शेयर मार्केट क्या है

शेयर मार्केट वह बाजार होता है, जहाँ पर अलग – अलग विभिन्न कंपनियों के शेयर बेचने और खरीदने का काम किया जाता हैं | यह बाजार किसी सामान्य बाजार से अलग नहीं बल्कि यह शेयर मार्केट भी दूसरे सामान्य बाजार की तरह होता है, जहाँ पर जाकर लोग शेयर की खरीद बिक्री करते हैं इसका काम अब ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी किया जा सकता है |

इसलिए यदि आप भी शेयर मार्केट के विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर आपको शेयर मार्केट क्या है ,Share Market में निवेश कैसे करे | इसकी पूरी जानकारी प्रदान की जा रही है |

शेयर मार्केट की जानकारी

Table of Contents

शेयर मार्केट एक ऐसी मार्केट हैं, जहाँ पर कंपनियां अपने शेयर को मार्केट में आम जनता के खरीद बिक्री करने के लिए जारी कर देती है, और इसके बाद इसी के जरिये कंपनियां अपने बिज़नेस में हिस्सेदारी खरीदने का जनता को मौका प्रदान करती है | इसके बाद जो लोग शेयर को खरीदने का काम करते है वो उस कंपनी के हिस्सेदार बन जाते हैं | यदि किसी की भी स्टॉक की कीमत में किसी भी तरह का उतार चढ़ाव होता है तो वह उस कंपनी की स्थिति पर निर्भर करता है|

वहीं, यदि हम Stock Market की बात करें तो, यह एक ऐसी मार्केट होती है, जिसमें बहुत ही कम समय में पैसे कमाए जाते हैं लेकिन, यदि इसमें मुनाफा न हुआ तो, इसमें बड़ी तदाद में ऐसे डूब जाने की संभावना अधिक होती है लेकिन ऐसा तभी होता है, जब किसी ट्रेड में और Company के बिज़नेस में उतार चढ़ाव होता है, यह उस कम्पनी के उतार चढ़ाव पर आधारित है |

शेयर मार्केट में निवेश कैसे करे

शेयर मार्किट के लिए आप ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से निवेश कर सकते है लेकिन इन्वेस्ट चाहे जैसे किया जाए, इसके लिए आपको एक Stock Broker की आवश्यकता जरूर होती है, क्योंकि शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आप इसमें directly प्रवेश नहीं कर सकते हैं | इसलिए यह आप किसी भी शेयर को खरीदने या बेचने का काम करते है, तो इसके लिए आपके पास एक Stock Broker का होना बहुत ही आवश्यक होता है, क्योंकि एक Investor ही आपको इस बाजार तक पहुंचाने में मदद करता है |

शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आपको Market में मदद करने के लिए कई Broker मिल जायेंगे जैसे Zerodha, Sharekhan, Angel Broking, ICICI Direct इत्यादि | इन ब्रोकर्स से संपर्क करने पर ये आपके लिए अकाउंट खोलने के काम को पूरा कर देंगे, जिससे आप इसमें Invest कर सकते है

इन्वेस्टमेंट के लिए खोले जाने वाले अकाउंट

    .
  1. Trading Account.

जब आपके ये दोनों Account एक Stock Broker के माध्यम से खोल दिए जाते हैं, तो आप इसके बाद से ही अपना हिस्सा खरीदने और बेचने का काम भी प्रारम्भ कर सकते है इसके अलावा मार्केट में मिनिमम इन्वेस्टमेंट करने के लिए किसी भी प्रकार कोई भी नियम नहीं बनाया गया है और न ही किसी भी प्रकार की लिमिट तय की गई है | इसमें आप अपने बजट के अनुसार निवेश कर सकते है | इसलिए आप निवेश करने के लिए $1 कीमत वाले शेयर भी खरीद सकते हैं और आप अपने बजट के मुताबिक़ stock खरीद सकते हैं लेकिन आपको बाजार में Invest करने के लिए अच्छे Stock Broker का चुनाव करना बहुत ही अनिवार्य होता है |

ऑनलाइन शेयर के लिए निवेश कैसे करें

ऑनलाइन शेयर में निवेश करने के लिए आपके पास सबसे पहले Demat Account होना बहुत ही जरूरी होता है , जिसे आप एक Broker के माध्यम से आसानी के साथ खुलवा सकते है | इसके अलावा आप आपका जिस भी बैंक में Saving अकाउंट है वहां से भी आप Demat Account खुलवा सकते हैं |

इसलिए यदि आप Demat Acount खुलवाते है, तो आपके पास Saving Account का होना भी अतिआवश्यक है और इसके साथ शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट कैसे करे ही आपके पास Internet banking भी होना चाहिए ।

Demat Account के लिए आवश्यक दस्तावेज

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  • Address Proof.
  • Passport Size Photos.
  • Account Check Book.

