डॉलर इंडेक्स में अन्य मुद्राओं का वेटेज

डॉलर इंडेक्स पर क्यों नजर रखती है सारी दुनिया

रुपया नहीं गिर रहा, डॉलर मजबूत हो रहा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वाशिंगटन। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के वाशिंगटन में पत्रकार वार्ता के दौरान एक अजीबोगरीब बयान दिया है जिसके बाद से वह सुर्खियों में है। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की सालाना बैठकों में शामिल होने के लिए अमेरिका के दौरे पर पहुंची मंत्री ने कहा कि रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर निरंतर मजबूत हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब 1 डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 82.69 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गिरावट पर अपना तर्क देते हुए कहा कि रुपया इसलिए गिर रहा है क्योंकि डॉलर दिन-ब-दिन मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा है बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है।

Rupee Against Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़ रही है कमजोरी, ज्‍यादा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है रिटर्न के लिए कैसे तैयार करें पोर्टफोलियो

Rupee Against Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में बढ़ रही है कमजोरी, ज्‍यादा रिटर्न के लिए कैसे तैयार करें पोर्टफोलियो

डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भारतीय निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो रिटर्न को बढ़ाने में मदद मिलती है.

Rupee Against Dollar: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट आज भी जारी रही. शुरूआती कारोबार बाजार में डॉलर के मुकाबले में रुपया 82.66 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया. एक्सपर्ट्स की माने तो ग्लोबल मार्केट में जारी अनिश्चितता की वजह डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आगे भी गिरावट जारी रह सकती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में रुपया 83.50 के स्तर तक गिर सकता बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है है. इस अनिश्चितता का असर न सिर्फ भारतीय करेंसी पर हो रहा, बल्कि दुनिया भर के देश इससे प्रभावित हो रहे हैं.

अब तक के न्यूनतम बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है स्तर पर पहुंचा रुपया

इससे पहले सोमवार को रुपया 82.40 रुपये प्रति डॉलर बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है के स्तर पर पहुंच गया था. गिरावट का यह दौर इस साल जनवरी 2022 से जारी है. डॉलर लगातार रुपये के मुकाबले मजबूत हो रहा है और आने वाले दिनों में भी ऐसा ही जारी रह सकता है. रुपये को कमजोर होने से बचाने के लिए आरबीआई द्वारा विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले 2 सालों से कमी की जा रही है. इस साल अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.

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यूएस फेड की सख्त आर्थिक नीतियो का असर

डॉलर में मजबूती के पीछे यूएस फेड अपनाई गए सख्त आर्थिक नीति को माना जा सकता है. इसके साथ ही अमेरिकी में जॉब की बढ़ती संख्या भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है. फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में अभी और भी इजाफा किये जाने की उम्मीद है. डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आने में अभी थोड़ा वक्त लग सकता है. ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को किसी विदेशी स्कूल में भेजने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप अमेरिकी शेयरों में निवेश करने या विदेशी बैंक खाते में पैसा रखने के बारे में सोच सकते हैं. विदेशों में भेजे गए पैसो पर RBI द्वारा Liberalized Remittance Scheme अपनाई जाती है. इस नीति के तहत नाबालिगों सहित बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है सभी निवासियों को किसी भी वैध चालू या पूंजी खाता लेनदेन या दोनों के संयोजन के लिए हर फाइनेंशियल ईयर में 2,50,000 अमेरिकी डॉलर तक टैक्स फ्री ट्रांजेक्शन की परमिशन दी गई है.

Rupee vs Dollar: रुपया गिरा धड़ाम, डॉलर के मुकाबले बुरी तरह टूटा, पहली बार पहुंचा 82.88 पर पहुंचा

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अपने अब तक के निचले स्तर 82.88 पर पहुंचा. हाल में वित्त मंत्री अमेरिका की यात्रा पर थीं. वहां पत्रकारों बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है के साथ एक प्रेस वार्ता के दौरान जब उनसे रुपये के गिरने को लेकर सवाल किया गया, तब उन्होंने कहा, ‘‘रुपया गिर नहीं रहा, बल्कि डॉलर बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है निरंतर मजबूत हो रहा है. डॉलर के आगे अन्य सभी मुद्राओं की हालत समान है.’’

