प्रौद्योगिकी / मानविकी / अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वीजा
तकनीकी / मानवतावादी ज्ञान / अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वीजा प्राप्त करने के लिए शर्तें
आवश्यक शैक्षिक पृष्ठभूमि या कार्य अनुभव
मूल रूप से, आपको निम्नलिखित में से किसी एक के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान होना चाहिए:
- एक विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की हो या आप जिस कार्य में संलग्न होने जा रहे हों, उसके लिए आवश्यक तकनीक या ज्ञान से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता कोर्स किया हो या इससे अधिक या उससे अधिक की शिक्षा प्राप्त की हो।
- काम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता आवश्यक तकनीक या ज्ञान से संबंधित विषय में पढ़ाई करके एक जापानी तकनीकी कॉलेज के विशेष पाठ्यक्रम को पूरा किया।
- कम से कम 10 साल का कार्य अनुभव।
इसके अलावा, एक व्यवसाय के मामले में जिसे विदेशी संस्कृतियों के लिए सोच और संवेदनशीलता की आवश्यकता होती है, निम्न में से किसी के अनुरूप होना आवश्यक है।
- अनुवाद, व्याख्या, भाषा निर्देश, जनसंपर्क, जनसंपर्क या विदेशी व्यवसाय, कपड़े या आंतरिक सजावट से संबंधित डिजाइन, उत्पाद विकास और इसी तरह की सेवाओं में संलग्न हैं।
- प्रदर्शन करने के लिए काम से संबंधित कम से कम 3 साल का कार्यानुभव हो। हालांकि, यह लागू नहीं होता है यदि कोई व्यक्ति जो विश्वविद्यालय से स्नातक है, अनुवाद, व्याख्या या भाषा निर्देश से संबंधित काम में लगा हुआ है।
इनाम की राशि
जब जापानी लगे होते हैं तो मुआवजे की राशि के बराबर या उससे अधिक होनी चाहिए।
रूकने की अवधि
5 साल, 3 साल, 1 साल, 3 महीने
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जापानी पति या पत्नी वीजा(अंतर्राष्ट्रीय विवाह)
मैं जापान में एक कंपनी की स्थापना और प्रबंधन करना चाहता हूं
मैं अपने निवास की वर्तमान स्थिति को निवास की दूसरी स्थिति में बदलना चाहता हूं
निवास की स्थिति का नवीनीकरण
मैं जापान में रहने के लिए विदेश में एक परिवार को बुलाना चाहता हूं
मैं जापानी राष्ट्रीयता प्राप्त करना चाहता हूं (प्राकृतिककरण के लिए आवेदन)
मैं जापान में स्थायी रूप से रहना चाहता हूं (स्थायी निवास परमिट के लिए आवेदन)
मैं विदेश से एक विदेशी रसोइया को बुलाना चाहता हूं और उसे नौकरी देना चाहता हूं
मैं अवैध रूप से रहा लेकिन जापान में रहना चाहता हूं
मैं जापान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता में सीखना चाहता हूं
कार्यालय का अवलोकन
विरासत प्रशासनिक स्क्रिपर ऑफिस
〒530-0027
1-5 डॉयमाचो, किटा वार्ड, ओसाका सिटी, ओसाका प्रान्त
सांक्यो उमेदा बिल्डिंग 6 एफ सेंटर ऑफिस नंबर 15
कॉपीराइट © 2018 वीज़ा और प्राकृतिककरण सहायता केंद्र सभी अधिकार सुरक्षित।
खाद्य एवं कृषि व्यवसाय प्रबंधन
प्रारंभ से ही, आईआईएमएल का दृष्टिकोण युवा ऊर्जावान प्रबंधकों एवं उद्यमियों को विकसित करना था, जो कॉरपोरेट तथा गैर-कॉर्पोरेट क्षेत्र जैसे कृषि दोनों के प्रदर्शन में सुधार में सक्षम हों। इस वचनबद्धता को विशेष रूप से पूरा करने के उद्देश्य से संस्थान ने वर्ष 1998 में खाद्य एवं कृषि व्यवसाय प्रबंधन (सीएफएएम) की स्थापना की। सीएफएएम कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट केन्द्र के रूप में वैश्विक स्तर पर उभरा है। यह केंद्र कृषि के साथ व्यापार को एकीकरण के माध्यम से कृषि एवं अन्य ग्रामीण संसाधनों के पेशेवर प्रबंधन में तेजी लाने का प्रयास करता है।
