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तेरे जैसों को स्क्रिप्ट दी जाती है क्या भाजपा दफ्तर से ?
क्या तू श्री अखिलेश यादव जी पर निजी और अनर्गल बयानबाजी करके सस्ती लोकप्रियता बटोरना चाहता है या ये तेरे दल की हार की खीझ तुझसे निकलवाई जा रही गर्दभराज ? — SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 9, 2022

MP में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना कितना आसान! दलाल और ड्राइवर ने खोली परिवहन विभाग के दावों की पोल

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में सवाल खड़े करते हुए कहा कि, भारत में सबसे आसान है ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना. मध्य प्रदेश में लाइसेंस बनवाने को लेकर क्या प्रक्रिया और मापदंड है, इसको लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के डिप्टी कमिश्नर से बातचीत की. साथ ही ग्राउंड जीरो पर जाकर हालातों का जायजा लिया, जिसमें अधिकारी के दावों की पोल खुल गई.

ग्वालियर। संसद में केंद्रीय मंत्री केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है, कि पूरे विश्व में अगर सबसे आसान ड्राइविंग लाइसेंस बनाता दलाल कौन बन सकता है है, तो वह भारत में बनता है. इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर कई सवाल खड़े किए, जिससे संसद में सन्नाटा पसर गया. इसके बाद ईटीवी भारत की टीम ने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के डिप्टी कमिश्नर अरविंद सक्सेना से बातचीत की और उनसे जाना कि मध्य प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस कैसे बनाया जाता है और किन-किन डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है.

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए क्या करें: ईटीवी भारत से बातचीत में डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अरविंद सक्सेना ने जो जवाब दिए, उसी के आधार पर ईटीवी भारत ने ग्राउंड पर जाकर रियलिटी चेक किया और सामने आया कि डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के सभी दावे झूठे है. विभाग के डिप्टी कमिश्नर अरविंद सक्सेना ने ईटीवी भारत की खास बातचीत में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के तरीके को विस्तार से बताया कि उसकी क्या प्रक्रिया है और कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है.

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए तीन डाक्यूमेंट जरुरी: ईटीवी भारत से खास बातचीत में मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग के डिप्टी कमिश्नर अरविंद सक्सेना ने बताया कि व्यक्ति का सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस बनाया जाता है. इस लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए व्यक्ति का आधार कार्ड, वोटर कार्ड या मार्कशीट का होना अनिवार्य है. इसके साथ एक नेत्र चिकित्सक द्वारा बनाया गया मेडिकल सर्टिफिकेट काफी अहम होता है. लर्निंग लाइसेंस बनावाने के लिए ये तीनों डाक्यूमेंट्स अनिवार्य हैं.

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरुरी: लर्निंग लाइसेंस बनने के बाद व्यक्ति 6 महीने के अंदर स्थाई लाइसेंस बनवा सकता है. जिसके बाद व्यक्ति दो-चार पहिया और ट्रैक्टर ट्रॉली चला सकता है. लाइसेंस बनवाने के लिए नेत्र चिकित्सक द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट होना, ड्राइव टेस्ट होना अनिवार्य है. स्थाई लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक का विभाग द्वारा ड्राइव टेस्ट लिया जाता है और ड्राइव टेस्ट में पास होने पर उसका स्थाई लाइसेंस बनाया जाता है. साथ ही जब ड्राइविंग लाइसेंस का रिनुअल किया जाता है, तो उस समय सबसे पहले उस व्यक्ति के नेत्र चिकित्सक द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है. उसके बिना किसी का लाइसेंस रिनुअल नहीं होता.

MP में 55 लाख से ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंसधारी: विभाग के डिप्टी कमिश्नर अरविंद सक्सेना ने ईटीवी भारत से कहा, इस समय मध्य प्रदेश में जीवित ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या लगभग 55 से 60 लाख तक है. इतने लोग मध्यप्रदेश में वाहन चलाते हैं. सरकारी वाहन चालकों की आंखों के परीक्षण को लेकर जब उनसे पूछा गया, तो उन्होनें कहा कि जब वह नया लाइसेंस बनवाने के लिए अप्लाई करते हैं, तो उनका नेत्र चिकित्सक द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट लिया जाता है.

