कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है

👉🏻किसान भाइयों आज का यह वीडियो बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय पर केंद्रित है जिसका नाम है कमोडिटी ट्रेडिंग। इस वीडियो में हम जानेंगें की कैसे किसान भाई कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग करके अपनी फसल के अच्छे दाम पाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। तो इसकी सम्पूर्ण जानकारी के लिए वीडियो को अंत तक देखें। स्रोत:- Chaotic Finance Hindi, प्रिय किसान भाइयों यदि वीडियो में दी गई जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक👍करें एवं अपने अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें धन्यवाद!

Commodity Trading क्या है शेयर मार्केट में कमोडिटी ट्रेडिंग क्या होता है

शेयर मार्केट में हम शेयर ट्रेडिंग के अलावा अक्सर एक शब्द और सुनते हैं Commodity Trading बहुत सारे लोग कई बार कंफ्यूज रहते हैं कि शेयर ट्रेडिंग और कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या फर्क होता है इसीलिए आज हम इस जानकारी में यही जानेंगे कि कमोडिटी क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे किया जाता है हम इसमें किन चीजों की ट्रेडिंग कर सकते हैं।

Commodity-क्या-है-कमोडिटी-ट्रेडिंग-क्या-है

Commodity क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करते है।

Commodities का मतलब होता है ऐसी चीजें जिन्हें हम डेली लाइफ में यूज करते हैं और उन चीजों को कोई भी प्रोड्यूस करें हम उसे एक जैसा ही मानते हैं उदाहरण के लिए चावल, गेहूं, तेल, एलपीजी, सोना और सिल्वर और जिस तरह शेयर मार्केट में हम शेयर पर डेरिवेटिव ट्रेडिंग करते हैं ठीक उसी तरह हम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटीज डेरिवेटिव ट्रेडिंग कर सकते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग के प्रकार

कमोडिटी मार्केट में 4 तरह के कमोडिटीज में ट्रेडिंग होती है।

  1. Agri Commodity (एग्री कमोडिटीज क्या है)- जिसमें चीनी दाल सरसों का तेल चना सोयाबीन इलायची आते हैं
  2. Base Metals (बेस मेटल्स)- जैसे एलमुनियम कॉपर लेड निकेल और जिंक
  3. Precious Metals (प्रेशियस मेटल्स)- इसमें मिली दो कमोडिटी जाती है सोना और चांदी
  4. Anergy Commodity (एनर्जी कमोडिटीज)- जिसमें क्रूड आयल नेचुरल गैस आते हैं।

कमोडिटीज की ज्यादातर ट्रेडिंग फ्यूचर डेरिवेटिव में होती है यानी कि हम इन चारों तरह के कमोडिटी पर अलग-अलग टाइम ड्यूरेशन के फ्यूचर कांट्रैक्ट की बाय और सेलिंग कर सकते हैं एक बात जो कमोडिटी फीचर्स को शेयर फीचर से अलग करती है वह यह है कि शेर के फीचर्स केवल 3 महीने के लिए होते हैं पर कमोडिटीज के फीचर्स से कहीं ज्यादा टाइम पर हो सकते हैं उदाहरण के लिए हम क्रूड आयल के सिक्स मंथ के लिए डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट बाय कर सकते हैं दोस्तों जिस तरह शेयर की ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंज पर होती है वैसे ही Commodity Trading कमोडिटी एक्सचेंज पर होती है।

भारत में 6 कमोडिटी एक्सचेंज कंपनी है।

  1. MCX-मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज
  2. NCDEX-नेशनल कमोडटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज
  3. NMCE-नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज
  4. ICEX-इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज
  5. ACE-एस डेरिवेटिव एक्सचेंज
  6. UCX-द यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज

यानी कि हम जब भी कमोडिटीज में ट्रेनिंग करेंगे तो हमारा ट्रेड इन सभी एक्सचेंज कंपनी के जरिए ही होगा। साथ ही कमोडिटीस का रेगुलेटर सेबी ही है। जो शेयर मार्केट खूबी रेगुलेट करती है।

