बेस्ट स्टॉक मार्केट बुक्स (बिगिनर्स के लिए)
परंतु जब बात स्टॉक मार्केट इन्वेस्टिंग की आती है तो लोग शेयर मार्केट के बेसिक्स और स्टॉक मार्केट से पैसे कैसे कमाए की सही जानकारी प्राप्त किए और सही समय दिए ही स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने के लिए कूद पड़ते हैं। बाद में उनको नुकसान होता हैं और वे स्टॉक मार्केट को जुंवा समझने लगते हैं।
दोस्तों, मैं नहीं चाहता की आपके साथ भी ऐसा कुछ हो और आप शेयर मार्केट में निवेश के द्वारा अच्छा पैसा कमाने से चूक जाएं। इसलिए मैं इस आर्टिकल में आपके लिए लेके आया हूँ Best Share Market Books in Hindi जो आपकी स्टॉक मार्केट से पैसा कमाने में बहुत अधिक मदद करने वाली हैं।
यह 100% सत्य है कि किसी भी चीज को तैयारी के साथ किया जाए तो उसका रिजल्ट आपकी आशा के अनुरूप मिलता है। इसलिए आपको स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले स्टॉक मार्केट की सही जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए जो कि शायद आपको Stock मार्किट का गणित क्या होता है? Share Market Books in Hindi के अलावा कहीं ओर से मिल पाएगी।
इस आर्टिकल में हम Best Stock Market Books in Hindi के बारे में बात करेंगे जिन्हें मैंने स्वयं भी पढ़ा है और आपको भी पढ़ने की सलाह देता हूं।
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Stock Investment: अच्छा निवेशक बनने के लिए जरूरी है पोर्टफोलियो की समझ, जानिए क्या Stock मार्किट का गणित क्या होता है? है इसका गणित
आपका वित्तीय सलाहकार उस डाक्टर की तरह होता है जो कई टेस्ट और स्कैन करता है Stock मार्किट का गणित क्या होता है? और ऐसी कई बीमारियां ढूंढ-ढूंढ के निकाल देता है जिन्हें अच्छे-खासे इलाज की जरूरत होती है। आपको ऐसा वित्तीय सलाहकार नहीं मिलेगा जो आपसे कहे कि आपके निवेश के साथ सबकुछ ठीक है।
धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। ये हर किसी का अनुभव रहा है। आप एक डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह डाइग्नोस करता है और कुछ जीवन-शैली पर आधारित सलाह देता है, जैसे- कसरत करना, खान-पान में सुधार करना, वगैरह। ये Stock मार्किट का गणित क्या होता है? सुनकर अक्सर मरीज निराश हो जाते हैं। अब बात करते हैं एक दूसरे तरह के डाक्टर की जो, चार टेस्ट और एक स्कैन कराने के लिए कहता है, और ऊपर से कई महंगी दवाएं भी दे देता है।
असल दुनिया में जब मरीज को लगता है कि उसके साथ कुछ गड़बड़ है और कोई उसपर ध्यान नहीं दे रहा, तो स्वाभाविक होता है कि दूसरी तरह का डाक्टर ज्यादा पसंद किया जाता है। ये मानव स्वभाव है। हम अपनी सभी मुश्किलों के प्रति गंभीर होना चाहते हैं।
मार्केट का दबाव
जब हमें लगता है कि हमारी परेशानियों को लेकर 'कुछ किया जा रहा है', तो हम महसूस करते हैं कि हमारा ख्याल रखा जा रहा है। बहुत से लोग तो जब पहले वाले डाक्टर के अनुभव से गुजरते हैं, तो वो उसे फीस देना भी पसंद नहीं करते, क्योंकि डाक्टर ने तो कुछ किया ही नहीं! नतीजा ये होता है कि मार्केट का दबाव, दोनों डाक्टरों को, दूसरी तरह का डाक्टर बनने की तरफ धकेलता है। क्योंकि डाक्टरी के पहले वाले माडल में न तो ज्यादा आर्थिक सफलता है और न ही ग्रोथ। इसके बावजूद कि पहले वाला डाक्टर ही आपको असली हेल्थकेयर सर्विस देता है।
सुधारा जा सकता है पोर्टफोलियो
मेडिकल स्थिति और सलाह की यह पूरी गतिविधि पर्सनल फाइनेंस पर पूरी तरह से फिट बैठती है। मैंने खुद कई बार दोस्तों और परिवार के साथ निजी तौर पर इसका सामना किया है। जब भी कोई जानने वाला मुझे किसी निवेश सलाह के लिए आग्रह करता है तो मैं उनकी निवेश जरूरतों को देखता हूं। उस व्यक्ति की आर्थिक जरूरतों को सुनता हूं, और फिर उन्हें बताता हूं कि सबकुछ ठीक है। आप जो कर रहे Stock मार्किट का गणित क्या होता है? हैं, उसे करते रहिए। कुछ नया करने की जरूरत नहीं है।