शेयर खरीदने से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी

  1. यदि आप Stock Market में निवेश करते है, तो इसके लिए आपके पास बैंक एकाउंट, Demat एकाउंट, Trading एकाउंट का होना बहुत ही जरूरी होता है |
  2. Invest करने से पहले आप जिस कम्पनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी की बिज़नेस कैसी है, परफॉरमेंस कैसी है | कंपनी की मैनेजमेंट अच्छी है या नहीं | इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए |
  3. शेयर खरीदने के लिए Investors को अच्छे fundamentals वाली कंपनियों में ही पैसे लगाने की जरूरत है |

यहाँ पर हमने आपको शेयर मार्केट के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई है | अन्य सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए कमेंट करे | अधिक जानकारी के लिए पोर्टल hindiraj.com पर विजिट करे |

मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

how to invest in us market from india-टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के शेयर रोजाना नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. इन कंपनियों की तेजी का फायदा आप भी उठा सकते हो. आज हम आपको इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दे रहे हैं.

मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

भारतीयों में विदेशी शेयरों, खासकर अमेरिकी कंपनियों (US Companies) के शेयरों में निवेश का चलन तेजी पकड़ बना रहा है. अगर आप भी घर बैठे एपल, गूगल, टेस्‍ला जैसे शेयरों को खरीदने के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं. अमेरिकी कंपनी ऐप्पल (Apple) की कुल मार्केट वेल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर के पार हो गई है. टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) जैसी कंपनियां भी तेजी से अमीर होती जा रही हैं. इन कंपनियों की तेजी से होती ग्रोथ को देखकर भारत से भी कई निवेशक अमेरिकी कंपनियों में पैसा लगा रहे हैं. यह संभव हो सका है विदेश में निवेश करने वाले फंड के जरिए.एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडिया यानी एंफी की मानें तो 2021 में जनवरी से नवंबर के दौरान विदेश में पैसा लगाने वाले फंड्स ऑफ फंड्स में 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है.

Apple Google और Amazon जैसी अमीर कंपनियों के शेयर खरीदने का पूरा प्रोसेस-विदेश में निवेश करने का सबसे आसान तरीका फंड ऑफ फंड्स यानी FoF रूट ही है. विदेशी फंड ऑफ फंड ऐसे ग्लोबल म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं जो वैश्विक शेयरों में पैसा लगाते हों. ऐसे फंड ऑफ फंड्स की होल्डिंग में एक या एक से वैश्विक ग्लोबल फंड शामिल हो सकते हैं. हालांकि विदेशी बाजारों में निवेश के लिए सिर्फ विदेशी फंड ऑफ फंड्स ही एक तरीका नहीं है… कई और भी तरीके हैं, आइए उन्हें जानते हैं…

(1) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक वाले म्यूचुअल फंड्स में निवेश

विदेशों में निवेश का दूसरा तरीका सेक्टोरल या थीमैटिक फंड हैं. सेक्टोरल या थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग में भारतीय और विदेशी शेयरों का मिश्रण हो सकता है. यानी इस तरह के फंड्स में ऐपल, गूगल सहित भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं.

(2) इंडेक्स फंड

एक और तरीका है जिसे इंडेक्स फंड कहा जाता है…. जिस तरह भारतीय शेयर बाजारों के अलग-अलग इंडेक्स के लिए इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं उसी तरह वैश्विक शेयर बाजारों के लिए भी इंडेक्स फंड हैं… वैश्विक बाजारों में निवेश करने वाले इंडेक्स फंड भी दुनिया के किसी एक शेयर बाजार के किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करके निवेश करते हैं… मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है.

(3) अंतरराष्ट्रीय ईटीएफ में निवेश

वैश्विक बाजारों में निवेश का एक और तरीका इंटरनेशनल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ भी हैं, ये ईटीएफ सामान्य तौर पर 2 तरह हो सकते हैं- Country specific और Country neutral. Country specific ईटीएफ आपको किसी चुनिंदा देश में निवेश करने की अनुमति देते हैं. उदाहरण के लिए, वैनएक्क वेक्टर्स वियतनाम ईटीएफ आपको वियतनाम इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, Country neutral ईटीएफ आपको पूरी दुनिया में निवेश करने की अनुमति देते हैं.

