यह 6.66% के शुद्ध लाभ मार्जिन में तब्दील होता है, जबकि 5 साल का औसत लगभग 7.17% है। एफआईआई ने अपनी हिस्सेदारी को एक साल पहले के 8.92% से घटाकर अब 7.21% कर दिया है, लेकिन इसी अवधि में म्युचुअल फंड ने अपना दांव 3.51% से थोड़ा बढ़ाकर 3.85% कर दिया है। कंपनी का पी/ई अनुपात 57.03 है, जबकि लाभांश उपज नगण्य 0.02% है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, यह केवल एक बीमा कंपनी नहीं है, बल्कि इसकी छत्रछाया में विभिन्न वित्तीय सेवा व्यवसाय भी हैं।
'उच्चतम' लाभ मार्जिन के साथ 3 बीमा स्टॉक!
भारत में बीमा क्षेत्र ऊपर की ओर विकास का अनुभव कर रहा है सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ जिसका मुख्य कारण आय का बढ़ता स्तर और लोगों में बढ़ती जागरूकता है। भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा जीवन बीमा बाजार है, इसके बावजूद वित्त वर्ष 21 तक 4.2% की पैठ के साथ बीमा की पहुंच अभी भी काफी कम है।
सरकार की पहल जैसे कि 2021 में राज्य के स्वामित्व वाली सामान्य बीमा कंपनियों में उनके समग्र वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए 3,000 करोड़ रुपये का निवेश भी उद्योग को तेज गति से बढ़ने में मदद कर रहा है। यदि आप अपने पोर्टफोलियो में बीमा कंपनियों को शामिल करना चाहते हैं, तो यहां 3 ऐसे शेयरों की सूची दी गई है, जो पिछले 5 वर्षों में सबसे अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
आईसीआईसीआई (NS: ICBK ) लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
सूची में पहला स्टॉक आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनएस: आईसीआईएल ) है, जिसका बाजार पूंजीकरण 60,072 करोड़ रुपये है। वित्तीय मोर्चे पर, कंपनी पिछले 5 वर्षों में 12.61% की वार्षिक दर से अपनी शुद्ध आय में वृद्धि कर रही है, FY22 में INR 1,270.02 करोड़ का लाभ कमा रही है, INR 16,836.02 के राजस्व पर, जो कि अब तक का सबसे अधिक है। कंपनी।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ
आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड
142, महात्मा गांधी रोड, नुंगमबक्कम, चेन्नई 600 034
दूरभाष : 91 - 44 -28306600
ईमेल : [email protected] वेबसाइट : www.ifinltd.in
आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसिज लिमिटेड (आईफिन) की स्थापना 1995 में आईएफसीआई लि. द्वारा निवेशकों, संस्थानों और खुदरा निवेशकों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद और सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए की गई थी । आईफिन मुख्य रूप से स्टॉक ब्रोकिंग, निवेश बैंकिंग, म्युचुअल फंड वितरण और सलाहकारी सेवाएं, डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं, बीमा उत्पाद वितरण तथा इसके जैसे अन्य कार्यों से जुड़ी हुई है ।
सेवाओं का समूह
आईएफसीआई के साथ जुड़े होने के नाते, भारत के निवेशक समुदाय और अनिवासी भारतीयों को विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पाद व सेवाएं प्रदान करने के सम्बन्ध में आईफिन को एक प्रमुख अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान के रूप में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त है । इनमें निम्नलिखित शामिल हैं -
- स्टॉक ब्रोकिंग
- कमोडिटीज ब्रोकिंग
- मुद्रा ट्रेडिंग
- पोर्टफोलियो प्रबन्धन सेवाएं
- डिपाजिटरी भागीदारी सेवाएं
- मर्चेन्ट बैंकिंग
- बीमा निगमित एजेंसी
- म्युचुअल फंड उत्पाद वितरण
- आईपीओ वितरण
- निगमित सलाहकारी सेवाएं
आईफिन की सदस्यताएं और लाइसेंस
दि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एनएसई) : आईफिन एक प्रमुख ब्रोकिंग हाउस है और इस समय यह एनएसई की इन सभी श्रेणियों का सदस्य है - नकद बाजार (सीएम), वायदा व विकल्प (एफ एण्ड ओ) थोक ऋण बाजार (डब्ल्यूडीएम) और मुद्रा डेरिवेटिव्स । कम्पनी बीमा, म्युचुअल फंड और बैंकिंग क्षेत्रों में कई प्रतिष्ठित संस्थागत ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है ।
दि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लि. (बीएसई) : आईफिन भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंजों में से एक अर्थात् बीएसई का नकद बाजार (सीएम) खण्ड का भी सदस्य है ।
मल्टी कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इण्डिया लिमिटेड (एमसीएक्स - एसएक्स) : आईएफिन ने एमसीएक्स - एमएक्स से एक लाइसेंस प्राप्त किया है और मुद्रा खण्ड का सदस्य है । एमसीएक्स - एसएक्स मुद्रा जोखिम बचाव के लिए निर्यातकों, आयातकों, निगमित कम्पनियों और बैंकों सहित वित्तीय बाजार सहभागियों की व्यापक श्रृंखला के लिए बहुत से लाभ प्रदान करता है ।
सोशल स्टॉक एक्सचेंज को मंजूरी, जानिए कैसे करेगा, क्या होगा आम आदमी को फायदा
सोशल स्टॉक एक्सचेंज के बारे में सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने बताया कि सोशल इंटरप्राइेजज की ओर से फंड जुटाने के लिए यह एक्सचेंज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. हालांकि, उन्होंने इस एक्सचेंज के शुरू होने को लेकर फिलहाल कोई समय सीमा नहीं बताई. उन्होंने कहा कि इस बारे में आगे की कार्रवाई के लिए सरकार के साथ बातचीत करेंगे. इसके अलावा, सेबी बोर्ड ने एक ओपन ऑफर के बाद डी-लिस्टिंग फ्रेमवर्क में संसोधन के प्रस्ताव को पास कर दिया.
