कॉटन 29 एमएम वायदा - दिसम्बर 22 (MCOTc1)
कॉटन 29 एमएम वायदा के लिए हिस्टोरिकल डेटा एक्सेस करें। आपको चुनी हुई तिथि की रेंज के लिए क्लोज़िंग मूल्य, ओपन, हाई, लो, बदलाव एवं प्रतिशत बदलाव मिलेंगे। यह डेटा रोज़ाना, साप्ताहिक एवं मासिक अंतराल पर दिखती है। टेबल के नीचे आपको चुनी हुई तिथियों की रेंज के लिए डेटा सारांश प्राप्त होगा।
उच्चतम : 33,550 | निम्नतम : 27,300 | अंतर : 6,इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम 250 | औसत : 31,122 | बदलें % : -16 |
कॉटन 29 एमएम वायदा परिचर्चा
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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Intraday Trading 7 Golden Rules in Hindi
Intraday Trading शेयर मार्केट एक ऐसा हिस्सा है जो सही से करोगे तो आपको एक ही दिन में बड़ी मुनाफ़ा करके भी दे सकता है। अगर सही तरीके से नहीं करोगे तो बड़ा नुकशान भी हो चकता हैं। आज हम बताएँगे Intraday Trading 7 Golden Rules ये आपको ट्रेडिंग में मुनाफा कमाई करने में मदद करेगी। और साथ ही नुकसान होने से भी बचायेगा। आइए जानते ट्रेडिंग का Intraday Trading का Golden Rules जिसको आपको फॉलो करना हैं:-
Intraday Trading 7 Golden Rules in Hindi
- लिक्विडिटी Stock में ट्रेडिंग:-
आपको सबसे पहले लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करना हैं। लिक्विडिटी Stock का मतलब जिसका खरीद और बेच रेंज पर ज्यादा फर्क नहीं है। जिस शेयर का बहुत सारे Buyer और Seller मजूद हैं। आपको वो स्टॉक खोजना जिसमे लिक्विडिटी बहुत ज्यादा है और उस स्टॉक पर कही ना कही किसी तरह की ऊपर या नीचे का चाल बन रही हैं। आपको एसी स्टॉक पर ट्रेडिंग करना हैं।
खड़े हुवे, buy और sell कम होना Stock से आपको दूर रहना हैं। Intraday Trading का सबसे पहला रूल स्टॉक ऊपर या नीचे हिलेगा तभी कुछ कमाई होगा। इसलिए आपको हाई लिक्विडिटी Stock में ट्रेडिंग करना चाहिए।
कोई भी Trading करने से पहले आपको ये जरुर ध्यान रखना चाहिए की हमेशा छोटी मात्रा में Trading करना हैं। आपके रिस्क के हिसाब से ट्रेडिंग करना चाहिए। उदाहरण के लिए कही बार हमें लगता है ABC स्टॉक ऊपर जानेवाला है उस समय ज्यादा लालस के कारण पैसा की मात्रा बड़ा देते है। जब भी आप लालस के कारण अपना पैसा की मात्रा बड़ा कर देते हो आपको नुकशान बहुत ज्यादा हो चकता हैं।
क्युकी जब आप मात्रा बड़ा लेते है तो इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम वो स्टॉक जरुरी नहीं की आपके हिसाब से चलेगा कही बार ऊपर नीचे होगा। जैसे ही थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होगा आपके पैसा की मात्रा ज्यादा होने के कारण नुकशान का साइज़ भी बड़ा होगा। जिससे आप घबड़ाहट में नुकशान में ट्रेडिंग से निकल जाओगे। इसलिए आपको हमेसा छोटा मात्रा में ही Trading करना चाहिए।
Intraday Trading का महत्पूर्ण Rules
- Stop Loss के साथ Intraday Trading:-
आपको हमेसा Stop Loss के साथ ट्रेडिंग करना हैं। इसके बिना आप बिल्कुल ट्रेड मत लीजिए। Stop Loss बहुत जरुरी है आपका नुकशान को कम करने के लिए। इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम आपने जो भी ट्रेड लिए उसके साथ और एक Stop Loss का ट्रेड दोनों एक ही समय पर जाना चाहिए। ये Intraday Trading का सबसे बड़ा Golden Rule हैं।
सबसे पहले जितना आपने छोचा था, इतना प्रॉफिट आना चाहिए उतना मुनाफा आते ही आप उस दिन मार्केट से बाहर हो जाओं। अगर आप मार्केट को देखते रहेंगे तो आपको और मन करेगा ट्रेड लेने का जिससे जितना आपने कमाया उससे ज्यादा आपको नुकशान होगा।
