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क्यों डूब सकता है बिटकॉइन में लगा आपका पैसा, ये हैं वजहें
बिटकॉइन में निवेश जोखिम से भरा हुआ है. 1 सितंबर को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 3.50 लाख रुपये थी जो अब घटकर करीब 2.70 लाख रुपये रह गई है.
पेठे ने बताया कि जब मैंने कंपनी को कई बार फोन और दूसरे तरीके से संपर्क साधा तो अंत में तीन महीने बाद उनके अकाउंट में पैसा आया. पेठे का कहना है कि अब मुझे इस बात का डर लगने लगा है कि इस क्रिप्टोकरेंसी की स्कीम में बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? मेरा बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? किया हुआ निवेश डूबेगा तो नहीं. इसे देखकर पेठे जल्द से जल्द अपना पैसा निकालना चाहते हैं. और भविष्य में वह इस तरह के निवेश से बचना चाहते हैं.
Bitcoin is a cryptocurrency, or a digital currency, that uses rules of cryptography for regulation and generation of units of currency.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के मुताबिक भारत में रोजाना करीब 2500 नए ग्राहक इसमें पैसा लगा रहे हैं. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रेसीडेंट गोपाल जीवराजका के मुताबिक बिटकॉइन में निवेश जोखिम से भरा हुआ है और इसमें कोई फिजिकल एसेट नहीं हैं. इसके बावजूद बिटकॉइन में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जोकि काफी चिंता का विषय है.
itsblockchain.com के संस्थापक और बिटकॉइन एक्सपर्ट हितेश मालवीय का कहना है कि दूसरे किसी भी निवेश के साधन में इतने कम समय में इतना तगड़ा रिटर्न नहीं मिला है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए बड़ी संख्या में निवेशक इसमें पैसा लगा रहे हैं. हालांकि अब लग रहा है कि भारतीय निवेशकों का इस क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कमाने का समय खत्म हो चुका है. इस साल जनवरी से सितंबर के बीच ही बिटकॉइन की कीमतें 5 गुना उछली हैं.
अब बिटकॉइन में भारी गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है. 1 सितंबर को एक बिटकॉइन की कीमत करीब 3.5 लाख रुपये पर पहुंच गई थी. 14 सितंबर को भाव गिरकर 2.4 लाख रुपये पर आ गया. यानी महज दो हफ्ते में 31 फीसदी की भारी गिरावट. चीन में ऑनलाइन टोकन (इनीशियल कॉइन ऑफरिंग) पर रोक के बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है.
एक साल में 750% चढ़ी बिटकॉइन की कीमतें
पिछले एक साल में बिटकॉइन की कीमतें 750 फीसदी चढ़ी है लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में इसका दाम 30 फीसदी लुढ़का है. 20 सितंबर 2016 को एक बिटकॉइन का भाव 41,455 रुपये था. एक सितंबर को करीब 3.54 लाख रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 26 सितंबर को भाव 2.68 लाख पर आ गया. बिटकॉइन में आई यह गिरावट क्या निवेश का सुनहरा मौका है? हालांकि एक्सपर्ट अब बिटकाइन में निवेश से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं. ये हैं 7 वजहें क्यों बिटकॉइन या दूसरी वर्चुअल करेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए.
Investments in the digital currency have been rewarding for investors.
1- भारी उतार-चढ़ाव
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना बहुत जोखिम भरा है क्योंकि इस वर्चुअल करेंसी में उतार-चढ़ाव बहुत ज्यादा है. रेगुलेशन न होने से इसमें बहुत ज्यादा उठापटक देखने को मिलती है.बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है?
2- न ये कमोडिटी है न ही करेंसी
पुराने जमाने में सोने-चांदी जैसी धातुओं के सिक्के चलते थे. इसके बाद सरकार द्वारा या आरबीआई की ओर से चलाए गए सिक्के आए. इन्हें फिएट करेंसी बोला जाता था. जबकि बिटकॉइन अब तक न करेंसी की कैटेगरी में न ही कमोडिटी है.
3-अगर आप वर्चुअल करेंसी के बारे में नहीं जानते तो इससे दूर रहें
दुनियाभर के कई बड़े बैंकों और जानकारों ने इस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से दूर रहने की सलाह दी है. उनकी नजर में बिटकॉइन का बुलबुला कभी भी फूट सकता है. दुनिया के बड़े बैंकों में से एक जेपी मॉर्गेन के सीईओ जैमी डिमॉन का तो यहां तक कहना है कि यह छुईमई के पौधे से भी ज्यादा संवेदनशील है.
4- अब तक कोई रेगुलेटर नहीं
बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रण करने के लिए अब तक कोई रेगुलेटर नहीं हैं. न इस पर सरकार का नियंत्रण है और न ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया . इसके अलावा इस पर सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) का भी कोई कंट्रोल नहीं है.
