वहीं ऑस्ट्रिया, जर्मनी और बेल्जियम जैसे अन्य देशों में बहुत कम परिवर्तन देखे गए हैं। शोध से हार्मोनिक पैटर्न का महत्व पता चला है कि एलईडी सोडियम बल्ब की तुलना में अलग-अलग तरंग दैर्ध्य पर प्रकाश उत्सर्जित करता है। इसी तरह जिन क्षेत्रों में एलईडी की मदद से रौशनी की व्यवस्था की गई थी वहां नीले प्रकाश के उत्सर्जन में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि दर्ज की गई थी।

ईसीजी - ECG in Hindi

ईसीजी (ECG) एक ऐसा टेस्ट है, जो हृदय की इलेक्ट्रिक (विद्युत) गतिविधियो को दर्ज करता है। हृदय की प्रत्येक धड़कन एक विद्युत आवेग (electrical signal) की वजह से होती है। इस आवेग से हृदय की मांसपेशियां संकुचित हो जाती है और हृदय से रक्त प्रवाहित करती है।

ECG से आपके डॉक्टर को यह पता चलेगा कि क्या -

  • विद्युत आवेग सामान्य, तेज, धीमा या अनियमित है।
  • हृदय सामान्य से बड़ा है या इसे सामान्य से अधिक कार्य करना पड़ रहा है।
  • हृदय की मांसपेशी को दिल के दौरे से नुकसान पंहुचा है या नहीं।
  1. ईसीजी क्यों किया जाता है - What is the purpose of ECG in Hindi
  2. ईसीजी से पहले - Before ECG in Hindi
  3. ईसीजी के दौरान - During ECG in Hindi
  4. ईसीजी के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of ECG in Hindi
  5. ईसीजी के परिणाम और नॉर्मल पैटर्न - ECG Result and Normal Pattern in Hindi

ईसीजी क्यों किया जाता है - What is the purpose of ECG in Hindi

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम आपके दिल की विद्युत गतिविधि की एक तस्वीर को रिकॉर्ड करता है। लेकिन ये केवल उस वक़्त ही हो सकता है जब आपको मॉनिटर किया जा हार्मोनिक पैटर्न का महत्व रहा हो। हालांकि, कुछ हृदय की समस्याएं आती-जाती रहती है। इन मामलों में, आपको अधिक देखभाल की आवश्यकता हो सकती है।

स्ट्रेस टेस्ट (Stress Test)

कुछ हृदय समस्याएं केवल व्यायाम के दौरान प्रकट होती हैं। तनाव परीक्षण (स्ट्रेस टेस्ट) के दौरान, व्यायाम करते समय आपका एक ईसीजी होगा। आमतौर इस परीक्षण को करने के लिए आपको ट्रेडमिल पर दौड़ने को कहा जाता है।

हॉल्टेर मॉनिटर (Holter Monitor)

होल्टर मॉनिटर आपके दिल की गतिविधि 24 से 48 घंटों तक रिकॉर्ड करता है। इस दौरान आपको डॉक्टर को अपने लक्षणों के कारण की पहचान करने में मदद करने के लिए अपनी हालत का रिकॉर्ड रखने को कहा जाता है। इलेक्ट्रॉड्स एक पोर्टेबल, बैटरी संचालित मॉनिटर है जिनको आपकी छाती पर लगाया जाता है।

ईसीजी से पहले - Before ECG in Hindi

ठंडा पानी पीने या अपने हार्मोनिक पैटर्न का महत्व ईसीजी से पहले व्यायाम करने से बचें। ठंडा पानी पीने से बिजली के पैटर्न में परिवर्तन हो सकते हैं। व्यायाम आपकी हृदय गति को बढ़ा सकता है और परीक्षण के परिणाम को प्रभावित कर सकता है।

इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम एक जल्दी होने वाला, पीड़ा रहित और हानिरहित टेस्ट होता है। इस टेस्ट के दौरान आपको मेज पर लेटना होगा। हो सकता है कि पुरुषों के सीने के कुछ बाल काटने पड़ें। आपके सीने, टांगों और बाहों पर पैड रखे जाएंगे। पैड्स को ECG मशीन की तारों के साथ जोड़ा जाता है। जब मशीन आपकी हृदय गतिविधियो को दर्ज करती है, तब लगभग 20 सेकंड तक बिना हिले लेटे रहें। इस टेस्ट के दौरान बात नहीं करनी चाहिए। इस टेस्ट के दौरान दर्द नहीं होता है। जब यह टेस्ट पूरा हो जाता है तब तारों को हटा लिया जाता है।

टेस्ट वाले दिन किसी भी प्रकार के लोशन का उपयोग न करें। क्योंकि इससे इलेक्ट्रोड्स नामक चिपकने वाले पैड्स को अच्छी तरह से चिपकने में दिक्क्त हो सकती है। टेस्ट के दौरान ऐसी कपडे पहनने जिसमें पैड आसानी से आपके सीने पर रखा जा सकें। या इसके अलावा आप हॉस्पिटल गाउन भी पहन सकते हैं।

ईसीजी के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of ECG in Hindi

  1. कुछ लोगों को त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं, जहां इलेक्ट्रोड लगाया जाता है। लेकिन यह आमतौर पर इलाज के बिना ठीक हो जाते हैं।
  2. स्ट्रेस टेस्ट के दौरान दिल का दौरा पड़ने का खतरा हो सकता है, लेकिन यह ईसीजी से नहीं बल्कि व्यायाम से संबंधित है।
  3. ईसीजी बस आपके दिल की विद्युत गतिविधि पर नज़र रखता है। यह बिजली का उत्सर्जन नहीं करता है और पूरी तरह से सुरक्षित है।

इलेक्ट्रिक इक्टीविटी के पैटर्न को समझने के लिए आपके डॉक्टर ईसीजी रिकॉर्ड की जांच करते हैं। इलेक्ट्रिक इक्टीविटी ईसीजी पेपर पर ऊपर-नीचे हार्मोनिक पैटर्न का महत्व जाती लहरों के रूप में दिखती हैं।

नॉर्मल रिजल्ट :

ईसीजी में यदि डॉक्टर को नॉर्मल पैटर्न मिलता है तो इसका मतलब है कि आपके दिल की धड़कन और लय नॉर्मल रेंज में है और आपके दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में कोई भी अनियमितता नहीं पायी गई है, किसी तरह का कोई नुकसान भी नहीं पहुंचा है।

क्या कोरोना हार्मोनिक पैटर्न का महत्व होने से पीरियड्स पर असर पड़ सकता है? जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

Does Covid-19 effects woman Mentrual Cycle

Does Covid-19 effects woman Mentrual Cycle

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2022,
  • (Updated 07 जुलाई 2022, 9:42 PM IST)

पीरियड्स का देर से आना

देश में कोरोना संक्रमण की लहर का असर जरूर कम हुआ है लेकिन बीमारी अभी खत्म नहीं हुई है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना वायरस शरीर से तो चला जाता है लेकिन इसका असर लंबे समय तक बना रह सकता है. कोरोना वायरस के कारण लोगों को अन्य कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. यह वायरस शरीर के कई अंगों पर भी बुरा असर डाल रहा है. यहां हार्मोनिक पैटर्न का महत्व तक कि महिलाओं को पीरियड्स आने में भी कई दिक्कतें आ रही हैं. डॉ सारिका गुप्ता, जोकि अपोलो अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार, ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक गायनोकोलॉजी है, महिलाओं के मासिक धर्म पर Covid-19 के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बताती है.

इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित एक लेख में, डॉ सारिका गुप्ता ने कहा कि जिन महिलाओं को कोरोना हुआ था, उन्हें पीरियड्स में अनियमितताओं का सामना करना पड़ रहा है. सारिका ने कहा कि विशेषज्ञों ने पाया हैं कि स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल (stress hormone cortisol) के रिलीज होने से महिलाओं के पीरियड्स को अनियमित करने का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है. स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल शरीर को खतरे से लड़ने में मदद करता है. डॉ सारिका ने प्रकाशित रिपोर्ट में दो प्रमुख समस्याओं मासिक धर्म चक्र में और यौन व्यवहार में बदलाव पर ध्यान केंद्रित किया है.

महिलाओं में बालों के झड़ने का कारण

महिलाओं में बालों के झड़ने के कई संभावित कारण हैं, जिनमें चिकित्सा की स्थिति, दवाएं और तनाव (शारीरिक और भावनात्मक दोनों) शामिल हैं। फीमेल पैटर्न गंजापन (FPB) मुख्य रूप से शरीर में हार्मोनल असंतुलन से शुरू होता है। एनीमिया, थायरॉयड, डिम्बग्रंथि अल्सर (पीसीओएस) या रजोनिवृत्ति जैसे कारण बालों के झड़ने के कुछ ट्रिगर हैं। एस्ट्रोजन (महिला हार्मोन) के सामान्य स्तर में कमी और शरीर में टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) के स्तर में वृद्धि महिलाओं में बालों के झड़ने का एक प्रमुख हार्मोनिक पैटर्न का महत्व कारण है। महिलाओं में बाल गिरने का दूसरा कारण आनुवांशिकी है। यह समस्या आनुवंशिक होती है' और एक हार्मोनिक पैटर्न का महत्व पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली जाती है।

महिलाओं में बालों के झड़ने के कारण निम्नलिखित हैं:

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महिलाओं में बाल झड़ने के कारण क्या हैं?

एनीमिया, थायरॉयड, डिम्बग्रंथि अल्सर (पीसीओएस) या रजोनिवृत्ति जैसे हालात महिलाओं के बालों के झड़ने के कुछ कारण हैं। महिलाओं में बालों के झड़ने का एक प्रमुख कारण एस्ट्रोजन (महिला हार्मोन) के सामान्य स्तर में कमी है जिसके परिणामस्वरूप टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) में वृद्धि होती है। हालांकि, आनुवंशिकी महिलाओं में बालों के झड़ने का सबसे आम कारण है।

When an individual is highly stressed, it can be a major hair loss हार्मोनिक पैटर्न का महत्व in women cause. Many people experience thinning hair several months after a physical or emotional trauma. This generally leads to a temporary loss of hair.

क्या महिला पैटर्न गंजापन प्रतिवर्ती है?

Hair loss in women isn't हार्मोनिक पैटर्न का महत्व reversible in most cases however; a proper treatment plan can stop the hair loss and potentially help regrow some of the lost hair. In case of hair loss during pregnancy and childbirth, new mothers with hair loss are advised to give it time till the baby turns one as it tends to cease by then. After one year, the usual cycle of hair growth is restored. If the hair loss is persistent, it is imperative हार्मोनिक पैटर्न का महत्व to understand the underlying causes of hairfall in women like iron deficiency, poor nutrition, thyroid etc.

It is normal to lose 50 to 100 hair strands a day as a part of the hair growth cycle. In case of excessive or unusual loss of hair, it is advised to consult a homeopathic doctor for an effective hair fall treatment.

पैटर्न हैयर लॉस क्या होता है?

पैटर्न हेयर लॉस, जब पुरुषों को प्रभावित करता है तो यह मेल पैटर्न हेयर लॉस (MPHL) कहलाता है एवं जब पैटर्न लॉस महिलाओं को प्रभावित करता है तो यह फीमेल पैटर्न हेयर लॉस (FPHL) कहलाता है। पैटर्न हेयर लॉस के अंतर्गत सबसे पहले स्कैल्प (खोपड़ी) का आगे का हिस्सा एवं मध्य भाग प्रभावित होता है। आइए जानें कि महिलाओं एवं पुरुषों में पैटर्न हेयर लॉस होने के कारण क्या हैं एवं इस समस्या के निदान के उपाय क्या हैं?

