घरेलू इक्विटी बाजार के मोर्चे पर, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 215.68 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 62,410.68 पर बंद हुआ, जबकि व्यापक एनएसई निफ्टी 82.25 अंक या 0.44 प्रतिशत गिरकर 18,560.50 पर बंद हुआ। एक्सचेंज के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने मंगलवार को 635.35 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

सौंफ और इलायची से आपको मिलते हैं कई फायदे, जानें कैसे करें इस्तेमाल

Economy रुपया 10 पैसे की तेजी के साथ 82.28 प्रति डॉलर पर

मुंबई:घरेलू मुद्रा क्या है? विदेशी बाजारों में डॉलर के कमजोर होने के साथ अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 10 पैसे बढ़कर 82.28 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती और विदेशी संस्थागत निवेशकों की बाजार से निकासी से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई। घरेलू मुद्रा क्या है? इससे रुपये की बढ़त पर कुछ अंकुश लग गया।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.30 के स्तर पर खुला और कारोबार के अंत में यह 10 पैसे की तेजी के साथ 82.28 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.08 के उच्चस्तर और 82.33 के निचले स्तर को छुआ। इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.38 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था। बाजार सूत्रों ने कहा कि ब्याज दर में वृद्धि की गति के बारे में अतिरिक्त संकेतों के लिए निवेशकों को अगले सप्ताह केन्द्रीय बैंक की बैठकों के नतीजों के सामने आने का इंतजार है।

महिलाओं के लिए मुद्रा योजना

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) महत्वाकांक्षी उद्यमियों को अपना खुद का बिज़नेस शुरू करने के लिए फाइनेंशियल सहायता प्रदान करती है. वित्तीय संस्थान देश में महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए महिलाओं के लिए मुद्रा लोन भी प्रदान करते हैं.

1. इस लोन स्कीम का उद्देश्य क्या है?
पीएमएमवाई का उद्देश्य उन पात्र महिलाओं को फाइनेंशियल सहायता प्रदान करना है, जो अपना खुद का बिज़नेस शुरू करना चाहती हैं. यह स्कीम उन महिला उद्यमियों को लोन प्रदान करती है, जो एक सफल बिज़नेस स्थापित करने के लिए आवश्यक कौशल हासिल करना चाहती हैं.

2. महिलाओं के लिए मुद्रा लोन स्कीम क्या है?
मुद्रा योजना में, महत्वाकांक्षी महिला उद्यमी छोटे या सूक्ष्म स्तर के उद्यम शुरू करने के लिए रु. 10 लाख तक के फंड का लाभ उठा सकती हैं, बशर्ते वह उद्यम नॉन-कॉर्पोरेट या नॉन-फार्म बिज़नेस होना चाहिए.

सूर्य मुद्रा से कई बीमारियां होती हैं दूर, जानें करने का सही तरीका और इसके लाभ

Vikas Arya

Written by: Vikas Arya Updated at: Dec 06, 2022 16:14 IST

सूर्य मुद्रा से कई बीमारियां होती हैं दूर, जानें करने का सही तरीका और इसके लाभ

प्राचीनकाल से ही योग हमें स्वस्थ रखने का काम करता है। कई वर्षों पहले योग लोगों की दिनचर्या का मुख्य हिस्सा हुआ करता था। लेकिन धीरे-धीरे व्यक्ति की आदतों में बदलाव आया और वह योग की जगह पर आलस का आदि हो गया। वहीं आज के शहरी वातावरण में काम का दबाव इतना अधिक होता है कि लोगों को योग के लिए समय ही नहीं मिलता है। लेकिन इस समस्या का हल भी योग में दिया गया। योग के अंतर्गत कुछ मुद्राएं आती है यदि व्यक्ति को काम के बीच में थोड़ा सा समय मिला है तो वह उस दौरान भी इन मुद्राओं से अपनी सेहत को बेहतर बना सकता है। आज हम आपको सूर्य मुद्रा को करने के तरीके और इसके फायदों के बारे में बता रहे हैं।

कैसे करें सूर्य मुद्रा

व्यक्ति जब आराम की घरेलू मुद्रा क्या है? स्थिति में हो तो वह अनामिका अंगुली (रिंग फिंगर) को अपने अंगूठे पर रखकर बाकि सभी अंगुलियों को खोल लें। इसे करते समय आपको जमीन पर बैठना सही माना जाता है। ऐसा करते समय सुखासन में बैठें। अपने हाथों को घुटनों पर रखें। ये मुद्रा वात और पित्त की समस्या को ठीक करने का काम करता है।

सूर्य मुद्रा शरीर के सभी तत्वों को बैलेंस करके आपको स्वस्थ बनाती है। चलिए जानते हैं सूर्य मुद्रा के फायदे।

सूर्य मुद्रा थायराइड की समस्या को कम करती है

सूर्य मुद्रा से शरीर का थायराइड ग्लैंड ठीक तरह से कार्य करता है। थायराइड की वजह से होने वाले मोटापे को कम करने में मदद मिलती है। यदि आपको थायराइड की समस्या अधिक है तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ ही सुबह सूर्य मुद्रा को नियमित रूप से करने का प्रयास करें। धीरे-धीरे आपको इससे आराम मिलने लगेगा।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 3 पैसे की मजबूती के साथ 82.47 पर बंद हुआ

विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भी घरेलू इकाई को समर्थन मिला है।इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में, स्थानीय इकाई 82.74 पर खुली और ग्रीनबैक के मुकाबले 82.40 के इंट्रा-डे हाई और 82.75 के निचले स्तर को छुआ।स्थानीय इकाई अंत में 82.50 के अपने पिछले बंद के मुकाबले 3 पैसे की वृद्धि दर्ज करते हुए 82.47 पर बंद हुई।

गौरांग सोमैया, फॉरेक्स एंड बुलियन एनालिस्ट, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, "उम्मीद के अनुरूप, आरबीआई ने अन्य 35 बीपीएस की दरों में वृद्धि की। इसने वित्त वर्ष 2023 के सकल घरेलू उत्पाद के पूर्वानुमान को 7 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया।"

आरबीआई ने कहा कि अगले 12 महीनों में महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर रह सकती है।

रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा-सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक हो सकता है भारत

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच ने वैश्विक आर्थिक आउटलुक (Global Economic Outlook) के दिसंबर अंक में कहा कि अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति को देखते हुए भारत की जीडीपी वृद्धि चालू वित्त वर्ष में 7 फीसदी रह सकती है।

उभरते बाजारों में भारत की सबसे तेज विकास दर दर्ज करने की उम्मीद

भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में उम्मीद से अधिक बढ़ी है। वहीं अर्थव्यवस्था में खपत और निवेश से बड़े पैमाने पर वृद्धि के कारण 6.3 प्रतिशत साल-दर-साल की बढ़ोतरी हो रही है। फिच ने बताया कि ये अनुमान उसके सितंबर ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक (जीईओ) के 5.5 के पूर्वानुमान से भी ऊपर है।

इस साल फिच 20 कवरेज में भारत के उभरते बाजारों में सबसे तेज विकास दर दर्ज करने की उम्मीद है। भारत को अपनी अर्थव्यवस्था की घरेलू रूप से केंद्रित प्रकृति को देखते हुए वैश्विक आर्थिक झटकों से ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है, जिसमें खपत और निवेश देश के सकल घरेलू उत्पाद का एक बड़ा हिस्सा है। विनिर्माण पीएमआई का रोजगार उप-सूचकांक भी अक्टूबर में लगभग तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है, जबकि सेवा क्षेत्र में भी समकक्ष विस्तार में रहा है।

विश्व बैंक ने भी जीडीपी के पूर्वानुमान को संशोधित कर किया 6.9 फीसदी

भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत होने के संकेत को इस बात से भी समझा जा सकता है कि विश्व बैंक ने अपने नवीनतम भारत विकास अपडेट में ‘नेविगेटिंग द स्टॉर्म’ शीर्षक से चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जो सितंबर के अंत में वर्ष के लिए अनुमानित 6.5 प्रतिशत से अधिक है। विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने कहा कि इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि दो साल की अवधि के अंत में भारत उसी स्थिति में होगा जैसा हमने पहले भविष्यवाणी की थी।

उन्होंने आगे कहा कि भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक मजबूत है। पिछले 10 सालों में उठाए गए सभी कदम भारत को वर्तमान वैश्विक विपरीत दिशा में संचालन करने में मदद कर रहे हैं। विश्व बैंक ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था न केवल अपने उभरते बाजार समकक्षों की तुलना में वैश्विक विपरीत परिस्थितियों को संभालने के लिए बेहतर स्थिति में है, बल्कि यह पिछले संकटों की तुलना में तेजी से कोविड-19 महामारी के झटकों से भी उबरी है।

अर्थव्यवस्था को गतिशील बनाने के प्रयास जारी

वर्तमान समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था भारी संकटों का सामना कर रही है। कोविड महामारी,रूस-यूक्रेन युद्ध,वैश्विक आपूर्ति शृंखला में अवरोध और ब्याज दरों में वृद्धि आदि ने दुनियाभर की आर्थिक प्रक्रियाओं को प्रभावित किया है। इस वर्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था में मात्र 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पिछले वर्ष के 6 प्रतिशत से कम है और आने वाले वर्ष में इसके 2.7 प्रतिशत तक पहुंचने के आसार हैं।

लेकिन उसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस समय में न केवल स्वयं को इस से प्रभावित होने से बचाया है,बल्कि अपनी आर्थिक प्रक्रियाओं में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। वर्तमान समय में वैश्विक अर्थव्यवस्था के आँकड़े एकतरफ जब लगातार सिकुड़ रहें हैं वहीं ऐसे समय में भी भारत ने अपनी आर्थिक वृद्धि दर को संतुलित बनाए रखा है।

मौसमी रूप से समायोजित एसएंडपी ग्लोबल इंडिया विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) अक्टूबर के 55.3 से बढ़कर नवंबर में 55.7 हो गया जो तीन महीनों के दौरान परिचालन परिस्थितियों में मजबूत सुधार दर्शाता है वही नवंबर के पीएमआई आंकड़ों के साथ ही लगातार 17वें महीने में समग्र परिचालन स्थितियों में सुधार देखने को मिला है। इसके अतिरिक्त भारत ने अपने आयात-निर्यात संतुलन को भी बनाए रखा है।

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