5 सुपर हेल्दी और लो कैलोरी स्नैक्स ऑप्शन जो वेट लॉस डाइट के लिए हैं बेस्ट

वेट लॉस के लिए हेल्दी स्नैक्स (image-canva)

Healthy Snacks - हेल्दी स्नैक्स का सेवन करने से वजन मेंटेन करना थोड़ा आसान हो सकता है. आपको वेट लॉस के लिए डाइट में साल . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 08, 2022, 12:58 IST

हाइलाइट्स

टेस्टी और रिफ्रेशिंग स्नैक्स के लिए ग्रीक योगर्ट और बैरीज चुनें.
सेहतमंद रहने के लिए स्नैक्स में मिक्सड फ्रूट बाउल शामिल करें.
डार्क चॉकलेट और बादाम टेस्टी होने के साथ सुपर हेल्दी ऑप्शन है.

Super Healthy Snacks for Weight Loss : स्नैक्स आपके फुल मील यानी सुबह के ब्रेकफेस्ट, दोपहर के लंच या रात के डिनर के अलावा दिन भर की छोटी-मोटी भूख के लिए खाए जाने वाले फूड आइटम्स होते हैं. स्नैक्स को प्रॉपर खाने की तरह नही बल्कि छोटे-छोटे पोर्शन में डिस्टीब्यूट करके खाया जाता है. खाना खाने के बीच स्नैक्स लेना भी काफी जरूरी होता है, ये भूख को कंट्रोल कर ब्लड शुगर रेगुलेशन में भी फायदेमंद होते हैं. अगर आप वेट लॉस जर्नी पर हैं, तो आपको अपने स्नैक्स में कुछ हेल्दी और लो कैलोरी ऑप्शंस शामिल करने चाहिए. जो प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स से भरपूर हो और वेट लॉस में फायदेमंद साबित हो सकें. आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही हेल्दी और लो कैलोरी स्नैक्स ऑप्शन लेकर आएं है जो वेट लॉस में फायदेमंद होने के साथ-साथ टेस्टी भी हैं. आइए जानते हैं,

वेट लॉस के लिए हेल्दी और टेस्टी स्नैक्स

मिक्सड नट्स : हेल्थ लाइन डॉट कॉम के अनुसार नट्स एक पोष्टिक और टेस्टी स्नैक है जो हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और फाइबर्स का परफेक्ट बैलेंस है. ये फैट और कैलोरी में हाई होने के बावजूद वेट लॉस में मददगार होते हैं. मिड स्नैक्स के लिए आप बादाम, अखरोट, ब्राजील नट्स, हेज़लनट्स, पाइन नट्स और पिस्ता जैसे अन्य नट्स भी चुन सकते हैं.

ग्रीक योगर्ट और बैरीज : ग्रीक योगर्ट और बैरीज का कॉम्बिनेशन बेहद स्वादिष्ट और हेल्दी होता है. ग्रीक योगर्ट प्रोटीन और बैरीज एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है. जिसका सेवन करने से बॉडी को कई बेहतरीन फायदे भी मिल सकते हैं.

डार्क चॉकलेट और बादाम : चॉकलेट एंटीऑक्सीडेंट और बादाम हेल्दी फैट्स से भरपूर होते हैं, जो खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ एक बेहतरीन, पोर्टेबल और हेल्दी स्नैक है.

फ्रेश फ्रूट बाउल : हम सभी जानते हैं हेल्दी रहने के लिए नियमित फ्रूट्स खाना बेहद जरूरी होता है. फल फाइबर्स और कई मिनिरल्स से भरपूर होते हैं जो, वेट लॉस करने के लिए सहायक है. फ्रूट्स वेट लॉस स्नैक्स में सबसे हेल्दी और टेस्टी ऑप्शन है.

पॉपकॉर्न : वेट लॉस के लिए आपको बटर और नमकीन पॉपकॉर्न के बजाय हेल्दी और लो कैलोरी एयर-पॉप्ड पॉपकॉर्न का सेवन करना है. पॉपकॉर्न में फाइबर्स मौजूद होते हैं जो लंबे समय तक पेट को भरा रखने में सहायक होते हैं.

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ऑप्शन ग्रीक क्या हैं?