झूठे साबित हुए डिप्टी कमिश्नर के दावे: अरविंद सक्सेना ने बताया कि समय-समय पर नेत्र शिविर लगाकर उनकी आंखों की जांच कराई जाती है. उन्होंने कहा कि जब किसी भी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस रिनुअल होता है, तो उस समय उस व्यक्ति का मेडिकल सर्टिफिकेट मांगा जाता है. ताकि पता चल सके कि वह फिट है. इस तमाम सारी बातों को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड पर जाकर रियलिटी चेक किया तो मध्य प्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग के डिप्टी कमिश्नर के सभी दावे झूठे साबित हुए.

ईटीवी भारत की पड़ताल में सामने आया सच: मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के डिप्टी कमिश्नर द्वारा किए गए दावों का ईटीवी भारत संवाददाता ने ग्राउंड जीरो पर जाकर रियलिटी चेक किया और जाना दलाल कौन बन सकता है कि मध्यप्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस कैसे बनाया जाता है. सबसे पहले ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे व्यक्ति की तलाश की, जो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाता है. संपर्क करने पर सामने आए एक एजेंट ने अपना नाम-पता बताए बिना कैमरे के सामने आने की शर्त रखी. उसने बताया कि वह 20 साल से लोगों के लाइसेंस बनवाता है.

एजेंट ने खोली डिप्टी कमिश्नर के झूठ की पोल: दलाल ने ईटीवी भारत को बताया कि अगर कोई व्यक्ति लाइसेंस बनवाना चाहता है, तो सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस बनवाया जाता है. जिसमें हम उनसे 1000 रुपए लेते हैं और डाक्यूमेंट्स में आवेदक का आधार कार्ड या दसवीं की मार्कशीट ली जाती है. उसके बाद फॉर्म पर उसके हस्ताक्षर करा कर परिवहन विभाग के अधिकारी को देते हैं. जिसमें उस अधिकारी को 200 सरकारी फीस और 200-300 दलाल कौन बन सकता है रुपए की रिश्वत देते हैं.

20 साल में कभी नहीं दिया मेडिकल सर्टिफिकेट: एजेंट ने बताया कि उसके बाद एक दिन लर्निंग लाइसेंस बन कर तैयार हो जाता है. इसमें किसी भी नेत्र परीक्षण के मेडिकल सर्टिफिकेट की कोई आवश्यकता नहीं है. दलाल ने बताया, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए 20 साल में मैंने कभी भी मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं दिया है, हालांकि अब कुछ दिनों से ही मेडिकल सर्टिफिकेट मांगने लगे हैं. लेकिन वह भी फर्जी तरीके से बनवाये जा रहे हैं इसके बाद उसने बताया कि लर्निंग लाइसेंस के बाद स्थाई लाइसेंस बनवाया जाता है और उस लाइसेंस से व्यक्ति दो-चार पहिया वाहन और ट्रैक्टर ट्रॉली चला सकता है.

हर प्रक्रिया पर विभाग को जाती है रिश्वत: दलाल ने बताया कि स्थाई लाइसेंस बनवाने के लिए हम व्यक्ति से 2000 लेते हैं. उसमें 400 रुपये विभाग के अधिकारी को रिश्वत देते हैं और उसके बाद व्यक्ति का स्थाई लाइसेंस बन कर तैयार हो जाता है. दलाल ने कहा कि दुपहिया-चार पहिया चलाने वाले लाइसेंस को बनवाने के लिए व्यक्ति से 3000 लेते हैं, जिनमें से लगभग विभाग के अधिकारियों को रिश्वत देकर कुल 1000 का खर्च आता है. दलाली ने दावा किया कि परिवहन विभाग में रिश्वत के अलावा कुछ नहीं चलता, अगर आप रिश्वत देंगे तो मरे हुए व्यक्ति का भी लाइसेंस बनवा सकते हैं.

