किसीको भी शेयर बाजार (Stock Market) में एक निवेशक या व्यापारी के रूप में, हितधारकों की पूरी समझ होनी चाहिए। मार्किट में प्रमुख संस्थाएं निवेशक / व्यापारी, स्टॉक ब्रोकर, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और एक्सचेंज होते हैं। एक ब्रोकर आपके और एक्सचेंज के बीच मध्यस्थ का काम करता है। जनता को शेयर जारी करके पैसा जुटाने वाली कंपनियां एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हो जाती हैं। इन कंपनियाोंके तरफ से आईपीओ के माध्यम से, प्राथमिक बाजार में निवेशकों को शेयर जारी किए जाते हैं और जैसे ही आईपीओ खत्म हो जाता है, तो वो कंपनी एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो जाती है जो शेयरों में व्यापार करने का अवसर देती है।
Nifty in Hindi: निफ्टी क्या है? – इसकी गणना कैसे होती है
निफ्टी क्या है?- इसकी गणना कैसे होती है? यदि आप इस सवाल का जवाब खोजते हुए, यहाँ आये है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस article में हम सबने Nifty50 और National Stock Exchange से संबंधित सभी जानकारियों को समाहित किया है।
What is Nifty in Hindi?
निफ्टी क्या है?
NSE का full form National Stock Exchange of India है। निफ्टी में 50 कंपनियां शामिल होती है। इसकी शुरुआत नवंबर 1994 को हुयी थी। Nifty शब्द- National और Fifty से मिलकर बना है। यहाँ Fifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में शामिल 50 कंपनियों के लिए है।
निफ्टी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है
निफ्टी(Nifty) के बारें में जानने के पहले आपको शेयर बाजार क्या है तथा इसमें निवेश कैसे करते है, इस बात की जानकारी होनी चाहिए।
संक्षेप में :
Stock Market(शेयर बाजार) :- शेयर बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री होती है।
Equity(शेयर) :- शेयर का अर्थ होता है हिस्सा, किसी कंपनी में लगने वाले पूंजी(capital) का हिस्सा।
भारत बीएसई और एनएसई क्या हैं? में दो सूचकांक है
निफ्टी की जानकारी?
Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध 50 प्रमुख कंपनियों के शेयरों का सूचकांक है। यह National Stock Exchange में शामिल कंपनियों को Index करता है।
निफ्टी की गणना कैसे होती है?
How Nifty is calculated in Hindi
निफ्टी की गणना(Calculation of Nifty) सेंसेक्स के तरह ही Free-float Market Capitalisation के आधार पर की जाती है। Nifty की गणना करते वक्त सेंसेक्स की गणना में उपयोग किये जानेवाले पद्धति का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कुछ टर्म निफ्टी में बदल जाते है।
जो इस प्रकार है –
- Nifty की गणना करते वक्त आधार वर्ष(base year) 1995 और आधार वैल्यू(base value) 1000 का उपयोग किया जाता है।
- Nifty की गणना में देश के 12 अलग-अलग सेक्टर की 50 सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनियों को चुना जाता है।
Market capitalisation तथा Free-float Market capitalisation क्या है
इन दोनों बातों को जानना आपके लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे संबंधित बातों को हमने पिछले आर्टिकल सेंसेक्स क्या है – आसानी से समझे में काफी अच्छे से बताया है, आप वहां इसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते है।
कंपनियों को एक्सचेंजों में सूचीबद्ध क्यों किया जाता है?
Why do companies get listed on exchanges?
