सदस्य ही बनते हैं मेयर

दिल्ली नगर निगम का क्या है इतिहास, कौन-कौन से अधिकार हैं और क्या है पार्षदों की शक्ति? एमसीडी से जुड़ी A टू Z जानकारी जानें

दिल्ली नगर निकाय चुनाव 4 दिसंबर को सुबह 8 बजे से शाम 5.30 बजे तक होंगे एमएसीडी क्या है? और परिणाम 7 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। राज्य चुनाव आयोग ने 4 नवंबर को इसकी घोषणा की है। एमसीडी के कुछ वार्डों का आकार बदल दिया गया है ताकि उनकी संख्या 272 से 250 तक हो सके। वहीं एमसीडी के चुनाव में जीतने के लिए नेताओं की तरफ से अलग-अलग शिकायतें और दावे भी जा रहे हैं। आम तौर पर संसद सदस्य और अन्य सदस्य निगम सदस्यों का महत्व कम होता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि दिल्ली में कई तरह से निगम सदस्य दोनों में से कहीं अधिक पावरफुल हैं। ऐसे में आज आपको एमसीडी के इतिहास, इसके कार्य और अधिकारों के बारे में उद्धरण दिए गए हैं।

एमसीडी एमएसीडी क्या है? का इतिहास

1863 से पहले दिल्ली में स्वायत्त शासन का कोई रिकॉर्ड नहीं लिखा है। हालांकि, 1862 में नगर निगम का अस्तित्व था> नगर निगम की पहली आम बैठक 23 अप्रैल, 1863 को आम लोगों के साथ हुई थी। हालाँकि, स्वतंत्र भारत में भारतीय संसद में एक अधिनियम पारित किया गया था और एमसीडी आधिकारिक रूप से 7 अप्रैल, 1958 को स्थापित किया गया था। 1866 और 2009 के बीच चांदनी चौक में दिल्ली टाउन हॉल एमसीडी की सीट थी। अब, कार्यालय मिंटो रोड पर नए एमसीडी सिविक सेंटर में स्थानांतरित हो गया है। आम तौर एमएसीडी क्या है? पर गांवों को पंचायतों द्वारा विकसित किया गया है। लेकिन एमसीडी, इस मामले में अनूठा है और इसके विकास में कई सारे पहलुओं को शामिल किया गया है। 1971 से पहले संयुक्त जल और सीवरेज बोर्ड, दिल्ली राज्य बिजली बोर्ड और दिल्ली सड़क परिवहन प्राधिकरण भी एमसीडी का हिस्सा थे। लेकिन, नवंबर 1971 के बाद दिल्ली में परिवहन संस्थान को एमसीडी से अलग कर दिया गया और एक सड़क परिवहन निगम का गठन किया गया। मार्च 2022 में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) ने शेष सभी सदस्यों को पेश किए गए विभिन्न संशोधनों को खारिज कर दिया था। नागरिकता राष्ट्रीय राजधानी में तीन नगर निगमों को फिर से जोड़ना चाहता है। विपक्षी दल विरोध के खिलाफ थे और दावा करते हैं कि यह कदम भारतीय जनता (बीजेपी) द्वारा नगर निगम पार्टी का नियंत्रण हासिल करने का एक प्रयास है, जहां इसे आम आदमी पार्टी (आप) से टक्कर मिल सकती है। हालांकि, यह कहता है कि दिल्ली के संबद्ध नगर निगम (एमसीडी) का विभाजन क्षेत्रीय विभाजन और राजस्व पैदा करने की क्षमता के मामले में ‘असमान’ था। लेकिन, अब एकीकरण पूरा हो गया है और आगामी चुनाव एक निगम के लिए होने जा रहे हैं।

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MCD का तीन भागों में बंटवारा कब हुआ था?

