यूं तो राजनीति में इस शब्द का कोई औचित्य नहीं होता है, लेकिन पिछले कुछ समय में इसका इस्तेमाल बढ़ा है. जब राजनीति में नेता दल बदलते हैं, या फिर किसी चालाकी के कारण कुछ ऐसा खेल रचा जाता है कि दूसरी पार्टी के नेता आपका समर्थन कर दें तब राजनीति में इसे हॉर्स ट्रेडिंग कहा जाता है. भारत में इसे दल-बदलना, दल-बदलू भी कहते हैं. इसको लेकर अपने देश में कानून भी है.

Margin Trading- मार्जिन ट्रेडिंग

मार्जिन ट्रेडिंग
What is Margin Trading: शेयर बाजार में मार्जिन ट्रेडिंग से अर्थ उस प्रक्रिया से है, जहां व्यक्तिगत निवेशक शेयर खरीद की अपनी क्षमता से ज्यादा स्टॉक्स खरीदते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग भारत में इंट्रा डे ट्रेडिंग को भी परिभाषित करती है। मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा विभिन्न स्टॉक ब्रोकर्स देते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग में एक सिंगल सेशन में सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री शामिल रहती है। समय के साथ विभिन्न ब्रोकरेजेस ने टाइम ड्यूरेशन के मामले में कुछ ढील दी है। मार्जिन ट्रेडिंग में निवेशक एक विशेष सत्र में शेयर की चाल का अनुमान लगाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंजेस की बदौलत, मार्जिन ट्रेडिंग अब छोटे ट्रेडर्स के लिए भी एक्सेसिबल है। मार्जिन ट्रेडिंग की प्रक्रिया काफी सरल है।

मार्जिन अकाउंट, निवेशकों को अपनी शेयर खरीद क्षमता से ज्यादा शेयर खरीदने के संसाधन उपलब्ध कराता है। इस उद्देश्य के लिए ब्रोकर शेयर खरीदने के लिए पैसे उधार देता है और शेयरों को अपने पास गिरवीं रख लेता है। मार्जिन अकाउंट के साथ ट्रेड करने के लिए निवेशक को सबसे पहले मार्जिन अकाउंट खुलवाने के लिए अपने ब्रोकस को रिक्वेस्ट करनी होती है। इसके लिए ब्रोकर को कैश में पैसे देने होते हैं, जिसे मिनिमम मार्जिन कहते हैं।

इंट्राडे और डिलिवरी के बीच अंतर

हिंदी

निवेश के किसी भी छात्र के लिए , सबसे बड़ी बाधा कई वर्ग-बोली को समझना है जो एक स्टॉकब्रोकर लापरवाही से आपको गिरा देगा। यदि आप एक ही स्थिति में हैं , तो आप सही जगह पर आए हैं। निवेश के निर्णयों में आपकी मदद करने के अलावा , हम आपको एक अनुभवी निवेशक के रूप में बढ़ने में मदद करने के लिए अलग-अलग स्टॉक मार्किट की शर्तों के बारे में भी शिक्षित करते हैं।

यदि आपने हाल ही में स्टॉक मार्किट में कदम रखा है , तो आप पहले से ही इस सवाल पर आ गए होंगे कि क्या आप इंट्राडे ट्रेडिंग पसंद करते हैं या स्टॉक्स की डिलीवरी चाहते हैं। यह आर्टिकल आपको इंट्राडे बनाम डिलीवरी ट्रेडिंग के विषय को समझने में मदद करेगा और उनके बीच क्या अंतर होते हैं।

सही निवेश विकल्प बनाने ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? के लिए एक नए निवेशक के लिए इंट्रा डे और डिलीवरी के बीच अंतर को समझना जरूरी होता है।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या होती है, Scalping Trading Kya hai

जब कोई निवेशक स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करता है तो वह एक ही दिन के भीतर मार्केट के खुलने और बंद होने के मध्य शेयर को खरीदता और बेचता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह नियम है की इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेशक कम दाम में शेयर खरीदता है और अधिक दामों में बेचकर प्रॉफिट ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? कमाता है।

लेकिन इसके लिए उसे अपनी पोजीशन को काफी देर तक होल्ड करके रखनी पड़ती है और कभी कभी यह काम जल्दी भी हो जाता है। लेकिन निवेशक को को कम दाम पर शेयर खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ता है। लेकिन स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में ऐसा नहीं है।

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग क्या है? –स्कैल्पिंग ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा उछाल वाले स्टॉक्स को चुना जाता है, इसके बाद पूरी मार्जिन मनी के साथ स्टॉक्स को खरीद लिया जाता है, और फिर जैसे ही उस स्टॉक्स की थोड़ी सी कीमत बढ़ जाती हैं तो उसे सेल कर दिया जाता है। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग आमतौर पर 1 मिनट से 25 मिनट के अंदर अंदर होती है।

Scalping Trading Kaise Kare

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले निवेशकों को एक Strategy बनानी होती है ताकि निवेशक उसी स्ट्रेटेजी के अनुसार ट्रेडिंग फील्ड में कार्य कर सकें। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं इससे हम एक उदाहरण के माध्यम से समझेंगे –

मान लीजिए किसी निवेशक ने एक स्कैल्प शेयर चुना और उस शेयर की कीमत में बहुत ज्यादा उछाल आता है। कहने का मतलब हर 15:20 मिनट में 25 पैसे से लेकर ₹1.50 तक वोलैटिलिटी होती है। अब निवेशको को सबसे पहले अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जाकर उस कंपनी के शेयर को खरीदना है।