खाद्य एवं कृषि व्यवसाय प्रबंधन केंद्र का मुख्य उद्देश्य है:
- युवा व ऊर्जावान स्नातकों और उद्यमियों को तैयार करके खाद्य तथा कृषि व्यवसाय क्षेत्र के कुशल प्रबंधन के लिए ज्ञान सृजन करना;
- राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक संस्थानों के साथ-साथ संगठनों तथा एजेंसियों के बीच प्रभावी संबंधों के माध्यम से फील्ड आधारित शोध द्वारा समर्थित उच्च स्तरीय व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना; तथा
- कृषि एवं ग्रामीण प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों को परामर्श की पेशकश करना।
सीएफएएम की प्रमुख गतिविधियां
शिक्षण
कृषि व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी-एबीएम) दो वर्षीय पूर्णकालिक आवासीय कार्यक्रम है। खाद्य एवं कृषि व्यवसाय पर केन्द्रित इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2004-05 में की गई थी। सशक्त अंतरराष्ट्रीय उन्मुखता वाला यह कार्यक्रम कृषि एवं संबंधित क्षेत्र से जुड़े विश्वविद्यालय तथा कॉलेज के स्नातकों के लिए खुला है।
हमारे पीजीपी-एबीएम में निम्नलिखित नवोन्मेषी विशेषताएं हैं:
- गैर-कृषि शिक्षा पृष्ठभूमि वाले छात्रों के लिए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र पर एक फाउंडेशन कोर्स।
- प्रथम वर्ष में कृषि के साथ प्रबंधन के कार्यात्मक क्षेत्रों पर विभिन्न महत्वपूर्ण फाउन्डेशन कोर्स तथा द्वितीय वर्ष में ग्रामीण संदर्भ आधारित महत्वपूर्ण कोर्स।
- कार्य विधि सिखने व व्यक्तिगत अनुभव के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रीय दौरा।
- अंतरराष्ट्रीय विनिमय कार्यक्रम एवं उद्योग साझेदारी के माध्यम से वैश्विक मानदंड मापन।
कृषि व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी-एबीएम)
कृषि व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी-एबीएम) एक पूर्णकालिक दो वर्षीय आवासीय प्रबंधन शिक्षा कार्यक्रम है। यह खाद्य एवं कृषि व्यवसाय क्षेत्र पर केंद्रित है। एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय अभिविन्यास वाला कार्यक्रम, विश्वविद्यालय और कॉलेज के स्नातकों के लिए कृषि और कृषि क्षेत्र से संबंध रखने के लिए खुला है। सशक्त अंतरराष्ट्रीय उन्मुखता वाला यह कार्यक्रम कृषि एवं संबंधित क्षेत्र से जुड़े विश्वविद्यालय तथा कॉलेज के स्नातकों के लिए खुला है।
नवोन्मेषी विशेषताएं
- गैर-कृषि शिक्षा पृष्ठभूमि वाले छात्रों के लिए चार सप्ताह का गहन प्राथमिक कार्यक्रम।
- प्रथम वर्ष में कृषि के साथ प्रबंधन के कार्यात्मक क्षेत्रों पर विभिन्न महत्वपूर्ण फाउन्डेशन कोर्स तथा द्वितीय वर्ष में ग्रामीण संदर्भ आधारित महत्वपूर्ण कोर्स।
- कार्य विधि सिखने व व्यक्तिगत अनुभव के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रीय दौरा।
- वैश्विक मानदंड एवं उद्योग साझेदारी
अनुसंधान
सीएफएएम कृषि व्यवसाय एवं खाद्य उद्योग के घरेलू तथा वैश्विक प्रबंधन को सार्थक रूप से प्रभावित करने के लिए मौलिक व नवोन्मेषी शोध परियोजनाएं संचालित करता है। केंद्र ने कृषि व्यवसाय तथा खाद्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं। इस केन्द्र ने विभिन्न शोध परियोजनाएं में साझेदीरी की है।