5- कानून की नजर से कितनी सही है क्रिप्टोकरेंसी
भारत में जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं उनके लिए सबसे बड़ी रुकावट है कि इसको लेकर कोई स्पष्ट कानून नहीं हैं. रिजर्व बैंक ने इसे न कानूनी घोषित किया है न ही गैरकानूनी. आरबीआई ने 2013 में एक प्रेस रिलीज के जरिये कहा था कि जो लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड कर रहे हैं वो अपने रिस्क पर इसमें निवेश करें. इसी साल फरवरी 2017 में बैंक ने फिर रिलीज जारी कर कहा कि आरबीआई ने किसी बैंक या संस्था को बिटकॉइन में कारोबार के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है.
A federal government panel is examining options such as banning, regulating or limited intervention for virtual currencies in India.
6- पोंजी स्कीम का रैकेट
क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ ऑपरेशनल खतरे ही नहीं बल्कि इसमें दूसरे जोखिम भी हैं. ठगी के लिए पोंजी स्कीम लॉन्च की जा रही हैं. ये निवेशकों से गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहे हैं. आईएफआईएम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैकिंग के प्रोफेसर एवं चेयरमैन राजेन्द्र के सिन्हा का कहना है कि कुछ कंपनियां कम समय में दोगुना रिटर्न के वादा कर रही हैं . निवेशकों को इनसे बचना चाहिए क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बहुत उतार-चढ़ाव रहता है.
7- गैर कानूनी धंधों में इस्तेमाल
सरकार के नियंत्रण से बाहर होने से आतंकवादी, माफिया और हैकर्स बिटकॉइन का इस्तेमाल गैर कानूनी धंधों में कर रहे हैं. इसमें लेनदेन में पहचान छुपी रहती है. इसलिए सरकार की पकड़ में ऐसे लोग नहीं आ पाते हैं. हैकर भी फिरौती के लिए बिटकॉइन को माध्यम बना रहे हैं. हाल ही रैनसममवेयर के हैकर ने बिटकॉइन में फिरौती मांगी थी.
13 साल का हुआ बिटकॉइन, निवेशकों के 1000 रुपये को बना दिया 76.4 करोड़
Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए.
Bitcoin Price- दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) किशोर अवस्था में प्रवेश करने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बन गई है। बिटकॉइन ने 13 साल पुरे कर लिए हैं। हालांकि, बिटकॉइन का श्वेतपत्र सातोशी नाकामोतो द्वारा 28 अक्टूबर, 2008 को जारी किया गया था, लेकिन मिंट डेट 3 जनवरी, 2009 है, इसीलिए लोग 3 जनवरी को ही इसका बर्थडे मानते हैं। Mudrex के सीईओ और सह-संस्थापक एडुल पटेल (Edul Patel) ने कहा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन (blockchain) के उदय के पीछे बिटकॉइन की अहम भूमिका रही है।
पहला ट्रांजैक्शन मई 2009 में हुआ था
बता दें कि बिटकॉइन के क्रिएटर नाकामोतो ने 3 जनवरी को बिटकॉइन का ऑरिजिनल ब्लॉक रिलीज किया था, जिसे वर्तमान में जेनेसिस ब्लॉक (Genesis Block) के नाम से जाना जाता है। इसमें पहली 50 बिटकॉइन थीं। इंडिया ब्लॉकचैन एलायंस के संस्थापक राज ए कपूर के मुताबिक, इसका पहला ट्रांजैक्शन मई 2009 में हुआ था।
रोमांचक रहा 13 साल का सफर
बिटकॉइन की 13 साल की यात्रा बेहद उतार-चढ़ाव वाला रहा। बिटकॉइन को लेकर कुछ मजबूत कट्टर आलोचक रहे तो कुछ सपोर्टर। कुल मिलकर बिटकॉइन के लिए यहां तक का सफर बेहद रोमांचक रहा। यह करेंसी आज भी यह अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि, बिटकॉइन के प्रति निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है।
निवेशकों को 76.43 करोड़ रुपये का फायदा
शुरुआत से लेकर अब तक बिटकॉइन ने कितना रिटर्न दिया इसे कैलकुलेट करना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि उस समय जब इसे पेश किया गया बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? था बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? तब इसकी कीमत शून्य थी। जुलाई 2010 में, इसकी कीमत $0.09 हो गई और नवंबर 2021 में यह 68,790 डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी। बिटकॉइन ने पिछले 13 साल में अपने निवेशकों को भारी भरकम रिटर्न दिया है। इसने अपने रजिस्टर लो से ऑल टाइम हाई तक 7,64,33,233 का अविश्वसनीय रिटर्न दिया है। यानी शुरुआत में किसी निवेशक ने इसमें 1000 रुपये का निवेश किया होता तो नवंबर 2021 में यह रकम 76.43 करोड़ रुपये बन जाती।
जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की आभासी (वर्चुअल) मुद्रा है. आभासी से मतलब है कि अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी को आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन इत्यादि कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी हैं.