कमोडिटी मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग क्रूड आयल और गोल्ड में होती है और इन कमोडिटीज में वैसे लोग ज्यादा ट्रेडिंग करते हैं जो इसी फील्ड में काम करते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग कितना रिस्की है

कमोडिटी में ट्रेडिंग करना शेयर्स में ट्रेनिंग करने से ज्यादा रिस्की होता है क्योंकि किसी भी कमोडिटी का प्राइस काफी कम समय में जल्दी से चेंज होता है इसकी वजह यह है कि कमोडिटीज में ऐसे प्रोडक्ट है जो फिजिकल सप्लाई डिमांड पर बेचने हैं जैसे सऊदी अरेबिया में तेल को लेकर कोई इशू हो जाए तो क्रूड ऑयल की कीमत पर इसका बहुत प्रभाव पड़ सकता है। ठीक इसी तरह अगर भारत में शुगर की प्रोडक्शन जरूरत से काफी कम हो जाए तो शुगर की प्राइस इंडियन कमोडिटी मार्केट में काफी तेजी से बढ़ सकती है।

दोस्तों कमोडिटीज में ट्रेडिंग डेरिवेटिव में होती है और डेरिवेटिव की ट्रेडिंग मार्जिन पर होती है। इस वजह से अगर हमारा ट्रेड गलत जगह हो गया तो हमें काफी नुकसान हो सकता है। पर अगर हमारा ट्रेड सही हुआ हमें मारजिंग की वजह कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है से काफी ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है। अगर हम कमोडिटी मार्केट में ट्रेड होने वाली किसी भी कमेटी में अच्छा नॉलेज है तो हम उसम ट्रेडिंग जरूर कर सकते हैं।

कमोडिटी की जगह ज्यादातर ट्रेडिंग फ्यूचर्स में होती है इसलिए यदि आप कम्युनिटी में ट्रेडिंग करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले आपको फ्यूचर ट्रेडिंग को अच्छे से समझ लेना है अच्छी बात यह है कि हमने फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी इस वेबसाइट में बताई हुई है सर्च बाहर में सर्च करके उसके बारे में जानकारी ले सकते हैं।

कमोडिटी मार्केट में कितने एक्सचेंज कंपनियां है ?

कमोडिटी मार्केट में 6 एक्सचेंज कंपनी है।

  1. Multi commodity exchange
  2. National commodity and derivative exchange
  3. National multi commodity exchange
  4. Indian commodity exchange
  5. Ace derivative exchange
  6. The universal commodity exchange

कमोडिटी मार्केट में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग किसमें होती है ?

कमोडिटी ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग क्रूड आयल और गोल्ड में होती है।

आज के इस जानकारी में हमने कमोडिटी ट्रेडिंग के बारे में जाना हम इस में किन-किन चीजों की ट्रेडिंग कर सकते हैं और इसमें ट्रेडिंग कैसे होती है। यदि आपको यह जानकारी से संबंधित कुछ सवाल पूछना है तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।

कमोडिटी मार्केट में क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट ?

इसके बिना आप कमोडिटी बाजार में किसी तरह का लेनदेन नहीं कर सकते हैं

कमोडिटी मार्केट में क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट ?

इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं . इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.

कमोडिटी ट्रेडिंग में खुद सौदे करने से पहले ब्रोकर के माध्यम से सौदे करने से जोखिम घटता है. अगर खुद सौदे करना चाहते हैं तो पहले कुछ दिन मॉक ट्रेडिंग कर सकते हैं. एमसीएक्स में ज्यादातर नॉन एग्री और एनसीडीईएक्स पर एग्री कमोडिटी में कारोबार कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है होता है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है किस एक्सचेंज किन-किन कमोडिटीज का कारोबार होता है.