ठीक उसी तरह उसका उल्टा आपका यदि पहला ट्रेड गलत हो गया हैं तब भी आप मार्केट से निकल जाओं। उस पैसे को उस दिन recover करने के लिए और बिल्कुल ट्रेड नहीं डालनी हैं। जिस दिन आपका पहले 1-2 घंटे के अन्दर नुकशान हो गया अगर आप मार्केट बंद होने तक recover करने के लिए ट्रेडिंग करते है। तो उससे बहुत ज्यादा आपको नुकसान होगा। क्युकी उस दिन हो चकता है आपका रणनीति और Stock Selection ठीक नहीं है।
आपको कभी भी Intraday Trading में नुकसान साइड पर Average नहीं करना है। मान लीजिए आपने एक स्टॉक ट्रेडिंग के लिए 500 रुपए पर खरीदा कुछ देर बाद उस स्टॉक प्राइस 450 हो गया। फिर आपने छोचा और खरीद्के Average किया जाए। लेकिन आपको कभी भी नुकसान साइड पर Average नहीं करना हैं।
अगर आपको प्रॉफिट हो रहा है तो आप उस ट्रेड पर और खरीद सकते हैं. लेकिन कोई शेयर आपके दिशा पर नहीं जा रहा तो आपको बिल्कुल खरीदना नहीं चाहिए। सिर्फ अपना Stop Loss की तरफ देखना चाहिए अगर हित हो गया तो ट्रेड से निकल जाना हैं।
Trading करने से पहले Golden Rules जरुर जाने:-
- Trading के समय किसी के ना सुने:-
किसी के बातों में आकर आपको बिल्कुल ट्रेड नहीं लेना हैं। चाहे कितना भी बड़ा विश्लेशक हो आपको अपना विश्लेषण खुद करना चाहिए। आप अपना ट्रेड अपने हिसाब से लेना है। जरुरी नहीं की विश्लेशक का ट्रेड सही हो, गलत भी हो चकता हैं। आपको अपना Discipline में ही कायम रहना हैं और Trading के समय किसी के बात को नहीं चुननी हैं।
Intraday Trading में कोई भी दिन स्वतंत्र नहीं है पिछले दिन से जुड़ा हुआ होता हैं। जब भी आप ट्रेडिंग करोगे पिछले दिन के Support, Resistant, behavior आज पे जरुर असर डालेगा। उस स्टॉक ने जो कल किया था उसका छाया, behavior आज जरुर नजर आएगी। आपको पिछले दिन के Chart को जरुर देखना है उसके बाद ही Trading करना हैं।
Intraday Trading 7 Golden Rules अगर आप दिमाग में रखते है बार बार लागू करके देखते हो। उसके बाद आपके लिए Intraday में पैसा कमाई करना आसान हो जायेगा और नुकसान होना बहुत कम हो जाएगा। ये 7 मंत्र आपको Intraday Trading में निश्चित रूप से नुकसान से बचाएगा और आपको मुनाफा की तरफ लेके जाएगा।
आशा करता हु Intraday Trading 7 Golden Rules in Hindi पोस्ट को पढ़के ट्रेडिंग करने का सही तरीका सीख गए होंगे। आप यदि इन रूल्स को फॉलो करेंगे Intraday Trading में आपको जरुर मुनाफा होगा। इससे से जुड़ी आपके मन में कोई सवाल है तो कमेंट में जरुर पूछे।
शेयर मार्केट से जुड़ी बाते बिस्तार से जानने के लिए और साथ ही महत्पूर्ण खबर के साथ अपडेट रहने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ चकते हैं।
एक अगस्त से असर: अब शेयर बेचने से पहले भी 20 प्रतिशत देनी होगी मार्जिन, रिटेल निवेशक पर पड़ेगी ज्यादा मार, शेयर बेचने के दो दिन बाद ही खरीद पाएंगे नया स्टॉक
पूंजी बाजार नियामक सेबी का काम एक रेगुलेटर के तौर पर निवेशकों की सुरक्षा करना और बाजार को सही तरीके से चलाने का है। लेकिन उसके एक सर्कुलर ने रिटेल निवेशकों की कमर तोड़ दी है। एक अगस्त से अगर आप शेयर बेचेंगे तो आपको इस पर कम से कम 20 प्रतिशत का कैश या शेयरों के गिरवी के रूप में मार्जिन देना होगा। साथ ही आप शेयर बेचने के दो दिन बाद ही नया शेयर खरीद पाएंगे। क्योंकि आप कोई भी शेयर बेचते हैं तो उसका पैसा दो कारोबारी दिनों के बाद आपके खाते में आता है।
नया नियम क्या है?
