भारत में म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड उद्योग एक प्रकार का निवेश वाहन है जो कई निवेशकों से स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि जैसी प्रतिभूतियों में निवेश करने के लिए धन एकत्र करता है। पेशेवर मनी मैनेजर म्यूचुअल फंड का प्रबंधन करते हैं, संपत्ति आवंटित करते हैं और निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ का उत्पादन करने का प्रयास करते हैं। म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो संरचित और उनके प्रॉस्पेक्टस में उल्लिखित निवेश उद्देश्यों से मेल खाने के लिए प्रबंधित होते हैं। व्यक्ति और छोटे व्यवसाय म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, ऑनलाइन शेयर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें जो उन्हें स्टॉक, बॉन्ड आदि के पेशेवर रूप से प्रबंधित पोर्टफोलियो तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरधारक फंड के लाभ या हानि को आनुपातिक रूप से साझा करते हैं। आम तौर पर, म्यूचुअल फंड का प्रदर्शन फंड के कुल मार्केट कैप में बदलाव पर आधारित होता है, जो फंड के अंतर्निहित निवेश के प्रदर्शन को जोड़कर प्राप्त किया जाता है।

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शेयरों में निवेश करते वक्त इन 10 बातों का रखें ध्यान

इन 10 नुस्खों से शेयरों का वैल्यूएशन और उनका टार्गेट प्राइस निर्धारित करना सरल हो जाता है.

शेयरों में निवेश करते वक्त इन 10 बातों का रखें ध्यान

1. जटिलता से बचें
वैलेन्टाइन का कहना है, "हम यहां कोई रॉकेट साइंस पर काम नहीं कर रहे हैं. जटिलता हमारा साथी नहीं है. चींजे जितनी जटिल होंगी, उतना ही गलती होने का आसार या संभावनाएं बनी रहेंगी."

2. सही आंकलन
वैलेन्टाइन के लिए अनुसार, सही आंकलन निकालना जरूरी है. किसी शेयर में पहले किस तरह की खबरों से उतार-चढ़ाव आया और किन कारणों से वह आगे बढ़ रहा है. इन सवालों के जबाव के लिए स्किल जरूरी है. बाजार सेंटिमेंट में बह जाना काफी सरल है.

3. मुख्य बातों पर रखें फोकस
वैलेन्टाइन के अनुसार, इससे दो प्रमुख सवालों के जवाब मिलते हैं. पहला कि किस कारण से शेयर की दिशा में बदलाव आ सकता है और दूसरा कि कहां इस तरह के कारणों की जानकारी मिल सकती है.

4. कंपनी प्रबंधन से नहीं मिलेगी खास जानकारी
वैलेन्टाइन कहते हैं, "विश्लेषण के सर्वश्रेष्ठ नतीजे विशेष जानकारी पर निर्भर करते हैं. कंपनी प्रबंधन से मिली जानकारी इस श्रेणी में नहीं रखी जा सकती है." उन्होंने कहा कि कंपनी से जितनी कम बात होगी, उतनी बेहतर सफलता आपको हासिल होगी.

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5. इस तरीक से करें शुरुआत
कन्सेन्सस प्रक्रिया से वैल्यूएशन निकालना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. इसमें डीसीएफ, पीई, एबिड्टा आदि पर गौर करें. वैलेन्टाइन के अनुसार, शुरुआत के लिए यह सही तरीका है. इसके अलावा दूसरे विकल्पों से तस्वीर साफ होती है.

6. स्ट्रेस टेस्ट को न भूलें
उन्होंने कहा, "हमे यह सोचना होगा कि हम कहा गलत हो सकते हैं. यदि हम भविष्य सही बता पाएंगे, तो वैल्यूएशन की जरूरत ही खत्म हो जाएगी." अपनी बेस कीमत के आधार पर तेजी या गिरावट की स्थिति में शेयर का बर्ताव देखना जरूरी होता है. यह अधिक जटिल नहीं होना चाहिए.

