कैसे अचानक क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन तेजी से गिरा

RBI गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेताया, कहा- अगले वित्तीय संकट का कारण बन सकता है

RBI governor warned about crypto currency, said- could be the cause of the next financial crisis

क्रिप्टोकरंसी को डिजिटल मनी के तौर पर इस्तेमाल किए जाने को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बड़ा बयान दिया है। दास ने चेतावनी दी है कि दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं यदि इस तरह के सट्टा उपकरणों को बढ़ने दिया जाता है तो अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी के साथ शुरू हो सकता है। इसी वजह से उन्होंने बिटकॉइन जैसे टोकन पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा बड़ा रिस्क

उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा कर सकती है और हम हमेशा इसके बारे में जानते हैं। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में पिछले एक साल की घटनाओं का जिक्र किया है. उन्होंने बताया कि कैसे क्रिप्टोकरंसी के कारण एक्सचेंज एफटीएक्स पूरी तरह से क्रैश हो गया। इसे अमेरिका के इतिहास की सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी कहा गया है। ऐसी घटनाएं आसन्न खतरे का संकेत देती हैं।

क्रिप्टोक्यूरेंसी दरें लगातार गिर रही हैं

निजी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्यांकन में गिरावट जारी है। क्रिप्टोकरंसी की नेटवर्थ 190 अरब डॉलर से घटकर 140 अरब डॉलर रह गई है। इस पर बोलते हुए दास ने कहा कि इन सभी घटनाओं के बाद मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है।

प्रतिबंध लगाने का आह्वान करें

दास ने अपने बयान में आगे कहा कि क्रिप्टोकरंसी विशुद्ध रूप से सट्टा गतिविधि है। उन्होंने इसे बैन करने की सोची. उनके अनुसार, अगला वित्तीय संकट निजी क्रिप्टोकरेंसी से आएगा।

उन्होंने कहा कि अलग-अलग न्यायालय अपने-अपने खाते में इस पर अलग-अलग रुख अपना रहे हैं, लेकिन आरबीआई उन पर पूर्ण प्रतिबंध के अपने रुख पर कायम रहना चाहता है। दास ऐसे सांकेतिक उपकरणों के घोर विरोधी रहे हैं।

दास ने कहा कि वे सिस्टम को बेहतर और अधिक कुशल बनाना चाहते हैं। उन्हें अभी तक इस बात का कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं मिला है कि इस तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी द्वारा जनता को कितनी अच्छी सेवा दी जाती है।

मैं बिनेंस पर INR में बिटकॉइन कैसे खरीदूं?

पिछले एक साल में बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में अपनी रुचि दिखाई है। वैश्विक महामारी से उत्पन्न अनिश्चितताओं के अलावा, भारतीयों ने मई 2021 के अंत तक हजारों करोड़ रुपये जमा किए हैं। इस जबरदस्त निवेश उछाल का कारण दुनिया भर में प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी द्वारा प्रदान किए गए निवेश पर प्रतिफल (रिटर्न) है। अकेले पिछले एक साल के निचले स्तर के बावजूद, बिटकॉइन की कीमत चार गुना और एथेरियम दस गुना से अधिक बढ़ गई है।

हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी के लिए विनियमन अस्थिर रहा है, फिर भी भारत में क्रिप्टो निवेशों ने महत्वपूर्ण संकर्षण दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं प्राप्त किया है। 15 मिलियन से अधिक भारतीयों ने डिजिटल मुद्राएं खरीदी या बेची हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी आईटी आबादी वाले देश में कई क्रिप्टो उत्साही मानते हैं कि भारतीय निवेशकों द्वारा प्रदान की गई वर्तमान मात्रा बड़े पैमाने पर आपनाये जाने के मामले में केवल हिमशैल का सिरा है।

बिनेंस पर INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए इन चरणों का पालन करें:

बिनेंस दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है, जिस पर दुनिया भर के लाखों उपयोगकर्ता भरोसा करते हैं। हमारे प्लेटफॉर्म में भारतीय निवेशकों के लिए INR में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने का विकल्प है। भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए कदमों अथवा चरणों का पालन करें।

चरण 1: अपना बिनेंस खाता बनाएं

बिनेंस के साथ साइन अप करें और अपना ईमेल पता या मोबाइल दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं फोन नंबर जैसे आवश्यक विवरण भरें। अपने क्रिप्टो वॉलेट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड चुनना याद रखें। आप अपना बिनेंस खाता बनाने के लिए मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन भी डाउनलोड कर सकते हैं। आप सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करते हुए, 2FA या दो-कारक प्रमाणीकरण (two-factor authentication) के साथ अपने खाते की सुरक्षा भी कर सकते हैं। प्रोफ़ाइल टैब के अंतर्गत "सुरक्षा" (“Security”) विकल्प पर क्लिक करें।

चरण 2: अपना केवाईसी सत्यापन (verification) दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं पूरा करें

केवाईसी (KYC- Know your customer) एक वित्तीय संस्थान द्वारा ग्राहक की पहचान का अनिवार्य सत्यापन है। केवाईसी प्रक्रिया में विभिन्न दस्तावेज शामिल हैं जिनका उपयोग आपकी पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है जैसे वैध पहचान पत्र, उपयोगिता बिल, और इसी तरह। प्रोफाइल टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पहचान (identification) विकल्प चुनें।

चरण 3: अपनी पहचान सत्यापित (verify) करें

अपना केवाईसी विवरण दर्ज करने के बाद, सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने के लिए वेरीफाई (verify) बटन पर क्लिक करें। कृपया ध्यान दें कि जमा किए गए दस्तावेज़ केवल आपकी राष्ट्रीयता के अधिकारियों द्वारा जारी किए हुए होने चाहिए।

चरण 4: सत्यापन (verification) पूरा करें

पुष्टि करें कि आपके केवाईसी सत्यापन को स्वीकार करने के लिए प्रस्तुत किए गए विवरण सटीक हैं। सत्यापन प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, जिसके बाद आपका खाता ट्रेडिंग के लिए तैयार हो जाएगा। आपके पास बुनियादी (basic) से उन्नत (advanced) सत्यापन मॉडल पर स्विच दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं करने का विकल्प भी होगा।

चरण 5: बिनेंस पी2पी के माध्यम से INR में बिटकॉइन खरीदें

बिनेंस पी2पी (पीयर-टू-पीयर एक्सचेंज) एक ऐसा बाज़ार है जहाँ लोग लगभग दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं किसी भी देश में अपनी शर्तों पर एक-दूसरे के साथ सीधे क्रिप्टो व्यापार कर सकते हैं। 70 से अधिक फिएट मुद्राओं के साथ, पी2पी मार्केटप्लेस भारतीय निवेशकों के लिए भारतीय रुपये में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना और बेचना आसान बनाता है।

मार्केटप्लेस पर जाने के लिए, वॉलेट टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पी2पी विकल्प पर क्लिक करें। आप यहां क्लिक करके भी मार्केटप्लेस जा सकते हैं।

चरण 6: बिटकॉइन खरीदने के लिए अपनी आवश्यकताओं को भरें

व्यापार करने के लिए क्रिप्टोकुरेंसी के रूप में बीटीसी का चयन करें, और फिर 'खरीदें' विकल्प चुनें। वह राशि दर्ज करें जिसे आप फिएट मुद्रा के रूप में INR के साथ खरीदना चाहते हैं। उस भुगतान विकल्प का चयन करें जिसे आप मौजूद विभिन्न विकल्पों में से चुनना चाहते हैं। बिनेंस द्वारा सत्यापित व्यापारियों की सूची के साथ बिटकॉइन से INR मूल्य और, उनकी न्यूनतम और अधिकतम बिक्री की सीमा के लिए "केवल व्यापारी विज्ञापन दिखाएं" (“only show merchant ads “) विकल्प पर क्लिक करें।

