महिला वर्चुअल रियलिटी हेडसेट का उपयोग कर रही है।

21वीं सदी की सबसे क्रांतिकारी तकनीकों का आविष्कार किसने किया?

महिला वर्चुअल रियलिटी हेडसेट का उपयोग कर रही है।

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21वीं सदी ने कई तकनीकों क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? को क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? बढ़ावा दिया है जो हमारे समाज में क्रांति ला रही हैं। आज, हम इस सदी की कुछ सबसे महत्वपूर्ण तकनीकों और उनका आविष्कार करने वाले लोगों का जश्न मनाते हैं।

ब्लॉक श्रृंखला

ब्लॉकचैन एक तेजी से लोकप्रिय तकनीक है जो उन रिकॉर्डों को श्रृंखला के साथ समझौता होने से बचाने के दौरान कई प्रणालियों में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का आदान-प्रदान करने की अनुमति देती है। आप इसे "ब्लॉक" के रूप में ज्ञात रिकॉर्ड की एक सतत विकसित सूची के रूप में सोच सकते हैं। इन ब्लॉकों को क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाता है, एक ऐसी तकनीक जो जटिल कोड के माध्यम से जानकारी की सुरक्षा के लिए गणित का उपयोग करती है।

ब्लॉकचैन मूल रूप से 2008 में विकसित किया गया था ताकि बिटकॉइन, एक लोकप्रिय क्रिप्टोकुरेंसी के लिए एक सार्वजनिक लेनदेन खाता बही ("ब्लॉक" जिसमें वित्तीय लेनदेन के बारे में विवरण हो) को सुरक्षित किया जा सके। इसका अविष्कार किसने किया? कोई नहीं जानता, हालांकि ऐसा माना जाता है कि इसका आविष्कार किसी व्यक्ति या लोगों के समूह ने "सातोशी नाकामोतो" नाम के रहस्य के तहत किया था।

अनुप्रयोगों ब्लॉकचेन के लिए बैंकिंग से लेकर स्वास्थ्य सेवा, क्रिप्टोकरेंसी, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स, प्रॉपर्टी रिकॉर्ड, सप्लाई चेन और यहां तक ​​कि वोटिंग तक का दायरा है।

LiDAR एक ऐसी तकनीक है जो 3D में परिवेश को स्कैन क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? करने के लिए प्रकाश का पता लगाने का उपयोग करती है। जो कारें खुद ड्राइव करती हैं, जिन्हें आमतौर पर "स्वायत्त वाहन" के रूप में जाना जाता है, इस तकनीक का उपयोग सड़क को "देखने" के लिए कर सकती हैं। सॉलिड-स्टेट LiDAR, जिसमें LiDAR को एक छोटे, सिलिकॉन चिप पर बनाया गया है, को संभावित रूप से विकसित होने वाले स्वायत्त वाहन उद्योग में क्रांति लाने के लिए माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये छोटे चिप्स निर्माताओं के लिए अपेक्षाकृत सस्ते हैं और कार में बहुत कम जगह लेते हैं।

डेव हॉल DARPA ग्रैंड चैलेंज में प्रतिस्पर्धा करने के बाद, 2005 में LiDAR का आविष्कार किया, ताकि वह स्वायत्त वाहनों को रीयल-टाइम 360-डिग्री विज़न से लैस कर सके। वे वेलोडाइन लिडार के संस्थापक हैं।

LiDAR प्रौद्योगिकी के लिए आवेदन स्वायत्त वाहनों से आगे जाते हैं। इसका उपयोग सुधार के लिए भी किया जा सकता है भूमि सर्वेक्षण, बिजली लाइन निरीक्षण और रखरखाव, वानिकी, खेती और खनन .

3डी प्रिंटिंग एक क्रांतिकारी तकनीक है जो भौतिक वस्तुओं को एक तकनीक का उपयोग करके प्रिंट करती है जिसे कहा जाता है कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन, या CAD . CAD किसी उत्पाद के बारे में विवरण भेजता है, जिसमें इसकी सामग्री और आयाम शामिल हैं, एक प्रिंटर को 2- या 3-आयामों में, जो तब ऑब्जेक्ट को परतों में प्रिंट करता है।

चक हल 3 के दशक की शुरुआत में 1980डी प्रिंटिंग का आविष्कार किया, जब उन्होंने टेबलटॉप कोटिंग्स को सख्त बनाने के लिए यूवी लाइट का इस्तेमाल किया। 3डी सिस्टम्स के संस्थापक, हल को 2014 में नेशनल इन्वेंटर्स हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया था।

