इस मौके पर Coinstore.com के को-फाउंडर जेनिफर लू, ने अधिक जानकारी देते हुए कहा, "हम दुनिया भर में अपने उपयोगकर्ताओं के लिए फ्यूचर क्रेडिट फीचर लॉन्च करने के लिए बहुत उत्साहित हैं. यह क्रिप्टो समुदाय के विश्वास को बढ़ावा देगा और एक डिजिटल फंड के रूप में क्रिप्टो इकोसिस्टम को बहुत आवश्यक लिक्विडिटी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के प्रकार प्रदान करेगा. फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का आविष्कार प्रोड्यूसर्स, कंज्यूमर्स और इंवेस्टर्स के जोखिम को कम करने के लिए किया गया था. हालांकि, उन प्रोडक्ट्स में ट्रेड या इंवेस्ट करने की सलाह दी जाती है जिनसे आप परिचित हैं और उनसे जुड़े जोखिमों को समझते हैं."

IFCM Trading Academy

फ्यूचर्स और ऑप्शंस क्या हैं?

वायदा और विकल्प (Futures & Options contracts), डेरिवेटिव हैं जिनका स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है और उनकी कीमत अंतर्निहित परिसंपत्ति से प्राप्त होती है। सट्टेबाजों और आर्बिट्राजर्स इन अनुबंधों का उपयोग मुनाफा कमाने या अंतर्निहित परिसंपत्ति के साथ जोखिम को कम करने के लिए करते हैं। एक वायदा और विकल्प अनुबंध एक परिसंपत्ति की कीमत को सुरक्षित करने में मदद करता हैवायदा अनुबंध जिसे “वायदा” कहा जाता है, एक प्रकार का अनुबंध होता है जिसमें एक निवेशक अनुबंध समाप्त होने की तारीख से पहले या उससे पहले एक निश्चित मूल्य पर एक विशिष्ट संख्या में संपत्ति खरीदने या बेचने के लिए सहमत होता है। अंतर्निहित परिसंपत्ति के मूल्य आंदोलन से लाभ का प्रयास करने के लिए निवेशक वायदा का उपयोग करते हैं। फ्यूचर्स में निवेश करने और उनके व्यापार के फायदे और नुकसान शामिल हैं। फ्यूचर्स में निवेश करने के लिए इन निवेशों के बारे में अधिक से अधिक सीख कर निवेश करे ।

डेरीवेटिव के प्रकार (TYPES OF DERIVATIVE)

Zerodha

अगर बात करे तो फॉरवर्ड डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट (Forward Derivative Contract) के बारे में तो इसकी अंग्रजी परिभाषा ये कहती है कि –

Forwards Are Customized Contract Made Today Between Buyer And Seller For The Transaction Which Will Happen In Future,

फॉरवर्ड buyer और seller के बीच होने वाला एक व्यक्तिगत कॉन्ट्रैक्ट होता है, जिस कॉन्ट्रैक्ट में असली TRANSACTION फ्यूचर में किसी दिन होने वाला होता है,

जैसे – अनाज उगाने वाला किसान अपने फसल को बेचने के लिए अगर किसी अनाज के व्यापारी से एक कॉन्ट्रैक्ट या अग्रीमेंट करता है कि किसान उस अनाज के व्यापारी को फ्यूचर में माल बेचेगा, जिसकी कीमत आज तय हो जाएगी, और उसी कीमत पर किसांन अपना वो माल उस व्यापारी को बेचेगा,

फ्यूचर डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट (Future Derivative Contract)

सिम्पली फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट, फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट का next version है, जिसमे फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में आने वाली प्रोब्लेम्स को सोल्व करने के लिए बनाया गया है, अगर इसके परिभाषा की बात करे तो फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट भी Buyer और Seller के बीच होने वाला एक व्यक्तिगत नहीं बल्कि स्टैण्डर्ड कॉन्ट्रैक्ट होता है, और इस कॉन्ट्रैक्ट में असली TRANSACTION फ्यूचर में किसी दिन होने वाला होता है,

फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की खास बात ये है कि –

  • कॉन्ट्रैक्ट standardized हो, मतलब हर एक के लिए बराबर हो, पहले से तय एक जैसे नियम हो,
  • कॉन्ट्रैक्ट किसी मार्केट (स्टॉक एक्सचेंज) में लिस्टेड हो, जहा से कोई भी खरीद सके, बेच सके,
  • एक्सचेंज एक गारंटर के रूप हो ताकि कोई फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के प्रकार पार्टी डिफ़ॉल्ट ना करे,
  • कॉन्ट्रैक्ट का जो पूरा टाइम पीरियड है उसके अन्दर वो कॉन्ट्रैक्ट किसी और को ट्रान्सफर किया जा सता हो ,