मसलन, देश के सबसे बड़े नॉन एग्री कमोडिटी एक्सचेंज में बुलियन, क्रूड, बेस मेटल्स का कारोबार होता है. इसके अलावा कुछ एग्री कमोडिटीज जैसे मेंथा तेल, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) की ट्रेडिंग होती है. इसी तरह कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर ज्यादाातर एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है. एनसीडीईएक्स पर ग्वार, चना, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, कैस्टर, जीरा, हल्दी समेत अन्य कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.

कमोडिटी(Commodity) मार्केट क्या है ? कमोडिटी ट्रेडिंग कैसे करें, जाने हिंदी में |

Commodity

Commodity market भी शेयर बाजार की तरह ही होता है , शेयर बाजार में शेयर खरीदें और बेचे जाते है वही कमोडिटी बाजार में कमोडिटी बेचे और ख़रीदी जाती है | जिस तरह शेयर बाजार में खरीदने या बेचने के लिए डीमेट खाता खुलवाना जरूरी होता है , उसी तरह कमोडिटी बाजार में कारोबार के लिए ट्रेडिंग खाते की आवश्यकता होती है |

कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड , एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी होता है | जब किसी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग खाता खुलवाते है तो ब्रोकर एक अकाउंट की आईडी देता है | इस आईडी से कमोडिटी बाजार में व्यापार कर सकते है | कमोडिटी बाजार में निवेश करने से पहले ये जानना जरूरी है की कौनसे एक्सचेंज में किन-किन कमोडिटी का कारोबार होता है |

Table of Contents

Commodity Trading क्या है

किसी कमोडिटी को एक्सचेंज के कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है माध्यम से खरीदने व बेचने के काम को कमोडिटी ट्रेडिंग कहते हैं | कमोडिटी ट्रेडिंग सामान्य ट्रेडिंग की तरह नही होती है , यहा पर की जाने वाली ट्रेडिंग भविष्य के लिए की जाती है | ट्रेड का दिन आने पर ट्रेडर ,ट्रेड काट सकता है या फिर वह चाहे तो उसकी डिलीवरी भी ले सकता है | कमोडिटी बाजार के माध्यम से एग्री प्रोडक्ट्स ( जैसे – गेहूं , ऑयल , कपास , सोयाबीन ) व नॉन-एग्री प्रोडक्ट्स ( बेस मेटल , सोना-चाँदी ) आदि का कारोबार करते है |

Commodity trading कैसे शुरू करें

Commodity बाजार में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए हमारे पास ट्रेडिंग खाता होना चाहिए | ट्रेडिंग खाता उसी ब्रोकर के साथ खोलना चाहिए , जिनके पास प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंजों जैसे एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स आदि की सदस्यता ले रखी हो | इन एक्सचेंजों की वेबसाइट पर इनसे जुड़े ब्रोकरों की सूची मिल जाएगी | भारत में कई कमोडिटी एक्सचेंज हैं , जिनके माध्यम से कमोडिटी का कारोबार होता है | इनमें एमसीएक्स ( MCX ) , एनसीडीईएक्स , एनएमसीई प्रमुक है |

Commodity बाजार में निवेश कैसे करें

  • Commodity market भी शेयर बाजार की तरह होता है कमोडिटी बाजार में शेयर की जगह कमोडिटी को खरीदा और बेचा जाता है |
  • कमोडिटी किसी भी रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाले सामान को बोलते हैं जो लोगों की बुनियादी जरूरत होते हैं | जैसे की चना , गेहूं , सोना या चाँदी इत्यादि |
  • कमोडिटी बाजार में डिलीवरी होती है पर ज्यादातर लोग डिलीवरी न लेकर दुबारा से सामान को कमोडिटी बाजार में ही बेच देते हैं |
  • कमोडिटी बाजार में कच्चे माल की खरीद और बिक्री होती है |
  • कमोडिटी बाजार में सामान के पैसे वर्तमान स्थिति से लगते है , चाहे डिलीवरी कभी भी लो या न लो |
  • कमोडिटी बाजार में सामान की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता है बस पैसे देखे जाते है |