प्रशिक्षण
यह केंद्र भारत से लेकर विदेशों तक के व्यापार व नीति निर्माताओं को आवश्यक दृष्टिकोण तथा कौशल प्रदान करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के लिए लघु अवधि के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला आयोजित करता है। कृषि व्यवसाय तथा ग्रामीण विकास पर एशियाई और अफ्रीकी देशों के प्रतिभागियों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
परामर्श
परामर्श केंद्र की प्रमुख गतिविधि में से एक, देश और विदेशों में स्थित विभिन्न कॉर्पोरेट तथा गैर-कॉर्पोरेट कृषि व्यवसाय व खाद्य संगठन की समस्याओं को हल करना है। एबीएम विभिन्न क्षेत्रों में फैले परियोजनाओं की निगरानी, मूल्यांकन और प्रभाव मूल्यांकन के क्षेत्रों में परामर्श परियोजनाओं की जिम्मेदारी लेता है। इससे संबंधित विभिन्न क्षेत्र: ग्रामीण विपणन; कृषि व्यापार; वस्तु व्यापार और भविष्य के बाजार; सूक्ष्म वित्त और सूक्ष्म क्रेडिट; कृषि व्यवसाय प्रबंधन शिक्षा; कृषक बाजार संबंध; आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन इत्यादि हैं। इस केंद्र ने विश्व बैंक, आईसीएआर; कृषि मंत्रालय (जीओआई); विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (जीओआई); के साथ ही विभिन्न राज्य सरकारों को परामर्श प्रदान करने का कार्य किया है।
भारतीय-अमेरिकी का वाणिज्य विभाग की प्रमुख नौकरी के लिए चयन
इंडिया वेस्ट मीडिया आउटलेट के अनुसार, वेंकटरमन वर्तमान में व्यापार और अन्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मामलों पर विभाग को सलाह देते हैं और वाणिज्य सचिव के परामर्शदाता के रूप में बिडेन प्रशासन में कार्य करते हैं।
भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में वाणिज्य विभाग के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशासन में नीति के पहले निदेशक के रूप में भी काम किया।
नामांकन की घोषणा करते हुए व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है, उस भूमिका में, उन्होंने अमेरिका और चीन और भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में कंपनियों के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों के लिए अमेरिकी सरकार की प्रतिक्रियाओं को आकार देने में मदद की।
ओबामा प्रशासन में, वेंकटरमण ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (यूएसटीआर) में भी कार्य किया।
यूएसटीआर में शामिल होने से पहले, वेंकटरमण विश्व व्यापार संगठन में एक कानूनी अधिकारी थे।
द अमेरिकन बाजार ने बताया, वेंकटरमन बिडेन-हैरिस प्रशासन में काम करने वाले 40 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों की रिकॉर्ड सूची में शामिल हो गए हैं।
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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता
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अंतर्राष्ट्रीय वन मेले का आयोजन 20 दिसंबर से
आधिकारिक जानकारी के अनुसार वन मेले में विभिन्न राज्यों के वन औषधि उत्पादों के 300 से ज्यादा स्टॉल लगाए जाएंगे। करीब डेढ़ लाख लोगों का आगमन होगा। नि:शुल्क आयुर्वेदिक परामर्श अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता के लिए 100 से ज्यादा वैद्य आमजन के लिए उपस्थित रहेंगे। वन विभाग, लघु वनोपज सहकारी संघ द्वारा 2001 से वन मेले का आयोजन किया जा रहा है।
