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए यह पाठयक्रम छात्रों के लिए पूरी तरह निशुल्क रहेगा। छात्र इस कार्यक्रम में निवेश से लेकर वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी बारिकियों को सीख सकेंगे। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय की ओर से अगले सप्ताह तक इस कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है।
एसओएल के प्रिंसिपल डॉ. उमाशंकर पांडेय के मुताबिक, विश्वविद्यालय कई तरह के कार्यक्रम को लांच करने जा रहा है। इस कड़ी में फाइनेंनशियल लिट्रेसी कार्यक्रम को ऑनलाइन लांच किया जा रहा है। नए कार्यक्रम के तहत छात्रों को वित्तीय क्षेत्र से छोटी-छोटी चीजें सीखने को मिलेंगी। विशेषकर निवेश के तरीकों से लेकर वित्तीय से जुड़ी जानकारी शामिल रहेंगी। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र से सभी जानकारियों को छात्रों तक पहुंचाना है।
कोर्स पूरा करने पर मिलेगा सर्टिफिकेट
प्रिंसिपल के मुताबिक, छात्रों द्वारा कोर्स पूरा करने पर उन्हें सर्टीफिकेट प्रदान किया जाएगा। चूंकि, विश्वविद्यालय के उद्यमिता वाले पाठयक्रमों में भी हिंदी व अंग्रेजी भाषा वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ऐसे वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज में इस कोर्स को भी छात्रों की सुविधा को देखते हुए दोनों ही भाषाओं में तैयार किया गया है, जिससे अधिक से अधिक छात्र इसमें शामिल हो सके।
देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र
प्रिंसिपल के अनुसार, पहले इस कोर्स को केवल एसओएल छात्रों के लिए ही शुरू करने की योजना थी। हालांकि, विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कोर्स को देखते हुए इसका दायर बढ़ा दिया है। अब इस कोर्स में वह छात्र भी दाखिला ले सकता है जिसे वित्त क्षेत्र से थोड़ी बहुत भी जानकारी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस कोर्स को शून्य से अलग-अलग स्तर के हिसाब से तैयार किया है।
अदिति कॉलेज के साथ लांच किया है उद्यम पाठयक्रम
प्रिंसिपल उमाशंकर का दावा है कि विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किए गए उद्यमिता पाठयक्रम को छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि इसमें कई छात्रों ने दाखिला लिया है। इस कड़ी मे 29 जनवरी को भी डीयू के अदिति कॉलेज के साथ मिलकर कार्यक्रम को लांच किया गया है। विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के कई कार्यक्रमों को लांच करने की योजना बना रहा है।
विस्तार
दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग(एसओएल) की ओर से खुशखबरी है। विश्वविद्यालय फाइनेंनशियल लिट्रेसी का पाठयक्रम लांच करने जा रहा है। यह कार्यक्रम करीब दो माह का होगा। खास बात यह है कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए यह पाठयक्रम छात्रों के लिए पूरी तरह निशुल्क रहेगा। छात्र इस कार्यक्रम में निवेश से लेकर वित्तीय क्षेत्र से जुड़ी बारिकियों को सीख सकेंगे। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय की ओर से अगले सप्ताह तक इस कार्यक्रम की घोषणा की जा वित्तीय साक्षरता संबंधी सभी कोर्सेज सकती है।
एसओएल के प्रिंसिपल डॉ. उमाशंकर पांडेय के मुताबिक, विश्वविद्यालय कई तरह के कार्यक्रम को लांच करने जा रहा है। इस कड़ी में फाइनेंनशियल लिट्रेसी कार्यक्रम को ऑनलाइन लांच किया जा रहा है। नए कार्यक्रम के तहत छात्रों को वित्तीय क्षेत्र से छोटी-छोटी चीजें सीखने को मिलेंगी। विशेषकर निवेश के तरीकों से लेकर वित्तीय से जुड़ी जानकारी शामिल रहेंगी। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र से सभी जानकारियों को छात्रों तक पहुंचाना है।
कोर्स पूरा करने पर मिलेगा सर्टिफिकेट
प्रिंसिपल के मुताबिक, छात्रों द्वारा कोर्स पूरा करने पर उन्हें सर्टीफिकेट प्रदान किया जाएगा। चूंकि, विश्वविद्यालय के उद्यमिता वाले पाठयक्रमों में भी हिंदी व अंग्रेजी भाषा वाले छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। ऐसे में इस कोर्स को भी छात्रों की सुविधा को देखते हुए दोनों ही भाषाओं में तैयार किया गया है, जिससे अधिक से अधिक छात्र इसमें शामिल हो सके।
