Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

एनएचपीसी के शेयर में 40 रुपये पर स्टॉपलॉस लगाना सही कदम होगा: शोमेश कुमार की सलाह

बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार : एनएचपीसी के शेयर में 40 रुपये का स्तर जब तक बना रहता है, तब तक इसके भाव 60 रुपये होने की उम्मीद बनी रहेगी। उसके नीचे बंद होने पर आपका जो मनचाहा स्तर है वो मिलना मुश्किल हो जायेगा। आपको 40 रुपये का स्तर ध्यान में रखना है। इसके नीचे जाने पर यह 200 डीएमए तक जायेगा, जो अभी मुझे 34-35 रुपये के आसपास दिख रहा है। इसलिये मेरे हिसाब से 40 रुपये के नीचे आपको स्टॉपलॉस रखना चाहिये। शेयर में अभी के हालात इसमें 50 डीएमए परखने के बाद 100 डीएमए की ओर जाने का संकेत कर रहे हैं। इसलिये 40 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाना सही रणनीति होगी।

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कैसे पाएं शेयर में लॉस पर काबू और समझिये स्टॉक मार्किट सपोर्ट लेवल

What is a Stop Loss Order and how to recover loss techniques in hindi हिंदी

सुझाव है कि अगर कोई शेयर आपके स्टॉप लॉस को हिट कर रहा हो तो थोड़ा लॉस बुक कर उससे निकल जाइए। अगर आप उसे फिर से खरीदना चाहते हैं तो अंदाज के आधार पर मत खरीदिए। पता कीजिए कि उसका सपोर्ट स्टॉप लॉस क्या है लेवल क्या है।
सुनने में ये बात जरा असामान्य लग सकती है कि लॉस यानी नुकसान को आखिर ट्रेडिंग का अनिवार्य अंग कैसे माना जा सकता है। लेकिन यह सच है। वास्तविकता के धरातल पर हर ट्रेडर को इस सच का सामना करना ही पड़ता है। आपके फंडामेंटल और तकनीकी विश्लेषण चाहे कितने ही दुरुस्त हों, इसके बावजूद आपको ट्रेडिंग में नुकसान का झटका लग सकता है। वजह यह है कि शेयर बाजार इतना अनिश्चित है कि इसमें कई बार सारे विश्लेषण धरे रह जाते हैं। इसलिए ट्रेडिंग में प्रॉफिट की तरह लॉस भी स्वाभाविक है। जरूरत इस बात की है कि नुकसान को कैसे सीमित रखा जाए ताकि वह लाभ पर भारी नहीं पड़े। आज हम आपको नुकसान पर काबू पाने का एक नुस्खा बताते हैं।

कागजी नहीं रियल घाटे को पहचानें (Understand about Real Loss no paper loss)

सबसे पहले इस बात को समझना जरूरी है कि किसी ट्रेड में नुकसान होता क्यों है? सीधा जवाब है- शेयर का बाजार मूल्य आपके खरीद भाव के नीचे चला गया। लेकिन गौर से देखें तो यह जवाब पूरी तरह सही नहीं है। मान लीजिए कि आपने 100 रुपए में कोई शेयर खरीदा। उसका भाव गिरकर 99 रुपए हो गया। ऐसे में आपके ट्रेडिंग एकाउंट में प्रति शेयर एक रुपए का घाटा दिखेगा, लेकिन अभी यह घाटा सिर्फ कागज पर है। यह रियलाइज्ड नहीं हुआ है। रियलाइज्ड का अर्थ है कि अभी आपने इस घाटा सहते हुए अपने शेयर को बेचा नहीं है। आप इंतजार कर रहे हैं कि कीमत फिर चढ़ेगी। शेयर का भाव जब 100 रुपए से ऊपर जाएगा, तब आप उसे फायदे में बचेंगे। इस तरह वह घाटा सिर्फ एकाउंट में है, वास्तविकता में नहीं। लॉन्ग टर्म निवेशक तो इस स्टॉप लॉस क्या है तरह की हलचल पर ध्यान भी नहीं देते हैं। वे जानते हैं कि लॉन्ग टर्म में 100 रुपए में खरीदा शेयर, 90 रुपए पर जाकर भी वापस लौट सकता है और कुछ महीनों या एक साल बाद 125 रुपए में बिक सकता है। लेकिन आप अगर शॉर्ट टर्म ट्रेडर हैं तो आपको ज्यादा चौंकन्ना होने की जरूरत है, क्योंकि आपने ट्रेडिंग का जो तरीका चुना है, उसमें शेयर को होल्ड करने के लिए वक्त ज्यादा नहीं है।

