बाजार भाव से ज्यादा में क्यों मिलते हैं गहने
हमेशा लोगों को लगता है कि आज तो बाजार का भाव इतना है, लेकिन सोनार हम से ज्यादा पैसे ले रहे हैं. इसलिए आपको जान लेना जरूरी है कि बाजार भाव प्योर धातु के बार की होती है. ये गहनों को रेट नहीं होता. इस लिए कोई भी दुकानदार आपसे गहनों के वजन के उपर मेकिंग और सर्विस चार्ज लेता है, जिससे आपका गहना बाजार भाव से ऊपर पहुंच जाता है.

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Future Trading क्या है जानिए कैसे हम फ्यूचर ट्रेडिंग करके एक दिन में लाखों कमा सकते है।

FUTURE TRADING: नमस्कार दोस्तों, मैंने इंटरनेट पर फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में काफी रिसर्च किया, क्यों की मेरे मन में कुछ सवाल थे जो मैं नेट पर हिंदी में सर्च कर रहा था मगर मुझे 5 से 6 साइट मिली जो फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में आर्टिकल लिखे थे मगर मैंने जब उन आर्टिकल को पढ़ना शुरु किया तो मुझे कुछ खास समझ में नहीं आ रहा था की आखिर कर क्या लिखा है।

ऐसे में मेरे मन में सवाल उठा की, जब में इस आर्टिकल को समझ नहीं पा रहा हु तो लोगों को भी फ्यूचर ट्रेडिंग समझने में काफी परेशानी हो रही होगी। इसके लिए मैंने सोचा की आप सभी के लिए फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में लिखा जाये। काफी लोगों का कहना है की अगर हम फ्यूचर ट्रेडिंग करते है तो बहुत ही कम समय के अंदर काफी ज्यादा पैसा बनाया जा सकता है।

वैसे भी यह बात 101% प्रतिशत सच है अगर आपको फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी है तो, मैं दावा कर सकता हु की आप काफी अच्छा पैसा बना रहे होंगे। जिन लोगो को फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में बिल्कुल भी नहीं पता था तो उन लोगो को परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है।

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है – What’s Future Trading In Hindi

अगर हम फ्यूचर ट्रेडिंग को सिंपल शब्दों में समझे तो यह एक तरह का इंटरैक्ट होता है जिसे एक्सचेंज के जरिये किया जाता है शेयर मार्किट में National Stock Exchange यानि NSE इसके फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को मैनेज करता है फ्यूचर ट्रेडिंग एक डेरिवेटिव है इसमें फ्यूचर में होने वाले शेयर पर प्राइस पहले से फिक्स कर दिया जाता है और यह समझौता Selar और Buyer के बीच किया जाता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग इस्तेमाल खास करके Hedging के लिए किया जाता है हेजिंग को हम थोड़ा और आसान शब्दो में फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है समझेंगे। मान लीजिये की मैंने कुछ शेयर काफी दिनों पहले ही खरीदा था 60 रुपये में, मगर मैंने आपने लिए शेयर के बारे में काफी रिसर्च और जानकारी हासिल किया। मुझे पता लगा की मैंने जो शेयर में इन्वेस्ट कर के रखा है उसकी प्राइस नीचे गिरने वाली है।

ऐसे में, मैं आपने शेयर की पोजीशन को चेंज यानि हेजिंग कर दूंगा इसका मतलब यह की में आपने लिए हुए शेयर के अगेंस्ट सेल कॉन्ट्रैक्ट को खरीदेंगे। और यह सब कॉन्ट्रैक्ट कई लोगों के बीच में किया जाता है और इसकी देख-रेख शेयर मार्किट के जरिये किया जाता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे करते हैं – How To Do Futures Trading

देखिये अगर हमें फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे करते है उसके बारे में प्रॉपर तरिके से समझना है तो हमें काफी कुछ आप सभी को एक्सप्लेन करना होगा। मान लिए मैं आईसीआईसीआई बैंक के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को खरीदना चाहता हु आप सभी की मैं यह बता दू की फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को हम तीन तरिके से खरीद और बेच सकते है।

फ्यूचर ट्रेडिंग में हमें शेयर हमेशा लोट या इंडेक्स साइज में अलग-अलग होता है और इस लोट साइज को स्टॉक एक्सचेंज जरिये बनाया जाता है इस बात का आप सब खास ख्याल रखे की स्टॉक और इंडेक्स लोट साइज को कभी भी चेंज किया जा सकता है।

उदाहरण के लिए:
आईसीआईसीआई बैंक अप्रैल फ्यूचर
रियल टाइम प्राइस – ₹1500 रुपये
लॉट साइज – ₹500 शेयर्स

देखिये अगर अप्रैल महीने के अंत तक आईसीआईसीआई बैंक के शेयर के प्राइस में ₹10 रुपये का उछाल आता है तो आपको ₹5000 रुपये का प्रॉफिट होगा और यही आपको ₹10 रुपये कम हो जाता है तो आपको ₹500 का नुकसान हो जायेगा।

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है ?