दरअसल सेबी ने कुछ समय पहले ही एक सर्कुलर जारी किया था। इसके मुताबिक अब हर निवेशक को शेयर बेचने पर भी मार्जिन देना होगा।पहले केवल शेयर खरीदने पर मार्जिन देना होता था। साथ ही अब आप किसी शेयर की बिक्री करते हैं तो उसके पैसे से शेयर दो दिन बाद ही खरीद सकते हैं।
नए नियम का असर किस पर होगा?
सेबी के इस नियम ने ब्रोकर्स हाउस के साथ-साथ रिटेल निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। रिटेल निवेशक इसलिए ज्यादा प्रभावित होंगे क्योंकि उनके पास मार्जिन के लिए पैसे जुटाना मुश्किल है। इससे बाजार में नए और पुराने निवेशकों पर मार पड़ेगी।
कैसे असर होगा?
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए किसी ने सोमवार को 100 रुपए का शेयर बेचा। अब उसे इसे बेचने से पहले 20 रुपए का कैश मार्जिन एक्सचेंज को देना होगा। जब तक वह इस मार्जिन को नहीं देगा, तब तक शेयर नहीं बेच पाएगा। दूसरा पहले यह था कि आपने आज शेयर बेचा इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम और आज ही दूसरा शेयर खरीद लीजिए। इसमें बिक्री से मिले पैसे को सेटल कर दिया जाता था।
फायदा किसको हो सकता है?
वैसे कुछ सूत्रों का कहना है कि बाजार में जिस तरह से डायरेक्ट निवेशक आ रहे थे, उससे म्यूचुअल फंड को ज्यादा घाटा हो रहा था। हाल में म्यूचुअल फंड से काफी पैसा निवेशकों ने निकाला है। माना जा रहा है कि इस फैसले से म्यूचुअल फंड को ज्यादा फायदा होगा।
ब्रोकर और मार्केट क्या कह रहा है?
इन लोगों का कहना है कि यह पूरी तरह से निवेशकों के विरोध में नियम है। अगर मेरे पास 100 रुपए की पहले से ही कोई चीज है। आप बोलिए कि पहले 20 रुपए दो फिर बेचो। ऐसा कैसे हो सकता है? मेरे पास जब 100 रुपए है तो यह तो खुद ही सुरक्षा के रूप में है। इन लोगों का कहना है कि इसमें ज्यादा बड़े पैसों पर मार्जिन लगाई जा सकती है ताकि रिटेल निवेशकों को दिक्कत न हो।
मेरे पास अगर 20 रुपए नहीं होगा तो मै क्या करूंगा? शेयर ही नहीं बेचूंगा और जब तक शेयर नहीं बेचूंगा दूसरा खरीद नहीं पाऊंगा। इससे निवेशक बाजार में आएंगे ही नहीं।
शेयर मार्केट ट्रेडिंग करते हैं तो ध्यान दें, 1 जुलाई से बदल रहे हैं नियम, बिना टैगिंग के इंट्राडे ट्रेडिंग के नियम नहीं बेच सकेंगे शेयर
यदि आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं और आपका अकाउंट है तो यह खबर आपके काम की है। अब जुलाई से इसके नियम बदलने जा रहे हैं। सेबी ने डीमैट खातों की टैगिंग लागू करने के लिए दलालों को 30 जून तक का समय दिया है। यदि खाते 1 जुलाई से बिना टैग वाले रहते हैं, तो इन खातों से किसी भी नई खरीदारी की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, कॉरपोरेट कार्रवाई के परिणामस्वरूप शेयरों को श्रेय दिया जाएगा। जिन खाताधारकों के खाते बिना टैग के रहेंगे, वे भी अपने खातों से शेयर नहीं बेच सकेंगे।