देशभर से भाग ले सकेंगे छात्र
प्रिंसिपल के अनुसार, पहले इस कोर्स को केवल एसओएल छात्रों के लिए ही शुरू करने की योजना थी। हालांकि, विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कोर्स को देखते हुए इसका दायर बढ़ा दिया है। अब इस कोर्स में वह छात्र भी दाखिला ले सकता है जिसे वित्त क्षेत्र से थोड़ी बहुत भी जानकारी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने इस कोर्स को शून्य से अलग-अलग स्तर के हिसाब से तैयार किया है।
अदिति कॉलेज के साथ लांच किया है उद्यम पाठयक्रम
प्रिंसिपल उमाशंकर का दावा है कि विश्वविद्यालय की ओर से शुरू किए गए उद्यमिता पाठयक्रम को छात्रों द्वारा पसंद किया जा रहा है। यही वजह है कि इसमें कई छात्रों ने दाखिला लिया है। इस कड़ी मे 29 जनवरी को भी डीयू के अदिति कॉलेज के साथ मिलकर कार्यक्रम को लांच किया गया है। विश्वविद्यालय भविष्य में भी इस तरह के कई कार्यक्रमों को लांच करने की योजना बना रहा है।
एमबीपीजी के विद्यार्थी स्किल कोर्स में उत्तराखंड का इतिहास, वित्तीय साक्षरता और विश्लेषी रसायन पढेंगे
हल्द्वानी ब्यूरो
Updated Fri, 28 Oct 2022 11:10 PM IST
हल्द्वानी। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षाप्रणाली में बदलाव आया है। इस बार तीन नई स्ट्रीम जोड़ी गई हैं। इनमें भाषा, कौशल विकास, सहगामी पाठ्यक्रम शामिल हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल ने कौशल कोर्स में जिन पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की है उन्हें एमबीपीजी कॉलेज के सभी विभागाध्यक्षों और प्रवेश समिति ने लागू कर दिया है।
नई शिक्षा नीति प्रदेश के महाविद्यालयों में भी लागू हो गई है। कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नए शिक्षा सत्र से लागू कर दिया गया है। एमबीपीजी कॉलेज के विद्यार्थी कौशल कोर्स के रूप में उत्तराखंड का इतिहास, वित्तीय साक्षरता और विश्लेषणात्मक रसायन पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। प्रवेश के समय कौशल विकास कोर्सों के चुनाव का विकल्प नहीं था। अब बीए, बीएससी, बीकॉम प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी अपने हिसाब से इन कोर्सों का चुनाव कर सकते हैं। ये कोर्स प्रथम सेमेस्टर में ही रहेंगे। दूसरे सेमेस्टर में विद्यार्थी नए कोर्सों का चुनाव करेंगे। इन कोर्सों के हर सेमेस्टर में क्रेडिट मिलेंगे।
कॉलेज प्रशासन ने स्ट्रीम को ध्यान में रखते हुए बीए में कौशल कोर्स के लिए उत्तराखंड का इतिहास, बीकॉम में वित्तीय साक्षरता और बीएससी के लिए एनालेटिकल केमिस्ट्री (विश्लेषणात्मक रसायन) के सिलेबस का चुनाव किया है। इसमें बाध्यता नहीं है। कला, विज्ञान, वाणिज्य संकाय के विद्यार्थी अपने हिसाब से कोर्स का चुनाव कर सकते हैं।
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इनसेट
कौशल विकास में ये हैं शामिल
वित्तीय साक्षरता (फाइनेंशियल लिट्रेसी) : वित्तीय साक्षरता व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन, बजट और निवेश सहित विभिन्न वित्तीय कौशल को समझने और प्रभावी ढंग से उपयोग करने की क्षमता है। इसका अध्ययन कर विद्यार्थी वित्तीय प्रबंधन को समझेंगे।
विश्लेषी रसायन (एनालेटिकल केमिस्ट्री) : इसमें प्राकृतिक और कृत्रिम पदार्थों में विद्यमान रसायनिक घटकों का परिष्करण, पहचान, प्रमाणीकरण किया जाता है। ये दो तरह का होता है। इसमें गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण होता है।
उत्तराखंड का इतिहास : इसमें विद्यार्थी उत्तराखंड का इतिहास पढे़ंगे। आगे चलकर इससे वे पर्यटन आदि क्षेत्रों में रोजगार पा सकते हैं।
कोट
एनईपी के तहत महाविद्यालय में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में तीन कौशल कोर्स शामिल किए गए हैं। इनमें उत्तराखंड का इतिहास, फाइनेंशियल लिट्रेसी और एनालेटिकल केमिस्ट्री शामिल हैं। छात्र-छात्राएं इन कौशल कोर्स का चुनाव अपने हिसाब से कर सकते हैं।