7. क्यों हैं आप अलग
यह समझना जरूरी है कि आपकी वैल्यूएशन अलग क्यों हैं. क्या यह गलत तरीके के वजह से अलग है या फिर शेयर में विश्वास की चलते यह बेहतर है. वैलेन्टाइन ने कहा कि जब तक वजह बड़ी न हो, तब तक कीमतों में अधिक बदलाव नहीं होगा. इसलिए वैल्यूएशन में बार-बार बदलाव होता है.

8. शेयर की खासियत
यह जानना जरूरी है कि आप किसी शेयर की वैल्यूएशन क्यों कर रहे हैं. क्या वह खरीदने के संकेत दे रहा है या उस पर बिकवाली का दबाव है. कंपनी अपनी स्थिति के बारे में क्या कहती है. इन बातों पर ध्यान देने पर काफी मदद मिलती है. बाजार में अपनी उम्मीदों को तथ्यों पर हावी होने का मौका न दें.

9. दिमागी जंजाल से बचें
विश्लेषण के दौरान अपनी गलतियों और दिमागी जंजाल से बचने की जरूरत है. भावनात्मक होकर फैसले न लें. कभी-कभार किसी शेयर के प्रति अत्यधिक विश्वास का खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है. तटस्थ रहना जरूरी है. ध्यान रखें कि हर शेयर के बारे में कई मत हो सकते हैं.

10. चुनिंदा शेयर पर ही करें गौर
एक साथ सभी शेयरों पर ध्यान दे पाना संभव नहीं है. अपने लिए सेक्टर्स का चयन करें और फिर उसमें से शेयरों की छंटाई करें. वैल्यूएशन के दौरान यह ध्यान में रखें कि चयनित शेयर आपके पोर्टफोलियो में कुछ जोड़े.

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घर के लिए फर्नीचर खरीदते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

घर के लिए फर्नीचर खरीदते समय इन बातों का रखें खास ध्यान

घर ऑनलाइन शेयर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें को खास बनाने में फर्नीचर सबसे अहम भूमिका निभाता है, इसलिए हमेशा सोच-समझकर और अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर ही फर्नीचर खरीदना चाहिए। खासकर, अगर आप ऑनलाइन फर्नीचर खरीदने वाले हैं तो आपको फर्नीचर कैसा और किस साइज का होना चाहिए समेत ऐसी कई बातें हैं, जिन पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। आइए आज फर्नीचर उद्योग के विशेषज्ञों से जानते हैं कि फर्नीचर खरीदते किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

रिसर्च जरूर करें

एक प्रीमियम फर्नीचर ब्रांड के CEO और सह-संस्थापक लोकेंद्र सिंह राणावत का कहना है कि किसी भी बड़ी चीज में पैसा लगाने से पहले रिसर्च करनी जरूरी है। उन्होंने कहा, "अगर आप फर्नीचर खरीदने वाले हैं तो सबसे पहले इसके आकार, सामग्री और डिजाइन आदि की अपने बजट के आधार पर अच्छी तरह से रिसर्च करें।" इसके अतिरिक्त, विभिन्न स्रोतों से एक ही फर्नीचर की कीमतों की तुलना करें और अच्छी डील पर ही निवेश करें।

रिव्यू पर दें ध्यान

अममून वेबसाइट पर दिखाई जाने वाली तस्वीरों में यह पता लगाना मुश्किल है कि फर्नीचर में कोई खराबी तो नहीं। दरअसल, इन दिनों कुछ ऑनलाइन फर्नीचर में कुछ न कुछ खराबी सामने आ रही है। ऐसे में जरूरी है कि आप जो फर्नीचर खरीदने का मन बना रहे हैं उससे जुड़े रिव्यू पर जरूर ध्यान दें क्योंकि इस तरह आप ब्लैक मार्केटिंग से खुद को काफी हद तक बचा सकते हैं।

