Photo:FILE US dollar vs rupee
US dollar का टूटेगा दबदबा! रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देगी सरकार, कारोबारियों को मिलेंगे ये सारे फायदे
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: September 07, 2022 12:41 IST
Photo:FILE US dollar vs rupee
Highlights
- घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी
- आयात के लिए डॉलर की मांग कम हो जाएगी
US dollar का दबदबा आने वाले दिनों में टूट सकता है। दरअसल, भारत सरकार विदेशी व्यापार में रुपये के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए आज अहम बैठक करने जा रही है। इसमें वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रतिनिधि समेत सभी प्रमुख बैंकों के अधिकारी शामिल होंगे। वित्तीय सेवा सचिव संजय मल्होत्रा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार लेनदेन की अनुमति देने से व्यापार सौदों के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा की मांग घटने के साथ घरेलू मुद्रा की गिरावट रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे रुपये को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन के लिए अहम मुद्रा बनाने में मदद मिलेगी। इस समय भारत और रूस के बीच हो रहे व्यापार के बड़े हिस्से का लेनदेन रुपये में ही हो रहा है। आइए, जानते हैं कि रुपये में विदेशी व्यापार बढ़ने से कारोबारियों को क्या फायदे मिलेंगे।
भारत को क्या लाभ मिलेगा
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद वैश्विक हालात बदले हैं। कई देश दिवालिया हो गए हैं तो कई फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन देशों के साथ भारत का व्यापार प्रभावित हो रहा है। रुपये में विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने से इन देशों के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारतीय कारोबारी को बड़ा बाजार मिलेगा। इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार में बैलेंस बनाने में इस प्रक्रिया से मदद मिल सकती है। रुपये में इनवॉयस और पेमेंट से ट्रांजैक्शन कॉस्ट और फॉरेन करेंसी में ट्रांजैक्शन से जुड़े मार्केट रिस्क भी कम होंगे। एक्सपोर्टर्स को रुपये की कीमत में मिले इनवॉयस के बदले एडवांस भी मिल सकेगा। वहीं, कारोबारी लेनदेन के बदले बैंक गारंटी के नियम भी FEMA (Foreign Exchange Management Act) के तहत कवर होंगे।
RBI Alert List : इन विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति ऐप्स और वेबसाइट्स से सावधान ! इन पर किया फॉरेन करेंसी ट्रांजैक्शन तो हो सकती है कानूनी कार्रवाई
RBI की अलर्ट लिस्ट में शामिल 34 एंटिटीज़ को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या ETP ऑपरेट करने की इजाजत नहीं दी गई है.
RBI Alert List of entities not authorised to deal in forex: अगर आप किसी ऐसी वेबसाइट के जरिए फॉरेन एक्सचेंज से जुड़ा लेनदेन करते हैं या करने की सोच रहे विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति हैं, जिसके कानूनी तौर पर वैध होने के बारे में आपको पक्के तौर पर कुछ पता नहीं है, तो सावधान हो जाइए. रिजर्व बैंक ने ऐसी 34 एंटिटीज़ और उनकी वेबसाइट्स की अलर्ट लिस्ट जारी की है, जिनके जरिए विदेशी मुद्रा से जुड़ा कोई भी लेनदेन करने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
रिजर्व बैंक की चेतावनी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बुधवार को जारी एक बयान में बताया गया है कि अलर्ट लिस्ट में शामिल इन 34 एंटिटीज़ या वेबसाइट्स को विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने या फॉरेक्स ट्रांजैक्शन्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ETP) ऑपरेट करने की कोई इजाजत नहीं दी गई है. लिहाजा इनका इस तरह की गतिविधियां संचालित करना पूरी तरह से विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति गैरकानूनी हैं. रिजर्व बैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि इन वेबसाइट्स के जरिए किसी भी तरह का विदेशी मुद्रा से जुड़ा लेनदेन करना न सिर्फ जोखिम भरा है, बल्कि ऐसा करने वाले के खिलाफ 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
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एसबीआई ने अपनी शाखाओं को बांग्लादेश के साथ स्थानीय मुद्रा में व्यापार करने का निर्देश दिया
भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी शाखाओं को बांग्लादेश के साथ व्यापार सौदों को विदेशी मुद्राओं में निपटाने से बचने के लिए कहा है क्योंकि बांग्लादेश, एक बड़े आर्थिक संकट और विदेशी मुद्रा की कमी का सामना कर रहा है। इसके बजाय एसबीआई ने अपनी शाखाओं को भारतीय रुपये और बांग्लादेशी टका में व्यापार निपटाने के लिए कहा है।
एसबीआई को अंदेशा है कि, अगर बांग्लादेश की विदेशी मुद्रा की स्थिति बिगड़ती है, तो बांग्लादेशी आयातकों द्वारा बड़े पैमाने पर चूक का डर है।
महत्वपूर्ण तथ्य -
बांग्लादेश में आर्थिक संकट :
लुढक़ते रुपए को बचाने की चुनौती
इस समय डॉलर के खर्च में कमी और डॉलर की आवक बढ़ाने के रणनीतिक उपाय जरूरी हैं। अब रुपए में वैश्विक कारोबार बढ़ाने के मौके को मुठ्ठियों में लेना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा भारत और अन्य देशों के बीच व्यापारिक सौदों का निपटान रुपए में किए जाने संबंधी महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है…
हाल ही में अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में इजाफा किए जाने और मौद्रिक नीति को आगे और भी सख्त बनाए जाने के संकेत के साथ-साथ 5 अक्टूबर को तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के द्वारा तेल उत्पादन में भारी कटौती पर जिस तरह सहमति व्यक्त की गई है, उससे 7 अक्टूबर को डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर लुढक़कर 82.विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति 33 पर पहुंच गया। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रुपए में यह सबसे बड़ी गिरावट है। स्थिति यह है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की ऐतिहासिक गिरावट के बाद कई भारतीय कंपनियां इससे बचने के लिए फॉरवर्ड कवर की कवायद में हैं, क्योंकि उन्हें चिंता विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति है कि फेडरल रिजर्व के ताजा संकेत से इसी वर्ष 2022 में ब्याज दर में और इजाफा हो सकता है, जिससे डॉलर और मजबूत होगा। निश्चित रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब चीन-ताइवान के बीच विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति तनाव और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच जिस तरह उससे डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत में बड़ी फिसलन से जहां इस समय भारतीय अर्थव्यवस्था की मुश्किलें बढ़ रही हैं, वहीं आर्थिक विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। विदेशी मुद्रा भंडार 30 सितंबर को दो साल के निचले स्तर पर घटकर 533 अरब डॉलर रह गया है। इतना विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति ही नहीं महंगाई से जूझ रहे आम आदमी की चिंताएं और बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। उर्वरक एवं कच्चे तेल के आयात बिल में बढ़ोतरी होगी। अधिकांश आयातित सामान महंगे हो जाएंगे। यद्यपि रुपए की कमजोरी से आईटी, फार्मा, टेक्सटाइल जैसे विभिन्न उत्पादों के निर्यात की संभावनाएं बढ़ी हैं, लेकिन अधिकांश देशों में मंदी की लहर के कारण निर्यात विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति की चुनौती दिखाई दे रही है।
ब्लॉग: डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया पर दूसरी विदेशी मुद्राओं की तुलना में स्थिति अभी भी बेहतर
इस समय डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत निम्नतम स्तर पर पहुंचकर 80 रुपए के आसपास केंद्रित होने से मुश्किलों का सामना कर रही भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति और असहनीय महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के लिए चिंता का बड़ा कारण बन गई है. हाल ही में प्रकाशित कंटार के ग्लोबल इश्यू बैरोमीटर के अनुसार, रुपए की कीमत में गिरावट और तेज महंगाई विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति विदेशी मुद्रा व्यापार की स्थिति के कारण कोई 76 फीसदी शहरी उपभोक्ता अपने जीवन की बड़ी योजनाओं को टालने या छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं. ईंधन, खाने-पीने के सामान की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ बढ़ते पारिवारिक खर्चों के चलते, शहरी भारतीय उपभोक्ता अपने बचत खातों में कम पैसा बचा पा रहे हैं.
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