भाव गिरने पर घबराएं नहीं (Don;t Fear while price decreasing)

आम तौर पर नए ट्रेडर लॉस की सूरत में एक बड़ी गलती करते हैं। अगर किसी शेयर की कीमत 100 से गिरकर 98 रुपए हो जाती है। तो अनाड़ी ट्रेडर का संतुलन बिगड़ने लगता है। वह एक साथ डर और लालच दोनों मनोभावों से ग्रस्त हो जाता है। डर का मतलब है कि उसे लॉस बुक करने में घबराहट होती है। वह जानता है कि स्टॉप लास 98 के आस पास है, लेकिन वह नुकसान के डर के मारे स्टॉप लॉस नहीं लगाता है। लालच का मतलब है कि उसे लगता है गिरते हुए शेयर को पकड़ कर वो मोटा मुनाफा कमा सकता है। उसे लगता है कि 98 तक गिरने के बाद शेयर वापस चढ़ेगा। इसलिए वह 98 के भाव पर एक बार फिर उसे खरीद लेता है। अब उसका औसत भाव 99 हो गया है। गौर करने लायक बात यह है कि 98 पर खरीद के पीछे उसके पास कोई सुनिश्चित आधार नहीं है। उसने जो सोचा है, बाजार उसके विपरीत करवट लेता है। शेयर और गिरकर 96 पर चला जाता है। वह अनाड़ी ट्रेडर थोड़ा और डरता है, उसका लालच एक बार फिर हावी होता है। ऊपर लिखी मानसिक प्रक्रिया दोहराते हुए वह एक बार फिर उसी शेयर को खरीद लेता है। अपनी बची खुची पूंजी भी उसमें झोंक देता है। लेकिन इस बार भी उसकी खरीद के बाद शेयर के गिरने का सिलसिला जारी रहता है, वह 95 पर पहुंच जाता है। अब ट्रेडर के पास न तो पूंजी बची है, और न ही धैर्य। वह अपने मूल स्टॉप लॉस के मुकाबले ज्यादा नुकसान सहते हुए उसे बेचता है।
इसलिए सुझाव है कि अगर कोई शेयर आपके स्टॉप लॉस को हिट कर रहा हो तो थोड़ा लॉस बुक कर उससे निकल जाइए। अगर आप उसे फिर से खरीदना चाहते हैं तो अंदाज के आधार पर मत खरीदिए। पता कीजिए कि उसका सपोर्ट लेवल क्या है।

तीन तरह के सपोर्ट लेवल (Three Types of Support Level)

आम तौर पर किसी शेयर के तीन सपोर्ट लेवल होते हैं। आप हर दो या तीन लेवल पार करने के बाद थोड़ी थोड़ी मात्रा में खरीद सकते हैं। लेकिन खरीदने से पहले इस बात का हिसाब जरूर कर लें कि आप इसे किन स्तरों पर कितनी संख्या में खरीदेंगे। अपने कुल ट्रेडिंग कैपिटल का कितना हिस्सा इस पर लगाएंगे। जैसा कि हम आपको पहले भी आगाह कर चुके हैं, अपनी पूरी पूंजी को किसी एक शेयर में नहीं लगाएं। इस बात का आकलन भी जरूर करें कि कितना नुकसान सहने की क्षमता आपके अंदर है।
इस प्रकार अगर आप लालच और डर से हटकर ट्रेडिंग करेंगे तो आप नुकसान को नियंत्रित कर सकेंगे। एक कहावत याद रखिए, जिस ट्रेडर ने नुकसान बुक करना सीख लिया, वो अक्सर फायदे में रहता है।
ट्रेडिंग में नुकसान कम करने के जरूरी सूत्र