ड्राइवर ने भी खोला विभाग का चिट्ठा: ईटीवी भारत की टीम द्वारा किए गए इस बड़े खुलासे के बाद संवाददाता ने एक ड्राइवर से बातचीत की. बातचीत के दौरान जब उससे पूछा कि उसका लाइसेंस कितना पुराना है, तो उसने कहा कि मेरा 20 साल पुराना लाइसेंस है और मैंने अपना लाइसेंस दलाल के द्वारा बनवाया था. अपने कागज और रुपए देने के बाद यह लाइसेंस बन कर घर आ गया. इसमें मैंने कोई मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं दिया है. इसके साथ ही जब उससे पूछा गया कि उसका लाइसेंस को कितनी बार रिनुअल हो चुका है, तो उसने कहा कि यह मेरा लाइसेंस लगभग 4 बार रिन्यू हो चुका है.

परिवहन विभाग बना दलालों का अड्डा: ड्राइवर ने बताया कि पैसे के अलावा इसमें कुछ नहीं लगता. मतलब उसने साफ कहा कि उसने कभी कोई मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं दिया. उसने बताया कि परिवहन विभाग सिर्फ दलालों से ही चलता है और यहां अधिकारियों से ज्यादा दलाल काम करते हैं. यही वजह है कि पूरे भारत के अंदर सबसे आसान तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस बन कर तैयार होता है. इसी को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सवाल खड़े किए थे. ईटीवी भारत की पड़ताल में एमपी के परिवहन विभाग के डिप्टी कमिश्नर के दावे झूठ निकले. जिससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं परिवहन विभाग दलालों का अड्डा बना हुआ है.

'दलाल, गोबर, कीचड़, पत्तलचट्टे, चप्पलचट्टे', चुनावी बयार में सपा की मीडिया सेल ने अपनाए ये हथकंडे

लखनऊ, अमृत विचार। यूपी में लोकसभा और विधानसभा के उप-चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। खतौली विधानसभा उप-चुनाव 2022 में रालोद के मदन भैया, रामपुर विधानसभा उप-चुनाव 2022 में बीजेपी के आकाश सक्सेना और मैनपुरी लोकसभा उप-चुनाव 2022 से डिंपल यादव ने जीत हासिल की। समाजवादी पार्टी का इस चुनाव में प्रदर्शन अच्छा रहा ऐसे में सपा पूरे जोश में हैं। इस जोश में सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी के एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल से विरोधियों को लेकर कई ट्वीट किए गए। समाजवादी पार्टी मीडिया सेल नाम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बीजेपी नेताओं को दलाल, पत्तलचट्टे लिखा गया।

जिस जिस भाजपा नेता/पत्तलकार को अपनी पोल पट्टी खुलवानी हो ,अपनी दलाली और भ्रष्टाचार उजागर करवाना हो ,जलील होना हो ,

कृपया यहां 24 घंटे मुफ्त में सेवाएं प्राप्त कर सकता है ,सबकी कुंडली यहां पर खुलेआम बांची जाती है ,

एक एक करके आओ ,सबको मिलेगा ,कोई खाली हाथ नहीं जायेगा !

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 9, 2022

वैसे @rakeshbjpup तुम तो जूतम पैजार वाली पार्टी के दलाल हो ,नेता तो खैर किसी एंगल से नहीं हो ,

2017 में 16 लाख की UPRNN की दलाली खाए दलाल भी आज टर्र टर्र कर रहे ?

तुम्हें किसलिए भाजपा ने धकियाया था ये बताओ ? दलाली की वजह से ही तो ? जब सारी दलाली अकेले खाओगे तो धकियाए ही जाओगे ! pic.twitter.com/jvwbh6EVPR

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 9, 2022

तुम तो सपरिवार आसाराम ,राम रहीम और चिन्मयानंद के आश्रम आशीर्वाद/जपनाम प्राप्त करने जाते होंगे ?