3डी प्रिंटिंग के लिए आवेदन प्रोटोटाइपिंग और मैन्युफैक्चरिंग, मेडिसिन, कंस्ट्रक्शन, आर्ट और यहां तक ​​कि शिक्षा से भी सरगम ​​​​चलाएं।

संवर्धित वास्तविकता

ऑगमेंटेड रियलिटी एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर ग्राफिक्स को वास्तविक दुनिया में ओवरले करती है, आमतौर पर एक हेडसेट के माध्यम से जो किसी व्यक्ति की आंखों को कवर करता है।

जबकि कई लोगों ने वर्षों से आधुनिक संवर्धित वास्तविकता के विकास में योगदान दिया है, नासा के पूर्व शोधकर्ता लुई रोसेनबर्ग माना जाता है कि 1992 में पहली सच्ची संवर्धित वास्तविकता प्रणाली का आविष्कार किया गया था। रोसेनबर्ग का आविष्कार, डब किया गया " आभासी जुड़नार ”, उस समय जटिल रोबोटिक्स पर निर्भर रहना पड़ता था, क्योंकि 3D ग्राफ़िक्स अभी तक पर्याप्त परिष्कृत नहीं थे।

अनुप्रयोगों आभासी वास्तविकता के लिए चिकित्सा प्रशिक्षण से लेकर जटिल उपकरण मरम्मत, शिक्षा, इंटीरियर डिजाइन मॉडलिंग, पर्यटन, और बहुत कुछ हैं।

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4 से 18 वर्ष की आयु के अपने छात्रों को इंजीनियरिंग अवधारणाएं सिखाने के लिए IEEE ट्राई इंजीनियरिंग के पाठ योजनाओं के डेटाबेस का अन्वेषण करें। हमारी गतिविधियों के माध्यम से लेजर, एलईडी लाइट, उड़ान, स्मार्ट भवन, और बहुत कुछ जैसे क्षेत्रों का अन्वेषण करें। सभी पाठ योजनाएँ आप जैसे शिक्षकों द्वारा प्रदान की जाती हैं और समकक्ष समीक्षा की जाती हैं। मुलाकात TryEngineering आज!

What is Crypto currency in Hindi ? क्रिप्टोकररेंसी क्या है ?

Image credit : Pixabay

Last Updated on December 23, 2019 by Admin

क्रिप्टोकररेंसी (Cryptocurrency) में क्रिप्टो का मतलब सीक्रेट (secret) है. इस शब्द को ग्रीक के कृपटोस (kruptos) से लिया गया है. Cryptocurrency बैंकिंग सिस्टम्स से बिलकुल अलग है. Cryptocurrency एक virtual currency है.

जिसका मतलब इस करेंसी सिस्टम में न कोई कॉइन होगा न कोई पेपर के नोट, बस नंबर्स में रहेगा. इस Cryptocurrency के लिए क्रिप्टोग्राफ़ी (Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है.

Cryptocurrency का कांसेप्ट 1980’s से ही था. लेकिन सबसे पहला Cryptocurrency बिटकॉइन (Bitcoin) को 2009 में सातोशी नकामोटो (Satoshi nakamoto) ने बनाया था.अब ये Satoshi nakamoto मर्द है. या महिला है या एक ग्रुप है कोई नहीं जानता था.आज 1000 से भी ज़्यादा Crypto currencies मार्किट में मौजूद है.

क्रिप्टोग्राफ़ी (Cryptography) को क्रिप्टोलॉजी (Cryptology) भी कहा जाता है. इस क्रिप्टोग्राफ़ी में advanced mathematics के ज़रिये दो आदमियों के बीच communication को encryption और decryption के ज़रिये सुरक्षित किया जाता है. ताकि कोई तीसरा आदमी जानकारी को चोरी ना कर सके.

इस करेंसी की क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? सब से अच्छी बात ये है के इसे कोई कण्ट्रोल नहीं करता था. इसको इस्तेमाल करनेवाले ही इसे कण्ट्रोल करते है. क्रिप्टोकररेंसी इतना सुरक्षित है की किसी की पहचान को ये बताता नहीं है. लेन-देन (Transactions) होते समय ये पता नहीं लगा सकते की कौन किसके साथ लेन-देन कर रहा है.

क्यों की इस करेंसी की कोई अधिकारी (Authority) नहीं है. इसलिए कोई भी अपने खाता में कितना भी चाहे करेंसी रकसकते है और आराम से पूरी दुनिया में इस करेंसी को खर्च करसकते है. क्रिप्टो करेंसी की मूल्य इसके इस्तेमाल करनेवाले उपयोगकर्ताओं और कुछ complex protocols पर निर्भर करती है.