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छाया मिलान उत्कृष्टता के लिए टिप्स और ट्रिक्स (1 वर्ष का उपयोग)

Συμβουλές και κόλπα για εξαιρετική αντιστοίχιση χρωμάτων (1 έτος πρόσβασης)

हाइब्रिड मॉडल: अनुमानित परिणामों को प्राप्त करने के लिए एनालॉग और डिजिटल कार्यप्रवाह का सम्मिश्रण (पहुंच का 1 वर्ष)

Το υβριδικό μοντέλο: Ανάμειξη αναλογικών και ψηφιακών ροών εργασίας για την επίτευξη προβλέψιμων αποτελεσμάτων (1 έτος πρόσβασης)

अधिकतम एस्थेटिक्स और दीर्घायु के लिए समग्र राल बहाली बनाना (पहुंच का 1 वर्ष)

Δημιουργία σύνθετων αποκαταστάσεων ρητίνης για μέγιστη αισθητική και μακροζωία (1 έτος πρόσβασης)

कोइस सेंटर, एलएलसी
१००१ फेयरव्यू Ave. N
सुइट 2200
सिएटल, WA 98109

कोइस सेंटर, एलएलसी एक एडीए सीईआरपी मान्यता प्राप्त प्रदाता है। एडीए CERP सतत दंत शिक्षा की गुणवत्ता प्रदाताओं की पहचान करने में दंत पेशेवरों की सहायता करने के लिए अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन की एक सेवा है। एडीए CERP व्यक्तिगत पाठ्यक्रमों या प्रशिक्षकों को मंजूरी या समर्थन नहीं करता है, और न ही यह दंत चिकित्सा के बोर्डों द्वारा क्रेडिट घंटे की स्वीकृति का मतलब है । सीई प्रदाता के बारे में चिंताओं या शिकायतों को ADA.org/CERP में सतत शिक्षा प्रदाता मान्यता के लिए प्रदाता या आयोग को निर्देशित किया जा सकता है ।

कोइस सेंटर, एलएलसी को सामान्य दंत चिकित्सा अकादमी द्वारा अनुमोदित पेस प्रोग्राम प्रदाता के रूप में नामित किया गया है। इस कार्यक्रम प्रदाता के औपचारिक सतत शिक्षा कार्यक्रमों फैलोशिप के लिए AGD द्वारा स्वीकार किए जाते हैं/ अनुमोदन दंत चिकित्सा या AGD समर्थन के एक राज्य या प्रांतीय बोर्ड द्वारा ऑप्शन ग्रीक क्या हैं? स्वीकृति मतलब नहीं है । अनुमोदन की वर्तमान अवधि 4/1/2019 से 3/31/2025 तक फैली हुई है । प्रदाता आईडी # 308173।

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दोस्तों शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है . और शेयर बाजार में ऑप्शन ट्रेडिंग का दायरा बहुत बड़ा है . और इसे संक्षिप्त में समझना आसान नहीं होगा, फिर भी हम कोशिश करेंगे की बहुत ही संक्षिप्त में हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में ज्यादा से ज्यादा बता सके .

ऑप्शन ट्रेडिंग की परिभाषा

ऑप्शन ट्रेडिंग में स्टॉक नहीं ट्रेड होता बल्कि उस स्टॉक का स्ट्राइक प्राइस ट्रेड होता है . जो कि कुछ fixed टेक्निकल प्वाइंट को आधार बनाकर उस स्ट्राइक प्राइस का भाव बना होता है.

और सभी उसे ट्रेड करते हैं उस स्टॉक के एक्चुअल भाव के ऊपरी तरफ जो strike price होते हैं उन्हें "कॉल ऑप्शन" कहते हैं . और स्टॉक के ऑप्शन ग्रीक क्या हैं? एक्चुअल भाव के नीचे की तरफ जो स्ट्राइक प्राइस होते हैं उन्हें "पुट ऑप्शन" कहते हैं.

Call option strike price and put option strike price

Call option

मान लीजिए आईटीसी के शेयर का भाव अभी ₹200 चल रहा है तो , यह तो हो गया स्टॉक का एक्चुअल प्राइस . इसमें होता क्या है कि 205 , 210,215, 220 ,225, 230 ऐसे पांच पांच पॉइंट ऊपर ले जाकर बहुत सारे स्ट्राइक प्राइस बना दिए जाते हैं . और इन स्ट्राइक प्राइस को ,जो कि स्टॉक के एक्चुअल भाव से ऊपर की तरफ होते हैं ,इन्हें "कॉल ऑप्शन" कहते हैं और ठीक ऐसे ही नीचे की तरफ यानी ₹200 जब एक्चुअल स्टॉक का भाव चल रहा है . तो 195 , 190, 185 ,180,175,165 का स्ट्राइक प्राइस जो होता है , उन्हें "पुट ऑप्शन" कहते हैं. जैसा कि स्टॉक के एक्चुअल प्राइस के ऊपर की तरफ "कॉल ऑप्शन" था.

वैसे ही नीचे की तरफ "पुट ऑप्शन " होते हैं . जैसे 195 190 185,180 ext..

