स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी कभी भी बस्तर नहीं आए थे लेकिन गोल बाजार के भीतर एक स्थल को झंडा चौरा या गांधी उद्यान का नाम देकर हर साल स्वतंत्रता व गणतंत्र दिवस पर देश आजाद कराने वाले शहीदों व नेताओं को याद कर नमन किया जाता है। बताया जाता है कि देश जब आजाद हुआ था तो उसका जश्न गोल बाजार में मनाया गया था। 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद उनकी अस्थियों का एक कलश जगदलपुर लाया गया था। उन अस्थियों को नदी में विसर्जित नहीं किया गया बल्कि एक कलश में अस्थियों को यहां जमीन के नीचे गाड़ दिया गया था। इसी जगह को झंडा चौरा के नाम से जाना जाता है। पूर्व कलेक्टर प्रवीर कृष्ण के कार्यकाल के दौरान इस जगह को उद्यान का रूप देकर गांधी उद्यान नाम दिया गया। यहां जयस्तंभ चौक भी स्थापित किया गया है।

Jagdalpur News: रेलवे स्टेशन के पास पेड़ पर लटका मिला प्रेमी युगल का शव, आत्महत्या या हत्या पुलिस कर रही जांच

भारत में हरित इमारतों: बाजार कहां है?

इमारतों का पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर भारी प्रभाव पड़ता है कुल यूएस बाजार आंदोलन का प्रभाव ऊर्जा खपत का 41% हिस्सा, इमारतों से औद्योगिक (30 प्रतिशत) और परिवहन (29 प्रतिशत) क्षेत्रों का उपयोग किया जाता है। इमारतें लगभग 14 प्रतिशत पीने योग्य पानी (प्रति वर्ष 15 ट्रिलियन गैलन) का उपयोग करती हैं। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में, इमारतों का लगभग 40% राष्ट्रीय सीओ 2 उत्सर्जन का हिस्सा है। मानक निर्माण प्रथा हर साल लाखों टन सामग्री का उपयोग करते हैं और बर्बाद करते हैं।
और# 13;
इसके मुकाबले, हरित इमारतों प्राकृतिक संसाधनों को कुशलता से इस्तेमाल करते हैं, कचरे को कम करते हैं और नतीजतन उपयोगिता बिल और पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। LEED प्रमाणित इमारतों में 34 प्रतिशत कम CO2 उत्सर्जन होता है और 25 प्रतिशत कम ऊर्जा का उपभोग होता है हरित इमारतों में जल दक्षता के प्रयासों से 15 प्रतिशत तक पानी के उपयोग को कम करने और परिचालन लागतों में 10 प्रतिशत से अधिक की बचत होने की उम्मीद है। जल-कुशल जुड़नारों के साथ हर 100 अमेरिकी घरों में से एक को वापस लेने से, लगभग 80,000 टन ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, जो एक वर्ष के लिए सड़क से 15,000 कारों को निकालने के बराबर है। एलईईडी परियोजनाएं भूमि के मुकाबले 80 मिलियन टन से अधिक अपशिष्ट को हटाने के लिए भी जिम्मेदार हैं, और 2030 तक 540 मिलियन टन से बढ़ने की उम्मीद है।

Read in other Languages

  • Property Tax in Delhi
  • Value of Property
  • BBMP Property Tax
  • Property Tax in Mumbai
  • PCMC Property Tax
  • Staircase Vastu
  • Vastu for Main Door
  • Vastu Shastra for Temple in Home
  • Vastu for North Facing House
  • Kitchen Vastu
  • Bhu Naksha UP
  • Bhu Naksha Rajasthan
  • Bhu Naksha Jharkhand
  • Bhu Naksha Maharashtra
  • Bhu Naksha CG
  • Griha Pravesh Muhurat
  • IGRS UP
  • IGRS AP
  • Delhi Circle Rates
  • IGRS Telangana
  • Square Meter to Square Feet
  • Hectare to Acre
  • Square Feet to Cent
  • Bigha to Acre
  • Square Meter to Cent

गोल बाजार को संवारने संग विरासत सहेजना जरुरी

गोल बाजार को संवारने संग विरासत सहेजना जरुरी

जगदलपुर। शहर के गोल बाजार की इन दिनों चर्चा है। एतिहासिक महत्व के इस स्थल को व्यवस्थित करने की पहल शुरू हो गई है। इसके लिए वर्तमान स्वरूप में बदलाव किया जाएगा। इससे यहां के व्यवसायी प्रभावित होंगे। यही कारण है कि जिला व नगर प्रशासन ने बदलाव से पहले यहां के व्यवसायियों से चर्चा की है। उन्हें विश्वास में लेकर एतिहासिक धरोहरों में बदलाव किए बिना बाजार को संवारने की बात कही जा रही है।

लोगों का मानना है कि यहां की विरासत को सहेजने के साथ बाजार को संवारा जाना जरूरी है। गुरूनानक चौक से दंतेश्वरी मंदिर के सामने तक, वहां से सिरहासार चौक होते हुए गोल बाजार चौक तक के क्षेत्र को आमतौर पर गोल बाजार के नाम से जाना व पहचाना गया है। शहर के गोल बाजार की अपनी पहचान व नाम है। यहां रियासत काल से जुड़ी कई स्मृतियां मौजूद हैं। यह बस्तर दशहरा की कुछ परंपराओं व मान्यताओं का भी केंद्र रहा है।

निर्माणाधीन गोडाउन का काम बंद करने की मांग: सकल व्यापारी संघ ने कहा- मांगें नहीं मानने पर दी आंदोलन की चेतावनी