1957 एमएसीडी क्या है? में संसद द्वारा दिल्ली नगर निगम (DMC) अधिनियम के पारित होने के बाद, 7 अप्रैल, 1958 को दिल्ली नगर निगम (MCD) का गठन किया गया था। स्वायत्त निकाय का गठन शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को नागरिक सेवाएं प्रदान करने के लिए किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी के क्षेत्र। 50 से अधिक वर्षों के बाद, इसे 2012 में तीन निगमों में जोड़ा गया था।

272 वार्ड से अब हो गए 250

एमसीडी के कुछ वार्डों का आकार बदल दिया गया है ताकि उनकी संख्या 272 से 250 तक हो सके। आयोग ने 70 विधानसभा क्षेत्रों से 22 के भूगोल को बदल दिया, प्रत्येक में एक वार्ड कम कर दिया गया। बाकी 48 को पसंद नहीं किया गया था। अधिक संख्या में वार्डों वाले विधानसभा क्षेत्रों को मूल रूप से आकार देने के मामले में समानता प्राप्त करने के लिए चुने गए। पहले उत्तरी और दक्षिणी नगर निगम 104-104 सदस्य दावे की संख्या थे। वहीं, पूर्वी दिल्ली में 64 साइट थीं, लेकिन परिसीमन के बाद विवरण की संख्या घट गई है। दिल्ली कैंट और दिल्ली विधानसभा एमसीडी से बाहर हैं, इसलिए इन दोनों में निश्चित रूप से नगर एमएसीडी क्या है? निगम के चुनाव नहीं होंगे।

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हर साल 1 करोड़ का फंड

पूरे दिल्ली स्तर पर नगर निगम के सदस्य संयुक्त सदन में नीति तैयार करते हैं, जिसके आधार पर निगम आयुक्त और अन्य अधिकारी काम करते हैं। नगर निगम के हर सब्सक्राइबर को एक करोड़ रुपये का फंड मिलता है यानी पांच साल में पांच करोड़ रुपये। इस राशि से सदस्य अपने क्षेत्र में कुछ भी विकास कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा सामान्य स्थिति में वह नगर निगम को अपने इलेक की बड़ी परियोजना के लिए प्रस्ताव भी भेज सकता है।

दिल्ली नगर निगम के पास कौन-कौन से अधिकार हैं?

सफाई व्यवस्था: दिल्ली की कॉलोनियों और सड़कों पर सफाई करना, कूड़ा एकता करके उसकी निस्तारण करने की जिम्मेदारी निगम की है। घरों से कूड़ा समेकन करके धलाव तक ले जाया गया और फिर निस्तारण की व्यवस्था करने का कार्य निगम का ही होता है।

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चुनाव आयोग के अनुसार, MCD के 250 वार्डों में से 42 अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित होंगे। इन 42 में से आधे यानी 21 वार्ड महिलाओं के लिए रिजर्व होंगे। बाकी बचे वार्ड्स में से 104 को महिलाओं के लिए रिजर्व रखा गया है।

दिल्‍ली में कितने नगर निकाय हैं?
राष्‍ट्रीय राजधानी के क्षेत्र की देखरेख का जिम्‍मा तीन अलग-अलग निकायों पर है। एमसीडी के दायरे में दिल्‍ली का पूरा इलाका नहीं आता। नई दिल्‍ली जहां प्रमुख सरकारी इमारतें, दफ्तर, आवासीय परिसर और दूतावास/उच्‍चायोग हैं, वह नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के तहत आता है। नगरपालिका परिषद पूरी तरह से केंद्र के मातहत है। परिषद के लिए चुनाव नहीं होते। इसके सदस्‍यों को केंद्र नामित करता है, राज्‍य सरकार के साथ चर्चा करके। NDMC के बोर्ड में कुछ विधायकों को भी शामिल किया जाता रहा है।

एमसीडी चुनाव 2022 कब होंगे? नतीजा कब?

