मारुति डिज़ायर

मारुति डिज़ायर 5 सीटर कॉम्पैक्ट सिडैन है। जिसकी प्राइस ₹ 6.23 - 9.17 लाख है। यह 9 वेरीएंट्स, 1197 cc इंजन विकल्प और 2 ट्रैंस्मिशन विकल्पों में उपलब्ध है: मैनुअल और स्वचालित (एएमटी)। Other key specifications of the डिज़ायर include a ग्राउंड क्लियरेंस of 163 mm, कर्ब वज़न of 880 किलोग्राम और बूटस्पेस of 378 लीटर्स. डिज़ायर 6 रंगों में उपलब्ध है। डिज़ायर का माइलेज 23.2 किमी प्रति लीटर से 24.1 किमी प्रति लीटर के बीच है।

. अचानक इतनी क्यों बढ़ गई इस मुर्गी की डिमांड, मुंह बोली कीमत पर नहीं मिल रही

बाज़ार में नहीं मिल रही ये मुर्गी

आखिर ऐसा क्या हुआ जो कोरोना-लॉकडाउन से पहले 215 और 220 रुपये की एक बिकने वाली मुर्गी आज मुंह बोली कीमत पर भी बाज़ार में . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 15, 2020, 08:36 IST

नई दिल्ली. देश में अंडे के दाम बढ़ने लगे हैं. अक्टूबर की शुरुआत से ही अंडा 7 रुपये का बिक रहा है. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अंडे के दाम बढ़ने के साथ ही मुर्गी भी बेशकीमती हो गई है. कोरोना-लॉकडाउन से पहले 215 और 220 रुपये की एक बिकने वाली मुर्गी आज मुंह बोली कीमत पर भी बाज़ार में नहीं है. यह मुर्गी बेचने वाली दो कंपनियों के पास भी मौजूद नहीं हैं. जिसके चलते यह आशंका डराने लगी है कि कड़ाके की सर्दी में अंडा और महंगा हो सकता है.

बाज़ार में नहीं मिल रही है बीवी 300 और बोवोन मुर्गी
पोल्ट्री फार्म के मालिक अनिल शाक्य की मानें तो कोरोना और लॉकडाउन से पहले तक बीवी 300 और बोवोन मुर्गी बाज़ार में आराम से मिल रही थी. इस मुर्गी का बच्चा (चूजा) भी 42 रुपये तक का मिल रहा था. वहीं 4 से 5 महीने की तैयार मुर्गी 215 और 220 रुपये की मिल रही थी. लेकिन अब कोरोना और लॉकडाउन के चलते बोली और कीमत पूछना क्या है बाज़ार ने ऐसी पलटी मारी की बीवी 300 और बोवोन मुर्गी एक-दो हज़ार तो छोड़ों मुंह बोले दाम पर 100-200 भी नहीं मिल रही हैं. अंडा देने वाली मुर्गियों की यह वो दो नस्ल हैं जो पोल्ट्री फार्म में सबसे ज़्यादा पाली जाती हैं.

इसलिए बाज़ार में कम हो गई अंडा देने वाली यह मुर्गियां
उत्तर प्रदेश के पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने न्यूज18 से बात करते हुए बताया, “इस साल फरवरी-मार्च से मुर्गियों बोली और कीमत पूछना क्या है पर भी कोरोना की आफत गिरनी शुरु हो गई थी. हालांकि किसी भी एक्सपर्ट ने यह नहीं बताया था कि मुर्गियों को भी कोरोना हो सकता है या फिर मुर्गियां और अंडे खाने से कोरोना हो सकता है. बावजूद इसके सोशल मीडिया पर मैसेजों की ऐसी बाढ़ आई की पोल्ट्री कारोबार तबाह हो गया. लोगों ने मुर्गें और अंडे खाने से मुंह फेर लिया. नतीजा यह हुआ कि लोगों ने मुर्गियां और उनके बच्चों को जिंदा दफनाना शुरु कर दिया. अंडे भी फेंक दिए. कुछ जगहों पर मुर्गियां फ्री में बांट दी या औने-पौने दाम में बेच दी गईं.”