पारदर्शिता और स्वचालित व्यापार: (Transparency and automated trading)
ट्रेडिंग के संदर्भ में उच्च अंत प्रौद्योगिकी निवेशकों के लिए एक सहज अनुभव प्रदान करती है। एक्सचेंजों पर व्यापार की उच्च मात्रा का परिणाम निवेशक के लिए कम प्रभाव लागत होता है। स्वचालन से व्यवहार में पारदर्शिता आती है जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ता है।
विशाल पहुंच: (Huge Reach)
ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को देश के किसी भी हिस्से से एक्सेस किया जा सकता है। एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी को अधिक दृश्यता मिलती है और जनता को निवेश के उद्देश्य से इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का समान अवसर मिलता है।
उच्च लेनदेन की गति: (High transaction speed)
ऑनलाइन ट्रेडिंग सिस्टम के आविष्कार से पहले व्यापार निष्पादन में भारी देरी होती थी और यह उच्च गति ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के साथ पूरी तरह से दूर किया गया है। उच्च गति के कारण लेन-देन की क्षमता कई गुना बढ़ गई है, जिसमें वे सही समय पर होते हैं।
एक्सचेंजों की भूमिका: (Role of exchanges:)
बाजार जहां प्रतिभूतियों का कारोबार होता है: (Market where securities are traded)
कोई भी निवेशक अपनी जरूरत के आधार पर सिक्योरिटीज खरीद या बेच सकता है। किसीको भी शेयरों में व्यापार करने के लिए के लिए कोई विशेष समयावधि नहीं है। बाजार में तरलता अधिक है जो जमीन या सोने जैसे निवेश के रास्ते के मामले में नहीं है।
स्टॉक की कीमतों के मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार: (Responsible for evaluation of stock prices)
मांग और आपूर्ति के आधार पर, स्टॉक की कीमत या तो बढ़ जाती है या घट जाती है। यदि कंपनी अच्छी प्रगति करती है, तो उसके शेयरों की मांग में वृद्धि होती है और बदले में इसकी कीमत बढ़ जाती है। जबकि अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो इसके शेयरों की मांग कम हो जाती है और बदले में इसकी कीमत भी घट जाती है। स्टॉक की कीमत का मूल्यांकन एक्सचेंज में होता है।
एनएसी और बीएसी क्या होते है? (What is Nse and Bse?)
एनएसी क्या होती है? (What is meaning of NSE?)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की स्थापना 1992 में हुई थी और यह मुंबई में है। इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को सबसे पहले NSE द्वारा पेश किया गया था।
निफ्टी ५० (Nifty 50) : निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ५० का संक्षिप्त नाम है। यह एनएसई का बेंचमार्क इंडेक्स है, जिसमें ५० कम्पनिया हैं।
आइए अब हम BSE अर्थ और इसके बेंचमार्क इंडेक्स की ओर बढ़ते हैं।
बीएसी क्या होती है? (What is meaning of BSE?)
बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) की स्थापना १८७५ में हुई थी और यह एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
सेंसेक्स (Sensex) बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स है और यह संवेदनशील और इंडेक्स शब्दों से लिया गया है। सेंसेक्स में ३० कम्पनिया शामिल हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी भारतीय शेयर बाजार का चेहरा हैं क्योंकि ये विभिन्न राजनीतिक और आर्थिक कारकों के आधार पर ऊपर या नीचे जाते हैं।
बीएसई या एनएसई पर व्यापार क्यों करना चाहिए? (Why to trade on BSE or NSE?)
