Photo:PTI रुपया (प्रतीकात्मक फोटो)

Prabhasakshi NewsRoom: चीन को LAC पर एकतरफा बदलाव कभी नहीं करने देंगेः जयशंकर

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "1990 के दशक के बाद जब हमने अपनी अर्थव्यवस्था को खोला तो हमने अपने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया जिससे चीन और अन्यों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया।''

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक बार फिर चीन और पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला है। चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हम चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कभी एकतरफा बदलाव नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि आज सीमाओं पर भारतीय सेना की इतनी बड़ी संख्या में तैनाती है जो पहले कभी नहीं थी। उन्होंने कहा कि चीनी आक्रामकता और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एकतरफा बदलाव के किसी भी प्रयास को रोकने और विफल करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैनात है। हम आपको बता दें कि इंडिया टुडे के इंडो-जापान कॉन्क्लेव 2022 को संबोधित करते हुए जयशंकर ने यह बात कही।

यह पूछे जाने पर कि सीमा रेखा पर तनाव के बीच चीन के साथ व्यापार क्यों बढ़ रहा है, विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "1990 के दशक के बाद जब हमने अपनी अर्थव्यवस्था को खोला तो हमने अपने एमएसएमई क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया जिससे चीन और अन्यों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो गया।'' उन्होंने कहा कि अधिक आयात किया गया और हमने अपनी आपूर्ति श्रृंखला नहीं बनाई जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन से आयात हो रहे हैं क्योंकि 30 वर्षों तक आपने उद्योगों को समर्थन नहीं दिया जिसकी उन्हें जरूरत थी। विदेश मंत्री ने कहा कि आपने जो 30 साल में किया है, उसे आप 5-10 साल में नहीं पलट सकते। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत जैसा देश मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत जापान से सीख ले सकता है। इसके अलावा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील और चीन से आयात बंद किये जाने की मांग पर विदेश मंत्री ने कहा कि केजरीवाल के बयान में गंभीरता नहीं जब व्यापार करने के लिए नहीं है।

इसे भी पढ़ें: S Jaishankar ने अपनी न्यूयॉर्क यात्रा को बताया फलदायी, कही ये बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, "पाकिस्तानियों के साथ हमारी अपेक्षाओं का स्तर कभी भी बहुत अधिक नहीं रहा।" जयशंकर ने कहा कि भुट्टो की टिप्पणी के बारे में विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है।

दूसरी ओर, बात अरुणाचल प्रदेश की करें तो वहां हालात पूरी तरह सामान्य हैं। इस बीच, अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर सेला दर्रा सुरंग का निर्माण तेजी के साथ जारी है। हम आपको बता दें कि डबल लेन वाली इस सुरंग के बन जाने पर असम से तवांग तक हर मौसम में संपर्क बना रहेगा। इस सुरंग का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से किया जा रहा है। मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का काम पूरा हो जाने पर सैन्य बलों को काफी लाभ होगा और अरुणाचल प्रदेश के लोगों के जनजीवन में भी बड़ा बदलाव आयेगा। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सेला दर्रा सुरंग सुरक्षा कारणों से गेम चेंजर साबित जब व्यापार करने के लिए नहीं होगी। बताया जा रहा है कि सेला पास में दो सुरंगें हैं। यह सुरंगें सेला के पश्चिम में दो चोटियों से होकर आ रही हैं।

हम आपको यह भी बता दें कि यांग्त्से क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हालिया तवांग झड़प के बावजूद स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि भारतीय सेना की वजह से वे यहां पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि संभव हो तो उन्हें भी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाये ताकि जरूरत पड़ने पर वह भी देश के काम आ सकें।

अब रुपया बनेगा डॉलर का दादा, PM मोदी भारत को बनाएंगे दुनिया का सरताज!

Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां. वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।

Dharmendra Kumar Mishra

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 20, 2022 15:37 IST

रुपया (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi News

Photo:PTI रुपया (प्रतीकात्मक फोटो)

Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों जब व्यापार करने के लिए नहीं का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां. वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है, वही डॉलर जो दुनिया की अर्थव्यवस्था और बाजार की दिशा तय करता है, वही डॉलर जो वैश्विक बाजार का दादा है। मगर अब पीएम मोदी ने ऐसा प्लान बनाया है कि डॉलर की दादागीरी खतरे में है। प्रधानमंत्री के इस प्लान के बारे में जानकर अमेरिका से लेकर चीन तक खलबली मच गई है, क्योंकि पहली बार किसी देश की करेंसी ने दुनिया की बादशाहत को ललकारा है।

पीएम मोदी जब कोई बात कहते हैं तो उसके पीछे उनकी सीक्रेट प्लानिंग होती है। यह प्रधानमंत्री के मजबूत अर्थशास्त्र का ही नतीजा है कि जब चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी समेत दुनिया के तमाम बड़े देशों की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल रही है और श्रीलंका से लेकर पाकिस्तान और वेनेजुएला जैसे देशों में हाहाकार मचा है। मगर ठीक इसी दौरान वैश्विक मंदी को मात देते हुए भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन बैठा। अब भारत की नजर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर है। उसके बाद देश की नजर फिर अगले पायदान पर होगी। वैश्विक मंदी के दौरान तेज गति से भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखकर दुनिया हैरान है।

रुपया बनेगा डॉलर का विकल्प

पीएम मोदी का प्लान सफल रहा जब व्यापार करने के लिए नहीं तो जल्द ही रुपये को डॉलर का विकल्प बनते देखा जा सकेगा। डॉलर की बादशाहत इतनी जल्दी खत्म तो नहीं होने वाली, लेकिन रुपया के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन जाने पर उसे कड़ा प्रतिद्वंदी जरूर मिल जाएगा। इसके लिए भारत ने तेजी से काम करना भी शुरू कर दिया है। ताकि रुपया जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में अपनी पहचान बना सके। इसके लिए भारतीय बैंकों ने बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने की संभावना तलाशनी भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के अलावा मिस्र जैसे कुछ अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार रुपये में ही संचालित करने की तैयारी में है। इसके लिए बैंक जुटे हुए हैं। रुपये में विदेशी कारोबार होने से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में होने वाली उठापटक के असर से बचने में भी मदद मिलेगी।

इन देशों के साथ रुपये में शुरू हो चुका व्यापार
वित्त मंत्रालय की हाल में हुई एक बैठक में सभी हितधारकों से अन्य देशों के साथ भी रुपये में विदेशी कारोबार की सुविधा देने की संभावना तलाशने को कहा गया है। फिलहाल रूस, मॉरीशस व श्रीलंका के साथ भारत रुपये में कारोबार कर रहा है। इसके लिए बैंकों के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) का इस्तेमाल किया जाता है। अब तक 11 बैंकों ने इस तरह के 18 खाते खोले हैं। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने पिछले वित्त वर्ष में मिस्र से 352 करोड़ डॉलर, अल्जीरिया से 100 करोड़ डॉलर और अंगोला से 272 करोड़ डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था। इसी तरह बांग्लादेश से भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 197 करोड़ डॉलर का आयात किया था। अब भारत सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी रुपये में कारोबार करने के करीब पहुंच चुका है।

भारत के प्लान से घबराया अमेरिका
रुपये से डॉलर को चुनौती देने से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के माथे पर भी शिकन आ गई है। पहली बार दुनिया की किसी जब व्यापार करने के लिए नहीं करेंसी ने सीधे डॉलर को चुनौती देने का प्लान बनाया है। सूत्रों के अनुसार भारत अब तक करीब 18 देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने पर सहमति प्राप्त कर चुका है। जल्द ही भारत इस आंकड़े को 50 से अधिक देशों के साथ समझौता करने की संभावनाएं तलाश रहा है। इससे भारत का सबसे बड़ा दुश्मन चीन भी घबरा गया है।

Small Business Ideas: 1 कमरे से शुरू करें ये काम, और कमायें 1 लाख रुपये महिना

Small Business Ideas : 1 कमरे से शुरू करें ये काम, और कमायें 1 लाख रुपये महिना

एक नए व्यवसाय उद्यम को सफलतापूर्वक संचालित करना और चलाना एक कठिन काम है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 80% नए व्यवसाय पहले वर्ष में बंद हो जाते हैं। यह एक बड़ी विफलता दर है। यह आपको अपने स्टार्टअप को स्थापित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में और भी सतर्क बना देगा।द्यमशीलता की यात्रा शुरू करने के लिए विचार कर सकते हैं। आएँ शुरू करें! यदि आप अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो उद्यमिता के प्रति जुनून होना ही काफी नहीं है। आपके पास एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया होना चाहिए जो न केवल मांग में हो बल्कि अद्वितीय भी हो।

हम आपके लिए बेहतरीन लघु व्यवसाय विचार लेकर आए हैं जिन पर आप अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करने के लिए विचार कर सकते हैं। आएँ शुरू करें!