इसलिए बढ़ गई मुर्गी की डिमांड
नई दिल्ली. देश में अंडे के दाम बढ़ने लगे हैं. अक्टूबर की शुरुआत से ही अंडा 7 रुपये का बिक रहा है. लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि अंडे के दाम बढ़ने के साथ ही मुर्गी भी बेशकीमती हो गई है. कोरोना-लॉकडाउन से पहले 215 और 220 रुपये की एक बिकने वाली मुर्गी आज मुंह बोली कीमत पर भी बाज़ार में नहीं है. यह मुर्गी बेचने वाली दो कंपनियों के पास भी मौजूद नहीं हैं. जिसके चलते यह आशंका डराने लगी है कि कड़ाके की सर्दी में अंडा और महंगा हो सकता है.

बाज़ार में नहीं मिल रही है बीवी 300 और बोवोन मुर्गी
पोल्ट्री फार्म के मालिक अनिल शाक्य की मानें तो कोरोना और लॉकडाउन से पहले तक बीवी 300 और बोवोन मुर्गी बाज़ार में आराम से मिल रही थी. इस मुर्गी का बच्चा (चूजा) भी 42 रुपये तक का मिल रहा था. वहीं 4 से बोली और कीमत पूछना क्या है 5 महीने की तैयार मुर्गी 215 और 220 रुपये की मिल रही थी. लेकिन अब कोरोना और लॉकडाउन के चलते बाज़ार ने ऐसी पलटी मारी की बीवी 300 और बोवोन मुर्गी एक-दो हज़ार तो छोड़ों मुंह बोले दाम पर 100-200 भी नहीं मिल रही हैं. अंडा देने वाली मुर्गियों की यह वो दो नस्ल हैं जो पोल्ट्री फार्म में सबसे ज़्यादा पाली जाती हैं.

इसलिए बाज़ार में कम हो गई अंडा देने वाली यह मुर्गियां
उत्तर प्रदेश के पोल्ट्री फार्म एसोसिएशन के अध्यक्ष नवाब अली ने न्यूज18 से बात करते हुए बताया, “इस साल फरवरी-मार्च से मुर्गियों पर भी कोरोना की आफत गिरनी शुरु हो गई थी. हालांकि किसी भी एक्सपर्ट ने यह नहीं बताया था कि मुर्गियों को भी कोरोना हो सकता है या फिर मुर्गियां और बोली और कीमत पूछना क्या है अंडे खाने से कोरोना हो सकता है. बावजूद इसके सोशल मीडिया पर मैसेजों की ऐसी बाढ़ आई की पोल्ट्री कारोबार तबाह हो गया. लोगों ने मुर्गें और अंडे खाने से मुंह फेर लिया. नतीजा यह हुआ कि लोगों ने मुर्गियां और उनके बच्चों को जिंदा दफनाना शुरु कर दिया. अंडे भी फेंक दिए. कुछ जगहों पर मुर्गियां फ्री में बांट दी या औने-पौने दाम में बेच दी गईं.”

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हिन्दी वार्ता

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कीमत किस भाषा का शब्द है?

कीमत मूल रूप से किस भाषा का शब्द है?

कोई भी भाषा समय के साथ साथ अन्य भाषा के शब्दों को अपना कर ही समृद्ध होती है और हिन्दी भी इसका अपवाद नहीं है। विदेशी भाषाओं से हिंदी में आये शब्दों को विदेशी शब्द कहा जाता है। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल हैं। इन भाषाओं के अनेकों शब्द हिन्दी भाषा में इस तरह से घुल मिल गए हैं कि उन्हें पहचानना कठिन है। जैसे कि यह बताना मुश्किल है कि – क्या कीमत विदेशी भाषा का शब्द है? या यह पहचानना कि कीमत कौन सी भाषा का शब्द है?

कीमत कौन सी भाषा का शब्द है?

कीमत शब्द अरबी भाषा से लिया गया है।

Kimat kaun बोली और कीमत पूछना क्या है si bhasha ka shabd hai

Kimat shabd Arbi bhasha se liya gaya hai.