वैसे सुना है सुनील बंसल ने तुम्हें अखबार छांटने की नौकरी पर रखा था ,बाद में तुमने अपनी लपलपाती जीभ से नैन मटकाते हुए उसके जूते/सैंडल साफ करने शुरू कर दिए और प्रवक्ता बन बैठे ? https://t.co/5wVYGHQEJe

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 9, 2022

जब तेरा आका गोरखपुर उपचुनाव हारा था तब तू कहां था @rakeshbjpup ?
किस गुफा में सपरिवार आशीर्वाद प्राप्त कर रहा था तू ?
या आसाराम के यहां तुझे सपरिवार आशीर्वाद आसाराम स्टाइल में मिल रहा था ?
आसाराम ,चिन्मयानंद और राम रहीम तो तेरे प्रातः स्मरणीय और रात्रि स्वप्नीय महापुरुष हैं ना ?

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 9, 2022

भाजपा दफ्तर की जूठन चाटने वाले दो पैसे के पत्तलकार जो इस @rakeshbjpup के हिमायती और भाषाई मर्यादा के प्रोजेक्टेड प्रवचन दे रहे उनसे निवेदन है कि बेहतर भाषा का प्रवचन भाजपाइयों और भाजपाई ट्रॉलर्स को दें ,

वरना उनकी दलाली और सांठगांठ की पोलपट्टी भी यहीं सार्वजनिक रूप से खुलेगी ! https://t.co/EV5npsr2MT

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 9, 2022

सुन तोतले @SubratPathak12
आज तुझे नाली से गेंद निकालने भेजा गया है ?
तेरे जैसों को स्क्रिप्ट दी जाती है क्या भाजपा दफ्तर से ?
क्या तू श्री अखिलेश यादव जी पर निजी और अनर्गल बयानबाजी करके सस्ती लोकप्रियता बटोरना चाहता है या ये तेरे दल की हार की खीझ तुझसे निकलवाई जा रही गर्दभराज ?

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 9, 2022

सुनो नैनमटक्के @rakeshbjpup
तुम्हें और तुम जैसे घटिया भाजपाइयों को अभी तक सिर्फ बैंकॉक ,GB रोड और सोनागाछी तथा राम रहीम की गुफा की सैर कराई है ,दलाल कौन बन सकता है

आगे से अनर्गल टिप्पणी करोगे तो तुम्हें पूरे विश्व की सैर कराएंगे ,आज से फिर से गिनती शुरू ,अगली बार फिर सपरिवार माकूल जवाब मिलेगा ! https://t.co/8fI9sh5xHn

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

इन्हें इन्हीं की भाषा में हर प्लेटफॉर्म पर पूरी फॉर्म में समझाएंगे ,
तब तक देखते रहिए सबसे तेज 👉 @MediaCellSP https://t.co/gCGIyyUAfb

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

ओ नैनमटक्के और राम रहीम की गुफा के आशिर्वाद फलस्वरूप उत्पन्न हुए , @rakeshbjpup
जल्द ही तुम्हारी भी दलाली बंद होगी ,तुम अपने लिए दिल्ली की GB रोड और कोलकाता के सोनागाछी में अपना नया ठिकाना ढूंढो ,वहीं तुम्हें राम रहीम की गुफा व चिन्मयानंद से उत्पन्न अपने अन्य परिजन भी मिलेंगे ! https://t.co/T6rhZvqsKn

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

सुन @manishBJPUP ये ज्ञान अपने उन आकाओं को देना जो पिछले 10 वर्ष से भाषाई मर्यादा भूलकर सत्तामद में विपक्ष पर अनर्गल टिप्पणियां कर रहे हैं ,

जिस दिन सत्ता परिवर्तन हुआ उस दिन जनता तुम भाजपाइयों को जूतों से पीटेगी ,भाजपा का नामलेवा कोई नहीं रहेगा ,अहंकार का हश्र आज सामने है! https://t.co/Uh8iSz7MBZ

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

सुन रे श्रीकांत शर्मा के पूर्व दलाल और चप्पल चट्टे

जनता ने आज अपना जनमत देकर तुम भाजपाइयों और बिकाऊ दलाल पत्तलकारों को अपना तमाचा नहीं बल्कि जोरदार "चट्ठा" मारा है ,

तमाचे से ज्यादा करारा "चट्ठा" होता है जो अक्सर तुम बचपने में गली मुहल्ले में खाए होंगे ! https://t.co/3K2cS05bLK

