एक अप्रैल से लगेगा टैक्स
वित्त वर्ष 2022-23 के बजट (Budget 2022-23) में क्रिप्टो संपत्ति भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी पर आयकर लगाने को लेकर चीजें स्पष्ट की गयी हैं। एक अप्रैल से ऐसे लेन-देन से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी सेस और सरचार्ज लगाया जाएगा। यह टैक्स ठीक उसी प्रकार से लगेगा, जैसे लॉटरी जैसे सट्टे वाले लेन-देन से होने वाले लाभ पर लगता है।

Cryptocurrency निवेशकों के लिए बड़ी खबर, टैक्स को लेकर नियम कड़े किए गए

Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार ने क्यों लगाया 30% टैक्स, बजट के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने कही ये बात

By: ABP Live | Updated at : 01 Feb 2022 05:13 PM (IST)

Edited By: Taruna

क्रिप्टोकरेंसी पर 30% टैक्स

Cryptocurrency Tax News Budget 2022: संसद में मंगलवार को पेश हुए आम बजट 2022-23 में डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर 30 फीसदी टैक्स लगाए जाने एलान किया गया भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी है. बजट पेश होने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर मीडिया से वित्त मंत्री ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जो आमदनी होती है, हमने उसपर 30 फीसदी का टैक्स लगाया है क्योंकि वो एक तरह की सम्पत्ति (Asset) है. जो डिजिटल करेंसी की बात है, वो आरबीआई जारी करेगी.

सीतारमण ने कहा, हम हर ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस लगाकर उसमें ( क्रिप्टो करेंसी ) पैसे के हर लेन - देन पर भी नज़र रख रहे हैं. अभी के लिए क्रिप्टो और क्रिप्टो संपत्ति क्या हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई. हितधारकों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है.

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पिछले भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सबसे हॉट इन्वेस्टमेंट के रूप में उभरा है। खासकर युवा निवेशकों के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है। भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी परंपरागत रूप से सुरक्षित तरीके से पैसा लगाने वाले निवेशक भी इसमें लगातार दिलचस्पी ले रहे हैं।

जहां एक और ब्लॉकचेन की मुख्य भूमिका वाले वेब 3.0 की बात हो रही है, वहीं देश में स्टार्टअप कल्चर भी तेजी से पैर पसार भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी रहा है। ऐसे में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों में शुमार भारत इस कल्चर को तेजी से अपना रहा है और ब्लॉकचेन आधारित तकनीकों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

क्रिप्टो टैक्स: क्रिप्टो निवेश अब मुख्यधारा में भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी आ चुका है
भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हमेशा से इस बात को लेकर आशंकित रहे हैं कि देश में यह निवेश कानूनी रूप से वैध है या नहीं! इसी धारणा को स्पष्ट करने के लिए पहली बार देश में इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की बात की गई है।

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  • क्रिप्टो पर प्रतिबंध के लिए कठोर रुख संभव नहीं
  • न ही वर्चुअल करेंसी को लीगल टेंडर बनाने की संभावना
  • वर्चुअल एसेट पर कानून की रूपरेखा पर अंतिम फैसला शीघ्र

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नई दिल्ली
भारत क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर एक बीच के रास्ते पर विचार कर रहा है। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि भारतीयों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में बड़े निवेश को देखते हुए क्रिप्टो पर प्रतिबंध के लिए कठोर रुख संभव नहीं है। न ही इन अनियमित वर्चुअल करेंसीज को लीगल टेंडर के रूप में अनुमति दिए जाने की संभावना है। सरकार को जल्द से जल्द वर्चुअल एसेट पर कानून को अंतिम रूप देना है ताकि इसे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके।

मुश्किल होगा क्रिप्टोकरेंसी का लेनदेन! टैक्स को लेकर भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी सरकार और सख्त

टाइम्स नाउ डिजिटल

Indian Government on Cryptocurrency: Finance Bill 2022 finance ministry proposes amendments to tighten norms for crypto taxation

  • एक फीसदी टीडीएस लगाने का प्रस्ताव एक जुलाई, 2022 से प्रभाव में आएगा।
  • CoinMarketCap के अनुसार, शाम 4:45 बजे के करीब ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 2.01 लाख करोड़ डॉलर था।
  • खबर लिखने के समय तक बिटकॉइन की कीमत 44,317.14 डॉलर थी।

Indian Government on Cryptocurrency: सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का काफी क्रेज है। कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग नियम भी लागू किए हैं। बात अगर भारत की करें, तो भारत सरकार फिलहाल क्रिप्टोकरेंसी पर राहत देने के मूड में नहीं दिख रही है। सरकार ने वित्त विधेयक-2022 (Finance Bill 2022) में कुछ दबलाव करते हुए इसके लिए नियम और सख्त करने का प्रस्ताव रखा है।

लॉटरी से होने वाली कमाई पर टैक्स जैसे नियम

वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में क्रिप्टो संपत्ति पर आयकर लगाने को लेकर चीजें स्पष्ट की गयी हैं. एक अप्रैल से ऐसे लेन-देन से होने वाली आय पर 30 फीसदी आयकर के साथ उपकर और अधिभार (सेस एंड सरचार्ज) लगाया जाएगा. यह कर ठीक उसी प्रकार से लगेगा, जैसे लॉटरी जैसे सट्टे वाले लेन-देन से होने वाले लाभ पर लगता है. साथ ही, वीडीए के हस्तांतरण से आय की गणना करते समय, किसी भी खर्च (अधिग्रहण की लागत के अलावा) या भत्ते के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी.

बजट में एक साल में 10,000 रुपए से अधिक ऑनलाइन डिजिटल मुद्रा भुगतान पर एक फीसदी टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने का भी प्रस्ताव है. साथ ही इस प्रकार की संपत्ति भारत में कराधान और क्रिप्टोकरेंसी उपहार देने पर भी कराधान का प्रस्ताव किया गया है. टीडीएस के लिए सीमा निर्धारित व्यक्तियों के लिए 50,000 रुपए सालाना होगी. इसमें व्यक्ति/हिंदू अविभाजित परिवार शामिल हैं. उन्हें आयकर कानून के तहत अपने खातों का ऑडिट कराने की जरूरत होगी.

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