अपनी जरूरतें समझें

अगर आप ऑनलाइन फर्नीचर खरीदने वाले है तो उसे खरीदने से पहले अपनी सभी जरूरतों को अच्छे से समझ लें। जैसे आपको किस तरह का फर्नीचर खरीदना है, या फर्नीचर किस डिजाइन का होना चाहिए, और फर्नीचर का साइज और शेप कैसी होनी चाहिए? आदि बातों को ध्यान में रखकर ही ऑनलाइन फर्नीचर खरीदें। दरअसल, आजकल ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर फर्नीचर में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं, इसलिए बेहतर होगा आप अपनी जरूरतों का ध्यान रखकर ही फर्नीचर खरीदें।

गुणवत्ता का भी रखें ध्यान

विशेषज्ञों की मानें तो हमेशा फर्नीचर खरीदते समय सिर्फ इसकी सुंदरता पर ध्यान न दें बल्कि इसकी गुणवत्ता को भी महत्व दें। ऑनलाइन ग्राहक के तौर पर आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर अगले कुछ दिनों में ही फर्नीचर के साथ कोई समस्या आ जाए तो उसे ठीक करवाने के लिए आप क्या सकते हैं या फिर उसकी एक्सचेंज पॉलिसी क्या है आदि। वहीं, शिफ्टिंग चार्ज, डिलीवरी टाइम इन चीजों को भी जरूर देखें।

शेयर बाजार से पैसा बनाने के कारगर टिप्‍स, निवेश से पहले ध्‍यान रखें ये 7 बातें

7 simple ways to make money in stocks: शेयर बाजार में खासकर दो तरह के ट्रेडर होते हैं. एक जो फंडामेंटल पर फोकस रखते हैं और दूसरे जो अटकलों पर फैसला करते हैं.

Stock Market Investment Tips: शेयर बाजार से अगर पैसा बनाना चाहते हैं, कुछ खास बातों का जरूर ध्‍यान रखना चाहिए. आमतौर पर शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले यह सोचते हैं कि वो कम समय में तगड़ा मुनाफा कमा लेंगे. कई बार ऐसा होता है कि कुछ घंटे में शेयर से मोटा मुनाफा हो जाता है. इससे उलट भारी नुकसान भी उठाना पड़ जाता है. बहरहाल, यह जान लें कि इक्विटी में ट्रेडिंग उतनी आसान भी नहीं है, जितनी आम निवेशक समझते हैं. बाजार में आपको अनुशासन और धैर्य की जरूरत पड़ती है. मार्केट में निवेश से पहले अच्‍छी तरह रिसर्च कर लेनी चाहिए. ऐसे 7 ऐसे आसान टिप्‍स जानते हैं, जिनको फॉलो कर बाजार से अच्‍छी कमाई की जा सकती है.

फंडामेंटल मजबूती का रखें ध्‍यान

शेयर बाजार में खासकर दो तरह के ट्रेडर होते हैं. एक जो फंडामेंटल पर फोकस रखते हैं और दूसरे जो अटकलों पर फैसला करते हैं. दोनों में बुनियादी फर्क स्‍टॉक की कीमत पर उनका नजरिया रहता है. फंडामेंटल निवेशक हमेशा से कंपनी की मजबूती पर ध्‍यान देता है न कि शेयर की कीमत पर. हमेशा फंडामेटल मैथड पर निवेश की कोशिश करनी चाहिए. बाजार से पैसा बनाने का यह अच्‍छा तरीका है.

कही-सुनी या दूसरों को देखकर न बनाएं स्‍ट्रैटजी

शेयर बाजार में इक्विटी की खरीद-बिक्री को लेकर किसी खास तरह की सोच में न रहे. कई ट्रेडर्स स्टॉक खरीदने या बेचने का फैसला ज्यादातर उनके जानकारों के प्रभाव में आकर करते हैं. अगर उनके आस-पास के सभी लोग किसी खास स्टॉक में निवेश कर रहे हैं, तो एक वह ट्रेडर भी उसी स्टॉक में निवेश करता है. इस तरह की स्‍ट्रैटजी से बचना चाहिए. लॉन्‍ग टर्म में यह स्‍ट्रैटजी सही नहीं है. दुनिया के दिग्‍गज निवेशक वारेन बफेट ने जब दूसरे लालची हो जाएं तो डरने की जरूरत है, वहीं जब जब ऑनलाइन शेयर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें ऑनलाइन शेयर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें दूसरे डर रहे हो, तो आप लालची बन जाएं.