बिटकॉइन को विश्व की पहली और सबसे चर्चित क्रिप्टोकरेंसी माना जाता है. अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही इसका उपयोग कर कोई सामान खरीद सकता है. बिटकॉइन को सिर्फ ऑनलाइन ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
बिटकॉइन का इतिहास
बिटकॉइन का विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता (इंजिनियर) ने 2008 में किया था. सातोशी का यह छद्म नाम है. 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था. इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. विकेन्द्रीकृत से इसका अर्थ यह है कि यह किसी केंद्रीय बैंक (सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी) द्वारा संचालित नहीं होती. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है.
बिटकॉइन की वैल्यू
बिटकॉइन की वैल्यू दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है. आज (जनवरी 2018) की बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत कीमत लगभग 752865 रुपये है. बिटकॉइन खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं है कि 1 बिटकॉइन ही खरीदा जाये. दरअसल बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सातोशी (Santoshi) है और 1 बिटकॉइन = 10,00,00,000 सातोशी होता है.
बिटकॉइन वॉलेट
चुकी बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है इसलिए इसे अपने घर या पॉकेट में नहीं रख सकते. बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट की जरुरत होती है. इन्टरनेट के माध्यम से वॉलेट अकाउंट बनाया जा सकता है. प्रत्येक बिटकॉइन वॉलेट अकाउंट का एक विशिष्ट एड्रेस होता है.
बिटकॉइन खरीदने से पहले उस विशिष्ट वॉलेट एड्रेस की जरूरत होती है. जिसमे बिटकॉइन को रखा जाता है. बिटकॉइन वॉलेट में रखे बिटकॉइन को बेचा या अपनी बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है.
बिटकॉइन माइनिंग और माइनरस
चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का मतलव इसके निर्माण से है. अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन माइनिंग का काम करने वाले ऑपरेटर को बिटकॉइन माइनरस कहते है.
माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता (तीव्र पप्रोसेसिंग वाले शक्तिशाली कंप्यूटर) हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.
जिस प्रकार प्रत्येक देश में नोट छापने की एक सीमा होती है उसी प्रकार बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा होती है. और इसकी सीमा ये है कि मार्केट में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते है. अभी तक मार्केट में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन आ चुके हैं.
बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के कारण
- इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है.
- यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.
- क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है.
- खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन-देन के बारे में पता किया जा सकता है.
- बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या खरीद सकते है.
- बिटकॉइन में सरकार आप पर नजर नहीं रखती है.
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.
बिटकॉइन कैसे खरीदे?
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है. कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन-देन कर सकता है. बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है. एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. यानी 0.00000001 बिटकॉइन (BTC) को एक सातोशी कहा जाता है.
बिटकॉइन खरीदने के निम्नलिखित तीन तरीके है:
1. बिटकॉइन को आप अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन पेमेंट कर ख़रीदा जा सकता है.
2. किसी सेवा या किसी चीज के बदले बिटकॉइन लिया जा सकता है.
3. किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद से बिटकॉइन माइनिंग कर कमाया जा सकता है.
बिटकॉइन के क्या नुकसान है?
बिटकॉइन में कोई सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी, बैंक, या कोई सरकार अधिकृत की प्रणाली नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
अगर बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो इसमें जमा बिटकॉइन बापस नहीं लिया जा सकता क्यूंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग अथॉरिटी या कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जहाँ इसकी शिकायत किया जा सके.
आलोचना और चेतावनी
कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी.
Bitcoin क्या है ? बिटकॉइन की पूरी जानकारी
Bitcoin क्या है ? जानिए बिटकॉइन की पूरी जानकारी – बिटकॉइन एक Digital Currency है जिसे हम आम भाषा में Internet Currency भी कह सकते है. इस Currency को हम अपने घर या अपने Wallet में स्टोर नहीं कर सकते है क्योंकि ये किसी तरह का नोट या कोई Coin नहीं है. इसलिए बिटकॉइन को आप सिर्फ Online ही इस्तेमाल कर सकते है. बिटकॉइन एक Decentralized तरह से है मतलब इस Currency को कण्ट्रोल करने के लिए कोई Authority , Government या कोई बैंक नहीं है.
ये Peer To Peer Network Base पर काम करता है. और बिटकॉइन यूजर इस पर विश्वास करते है कि ये एक Currency है. इस तरह से ये एक Global Currency बन गया है. बिटकॉइन का अविष्कार Santoshi Nakomoto ने साल 2009 में किया था इसके बाद से ये काफी Popular Currency बन गया है.
