राजा को राज्य की व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के लिये सात नीतियाँ वर्णित हैं!

विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है?

कृषि-आधारित उद्योग अर्थव्यवस्था के विकास के लिए काफी अहम हैं। चूंकि ज्यादातर कृषि-आधारित उद्योग लघु, छोटे और मध्यम श्रेणी के हैं, और मुमकिन है कि उनके पास सस्ते या सब्सिडी वाले आयात से प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता नहीं हो। ऐसे में सरकार की भूमिका काफी अहम हो जाती है। अन्य देशों के निर्यातकों की अनुचित व्यापार गतिविधियों के कारण सरकार को कृषि-आधारित उद्योगों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की जरूरत है।

कृषि-आधारित उद्योग, अर्थव्यवस्था के प्राथमिक और सहायक क्षेत्रों के बीच पारस्परिक निर्भरता का बेहतर उदाहरण है। जाहिर तौर पर यह निर्भरता दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है। यह साबित हो चुका है कि भारत में कृषि-आधारित उद्योग स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर गरीबी और बेरोजगारी की समस्या को दूर करने में काफी मददगार हैं। हालांकि, अन्य देशों से खराब गुणवत्ता वाले आयात के कारण अक्सर इन उद्योगों की प्रतिस्पर्धा क्षमता कमजोर पड़ जाती है। इन उद्योगों को अलग-अलग देशों के व्यापार प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ता है। इस लेख में व्यापार सम्बन्धी उन दिक्कतों के बारे में बताया गया है, जिनका सामना इन उद्योगों को करना पड़ता है।

विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है?

भारत का पर्यटन, दुनिया के 182 देशों में 7वें स्थान पर है। 2017 में 10.18 मिलियन विदेशी पर्यटकों के आगमन के साथ इस क्षेत्र में 15.6% की बढ़ोत्तरी हुई। जनवरी-नवंबर 2018 के बीच 93,67,424 विदेशी पर्यटक भारत आए जबकि 2017 में यह आंकड़ा 88,67,963 था। इस अवधि के दौरान, इस क्षेत्र में 5.6% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। जनवरी-नवंबर 2017 के दौरान 14,56,615 पर्यटक ई-टूरिस्ट वीज़ा पर पहुंचे, जबकि 2018 में इस अवधि के दौरान यह आंकड़ा 20,61,511 रहा और इसमें पिछले साल की तुलना में 41.5% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। जनवरी-अक्टूबर 2018 के दौरान विदेशी मुद्रा आय में वर्ष दर वर्ष 11.9% विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है? की बढ़ोत्तरी हुई है। जनवरी–अक्टूबर 2018 में विदेशी मुद्रा आय 1,58,846 करोड़ रुपए रही, जबकि जनवरी–अक्टूबर 2017 में यह 1,41,965 करोड़ रुपए थी।

वित्तीय वर्ष 2017 के दौरान घरेलू पर्यटन 2.3% की वार्षिक विकास दर से बढ़ा और सभी राज्यों की यात्रा करने वालों की संख्या 1652.49 मिलियन रही। इस अवधि के दौरान कुल विश्व पर्यटक आगंतुकों में भारत का हिस्सा 1.17% रहा, वहीं विश्व पर्यटन आगन्तुकों में भारत 2.05% हिस्से के साथ (यूएस डॉलर में) 13वें स्थान पर विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है? रहा।

केयर्न मामले में मीडिया में आ रही कुछ रिपोर्ट्स को सरकार ने बताया गलत, कहा कुछ पक्ष फैला रहें हैं भ्रम

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 23, 2021 15:15 IST

'केयर्न मामले में. - India TV Hindi

Photo:PTI

'केयर्न मामले में भ्रामक रिपोर्टिंग'

नई दिल्ली। विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है? केयर्न मामले में सरकारी बैंकों के विदेशी मुद्रा खातों से जुड़ी कुछ खबरों को सरकार ने पूरी तरह से गलत बताया है। वित्त मंत्रालय ने आज एक रिलीज जारी कर कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है, कुछ पक्ष योजनाबद्ध तरीके विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है? से भ्रम फैला रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि सरकार पूरी ताकत के साथ केयर्न के साथ लीगल विवाद में अपना बचाव कर रही है।

मीडिया में क्या आईं थी खबरें

विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है?

कृषि-आधारित उद्योग अर्थव्यवस्था के विकास के लिए काफी अहम हैं। चूंकि ज्यादातर कृषि-आधारित उद्योग लघु, छोटे और मध्यम श्रेणी के हैं, और मुमकिन है कि उनके पास सस्ते या सब्सिडी वाले आयात से प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता नहीं हो। ऐसे में सरकार की भूमिका काफी अहम हो जाती है। अन्य विदेशी मुद्रा व्यापार में क्या फैला है? देशों के निर्यातकों की अनुचित व्यापार गतिविधियों के कारण सरकार को कृषि-आधारित उद्योगों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की जरूरत है।

कृषि-आधारित उद्योग, अर्थव्यवस्था के प्राथमिक और सहायक क्षेत्रों के बीच पारस्परिक निर्भरता का बेहतर उदाहरण है। जाहिर तौर पर यह निर्भरता दोनों क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है। यह साबित हो चुका है कि भारत में कृषि-आधारित उद्योग स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर गरीबी और बेरोजगारी की समस्या को दूर करने में काफी मददगार हैं। हालांकि, अन्य देशों से खराब गुणवत्ता वाले आयात के कारण अक्सर इन उद्योगों की प्रतिस्पर्धा क्षमता कमजोर पड़ जाती है। इन उद्योगों को अलग-अलग देशों के व्यापार प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ता है। इस लेख में व्यापार सम्बन्धी उन दिक्कतों के बारे में बताया गया है, जिनका सामना इन उद्योगों को करना पड़ता है।

क्या मोदी डालर के विरुद्ध हैं ?

भारत में छद्दम धर्म-निरपेक्ष मोदी और योगी पर प्रहार करते नहीं थक रहे, विदेशी भारत विरोधियों के हाथों की कठपुतली बन भारतीय जनता को गुमराह कर रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सब पर एक और कुठाराघात करने का मन बना चुके हैं। जिस कारण उन पर मोदी पर छद्दम देशप्रेमी गैंग और जहर उगलेगा। परन्तु जनता को संयम से काम करना होगा। चर्चा है, एंकर सुशांत सिन्हा ने अपने शो न्यूज़ की पाठशाला में बताया कि मोदी दुनिया में डॉलर की दादागिरी को ख़त्म कर भारतीय रूपए का बोलबोला करवाने के लिए प्रयत्नशील हैं। यानि आयात-निर्यात में लेन-देन डॉलर में होने की बजाए दोनों देशों की मुद्रा में ही हो। रिज़र्व फण्ड में डॉलर रखने की बजाए अपने देश की मुद्रा को ही रखा जाए। जिसदिन मोदी अपने इस उद्देश्य में सफल हो गए, डॉलर नीचे गिरना शुरू हो जाएगा।

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