यहां पर गौर करने वाली बात यह है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में चाहे वह कॉल ऑप्शन हो चाहे वह पुट ऑप्शन जो भी स्ट्राइक प्राइस हम ट्रेड करते हैं खरीदते हैं या बेचते हैं उसके लिए हमें स्टॉक प्राइस का पूरा पैसा न देकर मात्र उसका प्रीमियम देना होता है कुछ प्रीमियम रहता है इसका .

जिसे देखकर हम कॉल ऑप्शन खरीद लेते हैं या बेच देते हैं पुट ऑप्शन खरीद लेते हैं या बेच देते हैं तो ऑप्शन ट्रेडिंग की खूबसूरती यह है कि आप बहुत कम पैसे में बहुत बड़ा ट्रेड उठा सकते हो या कर सकते.

option trading lot size

यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि ऑप्शन ट्रेडिंग में Lot का साइज होता है और उस लोट साइज को पूरा ही ट्रेड करना पड़ता है . तभी ट्रेड होता है अन्यथा ट्रेड नहीं हो पाता. उदाहरण के तौर पर आईटीसी शेयर का ऑप्शन ट्रेडिंग का लोट साइज 3300 है.

स्ट्राइक प्राइस प्रीमियम

strike price premium

अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस का अलग-अलग प्रीमियम रेट मार्केट के हिसाब से होता है वह समय-समय पर बदलता रहता है किसी स्ट्राइक प्राइस का प्रीमियम रेट ₹2 चल रहा है तो कुछ ही टाइम बाद हमें वो ₹3 में या ₹4 में देखने को मिल सकता है.

जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया हुआ है कि स्ट्राइक प्राइस का जो रेट होता है वह दो-तीन टेक्निकल पहलुओं को मिलाकर बना होता है और वह समय-समय पर इंक्रीज ओर डिक्रीज होता रहता है मार्केट और स्टॉक प्राइस मोमेंट के हिसाब से.

Option premiums

इसलिए कहा जाता है छोटा ऑप्शन बड़ी कमाई ऐसा अक्सर आपने भी सुना होगा क्योंकि ऑप्शन में जो लोग ट्रेड करते हैं रिस्क तो बहुत ज्यादा रहता है लेकिन उसी हिसाब से फायदा भी ज्यादा रहता है.

कुछ रुपए देकर आप पूरे लोट के मालिक बन जाते हैं और यदि प्रॉफिट हुआ तो मोटा मुनाफा आएगा वहीं दूसरी तरफ यदि लॉस हुआ तो आप का प्रीमियम ही जाएगा.

यानि कहने का तात्पर्य यह है कि लॉस का अमाउंट आप का फिक्स्ड रहेगा . लेकिन प्रॉफिट अनलिमिटेड कमा सकते हो इसमें.

यह होती है ऑप्शन ट्रेडिंग की खूबसूरती लॉस अमाउंट फिक्स्ड करो और प्रॉफिट अनलिमिटेड लो.

दोस्तों आशा करता हूं कि आप ऑप्शन ट्रेडिंग किसे कहते हैं समझ गए होंगे पर मेरीआप से सलाह है . कि आप ऑप्शन ट्रेडिंग मेंअभी नहीं जाएंगे .मैं ऑप्शन ट्रेडिंग से रिलेटेड हर पहलू पर आर्टिकल देने की कोशिश कर रहा हूं जिससे कि आप ऑप्शन ट्रेडिंग को पूरी तरीके से समझ सके .

ग्रीको-रोमन शब्द किस खेल के साथ जुड़ा हुआ है?

KBC 14 Daily Pari Match Quiz

KBC 14 2022 Daily Pari Match Quiz 19 December, 24x7 Quiz, KBC Pari Match Quiz answers today: ग्रीको-रोमन शब्द किस खेल के साथ जुड़ा हुआ है?

KBC 14 2022 Daily Pari Match Quiz 19 December, 24x7 Quiz, KBC Pari Match Quiz answers today: ग्रीको-रोमन शब्द किस खेल के साथ जुड़ा हुआ है?

