हममें से बहुत से लोग उपरोक्त के गवाह हैं, हमारे पास या तो माता-पिता हैं जो हमारे बुजुर्गों के लक्षण शहर में नहीं रहते हैं या हमारे पास बुजुर्ग दंपति हैं जो पड़ोसी हैं। यहाँ कुछ चीजें हैं जो युवा पीढ़ी सुरक्षित और जुड़े महसूस करने के लिए पुरानी पीढ़ी का समर्थन करने के लिए कर सकती है:
बुजुर्गों में कोविड-19 के लक्षण क्या हैं? लक्षण नजर आने पर क्या बरतें सावधानियां, कब जाएं डॉक्टर के पास
Symptoms of Corona in Older Adult: घर के किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति में कोरोना के लक्षण नजर आने पर क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास, जानें यहां.
Written by Anshumala | Updated : May 11, 2021 7:52 PM IST
Symptoms of Corona in Older Adult in Hindi: कोरोनावायरस (Coronavirus) की पहली लहर हो या दूसरी, बुजुर्ग व्यक्ति भी इससे काफी हद तक प्रभावित हुए हैं। चूंकि, बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, ऐसे में उनके संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। कोरोनावायरस के लक्षण वायरस के कॉन्टैक्ट में आने के 2 से 14 दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं। यह हल्के से लेकर गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं। बुजुर्गों में कई लक्षण ऐसे होते हैं, जो दूसरों में नजर नहीं आते हैं। यहां तक कि बुजुर्गों में लक्षण नजर आने में अधिक दिन भी लग सकते हैं। आइए जानते हैं, बुजुर्गों में कोरोनावायरस के लक्षण (Symptoms of Corona in Elderly Adult) क्या हो सकते हैं और कब उन्हें डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए.
बुजुर्गों में कोरोना के लक्षण पर क्या कहती है सीडीसी की रिपोर्ट
रोग नियंत्रण और बुजुर्गों के लक्षण रोकथाम केंद्र (CDC) की रिपोर्ट के अनुसार, COVID-19 के लक्षण आमतौर पर सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 (SARS-CoV-2), नोवेल कोनोवायरस के संपर्क में आने के 2-14 दिनों के अंदर नजर आ सकते हैं। सीडीसी का यह भी कहना है कि कोरोना की गंभीरता और जोखिम बुजुर्गों में उनके उम्र के अनुसार बढ़ जाती है।
बुजुर्गों में कोरोना के लक्षण क्या हैं (What are the symptoms in older adults?)
सीडीसी के अनुसार, 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्कों में लक्षण अलग-अलग मौजूद हो सकते हैं जैसे एक बुजुर्ग व्यक्ति के शरीर का तापमान कम हो सकता है, बुखार को दर्शाने वाला तापमान भी सामान्य से नीचे हो सकता है। वहीं, कुछ बुजुर्ग कोरोना मरीजों में लक्षण बिल्कुल नजर नहीं आते या फिर लक्षण विकसित होने में अधिक दिन लग जाते हैं। 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों में जब कोरोना से संबंधित बुखार होने के लक्षण दिखें, तो शरीर का तापमान इस प्रकार हो सकता है-
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एक बार बुखार मापने से 100 डिग्री या उससे अधिक तापमान होना।
कई बार बुखार की रीडिंग जब 99 डिग्री फेरेनहाइट आए।
बुजुर्गों में कोविड-19 के कॉमन लक्षण
हाइपोक्सिया (रक्त में ऑक्सीजन का लेवल कम होना)
तेजी से सांस लेना (Symptoms of Corona in Older Adult)
बेहोशी में बोलना या बड़बड़ाना (Delirium)
बुजुर्गों में नजर आने वाले कोरोना के गंभीर लक्षण
- खांसी होना
- बुखार, ठंड लगना
- सांस लेने में तकलीफ
- स्वाद व सुंगध का जाना
- नाक बहना या बंद हो जाना
- सिरदर्द, थकान
- शरीर और मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी या जी मिचलाना
- डायरिया
बुजुर्गों में कोरोना के लक्षण नजर आने पर क्या करें
यदि आपके घर में कोई बुजुर्ग व्यक्ति हैं और उनमें ये सभी लक्षण नजर आ रहे हैं, तो सबसे पहले सलाह लेने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। आप उन्हें आराम करने के लिए कहें। बुखार की दवा दें, हाइड्रेटेड बने रहने के लिए लिक्विड पदार्थ दें। साथ ही सीडीसी की गाइडलाइंस को जरूर फॉलो करें-
- बुजुर्ग व्यक्ति घर पर ही रहें, जब तक की डॉक्टर के पास जाने की जरूरत ना हो।
- लक्षणों पर नजर बनाएं रखें, बार-बार बुखार चेक करें।
- दूसरों से कॉन्टैक्ट बिल्कुल ना करें।
- मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
- हाथों को बार-बार धोने के लिए कहें।
- ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें।
डॉक्टर के पास कब ले जाएं
वैसे बुजुर्ग जिन्हें पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है, उनमें कोरोना के लक्षण कभी भी खतरनाक रूप ले सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि आप किसी अच्छे डॉक्टर से चेकअप करा लें। यदि होठों का रंग, नीला, सफेद या ग्रे हो जाता है, जागने या जागे रहने में असमर्थ होना, भ्रम होना, लगातार सीने में भारीपन या दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ महसूस करना आदि लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से बिना देर किए दिखाने के लिए ले जाएं।
COVID-19 बुजुर्गों के लक्षण महामारी के दौरान बुजुर्गों की देखभाल
खासकर बुजुर्गों में कोरोनोवायरस रोग (COVID-19) महामारी ने अभूतपूर्व भय और अनिश्चितता ला दी है।बुजुर्ग सामाजिक रिश्तों पर अधिक से अधिक भरोसा करते हैं और उन्हें अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।बुजुर्गों और सेवानिवृत्त लोगों को कभी-कभी मदद की ज़रूरत होती है और उन्हें अक्सर अपने आस-पास के लोगों की आवश्यकता होती है।भारत एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के दौर से गुजर रहा है, जहां कमजोर वरिष्ठ नागरिक सामान्य से अधिक अकेले महसूस कर सकते हैं।
कई कारण हैं कि बुजुर्ग कुछ अधिक असुरक्षित क्यों होते हैं -उनके पास युवा वर्ग की तुलना में अधिक क्रानिक बिमारीयां हैं, उन की उम्रदराज प्रतिरक्षा प्रणाली बीमारियों, संक्रमण और वायरस से लड़ने के लिए कमजोर हो जाती हैं।
स्वास्थ्यलाभ आमतौर पर धीमा और अधिक जटिल होता है।
हम में से अधिकांश अपने प्रियजनों के लिए चिंतित हैं जो वृद्ध हैं और हमसे बहुत दूर रह रहे हैं।
वे चिंता का सामना कर सकते हैं क्योंकि वे अकेले रहते हैं, एक निश्चित आय या पेंशन पर बसर करते हैं, अब ड्राइव नहीं करते हैं और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग नहीं कर सकते हैं और उनके नियमित स्वास्थ्य जांच में भी देरी होती है।वे अनिर्धारित या खराब प्रबंधित डिप्रेशन के मरीज भी हो सकते हैं। लाखों बुजुर्गों के लिए COVID-19 ने उनकी पहले से मौजूद चिंताओं को बढ़ा दिया है।
हममें से बहुत से लोग उपरोक्त के गवाह हैं, हमारे पास या तो माता-पिता हैं जो हमारे शहर में नहीं रहते हैं या हमारे पास बुजुर्ग दंपति हैं जो पड़ोसी हैं। यहाँ कुछ चीजें हैं जो युवा पीढ़ी सुरक्षित और जुड़े महसूस करने के लिए पुरानी पीढ़ी का समर्थन करने के लिए कर सकती है:
कोरोना के बाद बुजुर्गों में दिख रहे हैं घबराहट के लक्षण- स्टडी
Signs Of Anxiety in Older Patients : एक स्टडी में समाने आया कि बुजुर्गों को कोरोना की वजह से डिप्रेशन (Depression) से ज . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : April 03, 2022, 21:24 IST
Signs Of Anxiety in Older Patients: पिछले दो सालों से पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले कोरोना वायरस ने हर उम्र के लोगों को प्रभावित किया है, खासकर कोरोना की दूसरी लहर ने तो कुछ ज्यादा ही परेशानी बढ़ा दी. दूसरी लहर के दौरान ही इस संक्रमण ने लोगों को डायबिटीज और लिवर से संबंधित बीमारी तक दी. इस दौरान बुजुर्गों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिस पर एम्स ने स्टडी की है. दैनिक भास्कर अखबार में छपी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, इस स्टडी में मरीजों की मेंटल हेल्थ पर पड़े असर को जाना गया. इस स्टडी में समाने आया कि बुजुर्गों को कोरोना की वजह से डिप्रेशन (Depression) से ज्यादा घबराहट (Anxiety) हो रही है.
इस स्टडी में 60 साल से ज्यादा उम्र के 106 ऐसे बुजुर्गों को शामिल किया गया है, जिनका इलाज एम्स में चल रहा था. इनमें 58 पुरुष और 48 महिलाएं शामिल थी. इन 106 बुजुर्गों में से 103 की उम्र 79 साल के बीच जबकि बाकी 3 की उम्र 80 साल से ज्यादा थी. इन पर की गई स्टडी में यह पाया गया है कि 18.87% यानी 20 बुजुर्गों में डिप्रेशन के लक्षण पाए गए थे, जबकि 2 में मध्यम लक्षण थे. वहीं दूसरी तरफ 24 बुजुर्गों यानी 22.6% में घबराहट (anxiety) के लक्षण देखे गए है. इनमें से 20 में घबराहट के बुजुर्गों के लक्षण हल्के लक्षण थे और 4 मरीजों में मध्यम किस्म के लक्षण देखे गए हे.