विदेशी शब्द कीमत का वाक्य प्रयोग – उसे मकान की अच्छी कीमत मिली है।

अंग्रेजी के शब्द – ब्रिटिश शासन के समय से भारत में आम बोलचाल की भाषा में अनेकों अंग्रेजी शब्द इस तरह घुल-मिल गए हैं कि उनकी हिन्दी खोजनी मुश्किल है। जैसे – कॉलेज (महाविद्यालय), पेंसिल (कलम), रेडियो (आकाशवाणी), टेलीविजन (दूरदर्शन), डॉक्टर (चिकित्सक), मशीन (यंत्र), सिगरेट (धूम्रपान शलाका), साइकिल (दुपहिया वाहन), स्टेशन (पड़ाव) आदि।

फारसी के शब्द – भारत की भाषा का नाम ‘हिन्दी’ भी एक फारसी शब्द है। मुगल कल में शासन की भाषा रही फारसी के बहुत बोली और कीमत पूछना क्या है से शब्द हिन्दी के ही हो गए हैं जैसे – अनार (दाड़िम), चश्मा (चक्षु यंत्र), जमींदार (बड़े भू-भाग का कृषक), दुकान (सामान क्रय-विक्रय स्थल), नमक (लवण), नमूना (उदाहरण), बीमार (रोगी), आदमी (मानव), गंदगी (अपशिष्ट)

अरबी के शब्द – अरबी भाषा हिन्द-यूरोपीय परिवार की प्रमुख भाषा है और इस्लाम के भारत में आगमन के साथ यहाँ आई। इसके अनेकों शब्द थोड़े बदलाव के साथ हिन्दी में बोले जाते हैं जैसे – औलाद (संतान), अमीर (धनी), कत्ल (हत्या), कलम (लेखनी), कानून (विधि), रिश्वत (घूस, उत्कोच), औरत (महिला), कैदी (कारगर में रखा गया आरोपी), गरीब (निर्धन) आदि।

उर्दू के शब्द – प्रचलित मान्यता के अनुसार उर्दू भाषा हिन्दी का वह रूप है जिसमें अरबी और फ़ारसी के शब्द अधिक हैं संस्कृत का प्रभाव नगण्य है। उर्दू दाएं से बाएं लिखी जाती है। भारत में उर्दू देवनागरी में भी लिखी जाती है। हिन्दी मीन सबसे अधिक उर्दू के ही शब्द घुले-मिले हुए हैं जैसे – अख़बार (समाचारपत्र) आवाज़ (ध्वनि), आराम (विश्राम), अफ़सोस (शोक), आदत (प्रवृति), इन्क़लाब (क्रान्ति), इमारत (भवन) आदि।

#प्रेम से दी गई वस्तु का मोल नहीं होता#

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हेलो मम्मी, आप बिजी हो क्या"? रूबी पूछी ।
नहीं, बोलो. क्या बात है ? मां ममता बोली ।
अगर आप बुरा नहीं मानेगी तो मुझे कुछ पूछना है.
" हां ,पूछो ना इतनी औपचारिकता किसलिए ?"
"देखो ना. मेरी सास की भी अजीब आदत है। उनकी वजह से मुझे कभी-कभी दूसरों के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है ।
शर्मिंदा.
" हां ,अब देखो मामी ने मुझे जो उपहार दिया था उसकी कीमत पूछने लगी।
क्यों? कीमत से क्या काम है उन्हें ?
यही तो. इधर का उपहार उधर और उधर का उपहार इधर करती है। उन्हें किसी को उपहार देना था तो पूछने लगी. तुम्हारी मामी के दिए उपहार का क्या मूल्य है? पिछले महीने किसी समारोह में जाना था उन्हें.. अगर देने लायक होता तो दे देती वरना कुछ और ढूंढती "।
"लोग किसी की पसंद, दिलचस्पी, रुचि ,रुझान को ध्यान में रखकर उपहार की खरीददारी करते हैं। ऐसे में प्राप्त उपहार किसी और को बढ़ा देना ठीक नहीं है "ममता बोली। खैर . अभी किस लिए फोन की बताओ।