Small Business Ideas :

जैसा कि कुछ ही दिनों मे बाद नए साल 2023 की शुरुआत होने वाली है ऐसे में अगर आप नए साल में अपना छोटा सा बिज़नेस शुरू करना चाहते है तो आपके ढेरों अवसर है। भारत जैसे देश मे बहुत सारे ऐसे बिज़नेस जिन्हे आप शुरू करके बहुत कम समय और कम खर्च मे अच्छा लाभ कमा सकते है। आज हम इस लेख मे आपको ऐसे ही तीन छोटे से बिज़नेस आईडिया (small investment business) के बारे में आपके बारे मे बताएंगे, जिसके द्वारा आप अगले साल 2023 के सुरुआत मे से ही बिजनेस शुरू करके एक अच्छा पैसा काम सकता है ।

Small Business Ideas : ऑनलाइन मार्केटिंग जरिए कमाये खूब पैसा

आज के युग मे अपने व्यवसायों को बढ़ाने के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग का सहारा खूब लिया जा रहा है । व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग सेवाएं की हमेशा मांग में रहती हैं। डिजिटल मार्केटिंग के जरिए ही ऑनलाइन सामान को बेचने मे आसानी , पेज पर क्लिक विज्ञापन, और सोशल मीडिया प्रबंधन जैसे ही कला का ट्रेनिंग दिया जाता है। इसके द्वारा आप एक व्यावसायिक ट्रेनिंग लेकर आप घर से ही काम को करने आजाद रहते है।

Download SarkariExam Mobile App

Small Business Ideas : कंटेंट राइटिंग मे घर बैठे कमाया जा सकता है ढेरों पैसा

कॉपी राइटिंग या कंटेंट राइटिंग आज के इंटरनेट युग मे एक अच्छा व्यवसाय है क्योंकि जब तक आपके पास इंटरनेट कनेक्शन है, आप इस काम को आसानी से कर सकते हैं। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसे आप अपने घर के आराम से किसी छोटे से दुकान से भी संचालित कर सकते हैं। कंटेंट राइटिंग के काम को घर बैठे ही फ्रीलांस राइटिंग के जरिए भी पैसा कमाया जा सकता हैं । कॉपी राइटिंग या कंटेंट राइटिंग के लिए किसी भी कोर्स करने की जरूरत नहीं पड़ती है । बस आपके टाइपिंग स्पीड मे ठीक ठाक होना आवश्यक है ।

Get SarkariExam Job Alert on WhatsApp

Small Business Ideas : कॉस्मेटिक इंड्रस्टी से जुड़े व्यापार मे हुई काफी वृद्धि

आज के युग मे हर कोई सुंदर दिखना चाहता है। दुनिया मे हर व्यक्ति स्किन केयर पर अब पहले से ज्यादा पुरुष भी विशेष ध्यान देने लगे हैं। अब स्किन केयर में महिलाओ के साथ साथ पुरुष भी पीछे नहीं है। लोगों की सुन्दर दिखने की चाह के कारण ही आप अपना सैलून, मेकअप आर्टिस्ट या कॉस्मेटिक दुकान को खोल कर ढेर सा पैसा कमा सकते हैं। कॉस्मेटिक इंड्रस्टी मे बढ़ोत्तरी हर साल देखी जा रही है। पहले की तुलना मे इस बिज़नेस में पैसा ही पैसा है।

अब रुपया बनेगा डॉलर का दादा, PM मोदी भारत को बनाएंगे दुनिया का सरताज!

Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां. वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है।

Dharmendra Kumar Mishra

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 20, 2022 15:37 IST

रुपया (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi News

Photo:PTI रुपया (प्रतीकात्मक फोटो)

Rupee Become International Currency Like Dollar: दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद पीएम मोदी के सपनों का भारत ऊंचाइयों की नई उड़ान पर है। प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षा रुपये को डॉलर का प्रतिद्वंदी बनाना है। जी हां. वही डॉलर जो वर्षों से पूरी दुनिया पर राज करता आ रहा है, वही डॉलर जो दुनिया की अर्थव्यवस्था और बाजार की दिशा तय करता है, वही डॉलर जो वैश्विक बाजार का दादा है। मगर अब पीएम मोदी ने ऐसा प्लान बनाया है कि डॉलर की दादागीरी खतरे में है। प्रधानमंत्री के इस प्लान के बारे में जानकर अमेरिका से लेकर चीन तक खलबली मच गई है, क्योंकि पहली बार किसी देश की करेंसी ने दुनिया की बादशाहत को ललकारा है।

पीएम मोदी जब कोई बात कहते हैं तो उसके पीछे उनकी सीक्रेट प्लानिंग होती है। यह प्रधानमंत्री के मजबूत अर्थशास्त्र का ही नतीजा है कि जब चीन, रूस, ब्रिटेन और जर्मनी समेत दुनिया के तमाम बड़े देशों की अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक गिरावट देखने को मिल रही है और श्रीलंका से लेकर पाकिस्तान और वेनेजुएला जैसे देशों में हाहाकार मचा है। मगर ठीक इसी दौरान वैश्विक मंदी को मात देते हुए भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन बैठा। अब भारत की नजर दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर है। उसके बाद देश की नजर फिर अगले पायदान पर होगी। वैश्विक मंदी के दौरान तेज गति से भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था को देखकर दुनिया हैरान है।

रुपया बनेगा डॉलर का विकल्प

पीएम मोदी का प्लान सफल रहा तो जल्द ही रुपये को डॉलर का विकल्प बनते देखा जा सकेगा। डॉलर की बादशाहत इतनी जल्दी खत्म तो नहीं होने वाली, लेकिन रुपया के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन जाने पर उसे कड़ा प्रतिद्वंदी जरूर मिल जाएगा। इसके लिए भारत ने तेजी से काम करना भी शुरू कर दिया है। ताकि रुपया जल्द ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में अपनी पहचान बना सके। इसके लिए भारतीय बैंकों ने बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने की संभावना तलाशनी भी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश के अलावा मिस्र जैसे कुछ अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार रुपये में ही संचालित करने की तैयारी में है। इसके लिए बैंक जुटे हुए हैं। रुपये में विदेशी कारोबार होने से विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में होने वाली उठापटक के असर से बचने में भी मदद मिलेगी।

इन देशों के साथ रुपये में शुरू हो चुका व्यापार
वित्त मंत्रालय की हाल में हुई एक बैठक में सभी हितधारकों से अन्य देशों के साथ भी रुपये में विदेशी कारोबार की सुविधा देने की संभावना तलाशने को कहा गया है। फिलहाल रूस, मॉरीशस व श्रीलंका के साथ भारत रुपये में कारोबार कर रहा है। इसके लिए बैंकों के विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (एसआरवीए) का इस्तेमाल किया जाता है। अब तक 11 बैंकों ने इस तरह के 18 खाते खोले हैं। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने पिछले वित्त वर्ष में मिस्र से 352 करोड़ डॉलर, अल्जीरिया से 100 करोड़ डॉलर और अंगोला से 272 करोड़ डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था। इसी तरह बांग्लादेश से भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 197 करोड़ डॉलर का आयात किया था। अब भारत सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी रुपये में कारोबार करने के करीब पहुंच चुका है।

भारत के प्लान से घबराया अमेरिका
रुपये से डॉलर को चुनौती देने से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के माथे पर भी शिकन आ गई है। पहली बार दुनिया की किसी करेंसी ने सीधे डॉलर को चुनौती देने का प्लान बनाया है। सूत्रों के अनुसार भारत अब तक करीब 18 देशों के साथ रुपये में कारोबार शुरू करने पर सहमति प्राप्त कर चुका है। जल्द ही भारत इस आंकड़े को 50 से अधिक देशों के साथ समझौता करने की संभावनाएं तलाश रहा है। इससे भारत का सबसे बड़ा दुश्मन चीन भी घबरा गया है।