1. फायदा चाहते हैं तो घाटा सहना सीखें
2. स्टॉप लॉस हिट हो रहा हो तो घबराएं नहीं
3. लॉस बुक करने में डरने से बड़े घाटे के आसार
4. सिर्फ अंदाज के आधार पर स्टॉक मत खरीदें
5. अगर कोई शेयर लगातार गिर रहा हो तो अपनी पोजिशन मत बढ़ाएं
6. स्ट्रॉन्ग सपोर्ट लेवल के पास ही दोबारा खरीदें
7. थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही खरीदें, कारोबार के लिए हमेशा अपनी लिमिट का ध्यान रखें\

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

Trading Tips: ट्रेडिंग करते समय इन पांच बातों का रखें ख्याल, नहीं डूबेगा शेयर मार्केट में पैसा

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. (Image- Pixabay)

Trading Tips: बाजार की मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच ट्रेडर्स को मॉनीटरी रूझान पर निगाह बनाए रखना चाहिए ताकि अपने पैसों को डूबने से बचा सकें. चाहे आप मार्केट स्टॉप लॉस क्या है में ट्रेड करें या इंवेस्टमेंट, बाजार की इस उतार-चढ़ाव के बीच बेहतर फैसला लेना होता है ताकि रिस्क को घटा सकें और अपने रिटर्न को बढ़ा सकें. हालांकि किसी भी तरीके से आप फैसले लें, ट्रेडिंग करते समय कुछ चीजों का आपको हमेशा ख्याल रखना चाहिए.

अफोर्डेबल रिल्क

अगर सब कुछ आपकी रणनीति के मुताबिक ही रहा तो शेयरों की ट्रेडिंग से आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं लेकिन शेयर मार्केट में उतना ही रिस्क लेना चाहिए जितनी आपकी क्षमता हो. रिस्क का मतलब है कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं. कभी भी ऐसे पैसे को निवेश करें जिसे आप गंवाना नहीं अफोर्ड कर सकते हैं. कोशिश करें कि शेयर मार्केट में ट्रेडि्ंग पिरामिड अप्रोच के साथ करें. रिस्क पिरामिड का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग करना.

‘स्टॉप लॉस’ और ‘टेक प्रॉफिट’ के साथ करें ट्रे़डिंग

ट्रेडिंग के दौरान भाव में उतार-चढ़ाव को लगातार ट्रैक करना लगभग असंभव है. चूकने पर भारी नुकसान भी हो सकता है और बंपर मुनाफा भी. हालांकि रिस्क मैनेज करने के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करें और बाजार की विपरीत परिस्थितियों में अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें. स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.

तकनीकी का करें इस्तेमाल

ट्रेडिंग में संभवतः टाइम फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण टूल है. बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. काफी समय पहले फॉरेक्स ट्रेडर्स को स्टॉक एक्सचेंज ऑफिसों से फॉरेक्स मार्केट के उतार-चढ़ाव की जानकारी लेनी होती थी लेकिन अब तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.

अपना रिसर्च करें

शेयरों की खरीद-बिक्री से पहले रिसर्च जरूर करना चाहिए. इससे आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है. शेयर मार्केट से पैसे बनाने के लिए हमेशा किस्मत ही नहीं, एनालिसिस भी बहुत महत्पूर्ण भूमिका निभाती है. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ही ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.

स्ट्रेटजी के साथ करें ट्रेडिंग

अगर आप शेयरों की खरीद-बिक्री यानी ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में प्रवेश करना चाहिए. इससे आपको यह स्पष्ट रूप से पता रहेगा कि आप किस तरह से ट्रेड करना चाहिए. जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे जो समय, इकनॉमिक ट्रेंड और मार्केट एक्सपेक्ट्स के हिसाब से बदलती रहती हैं.
(Article: Marc Despallieres, Chief Strategy & Trading Officer at Vantage)

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Trading Tips Share Market: अगर आप ऐसे करेंगे ट्रेडिंग, तो शेयर मार्केट में कभी नहीं डूबेगा आपका पैसा

Share Market में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है, ऐसे में जो आदमी इसमें अपना मेहनत का पैसा लगता है, उसे काफी हद तक सतर्क रहने की जरूरत होती.