वन मेला देश का अनूठा आयोजन है। वन मेले के माध्यम से वनोपज संग्रह करने वालों से लेकर, अनुसंधान, प्र-संस्करण, विनिर्माण और अनुसंधान करने वाले, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता हर्बल दवाइयों के निर्माता और अनुसंधानकर्ता एकत्र होकर समृद्ध वन औषधि की संपदा को आत्मसात करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परामर्शदाता
वनों से खाद्य उत्पाद, परंपरागत औषधियाँ तथा आजीविका प्राप्ति के लिए वनीय संसाधनों का समुचित एवं संवहनीय उपयोग सुनिश्चित करना वर्तमान में महत्वपूर्ण आवश्यकता एवं समय की महत्वपूर्ण मांग है।
विश्व स्तर पर आयुर्वेद की लोकप्रियता बढ़ रही है। इसका आधार वनों में पायी जाने वाली औषधीय जड़ी-बूटियाँ हैं। भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्यति, योग, एवं आयुर्वेद का महत्व बढ़ा है। इससे हर्बल उत्पादों की बढ़ती हुई लोकप्रियता से विश्वस्तरीय मांग में निरंतर वृद्दि हो रही है।
वन मेले के माध्यम से वनवासियों को एक ओर जहाँ उनके द्वारा संग्रहित कच्चे माल तथा वनोषधियों के लिये बाज़ार उपलब्ध हुआ, वहीं उनमें ग्रामीण स्तर पर स्वावलंबी होकर लघु उद्योग स्थापित करने की भी संभावनाएँ तलाशी गईं। शहरी क्षेत्रों के निवासियों को उचित कीमत पर शुद्ध उत्पाद उपलब्ध हुए हैं। लघु वनोपज संघ के प्रयासों से प्रदेश की अनेक प्राथमिक संस्थाओं द्वारा तैयार वनोषधियों एवं अन्य हर्बल उत्पादों ने प्रदेश तथा प्रदेश के बाहर अपनी पहचान बना ली है।
वन मेले में विक्रय हेतु 300 स्टॉल स्थापित किये जा रहे हैं। इनमें उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उड़ीसा, महाराष्ट्र आदि राज्यों के हर्बल उत्पाद शामिल हैं। हर्बल उत्पादों विशेषकर कच्चे माल से लेकर प्र-संस्कृत उत्पादों एवं इससे संबंधित तकनीक का जीवंत प्रदर्शन किया जायेगा। मेला अवधि में लगभग 1.5 लाख लोगों द्वारा मेले का भ्रमण और प्रतिदिन लगभग 20 हजार लोगों का आना अपेक्षित है।
चिकित्सा परामर्श के लिये ओपीडी के स्टॉल स्थापित किये जा रहे हैं। इसमें 100 से अधिक आयुर्वेदिक डॉक्टरों/वैद्यों द्वारा निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श दिया जायेगा। ‘लघु वनोपज से आत्म-निर्भरता’ थीम पर आधारित मेले में दो दिवसीय कार्यशाला होगी।
कार्यशाला में भूटान, नेपाल, फिलीपींस के विशेषज्ञों के साथ मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों के विषय-विशेषज्ञ भी अपने विचार रख सकेंगे। लघु वनोपजों के प्रबंधन एवं संरक्षण के संबंध में विस्तृत चर्चा करेंगे। मेले में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्कूली बच्चों की नृत्य प्रतियोगिता, चित्रकला, प्रतियोगिता, गायन प्रतियोगिता, फ़ैसी ड्रेस, नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जायेगा। जनजातीय लोक नृत्य एवं लोक गीत भी होंगे। प्रमुख प्रस्तुतियों में 21 दिसम्बर को बैम्बू म्यूज़िकल बैंड, 22 दिसम्बर को कबीर कैफ़े, 23 दिसम्बर को हास्य कलाकार श्री सुनील पाल का शो, 24 दिसम्बर को प्रसिद्ध गायक श्री विनोद राठौर का कार्यक्रम और 25 दिसम्बर को वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की प्रस्तुति शामिल है।
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