एक्सचेंज और डिपॉजिटरी को 1 जुलाई और 1 अगस्त को अपनी अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को कहा कि स्टॉक ब्रोकरों के सभी डीमैट खाते, जो बिना टैग के हैं, उन्हें जून के अंत तक उचित रूप से टैग करने की आवश्यकता है। 1 जुलाई से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते में प्रतिभूतियों को जमा करने की अनुमति नहीं होगी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि हालांकि कॉरपोरेट कार्यों के कारण क्रेडिट की अनुमति होगी।
बैंक और डीमैट खातों की टैगिंग उस उद्देश्य को दर्शाती है जिसके लिए उन बैंक/डीमैट खातों का रखरखाव किया जा रहा है और ऐसे खातों की स्टॉक एक्सचेंजों/डिपॉजिटरी को रिपोर्ट करना। सेबी ने आगे कहा कि अगस्त से बिना टैग वाले किसी भी डीमैट खाते में प्रतिभूतियों के डेबिट की भी अनुमति नहीं होगी।
स्टॉक ब्रोकर को 1 अगस्त से ऐसे डीमैट खातों को टैग करने की अनुमति देने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों से अनुमति लेनी होगी और बदले में एक्सचेंजों को अपनी आंतरिक नीति के अनुसार जुर्माना लगाने के बाद दो कार्य दिवसों के भीतर इस तरह की मंजूरी देनी होगी।
वर्तमान में, स्टॉक ब्रोकरों को केवल पांच श्रेणियों के तहत डीमैट खातों को बनाए रखने की आवश्यकता होती है - मालिकाना खाता, पूल खाता, क्लाइंट अनपेड सिक्योरिटीज, क्लाइंट सिक्योरिटीज मार्जिन प्लेज अकाउंट और क्लाइंट सिक्योरिटीज मार्जिन फंडिंग अकाउंट के तहत। नियमों के तहत, स्टॉक ब्रोकर के मालिकाना डीमैट खातों को 'स्टॉक ब्रोकर प्रोपराइटरी अकाउंट' के रूप में नामित करना स्वैच्छिक है और जिन खातों को टैग नहीं किया गया है, उन्हें मालिकाना माना जाएगा।
एक नजर में समझें
- सेबी ने डीमैट खातों पर नियम सख्त किए। प्रोकर को अब डीमैट खातों को वर्गीकृत करना होगा और उसका उद्देश्य बताना होगा।
- डीमैट खातों की टैगिंग 30 जून तक पूरी करनी होगी।
- 1 जुलाई से बिना टैग वाले डीमैट खातों में शेयर नहीं जोड़े जा सकेंगे।
- कॉर्पोरेट कार्रवाई के संबंध में शेयरों में वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं।
- 1 अगस्त से बिना टैग वाले खातों से शेयरों की बिक्री नहीं की जा सकी।
- एक्सचेंज और डिपॉजिटरी को अपनी अनुपालन रिपोर्ट 1 जुलाई और 1 अगस्त तक जमा करनी होगी।
5 श्रेणियां जिनमें डीमैट खाते खोले जाते हैं
- मालिकाना खाता - स्व व्यापार के लिए
- पूल खाता - बस्तियों के लिए।
- ग्राहक की अवैतनिक प्रतिभूतियाँ - ग्राहक के अवैतनिक शेयरों के लिए
- ग्राहक प्रतिभूतियां मार्जिन प्रतिज्ञा - मार्जिन के लिए ग्राहक शेयरों को गिरवी रखना
- मार्जिन फंडिंग के तहत क्लाइंट सिक्योरिटीज - मार्जिन सिक्योरिटीज के लिए फंडेड सिक्योरिटीज
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