बिटकॉइन क्या है ? What is Bitcoin in Hindi

बिटकॉइन क्या है ? (What is bitcoin?)

  • बिटकाइन एक डिजिटल मुद्रा है। यह पहली डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है | यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती।
  • यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है।
  • बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी है जि‍सका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा सकता है |
  • पहले यह एक इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा के रूप में थी लेकिन 2017 में इसको दो भागों में बट गई Bitcoin (BTC) और The Bitcoin Cash.

बिटकॉइन का विकास क्यों और किसने किया ?(Who Invented the bitcoin in Hindi)

  • इसका विकास अक्टूबर 2008 में, सब-प्राइम के दौरान, यूएस में सातोशी नकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने किया था। और 2009 में यह सबसे के सामने आयी |
  • बिटकॉइन का विकास कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है।

बिटकॉइन को कैसे इस्तेमाल किया जाता है ? (How to use bitcoin in Hindi)

  • कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्‍यस्‍था के ट्रांजेक्‍शन किया जा सकता है। वहीं इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।

बिटकॉइन को कैसे खरीदा जा सकता है ?(How to buy bitcoin in Hindi?)

  • जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है।
  • बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है।

बिटकॉइन के लाभ व लोक प्रिय होने के कारण

  • वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं।
  • आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है।
  • इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।

बिटकॉइन के नुकसान (Loss of bitcoin)

  • जिस तरह से बिटकॉइन का इस्‍तेमाल कारोबार के लिए बिजनेसमैन कर रहे हैं। इसका दुरुपयोग भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। क्‍योंकि, इसके जरिए होने वाले लेन-देन में गड़बड़ी की जिम्‍मेदारी किसी की नहीं होती है।
  • बिटकॉइन का दुरुपयोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री, हवाला, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद, टैक्स की चोरी आदि किया जा रहा है |
  • बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी इसकी आलोचना की गयी है। एक बिटकॉइन के संचालन सौदे में अनुमानित 300 kwh बिजली लगती है जो 36000 केतलियों में पानी गर्म करने में लगनी वाली उर्जा के बराबर है |

बिटकॉइन का लेन देन कैसे किया जाता है (How to transact bitcoin)

  • बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है।

भारत में बिटकॉइन की उपयोगिता और भविष्‍य (Utility and future of bitcoin in India)

  • भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है।
  • 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी।

बिटकॉइन माइनिंग क्या है ? (What is bitcoin mining in Hindi)

  • बिटकॉइन माइनिंग का मतलब एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है साथ ही नेटवर्क को सिंक्रोनाइज भी किया जाता है |
  • बिटकॉइन माइनिंग की सफलता का ट्रांजैक्शन प्रोसेस करने पर जो पुरस्कार मिलता है वह बिटकॉइन होता है।
  • माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता हो, ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा।

बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price)

  • दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है|
  • कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है|

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Bitcoin kya hai ?

हर Country की एक Currency होती है। जैसे की USA की Doller, भारत की रुपये और Europ की Euro और हम इन Currencies को छू भी सकते है और आप इसी Currency की मदद से रोज के जीवन में लेनदेन करते है। लेकिन Online Transactions के लिए भी एक Currency Internet पे मौजूद है। जिसका नाम बिटकॉइन है। Bitcoin एक Virtual Currency है। इसके बारे में आपने जरूर सुना होगा और आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा की Bitcoin होता क्या है ?, इससे हम पैसे कैसे कमा सकते है ?, इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है ? और इस Currency की कीमत कितनी है ? इसीलिए आज Technical DJ की तरफ से इन सवालो के जवाब इन आर्टिकल्स में मिलने वाले है ? इसीलिए यह Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? आर्टिकल आख़िर तक पढियेगा।

Bitcoin क्या है ?

बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जा सकता है। बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी होने के कारन नाही हम उसे देख सकते है और नाही हम उसे छू सकते है। लेकिन हम इसका इस्तेमाल लेनदेन के लिए कर सकते है।

हम बिटकॉइन को ऑनलाइन वॉलेट में सेव करके रख सकते है। बिटकॉइन को २००८ में Satoshi Nakamoto ने बनाया था और 2009 में Bitcoin को ग्लोबल पेमेंट के रूप में जारी किया गया। तब से ही इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इसे कण्ट्रोल करने के लिए कोई भी बैंक अथॉरिटी नहीं है। मतलब इसका कोई भी मालिक नहीं है। इसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है जैसे की इंटरनेट का कोई भी मालिक नहीं है फिर भी सब इसका इस्तेमाल कर सकते है। आप बिटकॉइन का उपयोग Online Transactions के लिए कर सकते है। Online Transactions अलावा Bitcoin को आप किसी भी Currency में बदल सकते है और अपने Bank Account में जमा कर सकते है। फ़िलहाल दुनिया की सबसे महंगी Currency बिटकॉइन ही है। कंप्यूटर और इंटरनेट की मदद से बिना किसी माध्यम से जुड़े आप बिटकॉइन से Transaction कर सकते है। आप इस Digital Currency को Digital Wallet में Save करके रख सकते है। Bitcoin को आप सामान खरीदने के लिए, दान करने के लिए और किसी को पैसे भेजने के लिए भी कर सकते है। बिटकॉइन का कोई मालिक नहीं होता इसीलिए आप जितने चाहे उतने बिटकॉइन किसी को भी भेज सकते है। लेकिन आपके साथ कोई धोका होता है तो आप इसकी शिकायत कही भी नहीं कर पाएंगे। लेकिन दुनिया के कई बड़े Businessman, Entreprenuers और कई बड़ी Companies भी इसका इस्तेमाल करती है।

Bitcoin का इस्तेमाल कहा और क्यों किया जाता है ?

Bitcoin का इस्तेमाल हम किसी भी प्रकार का Transaction करने के लिए कर सकते है। Bitcoin P2P network पर आधारित है इसका मतलब आप बिना किसी के सहारे किसी के साथ भी लेनदेन कर सकते है। यह सब Blockchain System के वजह से पॉसिबल हो पाता है। Blockchain System क्या है यह जानने के लिए निचे दी गई लिंक पर क्लिक करे।

आपको Debit or Credit कार्ड से Payment करने के लिए 2 -3 % शुल्क देना पड़ता है। लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता। लेकिन Bitcoin में ऐसा कुछ नहीं होता। आप बिना किसी शुल्क के कोई भी Transaction कर सकते है। इस वजह से ही यह इतना लोकप्रिय होता जा रहा है। इसके अलावा यह तेज और सुरक्षित है। इसीलिए Bitcoin में Invest करना पसंद कर रहे है। आज के समय में बहोत जगहों पर Bitcoin का इस्तेमाल हो रहा है। जैसे ी Entreprenuers, Online Developers, No Profit Organisations आदि और इसीलिए Bitcoin का इस्तेमाल Global Payment के रूप में पूरी दुनिया में हो रहा है। Bitcoin का उपयोग करने Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? की कोई लिमिट नहीं होती है।

Bitcoin की कीमत कितनी है ?

Bitcoin की कीमत फ़िलहाल 24 लाख - 30 लाख के बिच में है। 5 Months पहले यह कीमत 52 लाख के पास पहुंच गई थी। इसमें उतार चढाव चालू रहते है।

Bitcoin को पाया कैसे जाये ?

अगर आपके पास पैसे है तो आप डायरेक्ट भी इसे खरीद सकते है। लेकिन आपके पास कम पैसे है तो आप बिटकॉइन का एक छोटासा हिस्सा भी खरीद सकते है। जिसे सातोशी कहा जाता है। जैसे १ रुपये में १०० पैसे होते है वैसे ही १ बिटकॉइन में १० करोड़ सातोशी होते है। अगर आप पूरा बिटकॉइन नहीं खरीद सकते तो आप सातोशी भी खरीद सकते है। बिटकॉइन का दाम बढ़ते रहता है और यह अच्छा खासा मुनाफा हमें देता है। इसीलिए आप इसमें इन्वेस्ट भी कर सकते है।

Bitcoin कैसे ख़रीदे ?