यद्यपि बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या एनएसई की तुलना में बहुत अधिक है, जब ट्रेडिंग वॉल्यूम की बात आती है, तो एनएसई जीतता है। चूंकि एनएसई पर भारी मात्रा में कारोबार होता है, कीमत की खोज बहुत आसान हो जाती है। एनएसई और बीएसई में शेयरों की कीमत भिन्न होती है; इसलिए, इससे पहले कि आप स्टॉक खरीदना चाहें, दोनों एक्सचेंजों पर कीमत की तुलना करें और उसके अनुसार निर्णय लें। आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कुछ शेयर केवल बीएसई पर कारोबार करते हैं।
सेबी, मार्केट वॉच ने हाल ही में इंटरऑपरेबिलिटी की अवधारणा पेश की है। इस अवधारणा को समझने के लिए, आपको पहले यह पता होना चाहिए कि क्लियरिंग कॉर्पोरेशन क्या है। यह संगठन लेनदेन के साथ-साथ निपटान का भी ध्यान रखता है। अब तक, एनएसई पर निष्पादित व्यापार को केवल एनएसई क्लियरिंग के माध्यम से निपटाया जा सकता था , बीएसई पर व्यापार केवल आईसीसीएल के माध्यम से निपटाया जा सकता था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है? इतिहास, उद्देश्य और कार्य
दोस्तों, क्या आप जानते है शेयर मार्किट में एनएसई (NSE) क्या है? इसकी आवश्यकता क्यों पड़ा? इसके क्या फायदे है? यह कैसे काम करता है? आईये आज हम इसके विस्तार से जानते है। एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता लाना है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)
एनएसई (NSE) का पूरा नाम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड है यह भारत का सबसे बड़ा वित्तीय बाजार है और दुनिया के टॉप 10 शेयर बाजार में से एक है। इसकी स्थापना 1992 में हुआ था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार में सरल और पारदर्शी बनाना है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग शेयर बाजार में निवेश कर सके। सन 1994 में एनएसई (NSE) ने पहली बार भारतीय शेयर बाजार में इलेट्रॉनिक ट्रेडिंग की शुरुवात किया।
1992 के प्रसिद्ध घोटाले के बाद, जिसमें एक प्रसिद्ध निवेशक ने भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर किया गया था। तब वित्त मंत्रालय ने भारत सरकार तहत, निवेशकों तक शेयर बाजार को आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से एनएसई की स्थापना बीएसई और एनएसई क्या हैं? का निर्णय लिया गया था। इसकी संस्था की स्थापना की सिफारिस M.J. शेरवानी समिति ने भी किया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से एक विकसित स्टॉक एक्सचेंज है। इसकी स्थापना सन 1992 में 25 करोड़ पूँजी के साथ मुंबई में किया गया। एनएसई का प्रमुख सूचकांक, निफ्टी 50 है, इसके अंतर्गत 50 कम्पनियाँ रजिस्टर्ड है। सूचकांक में सम्मिलित कंपनियों का समय-समय का आकलन किया जाता है और पुरानी कंपनियों के स्थान पर वे नयी सर्वोत्तम कम्पनीयों को शामिल किया जाता है | इसका उपयोग निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर भारत और दुनिया भर में भारतीय पूंजी बाजार के बैरोमीटर के रूप में किया जाता है। एनएसई (NSE) द्वारा 1996 में NIFTY 50 इंडेक्स आरम्भ किया गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का उद्देश्य
एनएसई (NSE) के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है।
- सभी निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने तथा शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा बीएसई और एनएसई क्या हैं? प्रदान करना |
- सभी निवेशक सामान रूप से प्रतिभूति को खरीद और बेच सके।
- शेयर बाजार को निष्पक्ष, पारदर्शी और दक्ष बनाना।
- ख़रीदे और बेचे गए शेयर को अल्प समय में हस्तानांतरित करना।
- प्रतिभूति बाजार को अंतरास्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप स्थापित करना।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कार्य
दोस्तों ,अब हम नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के कार्य प्रणाली के बारें में विस्तार से जानेंगे।