चरण 7: व्यापारियों से बिटकॉइन खरीदना

उपयुक्त मर्चेंट का चयन करने के बाद, बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") विकल्प पर क्लिक करें और अपनी चयनित फिएट मुद्रा में खरीदारी करने के लिए राशि भरें।

बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") पर क्लिक करने के बाद, आपके पास पहले चुने गए भुगतान विकल्प के माध्यम से मर्चेंट को फंड ट्रांसफर करने के लिए 15 मिनट की समय सीमा होगी। भुगतान करें, और फिर "स्थानांतरित, अगला" (“Transferred, NEXT”) पर क्लिक करें।

चरण 8: व्यापारी से बिटकॉइन प्राप्त करना

व्यापारी को आपके खाते में खरीदे गए बिटकॉइन की राशि को स्थानांतरित करने के लिए एक सूचना मिलेगी। आपको व्यापारी से कुछ ही मिनटों में अपना बिटकॉइन प्राप्त हो जाएगा।

देरी होने पर, आप हमेशा "अपील उठा सकते हैं"। आपके द्वारा “स्थानांतरित, अगला” (“Transferred, NEXT”) विकल्प पर क्लिक करने के तुरंत बाद ही यह विकल्प उपलब्ध है। अगला कदम होगा "अपील का कारण" के लिए सबूत के साथ अपने तर्क का समर्थन करना।

अपने बिनेंस खाते से भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए बस इतना ही करना है। यह आसान और तेज़ है। आप इस विशेष मार्गदर्शिका का उपयोग बिनेंस पी2पी मार्केटप्लेस के माध्यम से अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए भी कर सकते हैं।

Business News : क्रिप्टोकरेंसी निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी! RBI ने Crypto के गंभीर संकट को लेकर निवेशकों को चेताया

Business News : RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है।

December 22, 2022

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना आजकल जैसे फैशन बनता जा रहा है।कई आर्थिक मामलों की जानकारी रखने वाले लोग मानते हैं कि यह निवेश नहीं बल्कि पूरी तरह से सट्टेबाजी है। अगर इसको बढ़ने की इजाजत दी गई, तो ये अगले वित्तीय संकट की वजह बन सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने साथ ही बिटकॉइन जैसे साधनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी की। दास ऐसे साधनों के प्रबल विरोधी रहे हैं और आरबीआई इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय तक गया है। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से जुड़े बड़े जोखिम शामिल हैं और हम इस बारे में हमेशा जानकारी देते रहे हैं।

कैसे अचानक क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन तेजी से गिरा

RBI यानि भारत रिजर्व बैंक पहले भी क्रिप्टोकरेंसी के संभावित खतरों के बारे में निवेशकों को आगाह करता आया है। इससे पहले भी आरबीआई गवर्नर ने पिछले एक साल के घटनाक्रम इस तरह के साधनों से पैदा होने वाले खतरों के बारे में बात की है। इनमें क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एफटीएक्स का धराशायी होना शामिल है, जो अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी में से एक है।

इसके साथ ही दास ने ये भी कहा, इतना सब होने के बाद, मुझे नहीं लगता कि हमें अपने रुख के बारे में कुछ और कहने की जरूरत है। निजी क्रिप्टोकरेंसी का मूल्यांकन 190 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 140 अरब डॉलर रह गया है। उन्होंने कहा कि भारत में बुनियादी आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं, लेकिन बाहरी कारकों से अर्थव्यवस्था को कुछ ‘घाटा’ होगा।