Commodity बाजार के लिए टिप्स

कुछ भी खरीदने के लिए पूरी रकम देनी होती है , पर कमोडिटी ट्रेडिंग में कुछ पैसे देकर ट्रेडिंग की जा सकती है । कमोडिटी बाजार में इस को मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है । ये मार्जिन किसी भी ट्रेडिंग का 3-5 प्रतिशत होता है ।

  • कमोडिटी बाजार में कुछ प्रतिशत मार्जिन देकर ट्रेडिंग कर सकते है , तो हमें ज्यादा ट्रेडिंग एक साथ नहीं करनी चाहिए ।
  • कमोडिटी बाजार में निवेश अपने बजट के हिसाब से करना चाहिए ।
  • शेयर बाजार में हम अपने निवेश को कुछ साल तक रख सकते है पर कमोडिटी बाजार में ट्रेडिंग 2-3 महीने में कारोबार होता है तो इसमें निवेश कम समय के लिए होता है ।
  • कमोडिटी बाजार में शुरुआत में थोड़े निवेश से ज्यादा फायदा हो सकता है । जब कमोडिटी बाजार को पूरी तरह से समझ जाएं तो ज्यादा पैसे निवेश कर सकते है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में भी वैश्विक घटना से फर्क पड़ता है , ये समझ कर भी कमोडिटी बाजार में पैसे निवेश कर सकते है ।
  • लिक्विड कमोडिटी में ज्यादा फायदा रहता होता है । लिक्विड कमोडिटी जैसे की कच्चा तेल , आधार धातु इसमें नुकसान कम होता है और बाजार में बहार आने का मौका हमेशा खुला रहता है ।
  • शेयर बाजार की तरह कमोडिटी बाजार में बोनस या डिविडेंड नहीं मिलता है । जब भी कमोडिटी बेचते है , तभी फ़ायदा होता हैं ।
  • कमोडिटी बाजार में डिमांड-सप्लाई का भी ध्यान रखें ।

शेयर बाजार और कमोडिटी बाजार में अंतर

  • कमोडिटी बाजार में कमोडिटी और शेयर बाजार में शेयर खरीदे और बेचे जाते है ।
  • कमोडिटी बाजार और शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए अलग-अलग डिमैट खाते की जरूरत होती है ।
  • शेयर बाजार में निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में काफी रिसर्च करनी पड़ती है , कमोडिटी बाजार में कमोडिटी की ज्यादा रिसर्च नही करनी पड़ती है ।

By Suresh Kumar

Suresh Kumar, Intra Day Share के संस्थापक और Senior Editor हैं. इन्हें लोगों को नयी नयी इन्वेस्टमेंट की रिसर्च बेस्ड जानकारी पहुँचाने में बहुत ख़ुशी मिलती है. शेयर मार्केट से सम्बंधित सभी जानकारियां इनके द्वारा नियमित तौर पर इस वेबसाइट पर पब्लिश की जाती है | इन्हें मार्केट में कार्य करने का पिछले 6 वर्षों का अनुभव है और इसी अनुभव को इस वेबसाइट के माध्यम से आम जन तक पहुंचा रहें है |

Types of Commodity Trading in Hindi | जानिए कमोडिटी ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Types of Commodity Trading in Hindi | जानिए कमोडिटी ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Types of Commodity Trading in Hindi: अगर आप कमोडिटीज में निवेश करने का प्लान बना रहे है तो पहले आपको कमोडिटी ट्रेडिंग के प्रकारों (Types of Commodities in Hindi) पर एक नजर डालने की जरूरत है जो भारत में सबसे लोकप्रिय है।

Types of Commodity Trading in Hindi: भारत में ऑनलाइन कमोडिटी ट्रेडिंग ने एक लंबा सफर तय किया है और पिछले कुछ वर्षों में यह और अधिक बढ़ा है। वर्तमान में भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग हार्ड और सॉफ्ट दोनों कैटेगरी में फैली हुई है। हार्ड कमोडिटीज में धातु, कच्चा तेल, कीमती वस्तुएं शामिल हैं जबकि सॉफ्ट कमोडिटीज, जिनकी सीमित शेल्फ लाइफ होती है, में कृषि वस्तुएं जैसे गेहूं, सोयाबीन, कपास, मक्का आदि शामिल हैं।