भारतीय रुपये में व्यापार करना चाहते हैं कई देश, जानें क्या है वजह

भारत के रुपये में अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने की प्रक्रिया यानी डॉलर और अन्य बड़ी मुद्राओं की जगह रुपया इस्तेमाल करने का तरीका अन्य कई देशों को पसंद आ रहा है. दुनिया के कई देशों ने इस संबंध में भारत से संपर्क किया है ताजिकिस्तान, क्यूबा, लग्जमबर्ग और सूडान समेत कई देशों ने भारत से यह जानने के लिए बातचीत शुरू की है कि वह डॉलर या दूसरी बड़ी मुद्राओं को छोड़ भारतीय करंसी में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन कैसे कर रहा है. आइए जानें

रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगे

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर है कि, जब यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगे थे, तब रूस और भारत ने इस प्रक्रिया से ही कारोबार शुरू किया था.भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई में यह प्रक्रिया शुरू की थी. उद्योग जगत की एक हवाले से खबर है कि अब भारत सरकार ऐसे देशों को भी इस प्रक्रिया के तहत लाने की कोशिश कर रही है जिनके पास डॉलर यानी अमेरिकी मुद्रा की कमी है. फिलहाल यह मामला अभी गोपनीय है. भारतीय वित्त मंत्रालय और आरबीआई ने इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.

चार देशों ने भारत में खाता खोलने में दिखाई दिलचस्पी

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम चार देशों ने भारत में रुपये में खाता खोलने में दिलचस्पी दिखाई है. इन खातों को वोस्तरो अकाउंट कहा जाता है. हालांकि भारत के बैंकों ने अभी उन देशों को ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं. इन खातों को खोलने के लिए रिजर्व बैंक से इजाजत लेनी होती है.

कई और देश इच्छुक

आपको बता दे कि मॉरिशस और श्रीलंका ने भी इस प्रक्रिया में दिलचस्पी दिखाई है. उनके वोस्तरो खातों को तो रिजर्व बैंक ने मंजूरी भी दे दी है. दस्तावेजों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने 12 वोस्तरो खाते मंजूर किए हैं, जो रूस के साथ रुपये में कारोबार के लिए खोले गये हैं. छह अन्य खाते श्रीलंका और मॉरिशस के लिए हैं. इनमें से श्रीलंका के लिए पांच खाते हैं.

भारत कई अन्य बड़े व्यापारिक साझीदारों के साथ भी डॉलर की जगह रुपये में व्यापार करने की कोशिश कर रहा है. इनमें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं जिनसे भारत बड़ी मात्रा में तेल आयात करता है. एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक यूएई और भारत के केंद्रीय बैंक रुपया-दिरहम व्यापार व्यवस्था के लिए प्रक्रिया स्थापित करने पर बातचीत कर रहे हैं. सऊदी अरब के साथ रुपया-रियाल व्यापार प्रक्रिया की भी तैयारी की जा रही है.

कैसे काम करती है व्यवस्था

इसी साल भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय मुद्रा में उपलब्ध किसी भी संपत्ति को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की इजाजत दे दी थी. आरबीआई ने मार्च में ही भारतीय व्यापारियों को रूस के साथ रुपये में कारोबार करने की इजाजत दे दी थी. भारतीय मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने से भारत को अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी और वह उन देशों के साथ भी व्यापार कर सकता है जिन पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रतिबंध लगे हैं. मसलन, रूस से तेल खरीदने के लिए भारतीय व्यापारियों ने रुपये में भुगतान किया.

इससे भारत कम दाम में तेल खरीद पाया. इस व्यवस्था के तहत आयात और निर्यात करने वाले व्यापारी एक विशेष वोस्तरो खाता खोलते हैं, जो साझीदार देश के किसी बैंक के साथ जुड़ा होता है. वोस्तरो खाता साझीदार देश का बैंक भारत में किसी बैंक में खोलता है. व्यापारी को जितना भुगतान करना होता है, वह इस खाते में रुपयों में जमा कर देता है. उस रुपये को साझीदार देश किसी से भी रुपये में कारोबार करने में इस्तेमाल कर सकता है.

रेटिंग: 4.92
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 612