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया अपने अब तक के निचले स्तर 82.88 पर पहुंचा। pic.twitter.com/ajpYXJxyuo

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US Dollar Index Explained (USDX / DXY)

Importance of Dollar Index: जब भी अंतरराष्ट्रीय कारोबार की चर्चा होती है तो डॉलर इंडेक्स का आकलन जरूर होता है। फिर चाहे उसमें यूरोपीय यूरो या पाउंड के चढ़ने-उतरने की बात हो, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बाजार में मंदी की बात हो, चीन और रूस की आर्थिक स्थिति की बात हो या फिर अन्य विदेशी मुद्राओं के फिसलने और उछलने की बात हो जब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाजार में मुद्रा (करेंसी) के बारे में कोई भी चर्चा हो। आइए जानते हैं कि अमेरिकी मुद्रा या डॉलर इंडेक्स सभी कारोबारियों के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

डॉलर इंडेक्स सिर्फ अमेरिकी मुद्रा ही नहीं बल्कि दुनिया की 6 प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की मजबूती आर कमजोरी के आकलन का इंडेक्स है। इन 6 अलग-अलग करेंसियों में उन देशों की मुद्राएँ सम्मिलित हैं जो अमेरिका कारोबार में भागीदार हैं। इन 6 मुद्राओं में, यूरो, ब्रिटिश पाउंड, स्वीडिश क्रोना, स्विस फ्रैंक आदि यूरोपीय मुद्राएँ शामिल हैं, साथ ही जापानी येन और कनाडाई डॉलर भी सम्मिलित हैं।

डॉलर इंडेक्स के इतिहास पर नजर

1973 में अमेरिका की सेंट्रल बैंक यूएस फेडरल रिज़र्व ने डॉलर इंडेक्स की शुरुआत की थी और उसका आधार (बेस) 100 रखा था। तब से लेकर आज तक डॉलर इंडेक्स में सिर्फ एक बार परिवर्तन किया गया है जब यूरोप के सभी देशों ने मिलकर एक साझा मुद्रा का चलन शुरू किया था। फ्रांसीसी फ्रैंक, जर्मन मार्क, इटालियन लीरा, डच गिल्डर और बेल्जियम फ्रैंक आदि के स्थान पर यूरोप की साझा मुद्रा यूरो को इंडेक्स में सम्मिलित किया गया था। शुरुआत के समय से ही लेकर अब तक डॉलर इंडेक्स 90 से 110 अंकों के बीच बना रहा है। इसका उच्चतम स्तर 1984 में 165 अंकों के साथ था। 2007 में मंदी के दौर में इसका न्यूनतम स्तर आया 70 अंकों का था।

पूरी दुनिया की नज़र जिस बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है इंडेक्स पर बनी रहती है। इसका सबसे बड़ा कारण है अंतरराष्ट्रीय कारोबार अमेरिकी डॉलर में किया जाता है। यूएस फेड के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 1999 से लेकर 2019 के बीच अमेरिकी महाद्वीप में 96% कारोबार डॉलर में हुआ था। यूएस फेड की मानें तो 2021 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देशों द्वारा घोषित किए गए कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 60% भाग अमेरिकी डॉलर का है।

Finance Minister on Rupee Declining: रुपया कमजोर नहीं बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है – निर्मला सीतारमण

Finance Minister on Rupee Declining:

सार
सीतारमण ने कहा, ‘सबसे पहले तो मैं इसे ऐसे नहीं देखती हूं कि रुपया गिर रहा है, बल्कि ऐसे देखती हूं कि डॉलर (US dollar) मजबूत हो रहा है। डॉलर तेजी से मजबूत हो रहा है। इसलिए स्वाभाविक रूप से वे करेंसीज कमजोर होंगी, जिसकी तुलना में ये मजबूत हो रहा है।’

Finance Minister on Rupee Declining: डॉलर के मुकाबले रूपये में हो रही रिकॉर्ड गिरावट के बाद सरकार पर विपक्ष हमला कर रहा है। पीएम मोदी के पुराने भाषण के जरिये ही उनपर तंज कसा जा रहा है, जबकि मोदी सरकार का कहना है कि रूपये में गिरावट नहीं हो रही है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है और अन्य देशों की करेंसी की मुकाबले रूपया अच्छी स्थिति में है। वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई (RBI) रुपये को नीचे जाने से रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है।

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