क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज
सोशल स्टॉक एक्सचेंजों (Social stocks exchange) के लिए फ्रेमवर्क्स को भी मंजूर कर दिया है. अगर आसान शब्दों में कहें सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों (एनजीओ) के पास अब पैसे जुटाने के लिए नया माध्यम आ गया है. यह माध्यम शेयर बाजार होगा. अब एक प्राइवेट फर्म की तरह एनजीओ भी खुद को शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और यहां से पैसे जुटा पाएंगे.
कैसे करेगा काम, किसे होगा फायदा
अपने पहले बजट में इस बड़ी योजना का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि इससे देश के सभी निवासियों को फायदा होगा. एक इलेक्ट्रॉनिक फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म बनाने की योजना है. यह एक सोशल स्टॉक एक्सचेंज होगा, जो समाज के उत्थान के लिए काम कर रहे सामाजिक और स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करने और पूंजी जुटाने में मदद करेगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो NGO के शेयरों को भी आम लोग खरीद और बेच सकेंगे.
यूरोप, उत्तर-दक्षिण अमेरिकी देशों में सोशल स्टॉक एक्सचेंज है. सोशल स्टॉक एक्सचेंज, ऐसे संगठनों को शेयर, डेट और म्यूचुअल फंड के जरिए पूंजी जुटाने की मंजूरी देगा. इस तरह के स्टॉक एक्सचेंज यूके, कनाडा, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, जमैका और केन्या में पहले से है.
सेबी के फैसले: ‘गोल्ड एक्सचेंज’, सामाजिक शेयर बाजार को मंजूरी, चांदी के इटीएफ की होगी शुरुआत
बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को प्रतिभूति बाजार से जुड़े कई महत्वपूर्ण फैसले किये। सोने की प्रतिभूतियों और सामाजिक क्षेत्र की कंपनियों के लिये अलग शेयर बाजार बनाने, निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये निवेशक अधिकार पत्र तथा विलय एवं अधिग्रहण को अधिक तार्किक बनाने के साथ ही चांदी के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड (सिल्वर ईटीएफ) की शुरुआत के लिये नियमों में संशोधन केा मंजूरी दी गई है। संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन के नियमों को और सख्त बनाया गया, वहीं अधिक अथवा प्रभावी मतदान अधिकार वाले शेयरों को जारी करने के नियमों को सरल बनाया गया। इसके साथ ही सूचीबद्धता समाप्त करने के नियमों में कुछ राहत दी गई है। इन सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ तमाम पहलों का मकसद प्रतिभूति बाजार को मजबूत बनाना है।
SEBI के नियमों में बदलाव, गोल्ड एक्सचेंज समेत इस फ्रेमवर्क को मिली मंजूरी
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल ने मंगलवार को कई सोशल स्टॉक एक्सचेंज के लाभ सुधारों की घोषणा की। इन सुधारों में गोल्ड एक्सचेंज के साथ ही सामाजिक शेयर बाजार खोलने के लिए ढांचागत संरचना को मंजूरी का फैसला शामिल है।
क्या है गोल्ड एक्सचेंज: यूं समझ लीजिए कि ये भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की तरह काम करेगा। इस एक्सचेंज से आप शेयर की बजाए गोल्ड की खरीदारी और बिक्री कर सकेंगे। ये सबकुछ डिजिटल तरीके से होगा। इसमें निवेशक के पास गोल्ड बेचने के बाद फिजिकल या डिजिटली वॉलेट में गोल्ड लेने का विकल्प मिलेगा। आसान भाषा में समझें तो ये आपकी मर्जी पर है कि गोल्ड को फिजिकली घर मंगाना चाहते हैं या डिजिटली रखना चाहते हैं।
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