इस सिस्टम में ब्लॉक चैन (Block chain) के नाम से एक रजिस्टर रहता है जिसमे सारे लेन-देन रिकॉर्ड होते है और इन लेन-देन को हर यूजर देख सकता है। जैसा मैंने पहले बताया के ये सब users की पहचान छुपी हुई होगी. जब किसी 2 लोगों के बीच कोई लेन-देन होरहा हो तो इस लेन-देन को कम्पलीट होनेके लिए कुछ मिनट्स का टाइम लगता है.

लेन-देन होते समय दोनों users के खाते लेन-देन होने तक रोक दिया जाता है. क्यों की users वही करेंसी का इस्तेमाल करके 2 & 3 ट्रांसक्शन्स करसकते है. अब आपके दिमाग में ये सवाल आ रहा होगा क्यों लेन-देन के लिए समय लगता है, तो इसकी वजह ये है के हर लेन-देन एक mathematical problem से जुड़ा होता है जो हर लेन-देन के बाद और मुश्किल होता चला जाता है.

इन लेन-देन को करने के लिए शक्तिशाली setup की ज़रूरत होती है. जिसके लिए बहुत सारी बिजली की भी ज़रूरत होती है. इन लेन-देन को सँभाल ने वालों को मैनर्स (miners) कहा जाता है. जो कभी अकेले काम करते है और कुछ लोग groups बनकर काम करते है. हर लेन-देन के बाद miner को इनाम में कुछ Crypto currency का हिस्सा मिलता है.

हर Crypto currency के user के पास एक प्राइवेट की (Private key) होती है. जिसका इस्तेमाल करके 2 लोग लेन-देन करते है. ये प्राइवेट कीस 1 से लेकर 78 डिजिट्स के बीच होती है. अगर कोई इस की (Key) को भूल जाता है तो उसका पूरा क्रिप्टोकोर्रेंसी एक ही झटके में ग़ायब हो जाता है. क्यों की private key के बिना लेन-देन मुमकिन नहीं होगा.

हर लेन-देन के बाद एक नए कॉइन का हिस्सा पैदा होता है जिसे इनाम में miners को दिया जाता है. Cryptocurrency सीमित नंबर्स में रहती है एक वक़्त आने पर नए coins पैदा होना बंद हो जाते है. जैसा के bitcoin एक क्रिप्टोकोर्रेंसी है, 22 वि सदी में के नए bitcoins पैदा करना बंद हो जायेगा. इस के बाद miners हर लेन-देन को सुरक्षित करने के लिए charge करेंगे जो बैंक्स के मुकाबले में तो बहुत काम होगा. इस वक़्त 1 बिटकॉइन की क़ीमत 5,28,081.30rs है.

इस Cryptocurrency को खरीद भी सकते है और बेच भी सकते है. लेकिन कुछ देश के के सरकारों ने इस करेंसी को band करदिया इसकी एक वजह ये है इस करेंसी का इस्तेमाल करके ग़ैरक़ानूनी चीज़ें खरीदा जाता है. कुछ जगाओं पर Cryptocurrencies के एटीएम (ATM) भी मौजूद है.

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है?

और अक्सर देखा गया है कि लोग गूगल पर अक्सर यह सर्च करते हैं कि बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है। दोस्तों अगर आप हमारे इस लेख को पढ़ रहे हैं तो आज के बाद आप कभी भी गूगल पर यह सर्च नहीं करेंगे कि बिटकॉइन कौन से देश की क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? मुद्रा है या बिटकॉइन का मालिक कौन है।

Bitcoin kaun se desh ki mudra hai

क्योंकि यहां पर हमने आपको काफी अच्छे से बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी दी है तो चलिए जानते हैं बिटकॉइन के बारे में।

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है बल्कि बिटकॉइन एक स्वतंत्र डिजिटल करेंसी है और साथ ही बिटकॉइन के ऊपर किसी भी देश या किसी व्यक्ति का संपूर्ण अधिकार नहीं है, Bitcoin एक ऐसी करेंसी है जिसे ना तो देखा जा सकता है और ना ही छुआ जा सकता है पर बिटकॉइन को एक जगह से दूसरी जगह ऑनलाइन के माध्यम से भेजा जा सकता है।