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

और जो अधजल गगरी छलकने की बात तुम कर रहे हो वो गगरी दरअसल गोबर और कीचड़ से भरी है जो आज तुम भाजपाइयों के मुंह पर छलक रही है और तुम दलाल ,पत्तलचट्टे का चेहरा काला कर रही ! https://t.co/3K2cS05bLK

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

2/1@SushantBSinha
तुम जैसे दलाल और पत्तलकार अब एक्सपोज हो चुके हैं ,
बस जनता तुम्हें देखकर गाली देती है ,चैनल बदल देती है ,तुम्हारी फर्जी पाठशाला की चॉक जो भाजपा दफ्तर से आती है उसका असली रंग जनता जान गई है ,

आसमान की तरफ देखकर थूकने वाले दलाल तुम्हें आज सही जवाब मिल गया ?

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

2/1
पेरिस लैंड करते ही सबसे पहले अपना ट्वीट डिलीट करने वाले और सिराथू की जनता द्वारा भगाए गए भगोड़े को पेरिस के लोग भी खदेड़ कर भगाएंगे
मैनपुरी में तुम्हारी अपील/जनसभाओं तुम्हारे मौर्य समाज ने सपा को भारी संख्या में वोट दिया क्योंकि पूरे यूपी का पिछड़ा वर्ग तुम्हारी औकात जानता है

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) December 8, 2022

वरुण धवन ने बताई वो एक चीज जिसे लड़कियां चाहती हैं लड़कों में, नोट कर लें तो बन जाएगी बात

वरुण धवन ने अपनी और नताशा दलाल की रिलेशनशिप पर बात करते हुए बताया कि रिश्ते में सबसे ज्यादा जरूरी क्या होता है।

varun dhawan talks about his girlfriend natasha dalal and reveals one thing which all women want in her partner

वरुण धवन ने बताई वो एक चीज जिसे लड़कियां चाहती हैं लड़कों में, नोट कर लें तो बन जाएगी बात

क्या चाहती हैं लड़कियां?

एक शो का हिस्सा बने वरुण धवन ने अपनी पर्सनल लाइफ के एक्सपीरियंस को साझा करते हुए बताया कि उनके मुताबिक वो क्या एक चीज है, जिसे लड़कियां लड़कों में तलाशती हैं? उन्होंने कहा कि लड़िकयों को अपने साथी में 'ईमानदारी' का गुण चाहिए होता है। ऐक्टर ने साझा किया कि उन्होंने इसकी वैल्यू तब और ज्यादा समझी जब वह खुद रिश्ते में आए। वरुण ने यह भी जाहिर किया उन्हें अपनी रिलेशनशिप में ऐसा साथी मिला है, जो उनके प्रति हमेशा ईमानदार रहा और इसने उन्हें प्रभावित किया। (आगे की स्लाइड्स में पढ़ें वरुण ने और कौन से रिलेशनशिप सीक्रेट बताए)

ईमानदारी नहीं तो यानी कुछ नहीं

सच तो यही है कि अगर रिश्ते में ईमानदारी नहीं, तो उसका वजूद ही झूठा है। कई बार लोग ऐसे रिश्तों में फंस जाते हैं, जिसमें साथी झूठ पर झूठ बोलता जाता है या फिर चीट करके माफी मांगता रहता है। अगर आप ऐसे रिश्ते में हैं और सिर्फ अपने प्यार के कारण उन्हें माफ किए जा रहे हैं, तो प्लीज ऐसा न करें क्योंकि वह शख्स अगर आपसे सच्चा प्यार करता होता, तो वह झूठ का सहारा लेता ही नहीं। उससे अलग होना ही आपकी मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए बेस्ट रहेगा।

पर्सनैलिटी के अंतर को इंजॉय करें

वरुण ने बताया कि वह और नताशा एक-दूसरे से काफी अलग हैं, लेकिन वे इस अंतर को इशू बनने देने की जगह उसे इंजॉय करते हैं। उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए बताया कि वे जब लॉन्ग ड्राइव पर जाते हैं, तो उन्हें 90 के दशक के गाने सुनने की इच्छा होती है, लेकिन नताशा को हॉलिवुड सिंगर्स के सॉन्ग्स पसंद हैं। यह मिक्स उनकी लाइफ में फन ऐड करता है, जिसे वह इंजॉय करते हैं। वैसे ये बात तो तय है कि अगर कपल अपने बीच के अंतर पर फोकस कर साथी को बदलने की कोशिश करने की जगह, उसे लाइफ में न्यू फन एलिमेंट दलाल कौन बन सकता है की तरह ऐड कर ले, तो ये डिफ्रेंस भी कभी दूरी का कारण नहीं बन पाते।