पुरुषों में पैटर्न हेयर हार्मोनिक पैटर्न का महत्व लॉस की शुरुआत, बालों की एक घटती रेखा से होने लगती है। जिसे “हिप्पोक्रेटिक पुष्प” के नाम से जाना जाता है। पुरुषों में पैटर्न हेयर लॉस अनुवांशिकी एवं मेल हॉर्मोन “डिहाइड्रोटेस्टोस्टेरॉन” के संयोजन के प्रभाव से होता है।

पुरुषों में पैटर्न हेयर लॉस

महिलाओं में पैटर्न हेयर लॉस:

महिलाओं में सामान्यतः 50 वर्ष या इससे भी कम उम्र में बालों का पतला पड़ना या झड़ना, पैटर्न हेयर लॉस का संकेत होता है। महिलाओं में पैटर्न हेयर लॉस के कईं कारण हो सकते हैं अतः यह कारण अस्पष्ट रहते हैं। महिलाओं में गर्भावस्था के समय जन्म संबंधी दोषों के कारण भी यह समस्या होने की सम्भावना रहती है। इसके अतिरिक्त पुरानी बीमारी, तनाव या क्रैश आहार का सेवन भी इस समस्या का कारण माना गया है।

गंजे होने की वजह

पैटर्न हेयर लॉस की समस्या का उपचार:

आमतौर पर मनोवैज्ञानिकों के मतानुसार पैटर्न हेयर लॉस मनुष्य में तनावपूर्ण स्थिति के कारण होने लगता है। पुरुषों में पैटर्न हेयर लॉस के उपचार के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (AFDA) के द्वारा प्रस्तावित मिनोक्सिडिल (Minoxidil), फिन्स्टरराइड नामक दवाएँ या बाल प्रत्यारोपण सर्जरी इस समस्या के निदान का एक बेहतरीन उपाय माने गए हैं।

महिलाओं में पैटर्न हेयर लॉस के निदान का सर्वोत्तम एवं प्रभावकारी उपाय है, मिनोक्सिडिल दवा। एंड्रोजेनिक एलोपेसिया का निदान महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अधिक जटिल प्रक्रिया से होता है। इसके अतिरिक्त त्रिचोस्कोपी का उपयोग कर इस समस्या का समाधान सम्भव है।

हार्मोनिक पैटर्न का महत्व

रात में बढ़ता प्रकाश प्रदूषण; फोटो: नासा अर्थ ऑब्जर्वेटरी

रात में बढ़ता प्रकाश प्रदूषण; फोटो: नासा अर्थ ऑब्जर्वेटरी

पहले रात में अंधियारे की चादर ओढ़े तारों को देखना एक अलग ही अनुभव था, लेकिन समय बीता तो न बचपन रहा, न अब वो तारे। पर क्या आपने सोचा है कि ऐसा क्यों है, क्या हमारे आकाश से वो तारे गायब हो रहे हैं या हमारी नजरें कमजोर होती जा रही हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है बस शहरों में रात के समय में भी दिन जैसी रौशनी ने इन सबको धुंधला दिया है, जिसकी वजह से अब शहरों में पहले की तुलना में कम तारे नजर आते हैं।

इतना ही नहीं बढ़ती एलईडी लाइटिंग से एक नए तरह के प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है, जो इंसान और अन्य जीवों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इस बारे में एक्सेटर विश्वविद्यालय द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि जैसे-जैसे यूरोप में सड़कों और घर के बाहर रौशनी की व्यवस्था के लिए एलईडी का उपयोग बढ़ रहा है उससे एक नए तरह के प्रकाश प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है और इसके चलते कृत्रिम नीली रौशनी बढ़ रही है।

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