उत्तर: B. कुश्ती

ग्रीको-रोमन शब्द कुश्ती खेल के साथ जुड़ा हुआ है. ग्रीको-रोमन, ग्रीको-रोमन, क्लासिक कुश्ती या फ्रेंच रेसलिंग की एक शैली है जो दुनिया भर में प्रचलित है. ग्रीको-रोमन कुश्ती को 1896 में पहले आधुनिक ओलंपिक खेलों में शामिल किया गया था और 1904 से आयोजित ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से हर संस्करण में शामिल किया जा रहा है. ऐसी ऑप्शन ग्रीक क्या हैं? विशेषताएँ होना जो आंशिक रूप से ग्रीक और आंशिक रूप से रोमन हैं . विशेष रूप से: मजबूत ग्रीक प्रभाव के तहत रोमन कला की विशेषताओं का होना. ग्रेको-रोमन काल ( 332 ईसा पूर्व -395 ईस्वी ) मिस्र पर फारसी शासन के अंत का प्रतीक है. फारसियों (जो अब ईरान से आए थे) ग्रीक विजेता सिकंदर महान द्वारा पराजित हुए, जिन्होंने मिस्र पर कब्जा कर लिया और अलेक्जेंड्रिया में एक नई राजधानी शहर की स्थापना की. ग्रीको-लैटिन संस्कृति या ग्रीको-रोमन पुरातनता ज्ञान, विचारों, परंपराओं और रीति-रिवाजों के मिश्रण को संदर्भित करता है जो ग्रीक और रोमन लोगों के संलयन से बने थे.

KBC 2022, Daily Pari Match Quiz, 19 December के सभी सवाल और उनके जवाब

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इंप्लायड वॉलेटिलिटी क्या होती है?

ऑप्शन की कीमत और मार्केट वॉलेटिलिटी में क्या संबंध होता है.

आईवीकी वैल्यू के क्या मायने होते हैं?
जब ट्रेडर्स को लगता है कि बाजार में मंदी आने के आसार हैं तो वे गिरावट से बचाव के लिए पुट ऑप्शन खरीदते हैं। इससे पुट की आईवी बढ़ जाती है जो मंदी का संकेत होता है। इसी तरह, जब ट्रेडर्स तेज उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए प्रोटेक्शन लेने में आक्रामक रुख नहीं अपनाते, तब आईवी में गिरावट आती है। आमतौर पर 20 से 25 फीसदी की आईवी ज्यादातर ट्रेडर्स के कम्फर्ट लेवल में होती है। हाल ही में एटीएम निफ्टी ऑप्शंस की आईवी 14 फीसदी तक गिर गई थी। ऐसा इसलिए कि ट्रेडर्स ऐसी किसी घटना की उम्मीद नहीं कर रहे थे, जिससे वॉलेटिलिटी बढ़े।

क्याऊंची आईवी मंदी का संकेत देती है?
सिद्धांत रूप से इंप्लायड वॉलेटिलिटी से यह पता नहीं लगाया जा सकता कि मार्केट की दिशा क्या हो सकती है। इसलिए जरूरी नहीं कि ऊंची आईवी मंदी का संकेत हो। हालांकि, ट्रेडर्स आमतौर पर ऊंची आईवी को मंदी के संकेत के तौर पर लेते हैं। उनकी दलील यह होती है कि बाजार पर मंदी का जोर तेजी के रुझान मुकाबले ज्यादा असर करता है। इसलिए आईवी में बढ़ोतरी होने पर इन्वेस्टर्स और फंड मैनेजर्स में तेज गिरावट से बचने के लिए पोजीशन को प्रोटेक्ट करने की होड़ मच जाती है।

वॉलेटिलिटी से ट्रेडर्स को कैसे फायदा होता है?
जब आईवी लो होती है, तब ऑप्शन की कीमत कम होती है और डेरिवेटिव्स ट्रेडर्स वॉलेटिलिटी में बढ़ोतरी का फायदा उठाने के लिए 'लॉन्ग वोल' स्ट्रैटिजी का इस्तेमाल करते हैं। इसमें लॉन्ग स्ट्रैंगल स्ट्रैटिजी अपनाई जाती है जिसमें ट्रेडर्स ऐसे निफ्टी कॉल और पुट खरीदते हैं, जिनमें पुट ऑप्शन की स्ट्राइक प्राइस कॉल से कम होती है। इस स्ट्रैटिजी में तेज उतार-चढ़ाव से फायदा होता है। इसमें मार्केट के डायरेक्शन पर जोर दिए बगैर वॉलेटिलिटी पर दांव लगाया जाता है। लॉन्ग वोल इंस्टिट्यूशनल और प्रॉपराइटरी ट्रेडर्स के बीच काफी पॉप्युलर है। ट्रेडर्स को फायदा मार्केट में तेज उतार-चढ़ाव के अनुमान से होता है। असल में कुछ ऐनालिस्ट्स का मानना है कि लंबे समय तक कम आईवी होने का मतलब यह होता है कि वोल ट्रेडर्स मार्केट में तेज उतार-चढ़ाव होने की उम्मीद नहीं कर रहे। उनको लग रहा है कि ऑप्शंस एक्सरसाइज नहीं होंगे।

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