इसके बाद अक्सर, मैं उनके चेहरे पर निराशा के भाव देखता हूं। उन्हें लगता है कि मैं उन्हें सुन ही नहीं रहा था और मैंने उनकी जरूरत को गहराई से समझने की कोई कोशिश ही नहीं की है।उन्हें इस बात का यकीन होता है कि उनका पोर्टफोलियो सुधारा जा सकता है। मगर मुझे ही इस बात की फिक्र नहीं है।
ज्यादा पैसे चाहिए तो बचत कीजिए
कई बार तो इससे भी खराब स्थिति होती है। मैं देख सकता हूं कि वो अपने वित्तीय Stock मार्किट का गणित क्या होता है? लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे, मगर उनके चुने निवेशों में कुछ भी गलत नहीं होता। सिवाए इसके कि Stock मार्किट का गणित क्या होता है? उन्हें और ज्यादा निवेश करने की जरूरत होती है। लोगों को ज्यादा बचत और निवेश करना चाहिए। ये सलाह उन्हें नाराज कर देती है। उन्हें लगता है कि मुझे कोई परवाह ही नहीं है। पर बात सीधी है, अगर आपको ज्यादा पैसे चाहिए तो ज्यादा बचत कीजिए। इस मुश्किल से हर नेकनीयत वित्तीय सलाहकार सामना करता है।
असल में तो इसी मुश्किल का सामना एप्स और वेबसाइट के इन्वेस्टमेंट टूल्स भी करते हैं। इसका नतीजा होता है कि दूसरी तरह का डाक्टर फोकस में आ जाता है। और आपका वित्तीय सलाहकार उस डाक्टर की तरह होता है, जो कई टेस्ट और स्कैन करता है और ऐसी कई बीमारियां ढूंढ-ढूंढ के निकाल देता है जिन्हें अच्छे-खासे इलाज की जरूरत होती है। मिसाल के तौर पर, आपको बैंक या किसी बड़ी कंपनी का ऐसा वित्तीय सलाहकार कभी नहीं मिलेगा जो आपसे कहे कि आपके निवेश के साथ सबकुछ ठीक है, या बहुत थोड़े से सुधार की जरूरत है। क्योंकि इसमें कोई पैसा नहीं है।
निवेशक के लिए इंतजार करना जरूरी
हालांकि, हमें समझना चाहिए कि ये हमारे अपने स्वभाव में है कि कोई जितना ज्यादा काम करेगा, हमें लगेगा कि निवेश के लिए उतना ही ज्यादा अच्छा है। लगातार कुछ किए जाने का पूरा आइडिया असल में काफी भ्रम में डालने वाला है। जब मैं असल एक्टिविटी के बारे में सोचता हूं जिसे करते हुए निवेशक का ज्यादातर समय गुजरना चाहिए, तो वो है, कुछ नहीं। बशर्ते उन्होंने अपना पोर्टफोलियो अच्छी तरह से तैयार किया हो। ज्यादातर लोगों के लिए पूरे जीवन के निवेश के लिए उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। निवेश का ज्यादातर काम इंतजार करने का है।
(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन Stock मार्किट का गणित क्या होता है? डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)
शेयर मार्केट क्या है सीखें और पैसे कमाए – What Is Share Market In Hindi
Share Market In Hindi: बिना निवेश किए पैसे कमाना थोड़ा मुश्किल है पर शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाना आसान है.
आज हर कोई व्यक्ति एक खुशहाल जीवन जीने के लिए बहुत पैसे कमाना चाहता है जिसके लिए वह नौकरी में कड़ी मेहनत भी करता है, लेकिन नौकरी में कड़ी मेहनत करने के बाद भी वह एक खुशहाल जीवन जीने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं कमा पाता है.
लेकिन शेयर बाजार पैसों का एक ऐसा कुआ है जो सारे देश की प्यास बुझा सकता है. जिन लोगों को शेयर बाजार की अच्छी समझ होती है वह शेयर बाजार से करोड़ों रूपये की कमाई करते हैं.
अगर आप भी जानना चाहते हैं कि Share Market क्या है, शेयर मार्केट Stock मार्किट का गणित क्या होता है? कैसे सीखें, शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगायें और शेयर मार्केट से पैसा कैसे कमाए तो इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. इस लेख में हमने आपको इन सब के अतिरिक्त शेयर मार्केट का गणित और शेयर मार्केट से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के बारे में बताया है जिससे कि आपको शेयर बाजार के बारे में अच्छी समझ मिले.
तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं शेयर बाजार क्या होता है हिंदी में.
दुनिया में इस वजह से है टॉप पर Nifty, Zerodha के फाउंडर ने समझाया पूरा गणित
Indian Stock Market: दुनिया के बड़े-बड़े बाजारों जैसे एसएंडपी 500 और निक्की की तुलना में भारतीय शेयर बाजार ज्यादा एक्सपेंसिव है. शेयर ब्रोकिंग सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ ने दो इंडिकेटर्स के जरिए इसका पूरा गणित समझाया है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 25 जून 2022,
- (अपडेटेड 25 जून 2022, 7:17 PM IST)
- Nifty-50 का इंडेक्स पीई रेशियो 19.9
- शेयर मार्केट का बफेट इंडिकेटर 94%
भले ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 (Nifty 50) इंडेक्स अपने अभी अपने रिकॉर्ड हाई से 16 फीसदी नीचे आ गया है, लेकिन इसके बाद भी भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) दुनिया के अन्य स्टॉक मार्केटों की तुलना में सबसे ज्यादा एक्सपेंसिव है. यह हम नहीं कह रहे, बल्कि जेरोधा (Zerodha) और ट्रू-बीकन (True Beacon) के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) ने इसका पूरा गणित समझाया है. कामथ के मुताबिक अमेरिका और जापान के बाजार भी भारत से सस्ते हैं.
इंडेक्स पीई अनुपात आधिक
निखिल कामथ का दो इंडिकेटर्स के आधार पर कहना है कि भारतीय शेयर बाजार दुनिया के अन्य देशों के बाजारों से एक्सपेंसिव है. पहला उन्होंने बताया कि निफ्टी-50 का इंडेक्स पीई रेशियो (Index PE Ratio), एसएंडपी 500 (S&P) और निक्की 225 (Nikkei) से भी ज्यादा है, जो कि इसे सबसे महंगा बाजार बनाता है. रिपोर्ट Stock मार्किट का गणित क्या होता है? के मुताबिक हाई पीई इंडेक्स रेशियो ज्यादा होने का मतलब होता है कि बाजार की जो टोटल वैल्यू है उसके अनुपात में उतना रिटर्न नहीं है. ऐसे में निफ्टी दुनिया के सबसे महंगे शेयर बाजारों में से एक है.
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पीई रेशियो (प्राइस अर्निंग रेशियो) की गणना इंडेक्स मार्केट कैप (Market Cap) को ग्रॉस इनकम से डिवाइड करके निकाली जाती है. आसान भाषा में समझें तो इसका मतलब निफ्टी पर लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू और उनसे हासिल होने वाले रिटर्न का अनुपात है. निफ्टी का इंडेक्स पीई अनुपात अभी 19.9 है, जबकि एसएंडपी और निक्की का क्रमशः 18.95 और 18.79 है. इसके अलावा ब्रिटेन, जापान, शंघाई, ब्राजील और जर्मनी जैसे अन्य बाजारों के प्रमुख इंडेक्स भारत की तुलना में और भी ज्यादा सस्ते हैं.
बफे इंडिकेटर के हिसाब से यहां
दूसरा संकेतक बफे इंडिकेटर (Buffett Indicator) है. इसका जिक्र करते हुए कामथ ने कहा कि इसके आधार पर भी भारतीय शेयर बाजार सबसे महंगे बाजारों में से एक है. इस इंडिकेटर को दिग्गज निवेशक वॉरेन बफे ने शुरू किया था, इस इंडिकेटर में देश की जीडीपी से इंडेक्स मार्केट कैप को डिवाइड करके गणना की जाती है. पीई रेशियो की तरह ही हाई बफे इंडिकेटर भी महंगे बाजार की ओर Stock मार्किट का गणित क्या होता है? संकेत करता है.
कामथ के शेयर किए आंकड़ों पर नजर डालें तो अमेरिका का बफे इंडिकेटर 138.9 फीसदी, जबकि जापान का 113 फीसदी है. इसके बाद 94 फीसदी के साथ भारत को नंबर आता है, जो कि ब्रिटेन (89 फीसदी), ब्राजील (53 फीसदी), चीन (58.7 फीसदी) और जर्मनी (47.4 फीसदी) से कहीं ज्यादा है. गौरतलब है कि जेरोधा भारत में म्युचुअल फंड और बॉन्ड समेत अन्य वित्तीय सेवाएं देती है.
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