बाजार में कभी भी जल्‍दबाजी न करें

स्‍टॉक मार्केट में कभी भी जल्‍दबाजी न करें. शेयर के दाम बढ़ने से पहले खरीदना और गिरने से पहले तुरंत बेचने का फैसला नुकसान करा सकता है. ज्‍यादातर निवेशक यह मानते हैं कि ट्राइंग टू टाइम इन मार्केट सही स्‍ट्रैटजी नहीं है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि किसी भी ऑनलाइन शेयर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें स्‍टॉक में सटीक टॉप और बॉटम का अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं है. अगर बाजार से पैसा कमाना है, तो इस तरह की स्‍ट्रैटजी से बचें.

निवेश में अनुशासन जरूरी

बाजार में अनुशासन बहुत जरूरी है. बाजार के इतिहास देखें तो बुल मार्केट में भी अधिकांश निवेशकों में डर होता है. शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक अपनी कमाई डुबो देते हैं, वो भी तब जब मार्केट में बुलिश ट्रेंड रहा. यानी, तेजी का दौर रहा. इसलिए निवेशकों को निवेश को लेकर अनुशासन भरा रवैया रखना चाहिए. अगर लॉन्‍ग टर्म में कमाई करना चाहते हैं, तो निवेश का सिस्‍टमेटिक अप्रोच होना जरूरी है.

बाजार में अपना सरप्‍लस फंड ही लगाएं

अकसर यह सुनने में आता है कि शेयरों में निवेश के चलते कोई व्‍यक्ति भारी कर्ज में फंस गया. अगर आप शेयर बाजार में निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा सरप्‍लस फंड ही निवेश करें. सरप्‍लस फंड से मतलब कि जो आपके पास आपके खर्चों और ऑनलाइन शेयर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें अन्‍य जरूरतों को पूरा करने के बाद बचता है. अगर आपको मुनाफ होने लगता है, तो आप उस पैसे को दोबारा निवेश करेंगे. कभी भी लोन या कर्ज लेकर निवेश न करें.

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भावनाओं पर काबू रखें

बाजार में हमेशा भावनाओं में बहकर फैसला नहीं करना चाहिए. अगर आपका शेयर खरीदने-बेचने को लेकर इमोशंस पर कंट्रोल नहीं है तो आप भारी नुकसान करा सकते हैं. जब बाजार में तेजी रहती है तो ट्रेडर्स ज्‍यादा आकर्षित होते हैं और उस चक्‍कर में गलत शेयरों में पैसा लगा बैठते हैं. डर और लालच, ये दो ऐसे फैक्‍टर हैं, जिन पर शेयर में ट्रेडिंग के दौरान कंट्रोल होना चाहिए.

लक्ष्‍य हासिल करने लायक रखें

शेयर बाजार में निवेश को लेकर एक वास्‍तविक गोल रखें. निवेशकों को हमेशा लगता है कि उन्‍होंने जो निवेश किया है वह बेस्‍ट रिटर्न देगा. लेकिन अगर आपका फाइनेंशियल गोल रियलस्टिक नहीं है तो आप परेशानी में फंस सकते हैं. बाजार में कभी भी समान रिटर्न की उम्‍मीद न करें.


(नोट: स्‍टॉक मार्केट के ये टिप्‍स ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के ब्‍लॉग से लिया गया है.)

क्रेडिट कार्ड पर ईएमआई की ये 4 बातें आपको बचा सकती हैं लोन के जंजाल से

हम सभी की अपने जीवन में बहुत सी चाहते होती हैं। चाहे वह अपनी मनपसंद जगह पर छुट्टियाँ बिताने की हो, कोई ऑनलाइन कोर्स करने की हो, सबसे अच्छा डी.एस.एल.आर. कैमरा खरीदने की हो, या सबसे नया आईफोन खरीदने की.