इससे पहले कि हम भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के प्लेटफॉर्म पर आगे बढ़ें, हमें कमोडिटी ट्रेडिंग के प्रकारों (Types of Commodities in Hindi) पर एक नजर डालने की जरूरत है जो भारत में सबसे लोकप्रिय है।

MCX पर ट्रेड की जाने वाली कमोडिटी के प्रकार

1) एनर्जी - इस सेगमेंट में कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस शामिल हैं।

2) बेस मेटल्स - इस सेगमेंट में एल्युमीनियम, कॉपर, लेड निकेल, जिंक और ब्रास शामिल हैं

3) बुलियन - सोना और चांदी

4) एग्रीकल्चरल कमोडिटीज - इलायची, रबर, मेंथा तेल, पामोलिन, अरंडी, काली मिर्च, कपास इस सेगमेंट में शामिल हैं।

सबसे अधिक कारोबार वाली वस्तुएं

सोना, मक्का, कच्चा तेल, ब्रेंट, चांदी, गेहूं और कॉफी दुनिया भर में सबसे अधिक कारोबार वाली वस्तुओं में से कुछ हैं। विश्व के एक भाग में किसी वस्तु की कीमत में उतार-चढ़ाव का अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में उस वस्तु पर लहर प्रभाव पड़ता है।

उदाहरण के लिए, कच्चे तेल के मामले पर विचार करें। जबकि अक्षय ऊर्जा संसाधनों पर जोर दिया जा रहा है, दुनिया अभी भी कच्चे तेल पर बड़े पैमाने पर निर्भरता से दूर नहीं हुई है। कच्चे तेल के शोधन से हमें पेट्रोल और डीजल जैसे प्रोडक्ट मिलते हैं। पूरे इतिहास में कच्चे तेल की कीमतें मध्य पूर्व और अन्य देशों में युद्धों के अचानक विस्फोट से प्रभावित हुई हैं।

सोना एक अन्य वस्तु है जो फिएट करेंसीस के मुकाबले निवेश के लिए एक विशेष स्थान का आदेश देती है। दुनिया भर में इक्विटी बाजारों में हर बड़ी दुर्घटना अक्सर सोने की कीमतों में अचानक उछाल के साथ होती है। इक्विटी में गिरावट का मुकाबला करने के लिए इसे एक महत्वपूर्ण बचाव माना जाता है।

भारत में महत्वपूर्ण कमोडिटी एक्सचेंज | Commodity Exchanges in India

इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज

मल्टी कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है कमोडिटी एक्सचेंज

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज

नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया

कमोडिटी में व्यापार करते समय पालन करने वाले सिद्धांत

  • वस्तुओं में व्यापार शुरू करने से पहले डिमांड सप्लाई को समझना आवश्यक है जो इन वस्तुओं के डेली प्राइस मूवमेंट को प्रभावित करता है।
  • ट्रेड करने से पहले लोकल मार्केट में वस्तु की वास्तविक मांग के बारे में एक विचार होना चाहिए। इसके अतिरिक्त अगर कोई सोने जैसी कमोडिटीज में व्यापार कर रहा है, तो यह समझना आवश्यक है कि अमेरिकी ट्रेजरी बिलों पर प्रतिफल आंदोलन सहित वैश्विक कारक भी दुनिया भर में सोने की कीमतों को प्रभावित करते हैं।
  • कमोडिटीज के ट्रेडिंग में जोखिम काफी अधिक होता है, इसलिए व्यक्ति को उस लीवरेज के प्रभावों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना चाहिए जिसका वह लाभ उठा रहा है।

भारत में कई कमोडिटी ट्रेडिंग ऐप हैं जहां कोई भी इक्विटी के साथ-साथ धातुओं और कृषि उत्पादों में व्यापार कर सकता है। लेकिन फिर भी यही सलाह दी जाती है कि कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने से पहले Commodity Market के बारे में अच्छी तरह से समझ लें।

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