आप्शन डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट (Option Derivative Contract)

आप्शन डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट भी बिल्कुल एक फ्यूचर डेरीवेटिव कॉन्ट्रैक्ट होता है, जिसमे हमारे पास फ्यूचर में किसी डेट को कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार सौदा करने का अधिकार होता है, लेकिन ऑब्लिगेशन नहीं होता है …यानी ये जरुरी नहीं होता कि हमें वो सौदा करना ही करना है…

अगर हमें उस फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट से फायदा हो रहा है तो हम उस कॉन्ट्रैक्ट को एक्सीक्यूट या फिर सेटल करके लाभ कमा सकते है ..

लेकिन अगर उस कॉन्ट्रैक्ट में हमें कोई फायदा नहीं होने वाला, लोस होने वाला है तो फिर हम उस कॉन्ट्रैक्ट को नहीं करेंगे…….इस तरह का आप्शन यानि विकल्प देता है …आप्शन कॉन्ट्रैक्ट…

और इसीलिए इस कॉन्ट्रैक्ट का नाम है आप्शन कॉन्ट्रैक्ट ..

क्योकि …आप्शन कॉन्ट्रैक्ट एक तरह क फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट होता है , जिसमे हमें राईट तो होता है ..यानि हम अगर चाहे तो सौदे को एक्सीक्यूट कर सकते है, लेकिन अगर हम नहीं चाहे तो हमारे ऊपर कोई ऑब्लिगेशन नहीं है कि उस सौदे को सेटल या कम्पलीट करना ही करना है …

ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज Coinstore ने लॉन्च किया फ्यूचर्स क्रेडिट फीचर, यूजर को क्या फायदा?

ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज Coinstore ने लॉन्च किया फ्यूचर्स क्रेडिट फीचर, यूजर को क्या फायदा?

ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज,  Coinstore.com  ने आज फ्यूचर क्रेडिट फीचर लॉन्च करने की घोषणा की है. यह फीचर यूजर और इंवेस्टर को अपने फंड का उपयोग किए बिना अपनी क्रिप्टो होल्डिंग्स बढ़ाने में सक्षम बनाता है. जो निवेशक एक लंबी अवधि के लिए डिजिटल एसेट्स खरीदना और रखना पसंद करते हैं, वे बाजार की गतिविधियों को और अधिक भुनाने के लिए भविष्य की क्रेडिट फैसिलिटी का लाभ उठा सकते हैं. फ्यूचर्स आमतौर पर कमोडिटी ट्रेडिंग से जुड़े होते हैं, हालांकि, यह कई प्रकार की एसेट्स के लिए भी उपलब्ध है.

सिंथेटिक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स

हाल ही में, विदेशी मुद्रा बाजार में ट्रेडिंग के साथ, ग्राहकों की बढ़ती संख्या ट्रेडिंग इंडेक्स, कमोडिटी और स्टॉक CFDs से मुनाफा बनाने में रुचि रखते हैं CFD व्यापार , के अग्रणी प्रदाताओं में से एक होने आईएफसी बाजारों, ग्राहकों एक समय समाप्ति तिथि के बिना व्यापार करने की अनुमति देता है . कि निरंतर वायदा अनुबंध के रूप चुके है, एक विशेष उपकरण (सीएफडी प्रकार) का विकास किया है . इस समय सीमा समाप्ति की तारीख के साथ व्यापार वायदा की तुलना में एक महत्वपूर्ण लाभ है.

ट्रेडिंग, अमेरिकी डॉलर या यूरो के खिलाफ उद्धृत पारंपरिक सोने के विपरीत, निम्न अद्वितीय वाद्ययंत्र, जिसमें अन्य संपत्ति के खिलाफ सोने उद्धृत किया गया है इस समूह में शामिल हैं :

व्यापार मुद्रा जोड़े, स्टॉक, वस्तुओं, आदि के लिए एकल ट्रेडिंग खाता

एक एक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स के प्रकार व्यापार खाते दलाली सेवाओं है कि केवल एक ही खाते का उपयोग कर वित्तीय बाजार के कई क्षेत्रों पर व्यापार करने के लिए एक ग्राहक की अनुमति का एक सेट है.

CFD व्यापार के साथ, निवेशकों को वित्तीय बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में खुद की कोशिश करने का अवसर मिलता है।

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

commodity trading

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

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