यहां हम आपकी जानकारी के लिए बता दें वैसे तो बिटकॉइन जापान देश के एक नागरिक द्वारा बनाया गया है पर बिटकॉइन को आज हर देश का निवासी इस्तेमाल कर सकता है और बिटकॉइन के माध्यम से एक देश से दूसरे देश में बिना किसी कागज कार्रवाई के पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है।

आज किसी भी देश का व्यक्ति बिटकॉइन को ऑनलाइन खरीद सकता है और बेच सकता है। हम उम्मीद करते हैं अब आपको पता चल गया होगा कि बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है।

Bitcoin kis country ka hai

Cryptocurrency mein nivesh kaise kare: क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने से पूर्व ध्यान रखने योग्य बातें जानने के लिए यहां दिए लिंक पर क्लिक करें।

बिटकॉइन का मालिक कौन है?

बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था, पर आज इनके बारे में किसी को भी कोई जानकारी नहीं है कि सतोशी नाकामोतो कौन है और कहां है,

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शुरुआत में जब बिटकॉइन बनाया गया था उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 10 पैसे से लेकर 50 पैसे के अंदर आती थी, पर आज बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए को छू चुकी है जिसे आज किसी आम व्यक्ति के लिए खरीदना काफी ज्यादा मुश्किल हो गया है।

Shiba inu coin ka future kya hai: क्या मुझे शीबा इनु सिक्का खरीदना चाहिए, पूरी जानकारी पढ़ने के लिए यहां दिए लिंक पर क्लिक करें।

FAQ’s: आपके सवालों के जवाब

Q1: बिटकॉइन का निर्माण किसने किया है?

Ans: बिटकॉइन का निर्माण जापान के एक निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) नामक व्यक्ति ने किया है।

Q2: बिटकॉइन का निर्माण किस वर्ष हुआ था?

Ans: बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था।

Q3: 1 बिटकॉइन में कितने जीरो होते हैं?

Ans: 1 बिटकॉइन में 8 जीरो होते हैं।

Q4: भारत में क्रिप्टो कैसे खरीद सकते हैं?

Ans: अगर आप क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? भारतीय हैं और भारत मैं क्रिप्टो करेंसी खरीदना चाहते हैं तो आप wazirx एक्सचेंज का इस्तेमाल करके P2P के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं।

Q5: कौन सी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाना चाहिए?

Ans: आपको उन्हीं क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाना चाहिए जिनका फ्यूचर अच्छा हो, जिनके प्रोजेक्ट में कुछ दम हो, साथ ही जिनका सपोर्ट सिस्टम सबसे बेहतर हो, तथा जो अपने रोडमैप को फॉलो करके काम कर रहे हो, आपको ऐसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहिए।

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आगे और पढ़े:

  • घड़ी का आविष्कार किसने किया है?
  • आग की खोज कब हुई थी?
  • अंग्रेजी का हिंदी में अनुवाद कैसे करें?
  • मोबाइल का आविष्कार कब और कैसे हुआ था?
  • ट्रेन का आविष्कार किसने किया था?

Conclusion: आखरी शब्द

हमें उम्मीद है इस लेख के अंदर आपको जो जानकारी दी गई है वह आपको पसंद आई होगी। आज के इस लेख में हमने आपको “बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है” की पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।

इस लेख से संबंधित अगर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। आपकी राय हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आपकी राय ही हमें आगे और अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करती है इसलिए यहां कमेंट जरूर करें।

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What is Crypto currency in Hindi ? क्रिप्टोकररेंसी क्या है ?

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क्रिप्टोकररेंसी (Cryptocurrency) में क्रिप्टो का मतलब सीक्रेट (secret) है. इस शब्द को ग्रीक के कृपटोस (kruptos) से लिया गया है. Cryptocurrency बैंकिंग सिस्टम्स से बिलकुल अलग है. Cryptocurrency एक virtual currency है.

जिसका मतलब इस करेंसी सिस्टम में न कोई कॉइन होगा न कोई पेपर के नोट, बस नंबर्स में रहेगा. इस Cryptocurrency के लिए क्रिप्टोग्राफ़ी (Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है.

Cryptocurrency का कांसेप्ट 1980’s से ही था. लेकिन सबसे पहला Cryptocurrency बिटकॉइन (Bitcoin) को 2009 में सातोशी नकामोटो (Satoshi nakamoto) ने बनाया था.अब ये Satoshi nakamoto मर्द है. या महिला है या एक ग्रुप है कोई नहीं जानता था.आज 1000 से भी ज़्यादा Crypto currencies मार्किट में मौजूद है.