क्रेडिट कार्ड पर ईएमआई की ये 4 बातें आपको बचा सकती हैं लोन के जंजाल से

हम सभी की अपने जीवन में बहुत सी चाहते होती हैं। चाहे वह अपनी मनपसंद जगह पर छुट्टियाँ बिताने की हो, कोई ऑनलाइन कोर्स करने की हो, सबसे अच्छा डी.एस.एल.आर. कैमरा खरीदने की हो, या सबसे नया आईफोन खरीदने की हो या अपनी-अपनी माँ के लिए कोई नए ज़माने का रेफ्रिजरेटर या अवन खरीदने की हो। ऐसे मामलों में क्रेडिट कार्ड बेहद फायदेमंद हो सकते हैं, बशर्ते उनका इस्तेमाल समझदारी और विवेकपूर्ण ढंग से किया जाए।

क्रेडिट कार्ड्स भुगतान करने की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए काफ़ी सुविधा प्रदान करते हैं और नकदी लेकर चलने की ज़रूरत को समाप्त कर देते हैं। ए.यू. स्माल फाइनेंस बैंक में क्रेडिट कार्ड्स के प्रमुख मयंक मार्कंडे का कहना है कि क्रेडिट कार्ड से की गई ख़रीदारी को ईएमआई में बदलकर आप अपनी जेब पर बोझ डाले बिना ही महँगी चीज़ें खरीद सकते हैं। ईएमआई पर अधिक कीमत वाले उत्पादों को खरीद पाना शायद उन अहम बातों में से एक है जो लोगों को क्रेडिट कार्ड की ओर आकर्षित करती हैं।

अपनी खरीदारी को ईएमआई में कब बदलें
क्रेडिट कार्ड पर ई.एम.आई. उपयोगी और सुविधाजनक हो सकती है, हालाँकि, कुछ ऐसी परिस्थितियाँ होती हैं जिनमें इस सुविधा का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है। मयंक मार्कंडे के मुताबिक, ईएमआई उस समय काम की होती है जब आप कुछ ऐसा खरीदना चाहते हैं जिसके लिए आपका बैंक बैलेंस काफ़ी नहीं होता है। साथ ही, जब आप अपने क्रेडिट कार्ड पर अधिक खर्च कर लेते हैं, तो ईएमआई आपको ब्याज की ऊँची दरों से बचा सकती है। ऐसे में ई.एम.आई. का विकल्प मिलने से आपकी ब्याज दर आधी हो सकती है। इसके अलावा, ये विकल्प सिर्फ़ एक बटन को क्लिक करने पर या कॉल के ज़रिए उपलब्ध होते हैं, इसके लिए किसी और कागज़ी कार्यवाही या प्रक्रिया करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। कभी-कभी आपकी क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट भी इस विकल्प को ढूँढ़ने में आपकी मदद कर सकती है।

क्रेडिट कार्ड पर ई.एम.आई. विकल्प चुनते समय ध्यान में रखने वाली बातें
प्रॉसेसिंग शुल्क-
ईएमआई की सुविधायें एक मामूली से प्रॉसेसिंग शुल्क पर आधारित होती हैं। कृपया चुनने से पहले इसकी जाँच कर लें। इसके अलावा, कई बैंक बिना किसी ईएमआई वाले ऑफ़र भी देते हैं जिनका आप लाभ ले सकते हैं।

उपलब्ध क्रेडिट- आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके कार्ड में पर्याप्त क्रेडिट हो ताकि आपका ईएमआई कि रिक्वेस्ट अस्वीकार न हो जाए। क्रेडिट राशि उस रक़म से अधिक या उसके बराबर होनी चाहिए जिसे आप ईएमआई में बदलना चाहते हैं।

क्रेडिट सीमा में अस्थायी कमी- जैसे ही आपकी ईएमआई शुरू होती है, आपका बैंक ईएमआई विकल्प के माध्यम से आपके द्वारा की गई खरीदारी के मूल्य के बराबर राशि को अस्थायी रूप से रोक देगा। हालाँकि, जैसे ही आप अपनी ईएमआई का भुगतान करना शुरू करते हैं, आपका बैंक आपकी मासिक ईएमआई के बराबर रकम से आपकी क्रेडिट सीमा को फिर से बढ़ाना शुरू कर देगा।