हिचकिचाते रूबी बोली ,"आपने छोटी बहन की शादी के समय सास को जो साड़ी दी थी . उसका मूल्य जानना है उन्हें। मुझे 2 दिन से बोल रही थी .. पर मैं जानबूझकर टालने की कोशिश कर रही थी। आज सुबह फिर से फोन कर पूछने के लिए कहा।
क्यों. ममता से रहा ना गया पूछ बैठी।
ममता ने बड़ी समधन को छोटी बेटी की शादी में बेहद खूबसूरत सिल्क की साड़ी दी थी। साड़ी का बॉर्डर इतना आकर्षक था कि ममता का भी मन उस पर आ गया . पर खर्चों को ध्यान में रख ममता ने अपना मन मार लिया।
"सास की भांजी की शादी है उसे ही देना है ।आपको बुरा तो नहीं लगेगा ना.. अगर आपकी दी हुई साड़ी वह भांजी को दे बोली और कीमत पूछना क्या है दे तो ?यह भी पूछने के लिए बोली" कह रूबी चुप हो गई.. शायद उसे बहुत बुरा और दुख लग रहा था अपनी मां से यह पूछते।
ममता को भी बुरा लगा रूबी की सास के व्यवहार से। बिना पूछे दे देती तो शायद इतना बुरा ना लगता। ममता, रूबी की हालत बोली और कीमत पूछना क्या है समझ रही थी बोली," मैंने तुम्हारी सास को साड़ी दे दी. उस साड़ी का वे क्या करेंगी.. यह उन पर निर्भर है.. रखेंगी ,पहनेंगी ,किसी और को देंगी. इससे मुझे कोई वास्ता नहीं ..और हां तुम भी दुखी ना होना।
ममता जानती है रूबी अभी नई है खुद सास को कुछ नही कह सकती।
वस्तु की कीमत से.. व्यक्ति की कीमत, मान मर्यादा ,ओहदा ,इज्जत नहीं आंकी जा सकती। उपहार प्रेम स्वरूप दिया जाता है। प्रेम से दी गई वस्तु का कोई मोल नहीं ।

हां ,मम्मी . मेरी सास इतनी छोटी सी बात भी नहीं समझती ।हर वस्तु, रिश्तो को पैसों के तराजू में तौलती है ।खूब लेनदेन और महंगे उपहार देने वाले अच्छे रिश्तेदार और ना देने वाले बेकार के रिश्तेदार.. यही उनकी सोच है मम्मी।
उनका मानना है कि जो वस्तु हमारे काम की नहीं हो सकता है किसी और के काम आ जाए! घर में जमा कर भीड़ बढ़ाने के बजाय किसी और को दे दिया जाए।
हर बात के दो पहलू होते हैं आप किस पहलू का अनुकरण करते हैं ममता का या उनकी समधन का। मिले उपहार अपने तक रखकर देने वाले की भावनाओं की कद्र करती हैं या आगे बढ़ाती जाती हैं.

धन्यवाद आपके विचारों और सुझावों का इंतजार रहेगा 🙏🙏
# संकल्प 2022#
# सिक्के के दो पहलू . मासिक ब्लॉगिंग सुझाव रिवाइंड #
#आदत अपनी अपनी#

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Bid-Ask Spread क्या है? हिंदी में

Bid-ask Spread तत्काल बिक्री के लिए उद्धृत कीमतों और stocks, futures contracts, options, या currency pairs के लिए तत्काल खरीद के बीच का अंतर है। एक सुरक्षा में बिड-आस्क स्प्रेड का size market की तरलता और लेनदेन लागत के आकार का एक उपाय है।

बिड-आस्क स्प्रेड क्या है? हिंदी में [What is Bid-Ask Spread? In Hindi]

एक शेयर की कीमत किसी भी समय बाजार के मूल्य की समझ है और विशेष है। प्रत्येक बाजार सौदे में "bid" और "ask" क्यों है, इसका कारण समझने के लिए, दो मुख्य खिलाड़ी होने चाहिए, अर्थात् मूल्य लेने वाला (व्यापारी) और बाजार निर्माता (प्रतिपक्ष)।

बिड-आस्क स्प्रेड का उपयोग किसी दिए गए कमोडिटी की आपूर्ति और मांग के माप के रूप में किया जा सकता है। चूंकि बोली को मांग का प्रतिनिधित्व करने के लिए कहा जा सकता है और किसी वस्तु के लिए आपूर्ति का बोली और कीमत पूछना क्या है प्रतिनिधित्व करने की पेशकश, यह संभव हो सकता है कि बाजार की कार्रवाई आपूर्ति और मांग में बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है क्योंकि ये दोनों कीमतें और अलग हो जाती हैं।