क्रिप्टोग्राफ़ी (Cryptography) को क्रिप्टोलॉजी (Cryptology) भी कहा जाता है. इस क्रिप्टोग्राफ़ी में advanced mathematics के ज़रिये दो आदमियों के बीच communication को encryption और decryption के ज़रिये सुरक्षित किया जाता है. ताकि कोई तीसरा आदमी जानकारी को चोरी ना कर सके.

इस करेंसी की सब से अच्छी बात ये है के इसे कोई कण्ट्रोल नहीं करता था. इसको इस्तेमाल करनेवाले ही इसे कण्ट्रोल करते है. क्रिप्टोकररेंसी इतना सुरक्षित है की किसी की पहचान को ये बताता नहीं है. लेन-देन (Transactions) होते समय ये पता नहीं लगा सकते की कौन किसके साथ लेन-देन कर रहा है.

क्यों की इस करेंसी की कोई अधिकारी (Authority) नहीं है. इसलिए कोई भी अपने खाता में कितना भी चाहे करेंसी रकसकते है और आराम से पूरी दुनिया में इस करेंसी को खर्च करसकते है. क्रिप्टो करेंसी की मूल्य इसके इस्तेमाल करनेवाले उपयोगकर्ताओं और कुछ complex protocols पर निर्भर करती है.

इस सिस्टम में ब्लॉक चैन (Block chain) के नाम से एक रजिस्टर रहता है जिसमे सारे लेन-देन रिकॉर्ड होते है और इन लेन-देन को हर यूजर देख सकता है। जैसा मैंने पहले बताया के ये सब users की पहचान छुपी हुई होगी. जब क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? किसी 2 लोगों के बीच कोई लेन-देन होरहा हो तो इस लेन-देन को कम्पलीट होनेके लिए कुछ मिनट्स का टाइम लगता है.

लेन-देन होते समय दोनों users के खाते लेन-देन होने तक रोक दिया जाता है. क्यों की users वही करेंसी का इस्तेमाल करके 2 & 3 ट्रांसक्शन्स करसकते है. अब आपके दिमाग में ये सवाल आ रहा होगा क्यों लेन-देन के लिए समय लगता है, तो इसकी वजह ये है के क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? हर लेन-देन एक mathematical problem से जुड़ा होता है जो हर लेन-देन के बाद और मुश्किल होता चला जाता है.

इन लेन-देन को करने के लिए शक्तिशाली setup की ज़रूरत होती है. जिसके लिए बहुत सारी क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? बिजली की भी ज़रूरत होती है. इन लेन-देन को सँभाल ने वालों को मैनर्स (miners) कहा जाता है. जो कभी अकेले काम करते है और कुछ लोग groups बनकर काम करते है. हर लेन-देन के बाद miner को इनाम में कुछ Crypto currency का हिस्सा मिलता है.

हर Crypto currency के user के पास एक प्राइवेट की (Private key) होती है. जिसका इस्तेमाल करके 2 लोग लेन-देन करते है. ये प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? कीस 1 से लेकर 78 डिजिट्स के बीच होती है. अगर कोई इस की (Key) को भूल जाता है तो उसका पूरा क्रिप्टोकोर्रेंसी एक ही झटके में ग़ायब हो जाता है. क्यों की private key के बिना लेन-देन मुमकिन नहीं होगा.

हर लेन-देन के बाद एक नए कॉइन का हिस्सा पैदा होता है जिसे इनाम में miners को दिया जाता है. Cryptocurrency सीमित नंबर्स में रहती है एक वक़्त आने पर नए coins पैदा होना बंद हो जाते है. जैसा के bitcoin एक क्रिप्टोकोर्रेंसी है, 22 वि सदी में के नए bitcoins पैदा करना बंद हो जायेगा. इस के बाद miners हर लेन-देन को सुरक्षित करने के लिए charge करेंगे जो बैंक्स के मुकाबले में तो बहुत काम होगा. इस वक़्त 1 बिटकॉइन की क़ीमत 5,28,081.30rs है.

इस Cryptocurrency को खरीद भी सकते है और बेच भी सकते है. लेकिन कुछ देश के के सरकारों ने इस करेंसी को band करदिया इसकी एक वजह ये है इस करेंसी का इस्तेमाल करके ग़ैरक़ानूनी चीज़ें खरीदा जाता है. कुछ जगाओं पर Cryptocurrencies के एटीएम (ATM) भी मौजूद है.

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है?