(4) सीधा निवेश

ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंड्स या ईटीएफ के जरिए ही आप अमेरिकी या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं, बल्कि सीधे निवेश का तरीका भी है, जैसे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिए आप ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिकी बाजारों में भी कर सकते हैं, बशर्ते अमेरिकी ब्रोकर हायर करना होगा या फिर भारत में जो ब्रोकर अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं उनसे संपर्क करना होगा… दोनों ही परिस्थितियों में आपको इंटरनेशनल ट्रेडिंग खाता भी खोलना पड़ेगा और ट्रेडिंग के लिए करेंसी को डॉलर में बदलवाना होगा.. ऐसा करके आप सीधे ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं.

(5) इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स (IDRs)

आप इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स यानी आईडीआर के जरिए भी विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं. आईडीआर मूल रूप से भारतीय करेंसी में होता है और सेबी रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी इसे तैयार करता है. आईडीआर को कंपनी की इक्विटी के बदले जारी किया जाता है ताकि विदेशी कंपनियों को भारत से धन जुटाने में सक्षम बनाया जा सके. चूंकि विदेशी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की अनुमति नहीं है, आईडीआर उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने का एक तरीका है.

शेयर मार्केट में सीधे निवेश करने से लगता है डर? SIP के जरिये कर सकते हैं निवेश- बस रखना होगा इन बातों का ध्यान

क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी.

शेयर मार्केट में सीधे निवेश करने से लगता है डर? SIP के जरिये कर सकते हैं निवेश- बस रखना होगा इन बातों का ध्यान

क्या आपको मालूम है कि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर मार्केट में निवेश शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट कैसे करे कर सकते हैं। आमतौर पर छोटे निवेश सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। लेकिन आप एसआईपी के जरिये सीधे शेयरों में भी निवेश कर सकते हैं। यह सुविधा आपको शेयर ब्रोकर उपलब्ध कराते हैं। हालांकि, शेयरों में एसआईपी के जरिये निवेश करने के लिए आपके पास सबसे पहले डीमैट खाता होना जरूरी है। डीमैट खाता खोलने की सुविधा ब्रोकर उपलब्‍ध कराते हैं। डीमैट खाता खुलने के बाद आप अपने मोबाइल एप के जरिये ब्रोकर शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट कैसे करे के प्‍लेटफॉर्म का इस्‍तेमाल करते हुए शेयर बाजार से शेयरों की खरीद सकते हैं। इसके लिए आपका बैंक खाता डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़ा होना चाहिए। इसके बाद आप महीने में एक तय राशि एसआईपी के जरिये सीधे शेयर खरीदने में लगा सकते हैं।

शेयरों में एसआईपी कैसे शुरू करें

शेयरों में एसआईपी शुरू करने के लिए आपको निवेश की रकम, शुरुआत करने की तारीख, अंतिम तारीख, ट्रिगर डेट इत्‍यादि के बारे में बताना पड़ता है। ट्रिगर डेट वह तारीख है जिस दिन हर एक किस्‍त के लिए बकेट में निवेश किया जाएगा। इसी दिन उन शेयरों के लिए एक अलग ऑर्डर जेनरेट होगा जिन्‍हें आपने चुना है। ये ऑर्डर शेयर ब्रोकर के ऑर्डर मैचिंग सिस्‍टम के अनुसार एग्‍जीक्‍यूट होते हैं। आप एसआईपी के जरिये निवेश की अवधि दैनिक, साप्‍ताहिक, पाक्षिक या मासिक चुन सकते हैं। शेयर में एसआईपी शुरू करने पर आपके पास विकल्‍प होता है कि आप किसी खास शेयर को नहीं चुनें। आप बता सकते हैं कि हर एक शेयर में
मजबूत कंपनियों के शेयरों में करें निवेश

म्यूचुअल फंड में जब आप एसआईपी के जरिये निवेश करते हैं तो उसका प्रबंधन म्यूचुअल फंड मैनेजर करता है। लेकिन स्टॉक एसआईपी जिसे 'ई-सिप' कहा जता है उसमें निवेश का प्रबंधन खुद करना होता है या फिर आपका ब्रोकर इसे संभालता है। पको ब्रोकर को यह बताना पड़ता है कि आप कितने समय में कितना शेयर खरीदना चाहते हैं। ई-सिप खरीदते समय हमेशा उन शेयरों में निवेश करना चाहिए जिनके कारोबार और वित्तीय स्थिति मजबूत हों। ई-सिप का फायदा यह है कि आपके निवेश को डाइवर्सिफिकेशन का लाभ मिलता है। यानी आप अपना इनवेस्टमेंट अलग-अलग शेयरों में करते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि ई-सिप के जरिये जब निवेश करें तो अलग-अलग शेयरों में करें।