By: ABP Live | Updated at : 24 Aug 2022 03:46 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Trading Tips In Share Market : आज के दौर में शेयर बाजार (Share Market) में काफी उतार-चढ़ाव चल रहा है, ऐसे में जो आदमी इसमें अपना मेहनत का पैसा लगता है, उसे काफी हद तक सतर्क रहने की जरूरत होती. उसे शेयर मार्केट पर बारीक़ निगाह रखनी पड़ती है, ट्रेडर्स पर निगाह गड़ाए रखना होता है. जिससे आपका पैसा मार्केट में अच्छा बैकअप दे और डूबे नहीं. आपको ट्रेंडिंग करते समय कुछ बातो का ध्यान रखते है, तो आपका शेयर मार्केट में कभी नहीं डूबेगा. ये निम्न बातें है-

  • शेयरों की खरीद-फरोख्त से पहले आपको रिसर्च करना चाहिए. इससे आसानी होगी कि किस भाव पर आपको अपनी पोजिशन को स्क्वॉयर ऑफ करना है.
  • Share Market से पैसे बनाने के लिए आपको आंकलन करना चाहिए. बाजार के रूझानों की बजाय स्पष्ट संकेत मिलने पर ट्रेडिंग करें. फंडामेंटल रूप से मजबूत कंपनी में निवेश कपना बेहतर फैसला है.
  • बाजार को लेकर सटीक अनुमान से आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. फॉरेक्स ट्रेडर्स तकनीक का जमाना आ गया है जिससे ट्रेडर्स को रीयल टाइम में मार्केट डेटा मिल जाता है.
  • Share Market में ट्रेडि्ंग पिरामिड (Trading Pyramid) अप्रोच के साथ करें. शेयर मार्केट में आपको रिस्क के बारे में पहले ही सोचना होगा कि आप कितनी पूंजी गंवाने की क्षमता रखते हैं.
  • आपको ऐसा पैसा निवेश करना होगा जिसे आप अफोर्ड कर सकते हैं. रिस्क पिरामिड (Risk Pyramid) का मतलब है कि रिस्क के हिसाब से अपनी पूंजी को बांटकर ट्रेडिंग कर सके.
  • रिस्क मैनेज के लिए जरूरी है कि आप स्टॉप लॉस (Stop Loss) का इस्तेमाल करें और अपने प्रॉफिट को सुरक्षित करें.
  • स्टॉप लॉस का मतलब सौदा शुरू करने से पहले ऐसा प्राइस लेवल तय करना है जिसके नीचे आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
  • वहीं दूसरी तरफ टेक प्रॉफिट (Take Profit) एक लिमिट ऑर्डर है जिसका इस्तेमाल एक खास भाव पहुंचने पर मुनाफा कमाने के लिए किया जाता है.
  • अगर आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपको एक स्ट्रेटजी के साथ मार्केट में एंट्री करनी होगी. इससे आप किस तरह से ट्रेड करते है.
  • जब आप स्ट्रेटजी के हिसाब से चलेंगे तो न सिर्फ आपका समय बचेगा बल्कि आप बड़े स्तर पर चीजों को देख-समझ सकेंगे.

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Published at : 24 Aug 2022 06:44 PM (IST) Tags: Share Market trading Share market Tips Trading Tips trading share price हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Stop Loss क्या होता है?

Stop Loss:- जब भी हम शेयर मार्केट में किसी शेयर को खरीदते हैं तो हमारा उद्देश्य होता है कि जब शेयर की किमत बढ़ जाएगी तब हम उसे बेच देंगे और उससे मुनाफा जो है वह कमा लेंगे, लेकिन हर समय ऐसा नहीं होता कभी-कभी शेयर की प्राइस हमारे खरीदने के बाद कम हो जाती है तो ऐसे नहीं हम क्या करें ऐसे में अगर हम शेयर को नहीं बेचते तो हमें और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है इसी नुकसान को कम करने के लिए हम स्टॉपलॉस का उपयोग करते हैं जिसमें हमारे जो हमने खरीदा है उसकी प्राइस स्टॉप लॉस क्या है एक निश्चित से कम हो जाने पर शेयर ऑटोमेटिक सेल हो जाता है इसी प्राइज को हम स्टॉपलॉस कहते हैं!