नगर के मुख्य बाजार में सहकारी विभाग खाद गोदाम बना रहा है। इससे व्यापारियों में आक्रोश है। बाजार में आए दिन जाम लगने के कारण एक और जहां उनका व्यापार पिट रहा है। दूसरी ओर ग्राहक भी परेशान हो रहे हैं। ऐसे में गोडाउन के बनने से उन्हें और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

इस समस्या से बचने के लिए आज व्यापारी संघ ने स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन सोते हुए तत्काल प्रभाव से गोदाम निर्माण कार्य बंद करने की बात कही। ज्ञापन में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को तत्काल प्रभाव से नहीं गया तो व्यापारी आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

व्यापार होगा प्रभावित

सकल व्यापारी संघ के अध्यक्ष विमल जैन ने बताया कि उन्होंने शासन प्रशासन को गोदाम बनने के बाद व्यापरियों को होने वाली समस्याओं से अवगत कराते हुए बुधवार को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें अपनी चार मांगों को पर भी विचार करने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि श्री राधे कृष्ण चौक पर सोसायटी परिसर बाजार आंदोलन का प्रभाव में 200 मैट्रिक टन की क्षमता का गोदाम निर्माण का काम प्रारंभ हो गया है। गोदाम तैयार होने के बाद बाजार में भंडारण सहित वितरण के लिए भारी वाहनों का आवागमन होगा। जिससे बाजार में अव्यवस्था फैलेगी। अभी बाजार में अतिक्रमण के चलते आम दिनों में चार पहिया वाहनों का निकलना भी मुश्किल होता है। ऐसे में यदि ट्रक सहित किसानों के ट्रैक्टर-ट्राली आने से व्यापार प्रभावित होगा।

शेयर बाजार को बैंकों का निजीकरण पसंद, शॉर्टलिस्ट की खबर से शेयर को लगे पंख!

बैंक का एक दृश्य (सांकेतिक फोटो)

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2021,
  • (अपडेटेड 17 फरवरी 2021, 11:08 PM IST)
  • चार बैंक किए गए हैं शॉर्टलिस्ट
  • बैंकों के शेयर कीमत में तेजी

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है. बाजार ने भी इसे हाथोंहाथ लिया और शेयर बाजार पर इन चारों के भाव में तेजी देखी गई.

कब हो रहा बैंकों का प्राइवेटाइजेशन
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक केंद्र सरकार ने 4 सरकारी बैंकों को प्राइवेटाइज करने के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया है. इनमें से दो का निजीकरण अगले वित्त-वर्ष में किया जाएगा. जबकि अन्य दो का निजीकरण आगे के सालों में किया जाएगा.

15 दिन बाद खाद्यान्नों का मिलना भी दूभर

खत्म होने के कगार पर खाद्यान्न का स्टॉक

बरवा अड्डा स्थित कृषि बाजार समिति के कारोबारियों ने नया ऑर्डर देना बंद कर दिया है. आवक बंद होने के बाद खाद्यान्न का स्टॉक लगभग 15 दिनों का बताया जा रहा है. अगर थोक व्यापारियों का आंदोलन जारी रहा तो खाद्यान्न का मिलना दूभर हो जाएगा. जानकारी देते हुए विकास कंधवे ने बताया कि आवक बंद होने के बावजूद बाजार आंदोलन का प्रभाव मंडी से कारोबार जारी रहेगा. गोदाम में जो भी स्टॉक है, मंडी में उपलब्ध कराया जाएगा. खरीद बिक्री होगी. हमारा मकसद आम जनता को परेशान करना नहीं. आंदोलन सरकार के खिलाफ है.

सप्ताह भर में होगा आलू प्याज का स्टॉक खत्म

सब्जी कारोबारी विजय साव के अनुसार सब्जियों का अधिक स्टॉक नहीं रखा जाता है. दो दिन में ही हरी सब्जी और फल सड़ने लगते हैं. इसलिए हड़ताल के दो से 3 दिन के भीतर सब्जी और फलों का स्टॉक जवाब दे देगा. आलू-प्याज का स्टॉक भी सप्ताह भर से ज्यादा का नहीं है.

कृषि बाजार के आंदोलन की बात शहर में आग की तरह फैल गयी है. आम लोग खाद्यान्न का स्टॉक करने में जुट गए है. आवक ठप होने की खबर सुन उपभोक्ता सुनील श्रीवास्तव घर का राशन खरीदने दुकान पहुंचे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया और आंदोलन लंबा चला तो बाज़ारों में कालाबाज़ारी बढ़ेगी. इसीलिए वह घर के लिए राशन जमा कर रहे हैं.

लगातार को पढ़ने और बेहतर अनुभव के लिए डाउनलोड करें एंड्रॉयड ऐप। ऐप डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे

लोकल सब्जी के भाव होंगे दुगने से अधिक

अन्य राज्यों से आवक बंद होने पर धनबाद में हरी सब्जियों की भारी किल्लत होने की संभावना है. पूरा धनबाद अब लोकल सब्जियों पर निर्भर होगा. आसपास के इलाके से शहर आने वाली सब्जियों की कीमत आसमान छूएगी. असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा. पहले से ही महंगाई में आग लगी हुई है और अब सरकार के रवैये और व्यवसायियों के आंदोलन का भुगतान भी आम जनता को ही करना पड़ेगा.

समिति के महासचिव विकास कंधवे ने रिटेल दुकानदारों से मुनाफाखोरी नहीं करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि आंदोलन सरकार के खिलाफ है ना कि आम जनता के विरोध में. इसलिए ख्याल रखें कि जन साधारण को कोई परेशानी न हो. उन्होंने कहा है कि रिटेल दुकानदार अगर मुनाफाखोरी करते हैं तो उसका समर्थन बाजार समिति कतई नहीं करेगी.

रेटिंग: 4.20
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 247