Dividend distribution tax is applicable on mutual funds as below:
लाभांश वितरण कर क्या है? – Dividend Distribution Tax
भारत सरकार के वित्त मंत्री का कहना है कि लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax) अब व्यक्तियों को नहीं वरन् कंपनियों को देना होगा.
यह वह कर है जो किसी कम्पनी द्वारा अपने लाभ में से अंशधारकों को दिए गये लाभांश पर लगाया जाता है.
लाभांश वितरण कर से सम्बंधित प्रमुख तथ्य
- लाभांश वितरण कर स्रोत पर लगाया जाता है और उस समय काटा जाता है जब कोई कम्पनी लाभांश वितरित करती है.
- यह लाभांश कम्पनी के लाभ का अंश होता है और इसे अंशधारकों में बाँटा जाता है.
- कानून के अनुसार लाभांश वितरण कर कम्पनी पर लगाया जाता है न कि लाभांश पाने वाले अंशधारक पर.
- परन्तु यदि कोई अंशधारक किसी एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रु. से अधिक का लाभांश प्राप्त करता है तो उस पर एक अतिरिक्त कर थोपा जाता है.
आयकर अधिनियम के अनुभाग 115-O के अनुसार, कोई भी ऐसा घरेलू प्रतिष्ठान जो लाभांश घोषित करता है अथवा वितरित करता है उसे लाभांश की कुल मात्रा के 15% की दर से लाभांश वितरण कर देना होगा.
क्या लाभांश वितरण कर न्यायोचित है?
इस साल आपको डिविडेंड पर होने वाली इनकम पर भी देना होगा टैक्स, जानिए सभी सवालों के जवाब
- News18Hindi
- Last Updated : July 31, 2020, 07:34 IST
नई दिल्ली. अगर आपने किसी कंपनी में निवेश किया है और वो कंपनी डिविडेंड (Dividend) देती है तो उस आमदनी पर इस साल टैक्स चुकाना होगा. हालांकि, 1 फरवरी 2020 को पेश किए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax) हटा दिया था. टैक्स एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पहले कंपनियां डिविडेंड पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देती थी. लेकिन अब ये निवेशकों डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है की कुल आमदनी में जुड़ जाएगा. आइए जानें डिविडेंड और इसके टैक्स से जुड़ी सभी जरूरी बातें.
Who is required to pay dividend distribution डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है tax?
A domestic company is liable to pay dividend distributions tax @15% on the gross amount of डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है dividend as per section 115O. In the case of deemed dividends u/s 2(22)(e) tax is payable @30%. Here, the dividend is exempt in the hands of the shareholder.
The effective rate of dividend distribution tax is 17.65% on the amount of dividends . As per section 115O, the applicable tax rate is 15%.
When is DDT applicable?
As per the provisions of the income tax act, DDT has to be paid within 14 days of the earliest following events:
- Declaration of dividend
- Distributions
- Payment of dividend
If the dividend is not paid within the due date, interest is applicable @1% for every month or part thereof on the amount of such tax. The interest will be paid for the period beginning immediately after the last date on which such tax was payable and the actual date of payment.
Special provisions related to DDT
The companies are not required to pay DDT डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है on any dividends distributed on or after 01-04-2020. Below are a few changes that need to be kept in mind:
- The entire dividend is now taxable in the hands of the shareholders.
- The company deducts tax under section 194 @10% is the dividend amount is above Rs. 5,डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है 000.
- Exemption under section 10(34) stands withdrawn for AY 2021-22.
- Provisions of section 115BBD will not be applicable.
क्या है डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स?
FM has hiked the DDT and also increased the surcharge. That results in an effective rate of tax of 28.33% on dividends declared by all debt funds.
2. डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या है?
भारत में जब कोई कंपनी डिविडेंड के रूप में कोई रकम बांटती, चुकाती या देने की घोषणा करती है तो उस पर सरकार डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है को 15 फीसदी का एक टैक्स चुकाना पड़ता है जिसे डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स कहा जाता है. डीडीटी का प्रावधान फाइनेंस एक्ट 1997 के तहत की गयी थी. सिर्फ घरेलू कंपनियों को ही यह टैक्स चुकाना पड़ता है. अगर कंपनी किसी टैक्स के दायरे में नहीं आती, तब भी उसे डिविडेंड देने पर डीडीटी चुकाना ही पड़ता है.
कितना लगेगा टैक्स
डिविडेंड पर निवेशक को कितना टैक्स देना होगा, इस बारे में डॉ. सुराना कहते हैं, इनकम टैक्स डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है एक्ट के सेक्शन 56(2)(i) के मुताबिक लाभांश का टैक्स ‘इनकम फ्रॉम अदर सोर्स’ के हेड में रखा जाएगा. अगर यही लाभांश ट्रेडिंग के मकसद से लिया जा रहा है या ट्रेडिंग के म्यूचुअल फंड या डायरेक्ट इक्विटी से लाभांश लिया जा रहा है तो वह बिजनेस इनकम में गिना जाएगा. निवेशक जिस टैक्स स्लैब में आता है, उसी के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा.
सेक्शन 57 कहता है कि लाभांश की कमाई पर अगर कोई खर्च आता है तो उस पर टैक्स छूट नहीं ली जा सकती. अगर निवेश के लिए कर्ज लिया गया है और उस पर ब्याज डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स क्या होता है चुका रहे हैं तो उस पर टैक्स छूट के लिए क्लेम कर सकेत हैं. ब्याज चुकाने में होने वाले खर्च पर डिडक्शन की कुल सीमा पूरे लाभांश का 20 फीसदी निर्धारित किया गया है.
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