प्यार और प्रैक्टिकल अप्रोच

अक्सर मूवीज में प्यार को इस तरह से दिखाया जाता है, जैसे जिंदगी में लव के सिवा बाकी कुछ मायने ही नहीं रखता। हालांकि, वरुण भी मानते हैं कि सिर्फ प्यार के सहारे कोई भी जिंदा नहीं रह सकता है। व्यक्ति को जीने के लिए पैसा और करियर भी चाहिए होता है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी ऐसे स्पेशल पर्सन का जिंदगी में होना जरूरी है, जो आपके साथ तब भी खड़ा रहे, जब आप कठिन समय का सामना कर रहे हों।

इस बात में कोई दो राय नहीं कि प्यार के दम पर जिंदा नहीं रहा जा सकता, क्योंकि ये दुनिया प्रैक्टिकल अप्रोच से ही चलती है। हालांकि, इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आप पैसे की दौड़ में इतना खो जाएं कि अपनी जिंदगी से उस स्पेशल पर्सन को ही दूर कर दें, जो वास्तव में आपकी केयर करता हो। दोनों चीजों के बीच में बैलेंस बनाकर रखना ही हैपी रिलेशनशिप पॉसिबल कर सकेगा।

MCD Election : भाजपा से टिकट कटने पर दो निर्दलीयों ने भी मारी बाजी, जानें कौन हैं ये पार्षद?

नई दिल्‍ली स्थिति एमसीडी बिल्डिंग. (सांकेतिक फोटो)

भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर मीना देवी और गजेंद्र दलाल ने निर्दलीय लड़ते हुए जीत दर्ज की. सीलमपुर से शकीला बेगम को जीत म . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : December 07, 2022, 16:54 IST

MCD Election 2022 Result Independent Candidates : एमसीडी चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद हर कोई अपने क्षेत्र के पार्षद का नाम जानना चाहता है. आम आदमी पार्टी का पहली बार निगम की सत्‍ता में आना तय हो गया है. इन सबके बीच कुल 250 नए निगम पार्षदों में से तीन नाम ऐसे भी हैं जिन्‍होंने बिना किसी बड़े दल के चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की. आइये हम आपको इन तीनों पार्षदों के बारे में बताते हैं.

गजेंद्र दलाल का भाजपा ने काटा था टिकट

मुंडका वार्ड नंबर-35 से गजेंद्र दलाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की है. टिकट कटने पर भाजपा का दामन छोड़ते हुए गजेंद्र ने निर्दलीय लड़ने का निर्णय लिया था. वो टिकट कटने से अपनी पार्टी से बेहद नाराज थे. विरोध करने पर भी जब बात नहीं बनी हो उन्‍होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया. बता दें कि गजेंद्र भाजपा के सिटिंग पार्षद नहीं थे. साल 2017 में पार्टी ने उन्‍हें टिकट दिया था लेकिन वो हार गए. यही वजह है कि इस बार उन्‍हें टिकट नहीं देने का निर्णय लिया गया.

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बुर्के में रहकर शकीला बेगम ने लड़ा था चुनाव

एमसीडी चुनाव में सीलमपुर वार्ड नंबर-225 को महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया था. कांग्रेस, बीजेपी और आप से बड़े-बड़े नेता मैदान पर थे लेकिन शकीला बेगम ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीत दर्ज की. शकीला ने 2007 के निकाय चुनाव के दौरान बहुजन समाज पार्टी की तरफ से लड़ते हुए जीत दर्ज की थी. इस बार उन्‍होंने निर्दलीय ही लड़ने का निर्णय लिया. चुनाव के दौरान शकीला बेगम बुर्के में रहते हुए प्रचार करती हुई नजर आई थी.

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