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अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का भारतीय मुद्रा पर असर, रुपया 23 पैसे टूटा
चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 69.70 कमजोर खुला (फोटो- पीटीआई).
चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा. बृहस्पतिवार को डालर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर प्रति डालर 69.94 पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चेतेल में मजबूती और शेयर बाजार में गिरावट से भी रुपये के प्रति बाजार में धारणा प्रभावित हुई.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 69.70 कमजोर खुला. कारोबार के दौरान यह 70.03 तक हल्का होने के बाद अंत में पिछले व्यापारिक विदेशी मुद्रा बंद के मुकाबले 23 पैसे टूटकर 69.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 230.22 अंक अथवा 0.61 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 37,558.91 अंक पर बंद हुआ.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध को और तेज करते हुए 10 मई से चीन के सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. अमेरिका ने चीनी सामान पर 10 फिसदी की इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा कर 25 फीसदी कर दिया है. अमेरिकी ने चीन के करीब 200 अरब डॉलर के उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया है. अमेरिका के इस कदम से दुनियाभर के कारोबारी जगत में हलचल मच गई है. हालांकि ट्रंप की धमकी के बाद से ही विभिन्न देशों के स्टॉक मार्केट पर इसका असर देखा जा रहा था. भारत में संसेक्स लगातर गोते खा रहा है.
RBI Issues Alert List: रिजर्व बैंक ने जारी की अलर्ट सूची, विदेशी मुद्रा व्यापार में डील करने के लिए अधिकृत नहीं हैं ये संस्थाएं
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि ये संस्थाएं विदेशी मुद्रा कारोबार के लिए अधिकृत नहीं होने के बावजूद देश में इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंच का संचालन कर रही हैं.
मुंबई, 7 सितंबर: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को विदेशी मुद्रा कारोबार (Forex Trading) में शामिल 34 गैर-अधिकृत इकाइयों की ‘अलर्ट सूची’ (RBI Issues Alert List) जारी की. इन संस्थाओं में ऑक्टाएफएक्स, अल्पारी, हॉटफॉरेक्स, और ओलंपिक ट्रेड शामिल हैं. 7th Pay Commission: इस नवरात्रि कर्मचारियों को मिलेगा बड़ा तोहफा, 27312 रुपये तक बढ़ जाएगी सैलरी
केंद्रीय बैंक ने बयान में कहा कि ये संस्थाएं विदेशी मुद्रा कारोबार के लिए अधिकृत नहीं होने के बावजूद देश में इलेक्ट्रॉनिक व्यापार मंच का संचालन कर रही हैं.
आरबीआई ने कहा कि निवासी व्यक्ति सिर्फ फेमा की शर्तों के तहत अधिकृत व्यक्तियों के साथ और वैध उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा का लेनदेन कर सकते हैं. बयान में कहा गया कि निवासी व्यक्ति यदि फेमा के तहत वैध उद्देश्यों से इतर या आरबीआई द्वारा गैर मंजूरी प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) के जरिये विदेशी मुद्रा का लेनदेन करेंगे, तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
RBI issues Alert List of entities not authorised to deal in forex and to operate electronic trading platforms for forex transactionshttps://t.co/onnbohXUug
— ReserveBankOfIndia (@RBI) September 7, 2022
आरबीआई ने कहा कि उसे कुछ ईटीपी की वैधता स्पष्ट करने के संबंध में अनुरोध मिल रहे थे. ऐसे में केंद्रीय बैंक ने अपनी वेबसाइट पर ऐसी इकाइयों के संबंध में अलर्ट सूची प्रकाशित करने का फैसला किया, जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के तहत विदेशी मुद्रा में लेनदेन करने के लिए अधिकृत नहीं है और न ही वे विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग मंच का संचालन कर सकती हैं.
जून में भारत का व्यापार घाटा 5 साल में सबसे ज्यादा
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक क्रूड महंगा होने और रुपये की कमजोरी से व्यापार घाटा बढ़ा है
दुनिया में कच्चे तेल के तीसरे सबसे बड़े आयातक देश व्यापारिक विदेशी मुद्रा भारत के लिए यह स्थिति चिंताजनक है. खासतौर पर अमेरिका की ओर से ईरान पर प्रतिबंध लगाए जाने के एलान के बाद वैश्विक तेल बाजार में तेल की कमी होने का अनुमान है. यदि ऐसा होता व्यापारिक विदेशी मुद्रा है तो भारत को अपने तेल आयात के बजट में और इजाफा करना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में भारत को व्यापारिक घाटा सहना व्यापारिक विदेशी मुद्रा पड़ेगा.
ईरान के साथ 2015 में हुई न्यूक्लियर डील खत्म करने के बाद अमेरिका लगातार अपने कारोबारी सहयोगियों पर भी दबाव डाल रहा है कि वे ईरान से कच्चे तेल की खरीद न करें. पिछले ही महीने रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर जाने से भी भारत के व्यापार संतुलन में कमी आई है.
अमेरिका-चीन व्यापार तनाव का भारतीय मुद्रा पर असर, रुपया 23 पैसे टूटा
चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव व्यापारिक विदेशी मुद्रा के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 69.70 कमजोर खुला (फोटो- पीटीआई).
चीन के बीच व्यापार क्षेत्र में तनाव के बीच विदेशी कोषों के धन निकासी का सिलसिला जारी रहने से विदेशी विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डालर के मुकाबले लगातार चौथे दिन गिरावट में रहा. बृहस्पतिवार को डालर के मुकाबले रुपया 23 पैसे टूटकर प्रति डालर 69.94 पर बंद हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चेतेल में मजबूती और शेयर बाजार में गिरावट से भी रुपये के प्रति बाजार में धारणा प्रभावित हुई.
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 69.70 कमजोर खुला. कारोबार के दौरान यह 70.03 तक हल्का होने के बाद अंत में पिछले बंद के मुकाबले 23 पैसे व्यापारिक विदेशी मुद्रा टूटकर 69.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 230.22 अंक अथवा 0.61 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 37,558.91 अंक पर बंद हुआ.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध को और तेज करते हुए 10 मई से चीन के सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. अमेरिका ने चीनी सामान पर 10 फिसदी की इंपोर्ट ड्यूटी को बढ़ा कर 25 फीसदी कर दिया है. अमेरिकी ने चीन के करीब 200 अरब डॉलर के उत्पाद पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया है. अमेरिका के इस कदम से दुनियाभर के कारोबारी जगत में हलचल मच गई है. हालांकि ट्रंप की व्यापारिक विदेशी मुद्रा धमकी के बाद से ही विभिन्न देशों के स्टॉक मार्केट पर इसका असर देखा जा रहा था. भारत में संसेक्स लगातर गोते खा रहा है.
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