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शेयर मार्केट में हर ट्रेड में हमारा फायदा हो ये जरुरी नहीं है, ऐसे में जो हमारा गलत ट्रेड है उसमे कम नुकसान इसके लिए स्टॉपलॉस रखना जरुरी है

जब हम स्टॉपलॉस रखते है तब हमे यह पता होता है की हमे इसे ट्रेड में कित्तना नुक़सान हो सकता है जिससे हम अपने रिस्क को कैलकुलेट कर शक्ति है!

स्टॉपलॉस कैसे रखे :- दोस्तों स्टॉपलॉस रखना एक तरह के कला है जिसमें हमे अपने स्टॉपलॉस को इसे तरह से उस जगह रखना होता है जिसके बाद शेयर वहा से अपना ट्रेन्ड करे आमतौर पर जो शेयर का सपोर्ट होता है उससे थोड़ा निचे हम स्टॉपलॉस रखते है जिससे शेयर अपने सपोर्ट को ब्रेक करने के बाद जब वह निचे जाए तो स्टॉप लॉस क्या है हमे कम नुक़सान हो !

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय हमे अपना स्टॉपलॉस पहले से कैलकुलेट कर लेना होता है जब हम स्टॉपलॉस नहीं लगाते तो हमे बहुत ज्यादा नुक़सान हो सकता है ! बहुत से लोग जो शेयर मार्केट में नए नए आए हुए हैं बी स्टॉप लॉस नहीं रखते ऐसे में उन्हें बहुत ज्यादा नुकसान स्टॉप लॉस क्या है हो जाता है स्टॉप लॉस में ना केवल इंट्राडे ट्रेडिंग में रखना चाहिए बल्कि डिलीवरी में भी हमें अपना स्टॉप लॉस पता होना चाहिए !

आप सभी तो टेक्निकल एनालिसिस में Gap के बारे में जानते होंगे जो की तब बनता है जब कोई स्टॉक का प्राइस जब आपने Closeing प्राइस के बहुत ऊपर या फिर नीचे बनता है लेकिन क्या आपको Profit Gap के बारे में पता है अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताते है! … Read more

जब आप किसी शेयर या फिर Future में Intraday, Swing या Position ट्रेडिंग करते है तो उसमे ट्रेड करने का तरीका अलग होता लेकिन जब आप Option में ट्रेडिंग करते है तो उसमे ट्रेड बाकि सभी से अलग होती है आप इसमें अलग अलग तरीको से ट्रेडिंग कर सकते है, आम तौर पर जब शेयर … Read more

आप सभी स्टॉप लॉस क्या है को तो यह पता है जब आप शेयर मार्केट में किसी शेयर की जो किमत होती है उस किमत पर जब किसी स्टॉक को खरीदते है और जब शेयर आपके ख़रीदे हुए मूल्य से ऊपर जाती है तो आपको फायदा और जब नीचे जाती है तो आपको नुकसान होता है, इसमें आपके पास … Read more

आप सभी ने इसका नाम जरूर सुना होगा होगा जो की ऑप्शन ट्रेडिंग में उपयोग होता है, इसमें सबसे पहले आप कैश या Furute में किसी स्टॉक को खरीदते है और उसके बाद आप ने जिस शेयर या इंडेक्स को ख़रीदा हुआ है उसके Call Option को बेचा जाता है, जब आप Call को बेचते … Read more

आप के लिए ऐसा टॉपिक शायद पहली बार या फिर बहुत दिन के बाद पढ़ रहे होंगे, इससे पहले आप सभी ने मार्केट से प्रॉफिट कैसइ बनाए इन जैसे आर्टिकल और पोस्ट पढ़ा होगा, लेकिन कोई आपको यह नहीं बताएगा जब आप को प्रॉफिट हो तब आपको क्या करना है, बहुत से लोगो की यह … Read more

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