स्टडी में शामिल बुजुर्गों में से 92.45% ऐसे थे, जिनकी देखभाल उनके घरवाले ही कर रहे थे और 1.88% बुजुर्ग वृद्धाश्रम (old age home) में रहते थे. इनमें से 82.08% बुजुर्ग शहरी इलाकों (urban areas) में और 17.92% बुजुर्ग ग्रामीण इलाकों में रहने वाले थे.
यूके और हॉन्ग कॉन्ग में भी हुई थी ऐसी स्टडी
एम्स बुजुर्गों के लक्षण के जीरियाट्रिक मेडिसिन विभाग (Department of Geriatric Medicine) के असिस्टेंंट प्रोफेसर डॉ. विजय गुर्जर (Dr. Vijay Gurjar) ने बताया कि कोरोना वायरस की वजह से बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ा है, यह जानने के लिए स्टडी की गई है. यह देश की पहली स्टडी है, जिसमें बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ पर पड़े प्रभाव को उजागर किया गया है.
यूके में भी इस तरह की स्टडी की गई थी, जिसमें यह सामने आया था कि 9.2 प्रतिशत बुजुर्गों में डिप्रेशन के और 15.3 प्रतिशत घबराहट के लक्षण देखने को मिले है. इसी तरह हांग कांग में 27.69 प्रतिशत बुजुर्गों में डिप्रेशन और 27.3 प्रतिशत में एंग्जाइटी के लक्षण देखे गए है. इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस ने हमारे बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ को काफी प्रभावित किया है. खासकर उनमें डिप्रेशन और एंग्जायटी बढ़ रही है. डॉ. विजय का कहना है कि इस वक्त जरुरत है कि हम बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें और उन्हें अच्छा ट्रीटमेंट उपलब्ध करवाएं.
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कोरोना के लक्षण क्या बच्चों और बुजुर्गों में अलग-अलग होते हैं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, बच्चों को भी कोरोना वायरस से खतरा है. बुजुर्गों में इस घातक वायरस के लक्षण आम लोगों से अलग हो सकते हैं
बुजुर्गों में इस घातक वायरस के लक्षण आम लोगों से अलग हो सकते हैं. आमतौर पर जुकाम, बुखार और सांस लेने की तकलीफ के तौर पर पहचाने जाने वाला वायरस बुजुर्गों में इनसे अलग लक्षण भी पैदा कर सकता है. बुजुर्ग लोगों को थकान, भूख कम लगना, कुछ समझ न आना, बैलंस बिगड़ने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि ज्यादा उम्र के लोगों को इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और फौरन मदद लेनी चाहिए. दरअसल उम्र के साथ हमारा शरीर बदल जाता है और ऐसे में किसी बीमारी के लिए प्रतिक्रिया भी अलग हो जाती है. ज्यादा उम्र में शरीर सुस्त हो जाता है. बोन मैरो फाइटर और सिग्नल सेल्स कम बनाने लगता है. बुजुर्गों के इम्यून सेल्स धीमे काम करते हैं.
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बुजुर्गों में अकसर दिखने वाले ऐसे 12 लक्षण जो गंभीरता से लेने चाहियें
वही लक्षण जो एक युवा व्यक्ति में एक कारण से हो सकते हैं वे बुजुर्गों में दूसरे कारणों से हो सकते हैं। युवा व्यक्ति में शायद वे इतने गंभीर न हों, पर बुज़ुर्ग में वे किसी गंभीर बीमारी की ओर संकेत कर सकते हैं। बुजुर्गों में अकसर कई चिरकालिक पुरानी बीमारियाँ पहले से मौजूद होती हैं, चोटें होती हैं, उनमें उम्र की वजह से शारीरिक परिवर्तन होते हैं। इन सब के बुजुर्गों के लक्षण कारण कभी-कभी उनमें अन्य गंभीर लक्षण स्पष्ट प्रकट नहीं होते या इतने गंभीर नहीं लगते । यदि इन लक्षणों को नजरंदाज करें, इनकी सही जांच न करें, तो इनको पैदा करने वाली बीमारियों का इलाज नहीं होता और इन से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गंभीर या घातक परिणाम हो सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इन अस्पष्ट चेतावनी संकेतों पर ध्यान दिया जाए, इनके वास्तविक कारणों की पहचान हो, और तुरंत उचित कदम लिए जाएँ।
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