Online बहोत से Cryptocurrency Exchangers Available है। जहा से आप Bitcoin खरीद और बेच सकते है। जैसे की Zebpay, Coin Swich Kuber, WazirX etc.

Bitcoin Mining

Bitcoin Mining मतलब Bitcoin निर्माण करना होता है। इसके लिए High Speed Computer और Graphics Card की जरूरत पड़ती है।

उम्मीद करता हु आपको बिटकॉइन क्या है पता चल गया होगा। अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा है, तो प्लीज आप कमेंट बॉक्स में बताये, प्लीज मुझे सपोर्ट कीजिये | बहोत मेहनत करता हु, आर्टिकल्स लिखने के लिए | अगर आप मुझे सपोर्ट करेंगे तो आगे और भी अच्छे आर्टिकल्स आपके लिए लेकर आऊंगा, और मेरे ब्लॉग को Subscribe करना मत भूलियेगा | इसके साथ आपसे इजाजत लेता हु।

क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट? कैसे करते हैं इस्तेमाल, जानिए हर जरूरी बात

Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रेज बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में

जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं

Cryptocurrency News: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के फैसले के बाद क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट पर बैन हटाने के बाद, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काफी क्रेज बड़ गया है. इसी के साथ आज हमको बता रहे हैं क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट (Cryptocurrency Wallet ) के बारें में

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. इस करेंसी में कोडिंग तकनीक का इस्तेमाल होता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है. यही वजह है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल केंद्रीय बैंक पर निर्भर नहीं होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है.

क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट क्या हैं?

जैसा कि नाम से पता चलता है, ये वॉलेट आपको क्रिप्टो एसेट्स और टोकन स्टोर करने में मदद करते हैं. एक वॉलेट आपके फोन पर एक अलग डिवाइस या एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हो सकता है. वे ब्लॉकचैन तकनी का इस्तेमाल सेफ्टी और सिक्योरिटी के साथ आपकी क्रिप्टो एसेट्स को सुरक्षित रखने के लिए मदद करता है, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी को भेजने और रिसीव करने की सुविधा भी देता है.

वॉलेट कितने तरह के होते हैं

इन्हें खास तौर पर हॉट एंड कोल्ड वॉलेट (Hot and Cold Wallets) में कैटेगरीज किया जा सकता है. हॉट वॉलेट इंटरनेट से जुड़े होते हैं और इन्हें कभी भी एक्सेस किया जा सकता है. इनमें ऑनलाइन क्लाउड वॉलेट, most मोबाइल वॉलेट, सॉफ्टवेयर वॉलेट और क्रिप्टो एक्सचेंज शामिल हैं.

कोल्ड वॉलेट इंटरनेट से कनेक्ट नहीं होते हैं और आपको अपने क्रिप्टो ऑफ़लाइन को स्टोर करने देते हैं. कोल्ड वॉलेट में हार्डवेयर और पेपर वॉलेट शामिल हैं.

Hardware Wallets : एक हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टो स्टोर करते समय सुरक्षा और सुविधा के बीच बैलेंस बनाने में मदद करता है. हार्डवेयर वॉलेट को आपकी प्राइवेट की (Private Key) को स्टोर करने के ऑनलाइन तरीकों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जैसे कि कंप्यूटर और फोन पर, जिसे हैकर से एक्सेस किया जा सकता है. चूंकि आपकी प्राइवेट की डिवाइस को कभी नहीं छोड़ती है, इसलिए इसे हैक नहीं किया जा सकता है. अगर आपका हार्डवेयर वॉलेट खो जाता है या टूट जाता है, तो आप अपने बिटकॉइन को एक नए डिवाइस से एक्सेस कर सकते हैं जब तक कि आप अपने रिकवरी सीड वर्ड्स को नहीं जानते हैं.