-डॉ. एनएस बनकोटी, प्राचार्य, एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी।
हल्द्वानी। नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षाप्रणाली में बदलाव आया है। इस बार तीन नई स्ट्रीम जोड़ी गई हैं। इनमें भाषा, कौशल विकास, सहगामी पाठ्यक्रम शामिल हैं। कुमाऊं विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल ने कौशल कोर्स में जिन पाठ्यक्रमों को स्वीकृति प्रदान की है उन्हें एमबीपीजी कॉलेज के सभी विभागाध्यक्षों और प्रवेश समिति ने लागू कर दिया है।
नई शिक्षा नीति प्रदेश के महाविद्यालयों में भी लागू हो गई है। कुमाऊं विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को नए शिक्षा सत्र से लागू कर दिया गया है। एमबीपीजी कॉलेज के विद्यार्थी कौशल कोर्स के रूप में उत्तराखंड का इतिहास, वित्तीय साक्षरता और विश्लेषणात्मक रसायन पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। प्रवेश के समय कौशल विकास कोर्सों के चुनाव का विकल्प नहीं था। अब बीए, बीएससी, बीकॉम प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी अपने हिसाब से इन कोर्सों का चुनाव कर सकते हैं। ये कोर्स प्रथम सेमेस्टर में ही रहेंगे। दूसरे सेमेस्टर में विद्यार्थी नए कोर्सों का चुनाव करेंगे। इन कोर्सों के हर सेमेस्टर में क्रेडिट मिलेंगे।
कॉलेज प्रशासन ने स्ट्रीम को ध्यान में रखते हुए बीए में कौशल कोर्स के लिए उत्तराखंड का इतिहास, बीकॉम में वित्तीय साक्षरता और बीएससी के लिए एनालेटिकल केमिस्ट्री (विश्लेषणात्मक रसायन) के सिलेबस का चुनाव किया है। इसमें बाध्यता नहीं है। कला, विज्ञान, वाणिज्य संकाय के विद्यार्थी अपने हिसाब से कोर्स का चुनाव कर सकते हैं।
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इनसेट
कौशल विकास में ये हैं शामिल
वित्तीय साक्षरता (फाइनेंशियल लिट्रेसी) : वित्तीय साक्षरता व्यक्तिगत वित्तीय प्रबंधन, बजट और निवेश सहित विभिन्न वित्तीय कौशल को समझने और प्रभावी ढंग से उपयोग करने की क्षमता है। इसका अध्ययन कर विद्यार्थी वित्तीय प्रबंधन को समझेंगे।
विश्लेषी रसायन (एनालेटिकल केमिस्ट्री) : इसमें प्राकृतिक और कृत्रिम पदार्थों में विद्यमान रसायनिक घटकों का परिष्करण, पहचान, प्रमाणीकरण किया जाता है। ये दो तरह का होता है। इसमें गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण होता है।
उत्तराखंड का इतिहास : इसमें विद्यार्थी उत्तराखंड का इतिहास पढे़ंगे। आगे चलकर इससे वे पर्यटन आदि क्षेत्रों में रोजगार पा सकते हैं।
कोट
एनईपी के तहत महाविद्यालय में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में तीन कौशल कोर्स शामिल किए गए हैं। इनमें उत्तराखंड का इतिहास, फाइनेंशियल लिट्रेसी और एनालेटिकल केमिस्ट्री शामिल हैं। छात्र-छात्राएं इन कौशल कोर्स का चुनाव अपने हिसाब से कर सकते हैं।
Finance Education। बिक्री में वृद्धि और वित्तीय साक्षरता
बिक्री बढ़ाने, वित्तीय साक्षरता और नेटवर्क मार्केटिंग पर सफल बिज़नेसमैन के लिए 15+ कोर्स का प्रोग्राम
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- किसी को कुछ भी कैसे बेचें?
- शून्य से नेटवर्क मार्केटिंग में बिज़नेस कैसे बनाएं?
- अपने फाइनेंश को प्रभावी ढंग से और सुरक्षित रूप से कैसे बढ़ाएं?
- अपने और अपने व्यवसाय के लाभ के लिए अकाउंटिंग रिकॉर्ड कैसे रखें?
कोर्स का यह सेट उन लोगों के लिए डिज़ाइन किया गया है जो एक शानदार जीवन के लिए एक्ट करने और काम करने के लिए तैयार हैं! वित्तीय साक्षरता — शुरू करने के लिए आवश्यक पहली चीज़ है। यह आपको निश्चित रूप से स्कूल में नहीं पढ़ाया जाएगा! आय के स्रोतों को सही ढंग से बनाने, अकाउंटिंग के प्रबंधन करने और टैक्स का लाभप्रद भुगतान करने के बारे में जानें, धोखेबाजों से बचें और अपने बिज़नेस का लाभ बढ़ाएं। खुद को और अपने बिज़नेस को जोखिमों से बचाएं!
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एलेक्स रेनहार्ड्ट की अकादमी से सभी 15+ कोर्स लें और धन और वित्तीय अवसरों से भरे एक नए सफल जीवन की खोज करें!
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