क्या समय आ गया है? ट्राई में एक और मशविरा पत्र पर काम चल रहा है जो अ​धिक समावेशी होगा। इस बीच मसौदे के मुताबिक देखें तो अन्य नियामकीय ढांचे मसलन प्रस्तावित दूरसंचार विधेयक में ओटीटी संचार को सेवा प्रदाता के रूप में शामिल किया जाएगा। व्य​क्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक भी किसी तरह ओटीटी को अपने दायरे में ला सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ओटीटी को सही ढंग से परिभा​षित कर पाना और उनका नियमन ठीक कर पाना मु​श्किल है। खासतौर पर वित्तीय शुल्क लगाने के मामले में।
अब जबकि लाटविया से लेकर भारत तक तथा अन्य जगहों पर भी उद्योग जगत के प्रतिनि​धि और नीति निर्माता हल तलाशने में जुटे हुए हैं तो सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) इस विषय पर क्या जब कॉल विकल्पों की बात आती है सलाह दे सकता है?

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और ओटीटी की बहस

ओवर द टॉप यानी ओटीटी और दूरसंचार कंपनियों में से किसे किसको भुगतान करना चाहिए और कौन किसका शोषण कर रहा है, इस कहानी में बहस मुर्गे और अंडे की कहानी की तरह अंतहीन हो गई है। इस बीच सरकार का रुख इंतजार करने का है। नई दिल्ली और लाटविया की राजधानी रिगा में शायद ही कोई समानता हो लेकिन पिछले दिनों दोनों शहरों के टेक और मीडिया हलकों में ओटीटी पर जमकर बहस हुई। पारंपरिक दूरसंचार कंपनियों द्वारा सवाल उठाया जा रहा है कि ओटीटी कंपनियों को उनके द्वारा तैयार और सशुल्क इस्तेमाल किए जाने वाली अधोसंरचना का अनुचित ढंग से और नि:शुल्क इस्तेमाल करने दिया जा रहा है।

दूसरे पक्ष की दलील है कि दूरसंचार सेवा प्रदाता अपने डेटा की खपत बढ़ाने के लिए ओटीटी की सामग्री का सहारा ले रहे हैं। यह भी कि दूरसंचार कंपनियों का काफी प्रति उपभोक्ता प्रति माह औसत राजस्व (एआरपीयू) ओटीटी की लोकप्रिय सामग्री और संचार सेवाओं से आता है। रिगा में हाल ही में आयोजित 5जी ​​शिखर बैठक ‘टे​क्रिटरी’ में दूरसंचार कंपनियों तथा ओटीटी प्रतिभागियों के बीच निवेश के नियमन और नवाचार आदि को लेकर काफी बहस हुई। भारत में भी सरकार को नाराजगी भरे पत्र लिखे गए जिनकी बदौलत ओटीटी प्लेटफॉर्म सु​र्खियों में रहे।

बी.कॉम एडमिशन 2022 (B.Com Admission 2022) - प्रक्रिया, तारीख , एलिजिबिलिटी, शुल्क, आवेदन, यहां आवेदन करें

Amita Bajpai

जब भारत में शैक्षिक डिग्री कोर्सेस की बात आती है, तो B.Com (Bachelor of Commerce) को देश में टॉप शैक्षिक कोर्सेस में से एक माना जाता है। जो छात्र धन प्रबंधन और निवेश का अध्ययन करना चाहते हैं, वे आमतौर पर वित्त के क्षेत्र में लोकप्रिय कोर्सेस चुनते हैं। यदि आप उन छात्रों में से एक हैं और सोच रहे हैं 2022 जब कॉल विकल्पों की बात आती है शैक्षणिक वर्ष के लिए B.Com में एडमिशन कैसे प्राप्त करें तो आप खुशकिस्मत हैं।

इस लेख की सामग्री के हर पहलू से संबंधित है भारत में बीकॉम प्रवेश 2022 (B.Com admissions in India 2022) एडमिशन प्रक्रिया, लोकप्रिय बी.कॉम परीक्षा, चयन प्रक्रिया, आवेदन प्रक्रिया, एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और top B.Com colleges in India सहित। भारत में ऐसे कई कॉलेज या विश्वविद्यालय हैं जो विशेष रूप से बीकॉम कोर्सेस के लिए जाने जाते हैं। इसलिए इन कॉलेजों में आवेदन जब कॉल विकल्पों की बात आती है करने के लिए आपको उन विषयों से अच्छी तरह वाकिफ होना होगा जो इस लेख में शामिल हैं।

बीकॉम प्रवेश 2022 के बारे में (About B.Com Admissions 2022)

भारत में 2022 के शैक्षणिक वर्ष के लिए B.Com एडमिशन प्रक्रिया अप्रैल से मई के महीने में शुरू की गई थी। विभिन्न बी.कॉम कॉलेजों में आवेदन की शुरुआत संस्थानों के विवेक के अनुसार परिवर्तन के अधीन है।

भारत के अधिकांश कॉलेज क्वालीफाइंग परीक्षा में छात्रों द्वारा स्कोर किए गए अंक के आधार पर बी.कॉम प्रवेश आयोजित करते हैं। जिसका अर्थ है यदि आपने अपनी इंटरमीडिएट परीक्षाओं में उच्च स्कोर किया है, तो आपके पास समान स्तर पर कम प्रतिशत वाले कॉलेजों की तुलना में टॉप कॉलेजों में सीट हथियाने का बेहतर मौका होगा।

नेपाल के औषधि प्रशासन विभाग ने एक नोटिस में नेपाल में इन दवाओं की आपूर्ति करने वाले स्थानीय एजेंट को उत्पादों जब कॉल विकल्पों की बात आती है को तुरंत वापस लेने को कहा है. विभाग ने एक अन्य नोटिस में वितरकों को भारत की कंपनी ग्लोबल हेल्थकेयर द्वारा निर्मित 500 मिलीलीटर और 5 लीटर हैंड सैनिटाइज़र को भी वापस लेने का निर्देश दिया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

काठमांडू: नेपाल के औषधि नियामक प्राधिकरण ने बाबा रामदेव के पतंजलि उत्पादों का निर्माण करने वाली दिव्य फार्मेसी सहित 16 भारतीय दवा कंपनियों को यह कहते हुए काली सूची में डाल दिया है कि वे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दवा निर्माण मानकों का पालन करने में विफल रहीं.

औषधि प्रशासन विभाग ने 18 दिसंबर को जारी एक नोटिस में नेपाल में इन दवाओं की आपूर्ति करने वाले स्थानीय एजेंट को उत्पादों को तुरंत वापस लेने को कहा है. विभाग द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा निर्मित दवाओं का नेपाल में आयात या वितरण नहीं किया जा सकता है.

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