चीन क्यों छिपा रहा दुनिया से सच्चाई, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन BF.7 ने चीन में भारी तबाही मचा रखी है। चीन में हर दिन 40-50 हजार मामले सामने आ रहे हैं और हजारों लोगों की मौत हो रही है। अस्पतालों में मरीजों को बेड उलपब्ध नहीं है। दवाईयों और जरूरी उपकरणों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मुर्दों को दफनाने के लिए लंबी कतारें लगी हैं। लेकिन चीन इस सच्चाई को झुठला रहा है। चीन दुनिया से कह रहा है कि सब ठीक है। चीन में बढ़ते कोविड मरीजों से भारत ही नहीं दुनिया के और देश भी परेशान है। अमेरिका, ब्राजील, जापान, जर्मनी समेत कई देशों में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं।

चीन ने शुक्रवार को बताया कि उसके यहां कोविड से कोई मौत नहीं हुई है, जबकि कोविड केसों की संख्या 5000 से अधिक बताई है। लेकिन चीन की इस बात पर कोई भी विश्वास करने को तैयार नहीं, इसके पीछे की वजह है, सोशल मीडिया पर तैरते वो वीडियो, जिसमें लाशों के ढेरों को साफ देखा जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में 15 लाख लोगों की कोविड से मौत हो सकती है। आखिर चीन क्यों छिपा रहा है दुनिया से सच्चाई, जानें क्या है इसके पीछे की वजह?

शी जिनपिंग की छवि को बड़ा झटका लगेगा
वैसे तो चीन किसी को अपनी सच्चाई बताता नहीं। इसकी वजह है. शी जिनपिंग की अजेय और हिटलरशाही छवि। वो चाहे गलवान का मामला हो या फिर तवांग की घटना। चीन ने हमेशा ही दुनिया के सामने झूठ बोला है। चीन इस बात को अच्छी तरह जानता है कि अगर वो दुनिया के सामने सच बोलेगा तो शी जिनपिंग की छवि को बहुत बड़ा धक्का लगेगा। शी जिनपिंग ने सितंबर में बलपूर्वक तीसरी बार सत्ता हासिल की है। शी जिनपिंग नहीं चाहते है कि उनकी अजेय रहने वाली छवि को किसी तरह का नुकसान पहुंचे। यह पहला मौका नहीं है जब दुनिया के सामने चीन ने अपनी सच्चाई छिपाई हो। इससे पहले उईगर मुसलमानों पर किए गए अत्याचार हो या फिर आतंकवाद पर बचाव। चीन हमेशा दुनिया को धोखा देता रहा है।

चीन की अर्थव्यवस्था की बिगड़ती सेहत
दूसरी सबसे बड़ी वजह है चीन की अर्थव्यवस्था। कोविड के बढ़ते मामलों और जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी ने चीन को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया है। चीन की अर्थव्यवस्था सबसे खराब दौर से गुजर रही है। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने चीन की अर्थव्यवस्था के अनुमान को 4.8 से घटाकर 2.7 फीसदी कर दिया है। यह चीन का अब तक का सबसे बुरा प्रदर्शन है। चीन ने कामगारों में फैक्ट्रियों में ही बंद कर रखा है। लोग कोविड के डर से फैक्ट्रियों से दीवारें फांदकर भाग रहे हैं। लेकिन चीन ने उन्हें रोकने के लिए तारों की फेसिंग में करंट, इलेक्ट्रिक शॉक समेत कई ऐसे काम कर रहा है, जिससे कामगारों में दहशत का माहौल है। कोरोना की पहली लहर में भी चीन की अर्थव्यवस्था इस तरह नहीं डगमगाई थी। साल 2020 में जब कोविड की पहली लहर आई थी, तब भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। 2020 में भारत की इकॉनोमी -7.5 प्रतिशत थी, जबकि इसी अवधि में चीन की इकॉनोमी 3 प्रतिशत के ऊपर थी।