Paper Wallets: पेपर वॉलेट्स को Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? पेपर की प्रिंटेड शीट पर स्टोर किया जाता है और यह सबसे सुरक्षित ऑप्शन में से एक है. क्रिप्टो को प्राइवेट की दर्ज करके या कागज पर क्यूआर कोड को स्कैन करके मूव किया जा सकता है. कंप्यूटर या मोबाइल पर सेव नहीं होने के वजह से उन्हें डिजिटल रूप से हैक या चोरी नहीं किया जा सकता है. आपको किसी थर्ड पार्टी सर्वर पर निर्भर होने की भी जरूरत नहीं है. यूजर अपने फोन का इस्तेमाल करके अपने पेपर वॉलेट या सीड वर्ड्स की तस्वीर कभी नहीं लेनी चाहिए.

आपको एक वॉलेट में क्रिप्टो को कब होल्ड करना चाहिए?

कोल्ड वॉलेट निस्संदेह आपकी क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने का सबसे सुरक्षित तरीका है. वे ऑनलाइन वायरस और हैकर्स से बचाने में मदद करता हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आप अपने डेटा को स्टोर करने के लिए किसी थर्ड पार्टी पर निर्भर नहीं हैं.

ऑनलाइन अटैक या स्कैम के लिए ऑनलाइन या वेब वॉलेट सबसे ज्यादा रिस्क होते हैं. अगर आप क्रिप्टो एक्सचेंज का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप अपनी एसेट्स के साथ उन पर भरोसा कर सकते हैं.

Cryptocurrency Bill : क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्रिप्टो पर कैसे काबू पाएगी सरकार? जानें सबकुछ

Cryptocurrency Bill Latest News : मोदी सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी. यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है.

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Cryptocurrency Bill : क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्रिप्टो पर कैसे काबू पाएगी सरकार? जानें सबकुछ

Cryptocurrency Bill News : भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है. भारत सरकार ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी. सरकार की ओर से इस पर घोषणा आने के बाद ही भारत में क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया. लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी. यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है.

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बता दें कि कल इस खबर के आने के बाद रात 11:45 बजे सभी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही थी. Bitcoin जहां 17 फीसदी तक गिर गया था, वहीं Ethereum में 15 फीसदी की गिरावट देखी जा रही थी. मार्केट कैप के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो तो Tether तो 18 फीसदी तक गिर गया था.

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और क्या है इसका उद्देश्य?

सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए जो बिल ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021). इस बिल के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है. इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को प्रमोट करने के लिए कुछ अपवाद रखे जाएंगे.

इस शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार 26 बिल पेश कर सकती है. इसके लिए 26 बिल लिस्ट किए गए हैं.. इसी दौरान भारत में क्रिप्टोकरेंसी का नियमन सुनिश्चित करने वाला यह क्रिप्टो बिल भी पेश किया जाएगा.

पिछले हफ्ते हुई थी बैठकें

बता दें कि बिल लाने के फैसले पर सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा तब आई है, जब अभी पिछले हफ्ते ही इस संबंध में पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी. 16 नवंबर को वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार किया था और इस मीटिंग में यह आम राय निकल सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है.

पीएम मोदी ने भी इसके पहले कई मंत्रालयों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी. वहीं, पिछले गुरुवार को सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टो को लेकर सरकार के इरादे साफ जाहिर कर दिए थे. उन्होंने कहा था कि 'क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए. यह बहुत जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवा पर गलत असर पड़ेगा.'

RBI और SEBI की भी टेढ़ी निगाहें

वहीं, RBI तो कई बार इस बाजार को लेकर चिंता जाहिर कर चुकी है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी पिछले हफ्ते कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े गहरे मुद्दों पर गहन विमर्श की जरूरत है. दास ने कहा, ‘आंतरिक विमर्श के बाद आरबीआई की यह राय है कि वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं हैं और इनके बारे में गहन चर्चा करने की जरूरत है.' उन्होंने चलन में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी की मात्रा पर संदेह जताते हुए कहा कि निवेशकों को इसके जरिये Bitcoin का इस्तेमाल कहां और क्यों किया जाता है? लुभाने की कोशिश की जा रही है. क्रिप्टो खाते खोलने के लिए ऋण भी दिए जा रहे हैं.