बड़े वित्तीय लक्ष्य हासिल करना आसान

ई-सिप में फायदा यह है कि आप एक छोटी निवेश राशि से निवेश कर लंबी अवधि में बड़ा निवेश करते हैं। आप इसके जरिये बड़ा वित्तीय लक्ष्य आसानी से हासिल कर लेते हैं। निवेश की राशि कम होती है इसलिए जोखिम भी कम होता है। इसमें लिक्वडिटी काफी होती है और अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आप अपनी रकम निकाल सकते हैं। दरअसल ई-सिप के जरिये में निवेश पर आपको हाई रिटर्न का फायदा मिलता है। म्यूचुअल फंड निवेश में कई तरह के चार्ज, फंड मैनेजर का खर्च आदि कट कर रिटर्न मिलता है। लेकिन इसमें इस तरह का खर्च नहीं है। इस वजह से इनमें रिटर्न का ज्यादा हिस्सा आपके हाथ आता है। जो निवेशक कम पैसे से धीरे-धीरे शेयर में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए यह ई-सिप के जरिये शेयरों में निवेश काफी अच्छा विकल्प है

इन बातों का रखें ध्‍यान

शेयरों में एसआईपी शुरू करने से पहले यह जरूरत पता कर लें कि स्‍टॉक एसआईपी रीक्‍वेस्‍ट क्रिएट करने के लिए ब्रोकर ब्रोकरेज जैसे अन्‍य रेगुलर शुल्क के अलावा कितना चार्ज करते हैं। आप किसी भी समय स्‍टॉक एसआईपी इंस्‍ट्रक्‍शन को कैंसिल या बदल सकते हैं। यह अगली ट्रिगर डेट से प्रभावी हो जाएगी।

How to Invest In Share Market: शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे करते हैं, आइये प्रेम से समझते हैं

How to Invest in Share Market: शेयर मार्केट ये नाम सुन कर ऐसा लगता है कि ये कोई जुआं है जिसमे लोग पैसा लगाते हैं और भाग्य साथ दिया तो लॉटरी लग गई और नहीं दिया तो कंगाल हो गए, लेकिन ऐसा कतई नहीं है, शेयर मार्केट की दुनिया को आप अच्छे से समझ लें इसी लिए हम आपको इधर प्रेम से एक-एक पहलु के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बाद आपको इन्वेस्ट करने के लिए किसी और से बार-बार कुछ पूछना नहीं पड़ेगा।

शेयर में इन्वेस्ट कैसे करते हैं (How To Invest In Share Market)

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए आपको एक ब्रोकर की ज़रूरत पड़ती है, कोई भी बिना किसी ब्रोकर के अपने शेयर ना तो खरीद सकता है और ना ही बेच सकता है, आज कल कई शेयर मार्केट ब्रोकिंग कंपनियों ने अपने एप्लीकेशन बना दिए हैं, जिसमे इन्वेस्ट करना और शेयर बेचना काफी आसान हो गया है।

इन्वेस्ट करने के लिए क्या चाहिए (How To Start Investing In Share Market)

सबसे पहले आपके पास एक DE Mat Account होना चाहिए, इसी अकाउंट के माध्यम से आप शेयर खरीदेंगे और बेचेंगे, डीमेट अकाउंट आपकी चुनी हुई ब्रोकिंग कंपनी बनाती है, ये किसी बैंक में नहीं खुलता, बल्कि बैंक खाते का ही डीमेट अकाउंट खुलता है।

ये DE Mat अकाउंट क्या होता है (What is De Mat Account)

De Mat Account का मतलब होता है De-Materialized account, इसमें आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को इलेक्ट्रॉनिक रूप कह लीजिये कि डिजिटली रूप से रखा जाता है, इसके ज़रिये Mutual Fund, Bond, Government Securities, भी रखी जाती है, De Mat account से SEBI के गाइडलाइन पर ही शेयर खरीदा या बेचा जाता है।