जानिए क्या-क्या बदला जा सकता है और क्या नहीं- अलग-अलग बैंकों के पास अलग-अलग चीज़ें या सामान होते हैं जिनका वे ईएमआई से भुगतान करने की अनुमति देते हैं जिसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीद, यात्रा के ख़र्च, कपड़ों की खरीद, लाइफस्टाइल से जुड़े खर्च, बीमा के खर्च आदि शामिल होते हैं। हालाँकि, ज़्यादातर बैंक ग्राहकों को गहनों और कीमती धातुओं जैसे सोना, चाँदी, आदि की खरीद के लिए ईएमआई से भुगतान करने की अनुमति नहीं देते हैं।

ए.यू. स्माल फाइनेंस बैंक में क्रेडिट कार्ड्स के प्रमुख मयंक मार्कंडे के मुताबिक, अपनी खरीदारियों को ईएमआई में बदलने के कई फायदे हैं-
संभाले जाने लायक फाइनेंस के विकल्प-
ईएमआई भुगतान सुविधा को चुन कर, ग्राहक एक अवधि के दौरान अपना क़र्ज़ चुका सकते हैं, जिससे उन्हें अपने ख़र्चों को बेहतर ढंग से पूरा करने में मदद मिलती है।

क्रेडिट प्रोफाइल को सुधारता है- ईएमआई भुगतान के साथ, उधार लेने वाले व्यक्ति के द्वारा भुगतान करने में चूक होने की संभावना कम होती है, जिससे लोगों को समय के साथ धीरे-धीरे अपने क्रेडिट की पृष्ठभूमि में सुधार करने में मदद मिलती है।

आकर्षक ब्याज दरें- ईएमआई भुगतान में एक निश्चित ब्याज दर होती है। हालाँकि, ईएमआई में बदली गई खरीदारी के लिए यह आमतौर पर कम होती है। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ बैंक आपकी खरीद की ईएमआई पर कोई ब्याज नहीं लगाते हैं।

चुकाने की अवधि में लचीलापन- ग्राहकों को उनकी ऑनलाइन शेयर खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें खरीदारी पर पैसे चुकाने की अवधि को चुनने की आज़ादी दी जाती है। पैसे चुकाने के लिए दी जाने वाली सामान्य अवधि 3 महीने, 6 महीने, 9 महीने और 12 महीने तक हो सकती है।

लगातार बढ़ रहा है क्रेडिट कार्ड से खर्च
मयंक मार्कंडे का कहना है किक्रेडिट कार्ड आपकी खरीदारी को फाइनेंस करके क्रेडिट तक तुरंत पहुँच प्रदान करते हैं। भारत में क्रेडिट कार्ड पर किया जाने वाला ख़र्च अक्टूबर में 1 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जो कि एक नई ऊँचाई पर पहुँच गया था। भारतीय रिज़र्व बैंक के आँकड़ों के अनुसार, त्योहारों के मौसम के खर्च के कारण अक्टूबर में क्रेडिट कार्ड से की जाने वाली खरीदारी का मूल्य महीने-दर-महीने 26% बढ़कर 1,00,943 करोड़ रुपये हो गया।

बिल भरने की तारीख को ना भूलें
इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि कार्ड जारी करने वाले बैंक चुकाने की तारीख़ तक चुकाए गए खरीदारी के पैसों पर कोई ब्याज नहीं लेते हैं, फिर भी पैसे चुकाने की तारीख़ के बाद चुकाने वाले लोगों पर अधिक ब्याज और देरी से चुकाने का शुल्क लागू होता है। इसलिए, आपको क्रेडिट कार्ड के बिलों का हमेशा समय पर भुगतान कर देना चाहिए। हालाँकि, अगर किसी भी कारण से आप पैसे नहीं चुका सकते हैं, तो आप पैसे चुकाने की लंबी अवधि वाली खरीदारी के लिए ईएमआई पर विचार कर सकते हैं।

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