और अक्सर देखा गया है कि लोग गूगल पर अक्सर यह सर्च करते हैं कि बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है। दोस्तों अगर आप हमारे इस लेख को पढ़ रहे हैं तो आज के बाद आप कभी भी गूगल पर यह सर्च नहीं करेंगे कि बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है या बिटकॉइन का मालिक कौन है।

Bitcoin kaun se desh ki mudra hai

क्योंकि यहां पर हमने आपको काफी अच्छे से बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी दी है तो चलिए जानते हैं बिटकॉइन के बारे में।

बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें, बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है बल्कि बिटकॉइन एक स्वतंत्र डिजिटल करेंसी है और साथ ही बिटकॉइन के ऊपर किसी भी देश या किसी व्यक्ति का संपूर्ण अधिकार नहीं है, Bitcoin एक ऐसी करेंसी है जिसे ना तो देखा जा सकता है और ना ही छुआ जा सकता है पर बिटकॉइन को एक जगह से दूसरी जगह ऑनलाइन के माध्यम से भेजा जा सकता है।

यहां हम आपकी जानकारी के लिए बता दें वैसे तो बिटकॉइन जापान देश के एक नागरिक द्वारा बनाया गया है पर बिटकॉइन को आज हर देश का निवासी इस्तेमाल कर सकता है और बिटकॉइन के माध्यम से एक देश से दूसरे देश में बिना किसी कागज कार्रवाई के पैसा ट्रांसफर किया जा सकता है।

आज किसी भी देश का व्यक्ति बिटकॉइन को ऑनलाइन खरीद सकता है और बेच सकता है। हम उम्मीद करते हैं अब आपको पता चल गया होगा कि बिटकॉइन किसी भी देश की मुद्रा नहीं है।

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बिटकॉइन का मालिक कौन है?

बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था, पर आज इनके बारे में क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? किसी को भी कोई जानकारी नहीं है कि सतोशी नाकामोतो कौन है और कहां है,

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शुरुआत में जब बिटकॉइन बनाया गया था उस वक्त बिटकॉइन की कीमत 10 पैसे से लेकर 50 पैसे के अंदर आती थी, पर आज बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए को छू चुकी है जिसे आज किसी आम व्यक्ति के लिए खरीदना काफी ज्यादा मुश्किल हो गया है।

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FAQ’s: आपके सवालों के जवाब

Q1: बिटकॉइन का निर्माण किसने किया है?

Ans: बिटकॉइन का निर्माण जापान के एक निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) नामक व्यक्ति ने किया है।

Q2: बिटकॉइन का निर्माण किस वर्ष हुआ था?

Ans: बिटकॉइन का जन्म साल 2009 के अंदर जापान देश के निवासी “Satoshi Nakamoto” (सतोशी नाकामोतो) ने किया था।

Q3: 1 बिटकॉइन में कितने जीरो होते हैं?

Ans: 1 बिटकॉइन में 8 जीरो होते हैं।

Q4: भारत में क्रिप्टो कैसे खरीद सकते हैं?

Ans: अगर आप भारतीय हैं और भारत मैं क्रिप्टो करेंसी खरीदना चाहते हैं तो आप wazirx एक्सचेंज का इस्तेमाल करके P2P के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं।

Q5: कौन सी क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाना चाहिए?

Ans: आपको उन्हीं क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाना चाहिए जिनका फ्यूचर अच्छा हो, जिनके प्रोजेक्ट में कुछ दम हो, साथ ही जिनका सपोर्ट सिस्टम सबसे बेहतर हो, तथा जो अपने रोडमैप को फॉलो करके काम कर रहे हो, आपको ऐसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना चाहिए।

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  • घड़ी का आविष्कार किसने किया है?
  • आग की खोज कब हुई थी?
  • अंग्रेजी का हिंदी में अनुवाद कैसे करें?
  • मोबाइल का आविष्कार कब और कैसे हुआ था?
  • ट्रेन का आविष्कार किसने किया था?

Conclusion: आखरी शब्द

हमें उम्मीद है इस लेख के अंदर आपको जो जानकारी दी गई है वह आपको पसंद आई होगी। आज के इस लेख में हमने आपको “बिटकॉइन कौन से देश की मुद्रा है और बिटकॉइन का मालिक कौन है” की पूरी विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।

इस लेख क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किसने किया? से संबंधित अगर आपके मन में कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। आपकी राय हमारे लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं क्योंकि आपकी राय ही हमें आगे और अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करती है इसलिए यहां कमेंट जरूर करें।

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