What Is Trading Account

Trading Account के ज़रिये ही आप स्टॉक खरीद या बेच सकते हैं। ब्रोकिंग फर्म आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट बना कर देती है, जिसमे आपको यूजर आईडी और पासवर्ड मिलता है, इसके बाद आप ब्रोकिंग फर्म के ऐप से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट डीमैट खाते के लिए एक मिडयम की तरह काम करता है

मान लीजिये आप 10 शेयर खरीदना चाहते हैं, तो पहले आप अपने बैंक सेविंग अकाउंट से पैसा ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर करेंगे, इस प्रोसेस को फंड एडेड कहा जाता है।

What Is Share

किसी भी कंपनी को अपना बिज़नेस बढ़ाने के लिए पैसों की ज़रूरत होती है, इसी लिए वो अपना शेयर जारी करती है, आप जितना शेयर खरीदते हैं उतने परसेंट के मालिक बन जाते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं होता है कि आपने रिलायंस का शेयर खरीदा है तो आप अगले दिन कंपनी के ऑफिस में घुस कर शेखी बघारने लगे. अगर कंपनी को प्रॉफिट होता है तो आपको भी प्रॉफिट होगा और अगर कंपनी को घाटा होता है तो आपको भी होगा।

शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए क्या दस्तावेज चाहिए (Documents Required For Investing In Share Market)

1. आपके पास PAN Card होना चाहिए,

2. KYC होनी चाहिए, इससे संस्था अपने ग्राहक के पहचान और पते को वेरिफाई करती है,

ब्रोकर को कैसे चुनें (How To Choose Broking Firm)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में लिस्टेड कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट करने के लिए आपको एक भरोसेमंद ब्रोकिंग फर्म की जरूरत होती है। जैसे Angel Brokering, Sharekhan, आईसीआईसीआई या फिर India Bulls,

ब्रोकिंग फर्म कैसे काम करती हैं (How Broking Firm Works)

किसी भी शेयर की ट्रेडिंग के लिए ब्रोकिंग फर्म ही आपका माध्यम होते हैं। आपको शेयर खरीदने और बेचने के लिए ब्रोकिंग फर्म आपसे चार्ज लेते हैं, जैसे टोटल अमाउंट का 0.1 से लेकर 0.5% तक, ब्रोकिंग फर्म भी 2 तरह की होती हैं एक Full Time Broker, और दूसरा Discounting Service Broking,

Full Time Broker आपको कॉल कर के शेयर मार्केट की जानकरी देते रहते हैं, और अन्य फेसिलिटी भी देते हैं, आपके कहने पर आपका पैसा लगा देते हैं। लेकिन कुछ Full Time शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट कैसे करे Broker कंपनी इसके बदले 0.10% तक ब्रोकिंग लेती है

Discounting Service Broking में आप सिर्फ ट्रेडिंग का काम करते हैं, कंपनी आपको कुछ नहीं बताती,

इन्वेस्ट करने का तरीका (Investing Category)

इन्वेस्ट करने के 2 तरीके होते हैं पहला Intraday Trading, और दूसरा Delivery Base Trading.

What Is Intraday Trading In Hindi

इन्वेस्ट करने का यह एक तरीका होता है, जिसे Intraday Trading कहते हैं। इसमें आप उसी दिन शेयर खरीद कर उसी दिन बेचते हैं, अगर शेयर की वेल्यू बढ़ गई और आपने उस वक़्त उसे बेच दिया फिर तो कमाई हो गई, और अगर आप मार्केट बंद होने के बाद भी शेयर नहीं बेच पाते तो जो शेयर की करेंट वेल्यू रहती है उसमे वह खुद बिक जाते हैं।

What Is Delivery Base Trading

इसमें आप शेयर को होल्ड कर के रख सकते हैं, जबतक आपका मन करे तबतक, इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कह लीजिये, इसमें रिस्क कम रहता है और हो सकता है जो शेयर आप आज 10 रुपए का खरीदें वो 10 साल बाद 2 हाज़र रुपए का हो जाए।

List Of Share Market Investing Platforms

आज के समय में शेयर में इन्वेस्ट करना बहुत आसान हो गया है, आप किसी भी ब्रोकिंग कंपनी का ऐप डाउनलोड कर के उसमे रेजिस्टर कर सकते हैं।

6. Kotak Stock Trader App

8. Motilal Oswal Trading App

शेयर मार्केट की ऐसी ही जानकारी को जानने के लिए RewaRiyasat.com को फॉलो करिये

काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी

हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।

IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।

कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।

क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।

IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।

जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।

IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।

प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट कैसे करे अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।

आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।

अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट कैसे करे नियम नहीं है।

ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।

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