निर्वाचन आयोग ने दिल्‍ली नगर निगम चुनाव 2022 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। एमसीडी चुनाव 2022 की नोटिफिकेशन 7 नवंबर को जारी होगी। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 नवंबर है। 19 नवंबर तक उम्‍मीदवारी वापस ली जा सकेगी। एमसीडी के 250 वार्डों पर वोटिंग 4 दिसंबर को होगी। एमसीडी चुनाव का परिणाम 7 दिसंबर को घोषित होगा।

42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहेंगी, जिनमें से 21 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। अन्य सीटें में से 104 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।

विजय देव, राज्य चुनाव आयुक्त (दिल्ली)

एमसीडी चुनाव कैसे होते हैं?
दिल्‍ली नगर निगम के चुनाव इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के जरिए कराए जाएंगे। राज्‍य चुनाव आयुक्‍त विजय देव ने बताया कि 55,000 एमएसीडी क्या है? से ज्‍यादा EVMs का इंतजाम हो गया है। इस बार भी NOTA का विकल्‍प मिलेगा। एक लाख से ज्‍यादा स्‍टाफ एमसीडी चुनाव कराएगा। चुनाव का ऐलान होते ही आचार संहिता लागू हो एमएसीडी क्या है? गई है।

MCD को क्‍यों कहते हैं दिल्‍ली की ‘छोटी सरकार’?

दिल्‍ली की सरकार और नगर निगम के अधिकार ओवरलैप करते हैं। मसलन, एमसीडी और दिल्‍ली सरकार दोनों ही सड़कें और नाले मेंटेन करते हैं। अंतर यह है कि 60 फीट से कम चौड़ी ज्‍यादातर सड़कें एमसीडी संभालता है और उससे चौड़ी वाली दिल्‍ली सरकार। बड़े मोटराइज्‍ड वीइकल्‍स को दिल्‍ली सरकार लाइसेंस देती है, वहीं एमसीडी साइकिल-रिक्‍शा, हाथगाड़ी को डील करता है। MCD प्राइमरी स्‍कूल चलाता है तो दिल्‍ली सरकार हायर स्‍कूलिंग, कॉलेज और प्रफेशनल एजुकेशन मुहैया कराती है। एमसीडी कई डिस्‍पेंसरी और कुछ अस्‍पताल चलाता है। दिल्‍ली सरकार बड़े और स्‍पेशलाइज्‍ड अस्‍पताल को मैनेज करती है।

एमसीडी दिल्‍ली की सीमाओं पर टोल टैक्‍स, विज्ञापन राजस्‍व और भू-कर से कमाई करता है। MCD को दिल्‍ली सरकार और केंद्र से भी मदद मिलती है। दिल्‍ली सरकार एक्‍साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्‍स और वैल्‍यू एडेड टैक्‍स से कमाई करती है।

एमसीडी चुनाव: दो सीटों का नतीजा आया, बीजेपी-आप की एक-एक सीट पर जीत

MCD

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, MCD election result 2022): एमसीडी चुनाव के रुझानों में आम आदमी पार्टी 129, बीजेपी 108 और कांग्रेस आठ सीटों पर आगे चल रही है। वही अन्य पांच सीटों पर आगे है। अब तक दो सीटों पर नतीजा घोषित हो चुका है। बीजेपी ने एक और आप ने एक पर जीत दर्ज की है।

एमसीडी में 250 सीटों है इसमें से 42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इनमें 21 सीटें अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। वहीं बची 208 सीटों में से 104 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।

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दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. लोग बड़ी तादाद में मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं. क्या युवा, क्या बुजुर्ग, हर किसी में मतदान को लेकर भारी उत्साह नजर आ रहा है. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की कतार लगी हुई है. एमसीडी निकाय चुनाव में 250 वार्ड से कुल 1349 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दिल्ली में 1.45 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं जिनमें पहली बार वोट डालने वाले युवाओं की संख्या 95,458 है. दिल्ली नगर निगम दुनिया के सबसे बड़े निकायों में से एक है.

दिल्ली में एमसीडी चुनाव के लिए जारी वोटिंग के बीच बीजेपी दिल्ली ने चुनाव आयोग पहुंचकर आम आदमी पार्टी की शिकायत की है. दिल्ली बीजेपी ने इसे लेकर ट्वीट कर जानकारी दी है. दिल्ली बीजेपी ने ट्वीट कर कहा है कि दुर्गेश पाठक और विजेंद्र गर्ग के खिलाफ वीडियो के आधार पर चुनाव से जुड़ी गाइडलाइंस और आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है.

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