वहीं बाजार नियामक संस्था Securities and Exchange Board of India (SEBI) ने भी रिटेल निवेशकों को ध्यान में रखते हुए भारत में अनियमित क्रिप्टोकरेंसी बाजार के तेज ग्रोथ को लेकर चिंताएं जताई थीं.

Video : कॉफी एंड क्रिप्टो - भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हलचल तेज, मिल सकता है ऐसेट क्लास का दर्जा

Cryptocurrency : हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी में क्यों वसूलते हैं फिरौती, क्‍या है इसके पीछे का फंडा?

AIIMS सर्वर हैक मामले में हैकर्स ने क्रिप्टो में फिरौती मांगी है. (फोटो: न्यूज18)

क्रिप्टो करेंसी एक मुद्रा होती है जो पूरी तरह कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है. इसके सारे ट्रांजेक्शन भी कंप्यूटर से . अधिक पढ़ें

  • News18 हिंदी
  • Last Updated : November 29, 2022, 15:46 IST

हाइलाइट्स

दिल्ली एम्स (AIIMS) हॉस्पिटल का सर्वर हैक हो जाने की वजह से हफ्ते भर से डाउन पड़ा हुआ है.
क्रिप्टोकरेंसी यूज़ करने का फायदा यह है कि इसे यूज़ करने वाला पूरी तरह से गुमनाम रहता है.
क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिस पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है.

नई दिल्ली. करीब हफ्ते भर से दिल्ली एम्स (AIIMS) हॉस्पिटल का सर्वर हैक हो जाने की वजह से डाउन पड़ा हुआ है. इससे ओपीडी और बाकी सर्विस प्रभावित हो रही है. सर्वर हैक होने के चलते करोड़ों मरीजों का डेटा दांव पर लगा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हैकर्स की ओर से क्रिप्टो करेंसी में 200 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी.

हालांकि दिल्ली पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी में फिरौती की मांग वाली बात को ख़ारिज कर दिया है. इस मामले में अभी भी जांच चल रही है. लेकिन अगर यह बात सच है तो हैकर्स फिरौती की रकम क्रिप्टोकरेंसी में ही क्यों वसूल करते हैं? हैकर्स इसे क्यों पसंद करते हैं हम यही बताने जा रहे हैं.

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टो करेंसी एक मुद्रा होती है जो पूरी तरह कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है. इसके सारे ट्रांजेक्शन भी कंप्यूटर से ही होते हैं, यानी इसमें कोई फिजिकल करेंसी नहीं होती है. क्रिप्टो करेंसी या वर्चुअल करेंसी को डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है. इसे इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी की सहायता से जेनरेट किया जाता है और उसके बाद रेगुलेट भी किया जाता है.

हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी क्यों यूज़ करते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी शुरुआत से ही हैकर्स या साइबर क्रिमिनल्स का बड़ा हथियार बनी हुई है. क्रिप्टोकरेंसी यूज़ करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे यूज़ करने वाले की पहचान उजागर नहीं की जा सकती है यानी वो पूरी तरह से गुमनाम रहता है. क्योंकि ये एक डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी की तरह काम करता है और इसमें बैंक जैसी कोई संस्था नहीं होती है. वहीं इसका दूसरा फायदा ये है कि बिटकॉइन और इसकी जैसी दूसरी करेंसी को वर्चुअल वॉलेट्स में रखा जा सकता है. इनकी पहचान सिर्फ नंबर से ही होती है.

क्रिप्टो करेंसी पर किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिसे किसी भी देश की सरकार लागू नहीं करती है. इस मुद्रा पर किसी देश, राज्य या किसी अथॉरिटी का नियंत्रण नहीं होता है यानी यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जो डिजिटल रूप में होती है इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. इस तरह की करेंसी को अभी तक दुनिया के किसी भी केंद्रीय बैंक की ओर से मान्यता नहीं मिली हुई है ना ही यह किसी केंद्रीय बैंक की ओर से रेगुलेट होती है. इस तरह की करेंसी पर किसी भी देश की मुहर भी नहीं लगी होती है. ऐसे में फिरौती मांगने वाला अपनी पहचान आसानी से छुपा जाता है.

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