अब जैसा की आप सबको पता है कि निवेशक स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उन्हें जितना पैसा है उसके शेयर खरीदना है। यहां पर आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट का लगभग 90% मार्जिन उपयोग में ले सकते हैं, यहां पर आपको 5 गुना मार्जिन मिलता है अब निवेशक ने मान लेते हैं ₹110 प्रति शेयर के हिसाब से शेयर खरीद लिए।

Scalping Trading के मुख्य बिंदु

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के कुछ टिप्स है जिनका आपको पालन करना है।

  1. कभी भी पूरी मार्जिन मनी का इस्तेमाल नहीं करें।
  2. हमेशा रिसर्च करके की ट्रेड ले अनुमान के हिसाब से ना चले।
  3. हमेशा स्टॉप लॉस लेकर चलें ताकि आपको बड़ा जोखिम ना उठाना पड़े।
  4. बिल्कुल लालच ना करें जितना आप का टारगेट है बस वही रखें।
  5. मार्केट से फाइट नहीं करें और बार-बार ट्रेड नहीं ले।
  6. एक ही कंपनी के शेयर बार-बार ट्रेड ना करें।

Scalping Trading Kaise Kare

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले निवेशकों को एक Strategy बनानी होती है ताकि निवेशक उसी स्ट्रेटेजी के अनुसार ट्रेडिंग फील्ड में कार्य कर सकें। स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं इससे हम एक उदाहरण के माध्यम से समझेंगे –

मान लीजिए किसी निवेशक ने एक स्कैल्प शेयर चुना और उस शेयर की कीमत में बहुत ज्यादा उछाल आता है। कहने का मतलब हर 15:20 मिनट में 25 पैसे से लेकर ₹1.50 तक वोलैटिलिटी होती है। अब निवेशको को सबसे पहले अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जाकर उस कंपनी के शेयर को खरीदना है।

अब जैसा की आप सबको पता है कि निवेशक स्कैल्पिंग ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उन्हें जितना पैसा है उसके शेयर खरीदना है। यहां पर आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट का लगभग 90% मार्जिन उपयोग में ले सकते हैं, यहां पर आपको 5 गुना मार्जिन मिलता है अब निवेशक ने मान लेते हैं ₹110 प्रति शेयर के हिसाब से शेयर खरीद लिए।

Scalping Trading के मुख्य बिंदु

स्कैल्पिंग ट्रेडिंग के कुछ टिप्स है जिनका आपको पालन करना है।

  1. कभी भी पूरी मार्जिन मनी का इस्तेमाल नहीं करें।
  2. हमेशा रिसर्च करके की ट्रेड ले अनुमान के हिसाब से ना चले।
  3. हमेशा स्टॉप लॉस लेकर चलें ताकि आपको बड़ा जोखिम ना उठाना पड़े।
  4. बिल्कुल लालच ना करें जितना आप का टारगेट है बस वही रखें।
  5. मार्केट से फाइट नहीं करें और बार-बार ट्रेड नहीं ले।
  6. एक ही कंपनी के शेयर बार-बार ट्रेड ना करें।

निष्कर्ष : Scalping Trading Meaning in Hindi

डियर पाठक ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है? आप चाहे ट्रेडिंग के किसी भी है सेगमेंट या सेक्टर में निवेश करें उसके लिए जरूरी है अनुशासन में रहना क्योंकि अगर आप मार्केट से बार-बार बहस करेंगे तो मार्केट आपको निपटा देगा। इसलिए जो गलती हुई है उसे दोबारा ना दोहराए और अपनी गलती को स्वीकार करें।

Scalping Trading में आपको बहुत जल्दी एक्शन लेना पड़ता है इसलिए अगर आप शुरुआती ट्रेडर हैं तो आप फिलहाल इसे अवॉइड करें, क्योंकि यह एडवांस लेवल का कार्य है। जब आप सीख जाएंगे तो आराम से करेंगे इसे।

आशा करते हैं आज का लेख Scalping Trading Meaning in Hindi आर्टिकल आपको पसंद आया होगा और आपको, Scalping Trading ट्रेडिंग के बारे में भी जानकारी मिल गई होगी।

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क्या होता है हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब? कहां से आया? समझें राजनीति में मायने

प्रतीकात्मक तस्वीर

  • नई दिल्ली,
  • 18 मई 2018,
  • (अपडेटेड 18 मई 2018, 11:31 AM IST)

हॉर्स ट्रेडिंग. ये वो शब्द है जिसे आपने पिछले कुछ दिनों में टीवी पर बहस के दौरान सुना होगा, अखबार में किसी खबर के हेडलाइन में पढ़ा भी होगा. पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से कर्नाटक में सरकार गठन को लेकर सियासी उठापटक मची है, इस शब्द का उपयोग बढ़ गया है. लेकिन इसका मतलब क्या होता है और राजनीति से इसका आखिर क्या लेना-देना है. यहां समझिए.

आखिर इसका मतलब क्या है.

दरअसल, हॉर्स ट्रेडिंग का मतलब 'घोड़ों की बिक्री' से है. असल में इस शब्द की शुरुआत कैंम्ब्रिज डिक्शनरी से हुई थी. करीब 18वीं शताब्दी में इस शब्द का इस्तेमाल घोड़ों की बिक्री के दौरान व्यापारी करने लगे, लेकिन इसके साथ किस्से जुड़े कि इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जाने लगे.

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