दुनिया क्यों परेशान
चीन में बढ़ते कोविड के मामलों से भारत ही नहीं अमेरिका, ब्राजील, जापान, जर्मनी, दक्षिण कोरिया समेत कई देश परेशान हैं क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर देश है। कच्चे माल से लेकर चीन में बने हुए प्रॉडक्ट दुनिया के कई देशों में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। ऐसे में चीन में कोविड के केस बढ़े तो एक बार फिर दुनिया में महंगाई बढ़ सकती है। पहले कोरोना महामारी और बाद रूस-यूक्रेन युद्ध ने विश्व की परेशानी बढ़ाई है। अमेरिका, ब्रिटेन, भारत समेत कई विकसित और विकासशील देशों में महंगाई ने लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। बता दें कि चीन अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

कंपनियां छोड़ रही चीन
चीन में अमेरिका, जापान, जर्मनी समेत कई देशों की बड़े स्तर पर कंपनियां मौजूद हैं। जो दुनियाभर में अपने प्रॉडक्ट एक्सपोर्ट करती हैं। लेकिन कोविड आने के बाद कंपनियां चीन छोड़ने को मजबूर हो रही है। दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल निर्माता कंपनी एप्पल धीरे-धीरे अपना कारोबार चीन से समेटकर भारत और वियतनाम जैसे देशों में शिफ्ट कर रही हैं। एप्पल की सबसे बड़ी फोन निर्माता कंपनी फॉक्सकॉन ने हाल ही में घोषणा की है कि दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं वह अपना प्लांट भारत में लगाना चाहती है। बता दें कि फॉक्सकॉन आईफोन का निर्माण करती है। इसके अलावा, जापान की कंपनियां भी चीन से दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं अपना कारोबार समेट रही हैं। इसके लिए जापान सरकार ने कंपनियों को सब्सिडी देने का फैसला किया है।

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केरल: बैंक ने गलत खाते में जमा किए 2 करोड़ रुपये, फंड डायवर्ट करने पर यूजर को पकड़ा गया

शहर की पुलिस ने शनिवार को सॉफ्टवेयर त्रुटि के कारण एक व्यक्ति के खाते में जमा 2.44 करोड़ रुपये निकालने दुनिया में कितनी क्रिप्टो करेंसी हैं के आरोप में दो युवाओं को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक युवक के खाते में 18 दिसंबर को 2.44 करोड़ रुपये न्यू जनरेशन बैंक में जमा हुए थे। उसने क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग के लिए खाता खोला था।

जब उसे पता चला कि उसके खाते में इतनी बड़ी राशि जमा हो गई है, तो पहले आरोपी ने ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से 19 बैंकों में 54 अलग-अलग खातों में राशि स्थानांतरित कर दी।

अपने दोस्तों और परिवार के खातों में पैसे ट्रांसफर करने में उन्हें 171 ट्रांजेक्शन लगे। दूसरा आरोपी उसका दोस्त है जिसने काम पूरा करने में उसकी मदद की।

सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के बारे में बैंक को हाल ही में पता चला। शहर पुलिस टीम के एक अधिकारी ने कहा कि बैंक अधिकारियों ने तब पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद गिरफ्तारी की गई।

पुलिस को पता चला कि युवकों ने क्रिप्टोकरंसी के लिए पैसे एक्सचेंज करने की भी कोशिश की, लेकिन असफल रहे। हालाँकि, उन्होंने अप्रत्याशित रूप से प्राप्त धन का उपयोग करके चार आईफ़ोन खरीदे।

बैंक के सूत्रों के मुताबिक, खाताधारक से पैसे वापस देने के लिए बात हुई थी, लेकिन युवक ऐसा नहीं कर सका क्योंकि उसने पैसा खर्च कर दिया था. यहां तक कि उसने इसका इस्तेमाल कर्ज चुकाने के लिए भी किया।बैंक अधिकारियों ने कहा कि गड़बड़ इसलिए हुई क्योंकि बैंक एक अन्य प्रमुख बैंक के साथ विलय पर काम कर रहा था और सॉफ्टवेयर अपडेशन चल रहा था।

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