फ्यूचर ट्रेडिंग डेरीटिव ट्रेडिंग का एक प्रकार है फ्यूचर ट्रेडिंग मे भविष्य मे एक पूर्व निर्धारित समय और मूल्य पर एक डेरीवेटिव खरिदने या बेचचचने के लिये कानूनी समझौता होता है। फ्यूचर ट्रेडिंग मे खरीदार और बेचने वाला दोनो पक्षो का दायित्व होता है कि वह निर्धारित समय पर निर्धारित मूल्य और वस्तु एक दुसरे को सोंप दे जिससे की कांट्रेक्ट पुरा हो सके।

फ्यूचर ट्रेडिंग मे पहले से तय मुल्य को फ्यूचर प्राईस और पहले से तय समय को डिलीवरी डेट कहा जाता है। इसमे किसी प्रकार का कोई न्यूनतम अकांउट साईट नही होता है। यदि आप फ्यूचर ट्रेडिंग मे रुची रखते है तो आप इसे कम से कम पैसो मे शुरु कर सकते है।

फ्यूचर ट्रेडिंग की विशेषताएँ

फ्यूचर ट्रेडिंग की अपने आप मे कई सारी खुबिया है जिसके कारण फ्यूचर ट्रेडिंग आज बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। आइये जानते है फ्यूचर ट्रेडिंग की कुछ विशेषताओं को जो निम्नलिखित है.

  1. फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत उसके एसेट्स पर निर्भर करती है यदि एसेट्स की किमत मे बढोतरी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है होती है तो फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की कीमत भी बढ जाती है।
  2. फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट को अन्य ट्रेडर के साथ ट्रांसफर किया जा सकता है और ट्रेड किया जा सकता है।
  3. यदि कोई व्यक्ति अपने कान्ट्रेक्ट से बाहर जाना चाहता है तो वह बाहर जा सकता है जिसके लिये उसे पेनल्टी का भुगतान करना होगा।
  4. फ्यूचर ट्रेडिंग दो पक्षो का भष्यि मे होने वाला व्यापार है जिसमे हमेशा दोनो पक्षो द्वारा अपने कान्ट्रेक्ट को पुरा ना करने का डर बना रहता है जिसके लिये सेबी द्वारा इसे रेगुलेट किया जाता है। जिससे कोई भी पक्ष बिच मे सोदा छोड कर नही जाता है।
  5. सेबी द्वारा फ्यूचर ट्रेडिंग को सुचारु रुप से चलाया जाता हे जिसमे डिफाल्ट होने की संभावना ना के बराबर होती है।
  6. फ्यूचर ट्रेडिंग के अपने नियम होते है वह ट्रेड करने वालो के अनुसार नही होता है। यह अपने मानको पर कार्य करता है।
  7. फ्यूचर ट्रेडिंग मे सेटलमेंट का एक समय निश्चित होता हे जिसमे दोनो पक्ष अपने कांट्रेक्ट के अनुसार समय पर कांट्रेक्ट पुरा करते है और इसके लिये भोतिक मुवमेंट की आवश्यकता नही होती है।

फ्यूचर ट्रेडिंग की आवश्यकता

फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे मे एक बात तो आपको समझ आ गइ होगी की यह एक भविश्य का सौदा है। सामान्यतः फ्यूचर ट्रेडिंग मे पहले पेसे नही होने के कारण व माल रेडी नही होने के कारण फ्यूचर कांट्रेक्ट होते थे। जिसमे आप आज सोदा करते थे और बाद मे वह निश्चित दाम और माल के लेन देन पर समाप्ता होता था। पंरतु वर्तमान मे सभी सेग्मेंट मे फ्यूचर ट्रेडिंग इसी धारणा के साथ शुरु हुई । फ्यूचर ट्रेडिंग होने के कारण आने वाले भविष्य की किमते और इससे जुडे अनुमान आसानी से मिल जाते है जिससे की जिस सेग्मेंट मे फ्यूचर ट्रेडिंग हो रही है वह स्थिर बना रहता है। परंतु स्पाट ट्रेडिंग के समय ऐसा नही होता था,

फ्यूचर ट्रेडिंग मे आपको कोई न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता नही होती है। यह आपके सोदे पर निर्भर करता है , यहां आप अपने ब्रोकर से मार्जिन लेकर भी सोदा कर सकते है जो आपके सोदे की समाप्ती पर ब्रोकर को देना होगा।

आइए जानते हैं फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है?

What is Option and Future Trading in Hindi

दुनिया भर के शेयर बाजारों में वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। चाहे वह कोई स्टॉक हो, कृषि से संबंधित उत्पाद हो, पेट्रोल की कीमतों में उछाल आना और गिरावट होना आदि ये सब एक आम बात मानी जाती है। कीमत अस्थिरता के वजह से मांग और आपूर्ति में असंतुलन की स्थिति, जंग, राजनीतिक घटनाक्रम जैसी चीजें शामिल होती है। कीमतों में अस्थिरता के कारण सबसे बड़ी समस्या निवेशकों के सामने होती है। ऐसे में फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के माध्यम से बाजार में उतार-चढ़ाव के जोखिम को कम किया जा सकता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? (What is Future Trading in Hindi?)

फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading) एक पहले से निर्धारित समय पर एक निश्चित मूल्य पर किसी भी परिसंपत्ति (Assets ) को खरीदने या बेचने के लिए अनुबंध करना होता है। यदि कोई फ्यूचर कांट्रैक्ट खरीदता है तो इसका मतलब है कि वह किसी निश्चित समय पर उस वस्तु की कीमत पर भुगतान करने का वादा कर रहा है। यदि आप फ्यूचर कांट्रैक्ट को बेचते हैं तो खरीदार को किसी विशेष समय पर एक निश्चित कीमत पर परिसंपत्ति का हस्तांतरण करने का वादा करते हैं।

उदाहरण के लिए मान लीजिए आप X कंपनी के 100 शेयर को ₹100 प्रति शेयर की कीमत से फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (future contract) के लिए एक निश्चित तिथि निर्धारित करते हैं। कुछ समय बाद आपको पता चलता है कि फ्यूचर कांट्रैक्ट खत्म होने से पहले कंपनी X के शेयर के भाव ₹110 तक बढ़ गए हैं। लेकिन आपके लिए शेयर का भाव अब भी ₹100 प्रति शेयर रहेगा। फलस्वरुप आपको शेयर पर कुल ₹1000 का मुनाफा होगा। हालांकि शेयर के भाव गिर भी सकते हैं। यदि शेयर के भाव गिरकर ₹90 प्रति शेयर हो जाते हैं तो आपको 100 शेयर पर ₹1000 का नुकसान झेलना पड़ेगा। अतः हम कह सकते हैं कि फ्यूचर कांट्रैक्ट से एक क्रेता तभी मुनाफा कमा पाता है जब उसे इस बात की संभावना नजर आएगी शेयर के भाव बढ़ने वाले हैं। शेयर की कीमत नीचे जाने पर विक्रेता को फायदा होता है।

आप भी करना चाहते हो Share Market में इन्वेस्ट तो जान ले क्या होता है Demat और Trading Account

आप भी करना चाहते हो Share Market में इन्वेस्ट तो जान ले क्या होता है Demat और Trading Account. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता हैलेकिन ट्रेडिंग अकाउंट को बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं।

शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना है तो डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी होता है (If you want to invest in the share market then it is very important to have a demat account.)

शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो इसके लिए डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। लेकिन ये अकाउंट क्या होता है, कैसे खुलता है, इसका क्या उपयोग होता है, अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल आते हैं तो निश्चिंत हो जाइए क्योंकि आपको अपने सभी सवालों का जवाब फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है मिलने वाला है। आसान शब्दों में कहें तो डीमैट अकाउंट किसी बैंक अकाउंट जैसा ही होता है, अंतर सिर्फ इतना ही है की बैंक अकाउंट में पैसों का लेनदेन होता है।

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शेयर मार्केट में Demat Account और Trading Account दोनों अलग-अलग होते हैं (Both Demat Account and Trading Account are different in the share market.)

बता दें कि डीमैट अकाउंट रखना शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे पहली शर्त होती है। साथ ही, इसके अलावा एक ट्रेडिंग अकाउंट का भी होना जरूरी होता है, जिसकी जरूरत आपके इन्वेस्टमेंट नेचर के हिसाब से पड़ती है। हालांकि, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग होते हैं। डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं। वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।

डीमैट अकाउंट शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रख सकते हैं। बता दें कि डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर्स को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं। जिस तरह आप बैंक अकाउंट में पैसे का ट्रांजैक्शन करते हैं उसी तरह डीमैट अकाउंट में आप शेयर्स व सिक्योरिटीज का ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा जमा और निकाल सकते हैं। इसी तरह आप इस अकाउंट में सिक्योरिटी को भी जमा कर सकते हैं। साथ ही, जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट भी किया जाता है। बता दें कि डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है। इसके अलावा आपके अकाउंट में अगर जीरो बैलेंस भी है तो कोई परेशानी होगा।

जानिए क्या होता है Demat Account (Know what is Demat Account)

डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी। स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं।

डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है,लेकिन ट्रेडिंग अकाउंट को बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है। बता दें कि, डीमैट अकाउंट जहां बस एसेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता है। साथ ही, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है। इसके अलावा डीमैट अकाउंट पर निवेशक को सालाना चार्ज देना होता है। वहीं आमतौर पर ट्रेडिंग अकाउंट फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं। हालांकि, डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं।

Gold Price Today: सोने में आई भारी तेजी, चौकाने वाले हुए चांदी के दाम, जानें क्या है आज का भाव

Gold Price Today: लगातार बढ़ रही खरीदी और ट्रेडिंग के कारण सोने चांदी के भाव में लगातार तेजी आई है. पिछले 10 दिनों लगातार बढ़ रहे सोना चांदी के दामों में आज सबसे ज्यादा तेजी आई है. आप अगर सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो उससे पहले जाम लें आज के भाव.

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