Table of Contents
Bitcoin की कीमत कितनी है
अगर बिटकॉइन की Value की बात करे तो आज की तारीख (जनवरी 2017) में 1 बिटकॉइन की कीमत कीमत लगभग 70,000 Indian Currency है. ऐसा नहीं है कि आपको अगर Bitcoin Buy करना चाहते है तो आपको 1 Bitcoin ही खरीदना पड़ेगा. दरअसल बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट Santoshi है और 1 Bitcoin = 10,00,00,000 (करोड़) Santoshi होता है.
जैसे Indian Currency में 1 रूपए = 100 पैसे होते है l बैसे ही 10 करोड़ Santoshi से मिलकर एक बिटकॉइन बनता है l मतलब आप 1 बिटकॉइन को 8 डेसीमल तक ब्रेक कर सकते है l आप 0.0001 Bitcoin भी यूज़ कर सकते है.
Bitcoin Wallet
अगर हम इसे अपने घर या पॉकेट वॉलेट में नहीं रख सकते तो बिटकॉइन को कहा store कर सकते है l तो इसे Store करने के लिए आपको Bitcoin Wallet की जरुरत होती है. Internet में बहुत सारे Application . Software . और Cloud-Based Wallet है जिनमे आप Account बनाकर बिटकॉइन को स्टोर कर सकते है.
तो Bitcoin Wallet काम कैसे करता है ? तो सबसे पहली चीज वह आपको एक Uniq Address उपलब्ध कराता है. मान लीजिये आपने कही से Bitcoin Buy किया है तो आपको उसे मंगाने के लिए एक Address की जरुरत होगी. तो ऐसे में आप बिटकॉइन को अपने Wallet में मंगाकर स्टोर कर सकते है. जैसे आपने बिटकॉइन को बेचा है और उससे कुछ रूपए कमाए है तो उन रुपयों को Bank में Transfer करने के लिए आपको Bitcoin Wallet की जरुरत होगी.
Bitcoin कैसे खरीदे
बैसे तो बिटकॉइन खरीदने के बहुत से तरीके है जैसे –
- बिटकॉइन को आप अपनी Local Currency से खरीद सकते है.
- किसी Service से या किसी चीज को या बेचकर आप उस चीज के बदले बिटकॉइन ले सकते है.
- इसके आलावा आप किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद से Bitcoin Earn कर सकते है.
- तो सबसे इम्पोर्टेन्ट आप बिटकॉइन Miner कर सकते है.
Bitcoin Miner क्या है
Mining के बारे में जानने से पहले हम आपको ये बता दे कि हर Country में नोट छापने की एक Limitation होती है उसी तरह बिटकॉइन बनाने की भी एक Limitation होती है. और Limitation ये है कि मार्केट में 21 million से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ सकते है और अभी की बात करे तो मार्केट में लगभग 13 million Bitcoin है l तो नए बिटकॉइन है वो Mining के जरिये आते है.
Bitcoin Mining क्या है ? मान लीजिये आपने किसी को कुछ बिटकॉइन भेजे है. तो भेजने के इस Process को Verify करते है और Verify करने वालो को Miners कहते है. जिनके पास High Power Computer होते है. और इन Computer से Bitcoin Transection को Verify करते है.
Miners क्या Verify करते है ? जब हम किसी से बिटकॉइन लेते है तो इसमें कोई किसी तरह की हेरा फेरी या Cheating तो नहीं की गयी है. Verify करने पर रिवॉर्ड के तौर पर उन्हें नए बिटकॉइन मिलते है. तो इस तरह मार्केट में नए बिटकॉइन आते है. अगर आपके पास Heavy computer है तो आप भी Mining कर सकते है.
Bitcoin के क्या फायदे है
- बिटकॉइन आदान प्रदान करने में कम फीस लगती है.
- बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या खरीद सकते है. वो भी बिना किसी परेशानी के.
- आप इसमें Long Term Investment कर सकते है क्योंकि अभी तक के रिकॉर्ड में बिटकॉइन बढ़ रहा है.
- बिटकॉइन में Government आप पे नजर नहीं रखती है.
तो बिटकॉइन में किसी Government की नजर नहीं होने के कारण कुछ लोग इसका गलत यूज़ भी करते है जैसे काले धन में या Drugs बगेरा में. बिटकॉइन के कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान भी है.
Bitcoin के क्या नुकसान है
- इसमें कोई Control Authority , Bank , या कोई Government नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
- अगर आपका Bitcoin Account हैक हो जाता है तो आप बिटकॉइन बापस नहीं ले सकते है और इसमें Government आपकी किसी भी तरह से मदद नहीं करेगी.
अब आप जान गए होंगे कि Bitcoin क्या है. हम इसको कैसे और कहा से खरीद सकते है. और बिटकॉइन से हमें क्या फायदा है और बिटकॉइन से क्या नुकसान हो सकते है.
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