"ऑफ़र्स" और "आस्क्स" की गहराई का बिड-आस्क स्प्रेड पर एक बड़ा प्रभाव हो सकता है। यदि कम प्रतिभागी सुरक्षा खरीदने के लिए सीमा आदेश देते हैं (इस प्रकार कम बोली मूल्य उत्पन्न करते हैं) या यदि कम विक्रेता बेचने के लिए सीमित आदेश देते हैं तो प्रसार (Spread) काफी व्यापक हो सकता है। जैसे, एक खरीद सीमा आदेश देते समय बोली-पूछने को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है बोली और कीमत पूछना क्या है कि इसे सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया है।

'बोली-आस्क स्प्रेड' की परिभाषा [Definition of "Bid-Ask Spread" In Hindi]

बिड-आस्क स्प्रेड आमतौर पर किसी सिक्योरिटी के आस्क (ऑफ़र/सेल) कीमत और बिड (खरीद/खरीद) कीमत के बीच का अंतर है। आस्क प्राइस वह मूल्य बिंदु है जिस पर विक्रेता बेचने के लिए तैयार होता है बोली और कीमत पूछना क्या है और बोली मूल्य वह बिंदु होता है जिस पर खरीदार खरीदने के लिए तैयार होता है। जब बाज़ार में दो मूल्य बिंदु मेल खाते हैं, अर्थात जब एक खरीदार और विक्रेता एक-दूसरे द्वारा दी जा रही कीमतों के लिए सहमत होते हैं, तो एक व्यापार होता है। ये कीमतें दो बाजार शक्तियों द्वारा निर्धारित की जाती हैं - मांग और आपूर्ति, और इन दोनों ताकतों के बीच का अंतर खरीद-बिक्री की कीमतों के बीच के प्रसार को परिभाषित करता है। जितना बड़ा फासला, उतना बड़ा फैलाव! बिड-आस्क स्प्रेड को निरपेक्ष और प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। जब बाजार अत्यधिक तरल होता है, तो प्रसार मूल्य बहुत छोटा हो सकता है, लेकिन जब बाजार तरल या कम तरल होता है, तो वे बड़े हो सकते हैं। Arbitrage क्या है?

Bid-Ask Spread क्या है? हिंदी में

बिड-आस्क स्प्रेड के उच्च होने का क्या कारण है? [What causes the bid-ask spread to be high?] [In Hindi]

बिड-आस्क स्प्रेड, जिसे स्प्रेड के रूप में भी जाना जाता है, कई कारकों के कारण अधिक हो सकता है। सबसे पहले, तरलता एक प्राथमिक भूमिका निभाती है। जब किसी सुरक्षा के लिए दिए गए बाजार में पर्याप्त मात्रा में तरलता होती है, तो प्रसार सख्त (Spread hardening) होगा। जिन शेयरों का भारी कारोबार होता है, जैसे कि Google, Apple और Microsoft में एक छोटा बिड-आस्क स्प्रेड होगा।

इसके विपरीत, एक बिड-आस्क स्प्रेड किसी दिन अज्ञात, या अलोकप्रिय प्रतिभूतियों के लिए उच्च हो सकता है। इनमें स्मॉल-कैप स्टॉक शामिल हो सकते हैं, जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम कम हो सकता है, और निवेशकों के बीच निम्न स्तर (low level) की मांग हो सकती है।

स्टॉक्स में बिड-आस्क स्प्रेड का उदाहरण क्या है? [What is an example of a bid-ask spread in a stock?]

निम्नलिखित उदाहरण पर विचार करें जहां एक व्यापारी Rs 50 के लिए Apple के 100 शेयर खरीदना चाहता है। व्यापारी देखता है कि बाजार में Rs 50.05 पर 100 शेयरों की पेशकश की जा रही है। यहां, Spread Rs. 50.00 - Rs.50.05, या Rs.0.05 चौड़ा होगा। हालांकि यह Spread छोटा या महत्वहीन लग सकता है, बड़े ट्रेडों पर, यह एक सार्थक अंतर पैदा कर सकता है, यही वजह है कि संकीर्ण (narrow) फैलाव आमतौर पर अधिक आदर्श होते हैं। इस उदाहरण में, बिड-आस्क स्प्रेड का कुल मूल्य 100 शेयरों x Rs.0.05, या Rs.5 के बराबर होगा।

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