अगर कोई निवेशक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले उसको मार्किट आर्डर के द्वारा आर्डर देना होता है , और कंप्यूटर ट्रेडिंग जो एक स्वचालित प्रक्रिया है के माध्यम से आपके आर्डर का मिलान किया जाता बीएसई और एनएसई क्या हैं? है। जब कोई निवेशक मार्किट आर्डर देता है तो उसे एक नंबर दिया जाता है जिसको यूनिट नंबर कहा है। कंप्यूटर ट्रेडिंग में खरीदने और बेचने व्यक्ति का नाम गुप्त रखा जाता है। खरीदने वाले व्यक्ति को बेचने वाले व्यक्ति को कोई जानकारी नहीं रहता है और बेचने वाले व्यक्ति को खरीदने वाले व्यक्ति की कोई जानकारी नहीं रहता है।
जब आपका आर्डर को कोई मिलान नहीं मिलता है तो आर्डर के क्रम को मिलाने के लिए आर्डर सूची से जोड़ा जाता है, और यह प्राइस टाइम (Price time) के प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है। सर्वोत्तम मूल्य के आर्डर को पहले प्राथमिकता दिया जाता है और एकसमान मूल्य वाले आर्डर को पहले आर्डर के आधार पर प्राथमिकता दिया जाता है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) भारत में अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है और दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्ल्यूएफई) की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जून 2018 तक इक्विटी शेयरों में ट्रेडों की संख्या।
एनएसई ने 1994 में इलेक्ट्रॉनिक स्क्रीन-आधारित ट्रेडिंग, डेरिवेटिव ट्रेडिंग (इंडेक्स फ्यूचर्स के रूप में) और 2000 में इंटरनेट ट्रेडिंग शुरू की, जो भारत में अपनी तरह की पहली थीं।
एनएसई के पास एक पूरी तरह से एकीकृत व्यापार मॉडल है जिसमें हमारी एक्सचेंज लिस्टिंग, ट्रेडिंग सेवाएं, समाशोधन और निपटान सेवाएं, सूचकांक शामिल हैं।मंडी डेटा फीड, प्रौद्योगिकी समाधान और वित्तीय शिक्षा की पेशकश। एनएसई एक्सचेंज के नियमों और विनियमों के साथ व्यापार और समाशोधन सदस्यों और सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अनुपालन की भी देखरेख करता है।
What is NSE & BSE?| NSE & BSE Difference (एनएसई और बीएसई क्या हैं?)
नमस्कार दोस्तो, यदि आप शेयर बाज़ार में निवेश करते हैं, तो NSE & BSE से बहुत अच्छे से परिचित होंगे, क्योकि पूरा शेयर बाज़ार इन्ही दोनों में टिका हुआ हैं। लोग एनएसई और बीएसई के बारे में सुनते भर हैं लेकिन बहुत कम ही लोगो को पता होता हैं कि आखिरकार ये NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) क्या हैं?, और इन दोनों के बीच में क्या अंतर हैं?
यदि आपको भी एनएसई और बीएसई के बारे में नहीं पता हैं, तो आज के इस लेख को पूरा पढ़ लेने के बाद आप एनएसई और बीएसई के बारे में अच्छी तरह से जान जाएंगे।
What is NSE (National Stock Exchange) in Hindi? (एनएसई क्या हैं?)
सबसे पहले नीचे हम आपको एनएसई के बारे में जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं-
NSE Full-Form | National Stock Exchange |
Founded & Location | 1992 (Mumbai) |
Chairman | Girish Chandra Chaturvedi |
CEO | Chitra Ramkrishna |
Market Capitalization | 800.1 Trillion+ |
Index | Nifty Fifty |
हम आपको बता दे कि NSE Full Form – “National Stock Exchange”– आपको पता होना चाहिए एनएसई भारत का पहला और वर्ल्ड कैश मार्केट में दूसरा सबसे बड़ा स्टॉक एक्स्चेंज हैं, जिसकी स्थापना सन 1992 (मुंबई) में भारत सरकार और SEBI के सहयोग से हुई थी।
एनएसई स्टॉक मार्केट में सबसे भरोसेमंद स्टॉक एक्स्चेंज होने के कारण वर्तमान में इसमे 1900+ कंपनिया लिस्टेड हैं, और सबसे ज्यादा अधिक ट्रेड वॉल्यूम रहता हैं।
What is BSE (Bombay Stock Exchange) in Hindi? (बीएसई क्या हैं?)
सबसे पहले नीचे हम आपको बीएसई के बारे में जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं-
BSE Full Form | Bombay Stock Exchange |
Founded & Location | 1875 (Mumbai) |
Chairman | T.C. Sushil Kumar |
CEO | Mr. Ashishkumar Chauhan |
Market Capitalization | 800.19 Trillion+ |
Index | Sensex |
सबसे पहले हम आपको बता दे कि BSE Full Form – “Bombay Stock Exchange” – आपको पता होना चाहिए कि यह भारत और एशिया का सबसे पहला स्टॉक एक्स्चेंज हैं। जिसकी स्थापना Premchand Roychand के द्वारा सन 1875 में हुई थी। आगे चल कर 1957 में इसे सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स रेगुलेशन एक्ट के अंतर्गत मान्यता दे दी गईं।
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